Sunday, December 27, 2009

सबसे स्मार्ट कही जाने वाली पुलिस इन अपराधों पर अंकुश लगाने में इतनी लाचार क्यों नजर आती

राजधानी में आए दिन होने वाली वारदातों के बाद अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर देश की सबसे स्मार्ट कही जाने वाली पुलिस इन अपराधों पर अंकुश लगाने में इतनी लाचार क्यों नजर आती है। अक्सर देखने में आता है कि वारदातों के सिलसिले में गिरफ्तार कई बदमाश या तो एनसीआर से ताल्लुक रखते हैं या उन्हें वहीं से पकड़ा जाता है। दिल्ली में अपराध करने वाले बदमाशों के लिए एनसीआर शरणस्थली का काम करता है। ऐसे बदमाशों को पकड़ने में कानूनी, राजनीतिक और कई दूसरी जटिलताएं अक्सर दोनों राज्यों की पुलिस के आड़े आ जाती हैं और अपराधी इसी का भरपूर फायदा उठाते हैं। बात चाहे पिछले साल लूटपाट और हत्या की ताबड़तोड़ वारदातें करके दिल्ली को दहला देने वाले ओमप्रकाश उर्फ बंटी की हो, बैंक लूट की कई वारदातों को अंजाम देने वाले सत्यप्रकाश उर्फ सत्ते की हो या दिल्ली एनसीआर के कुख्यात रावण की। इन सभी ने दिल्ली में वारदात करने बाद एनसीआर को और एनसीआर में वारदातें करने के बाद दिल्ली में शेल्टर लिया था। कई बदमाश तो दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में ही वारदातें करते हैं, क्योंकि उसके बाद वे फौरन यूपी या हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। दिल्ली पुलिस लगातार पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन बढ़ाने की बात कहती है और इसके लिए लगातार मीटिंग भी होती रहती हैं, लेकिन ग्राउंड लेवल पर इसका असर कम ही देखने को मिलता है। दिल्ली पुलिस के एक अनुभवी इंस्पेक्टर की मानें, तो दिल्ली में होने वाले क्राइम में चार कैटिगरी के बदमाशों की इनवॉल्वमेंट रहती है। पहली उन बदमाशों की है, जो मूलत: दिल्ली के हैं, दिल्ली में ही रहते हैं और दिल्ली-एनसीआर में वारदातें करते हैं। दूसरी उनकी जो बिहार, यूपी, उड़ीसा, झारखंड या किसी दूसरे राज्य से आकर दिल्ली की री-सेटलमेंट कॉलोनियों में बस गए और फिर यहां क्राइम करने लगे। तीसरी कैटिगरी बांग्लादेशियों, अफगानियों, नाइजीरियाइयों जैसे उन विदेशियों की है, जो या तो दिल्ली में ही रह रहे हैं या फिर क्राइम करने के मकसद से ही दिल्ली आते हैं। चौथी कैटिगरी उन बदमाशों की है, जिनका दिल्ली के क्राइम ग्राफ को बढ़ाने में सबसे ज्यादा रोल रहता है। इसमें शामिल हैं गाजियाबाद, लोनी, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव, बहादुरगढ़, मथुरा, बुलंद शहर, मेरठ, बागपत, अलीगढ़, सोनीपत, पलवल व मेवात के बदमाश, जो दिल्ली आते हैं, वारदात करते हैं और चले जाते हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो दिल्ली में होने वाले कुल अपराध में 60 प्रतिशत रोल इन्हीं बदमाशों का होता है। ये बदमाश किराये के वाहन लेकर दिल्ली आते हैं और यहां वाहन चोरी, सेंधमारी, स्नैचिंग और लूटपाट से लेकर अपहरण और हत्या तक की वारदातों को अंजाम देकर चले जाते हैं। दरअसल, ये बदमाश अपने क्षेत्र की पुलिस द्वारा आइडेंटिफाइड होते हैं और इसीलिए वारदातें करने के लिए दिल्ली आते हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस के पास न तो इनका कोई क्राइम रेकॉर्ड होता है और न इनके चेहरे दिल्ली पुलिस के लिए जाने पहचाने होते हैं। इसी वजह से दिल्ली पुलिस इन पर सर्विलांस भी नहीं रख पाती। ये बदमाश इसी का फायदा उठाकर दिल्ली में फ्री मूवमेंट करते हैं और दिल्ली पुलिस की सिरदर्दी बढ़ाकर चले जाते हैं।

इस हफ्ते रिलीज हुई 3 इडियट्स इन्हीं बातों को असरदार ढंग से उठाती हुई फिल्म है

अपने बच्चे को अपने उन अधूरे सपने को साकार करने का जरिया न बनाएं , जो आप नहीं कर पाए। हर साल देश में लगभग चार लाख युवक आत्महत्या करते है , जिनमें ज्यादा तादाद ऐसे युवकों की होती है जो बनना तो कुछ और चाहते है लेकिन घरवालों के सपनों को पूरा करने में उनके सपने चूर हो जाते हैं। इस हफ्ते रिलीज हुई 3 इडियट्स इन्हीं बातों को असरदार ढंग से उठाती हुई फिल्म है , जिस पर पूरी दुनिया को सोचने की जरूरत है। राज कुमार हिरानी की यह फिल्म पैरंट्स को यही समझाने की कोशिश है कि बच्चों की कामयाबी उनके काबिल बनने से है , चाहे उनकी चाह किसी भी फील्ड में हो। पिछले साल इसी महीने रिलीज हुई आमिर खान की गजनी ने बॉक्स ऑफिस पर ऐसा कमाल किया कि पहले हफ्ते ही फिल्म पर नोटों की जबर्दस्त बारिश हो गई। मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई की। इस साल के आखिर में भी आमिर ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी और थिएटरों पर अपना कब्जा कर लिया। पूरे साल नंबर वन की रेस में शामिल रही सैफ अली खान की लव आजकल और सलमान खान की वॉटेंड भी 3 इडियट्स से पिछड़ती हुईं लग रही हैं। कहानी : रैंचो यानी रणछोड़दास श्यामलदास चांवड़ ( आमिर खान ) शहर के नंबर 1 इंजीनियरिंग कॉलेज में एंट्री करता है तो हर वक्त नंबर 1 की रेस और शानदार करियर के पीछे भागते स्टूडेंट्स को लगता है कि उन्हें यह साथी खुली हवा में उड़ने का मौका देने पहुंचा है। दरअसल , कॉलेज के सख्त मिजाज प्रिसिंपल वीरु सहस्त्रबुद्धि ( बोमन ईरानी ) का मानना है कि किसी भी सूरत में स्टूडेंट को नंबर 1 की धुन में डूबे रहना जरूरी है। करियर की इस गलाकाट रेस में किसी का रुकना उन्हें पसंद नहीं। ऐसे में कॉलेज के थके और दर्द में डूबे स्टूडेंट्स को रैंचो मिलता है , जो उनके दर्द का इलाज बनना चाहता है। कॉलेज में आकर रैंचों को लगता है ज्यादातर स्टूडेंट्स तो यहां मजबूरन मां - बाप की जिद और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए अपने सपनों का गला घोंट रहे हैं। रैंचो के रूम पार्टनर फरहान कुरैशी ( आर . माधवन ) और राजू रस्तोगी ( शरमन जोशी ) का भी यही हाल है। राजू इस कॉलेज में इसलिए पहुंचा है क्योंकि लकवे के शिकार उसके पिता और जिंदगीभर परिवार का पेट पालने वाली मां का सपना है कि वह इंजीनियर बने। वहीं , फरहान के अब्बा ( परीक्षित साहनी ) ने तो उसके पैदा होने पर ही उसके इंजीनियर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था। उन्हें इस बात से कुछ लेना - देना नहीं कि फरहान वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता है। स्क्रिप्ट : मूवी की स्क्रिप्ट और दिल को छूते डायलॉग 3 इडियट्स की जान है। कई संवाद ऐसे हैं , जो हमारी व्यवस्था पर सटीक कमेंट कसते है। वहीं , कई डायलॉग स्टूडेंट्स के लिए मेसेज हैं और पैरंट्स के लिए एक सही सोच। बेशक अभिजीत जोशी और हिरानी की स्क्रिप्ट फिल्म का बेहद मजबूत पक्ष है। एक्टिंग : इस पूरी फिल्म में आमिर छाए हुए हैं। अपने असरदार अभिनय से दर्शकों को आखिर तक बांधने में वह पूरी तरह कामयाब रहे हैं। वहीं , शरमन और माधवन का जवाब नहीं । प्रिंसिपल वीरु के रोल में बोमन ईरानी कमाल कर गए हैं। करीना के हिस्से में कुछ खास नहीं आया , लेकिन अपने सिंपल लुक में वह भी खूब जमी हैं। म्यूजिक : फिल्म का म्यूजिक कहानी की डिमांड के मुताबिक है। जुबी डुबी और ऑल इज वेल गाने रिलीज से पहले ही पॉपुलर हो चुके हैं। आमिर और करीना पर फिल्माए जुबी डुबी गाने का फिल्माकंन गजब है। डायरेक्शन : राज कुमार हिरानी ने इस मूवी में भी अपने डायरेक्शन का जलवा दिखा दिया। उन्होंने साबित कर दिया कि उनके पिटारे से हर बार कुछ अलग और नया निकलता है। कहानी पर हिरानी की शुरू से आखिर तक पकड़ है। आमिर के रहते शरमन , माधवन , बोमन से हिरानी ने बेहतरीन काम लिया और हर एक की मौजूदगी को फिल्म का अहम हिस्सा बनाया। एक पल भी कहानी की गति को उन्होंने सुस्त नहीं पड़ने दिया। क्यों देखें : अगर आप बेहतरीन फिल्मों के इंतजार में रहते हैं , तो फौरन थियेटर पर पहुंच जाएं।

Sunday, December 20, 2009

मिलने वाली सुविधाओं या लाभ (पर्क्स)पर भी कर का बोझ पड़ सकता है।

सरकार अब कर्मचारियों को मिलने वाले लाभों (पर्क्स)मसलन हाउस रेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर भी इसी वित्त वर्ष से टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वेतनभोगी वर्ग को अब उन्हें मिलने वाली सुविधाओं या लाभ (पर्क्स)पर भी कर का बोझ पड़ सकता है। सूत्रों ने बताया कि पर्क्स पर यह टैक्स इसी साल एक अप्रैल से लगाया जा सकता है। समझा जाता है कि सरकार जल्द ही हाउस रेंट अलाउंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स के आकलन के लिए अधिसूचना जारी कर सकती है।
गौरतलब है कि बजट 2009-10 में फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को खत्म कर दिया गया था। एफबीटी के खत्म होने के बाद अब सरकार की निगाह वेतनभोगी वर्ग को मिलने वाले पर्क्स पर टैक्स लगाने की है। एफबीटी में टैक्स का बोझ एंप्लॉयर (नियोक्ता) पर पड़ता था, लेकिन इस टैक्स का बोझ एंप्लॉयीज़ को उठाना पड़ेगा।

Wednesday, December 16, 2009

लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को स्थगित कर दी गई।

जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के विरोध में लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सदस्यों के प्रश्नकाल में बाधा पहुंचाने के कारण लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सांसद स्पीकर मीरा कुमार के आसन के सामने एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। वे 'महंगाई पर रोक लगाओ' और 'यह सरकार बदलनी है' के नारे लगा रहे थे। स्पीकर ने उनसे सदन की मर्यादा बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतों पर 26 नवंबर को चर्चा हो चुकी है। इसके बावजूद सांसदों ने हंगामा जारी रखा। जिस समय लेफ्ट पार्टियों और एसपी के सांसद बढ़ती महंगाई के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे, उसी समय टीडीपी के सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के सामने एकत्र हो गए। उन्होंने हाथों में 'संयुक्त आंध्र प्रदेश' की तख्तियां उठा रखी थीं। जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग करते हुए लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन में धरना भी दिया। संसद के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन करने वालों में एसपी नेता मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, सीपीएम की नेता वृंदा करात और सीपीआई के गुरदास दासगुप्ता शामिल थे। नेताओं ने कहा कि वे संसद के भीतर और बाहर विरोध जारी रखेंगे। मुलायम ने कहा, 'हम यह मुद्दा सड़कों तक ले जाएंगे। हम सरकार को उसकी नीति बदलने के लिए विवश कर देंगे, नहीं तो इस जनविरोधी सरकार को बदल डालेंगे।' प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का दायरा बढ़ाने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग की। नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जरूरी वस्तुओं को पीडीएस के दायरे में रियायती दामों पर उपलब्ध कराया जाए।

Sunday, December 13, 2009

युवक ने लड़की के सामने खुद को एम्स का न्यूरो सर्जन बताया था।

विदेशी एयरलाइंस की क्रू मेंबर ने प्रेम में ठोकर खाकर प्रेमी की असलियत जानने के लिए प्राइवेट जासूसों की मदद ली। युवक ने लड़की के सामने खुद को एम्स का न्यूरो सर्जन बताया था। जासूसों ने जांच की तो पता चला कि वह शादीशुदा व्यक्ति एक प्राइवेट कंपनी में मामूली नौकरी कर रहा है। लड़की अब पुलिस में कंप्लेंट कर रही है। यह मामला इंटरनेट से उपजे प्रेम का है। एक महीने में बात पहली मुलाकात से पुलिस शिकायत तक जा पहुंची। पश्चिम विहार में रहने वाली 25 साल की लड़की की जानपहचान एक महीना पहले याहू चैटिंग पर एक युवक से हुई। लड़के ने अपना नाम डॉ. अंकुर पुरी बताया। उसने खुद को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो सर्जन बताया। लड़की ने एनबीटी को बताया कि बात इंटरनेट से बढ़ते-बढ़ते गहन मुलाकातों में तब्दील हो गई। उसने इसके सबूत में कई अंतरंग फोटो भी दिखाए। कुछ दिन पहले लड़की ने युवक को बताया कि ममी ने उसे चाय पर बुलाया है। उस दिन के बाद वह कन्नी काटने लगा। हालत यह हो गई कि लड़की फोन कॉल करती और वह फोन पिकअप तक नहीं करता। लड़की ने प्राइवेट जासूसों की मदद लेने का फैसला किया। उसने 'सर्टिफाइड प्राइवेट डिटेक्टिव्ज असोसिएशन' के प्रेजिडेंट संजीव देसवाल की कंपनी को हायर किया। लड़की ने फोटोग्राफ और याहू चैट का रेकॉर्ड भी दिया, जिसमें युवक ने अपना नाम डॉ. अंकुर पुरी बताते हुए खुद को न्यूरो सर्जन बताया था। उसने अपना घर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बताते हुए अपने पिता को सेना से रिटायर्ड कर्नल भी बताया था। जासूस युवक के फोन नंबर को ट्रेस करते हुए उसके घर जाकिर नगर तक जा पहुंचे। पता चला कि वह युवक कोई न्यूरो सर्जन नहीं, बल्कि संत नगर की एक प्राइवेट कंपनी मामूली नौकरी करता है। यह भी पता चला कि वह शादीशुदा है। जासूसों ने रिपोर्ट लड़की के हवाले कर दी। उस युवक का नाम अंकुर पुरी नहीं, बल्कि सलीम अहमद (बदला नाम) है। धोखाधड़ी के सबूत मिलने पर लड़की पुलिस में कंप्लेंट कर रही है। उसके मुताबिक अपने साथ हुए फरेब के लिए वह युवक को सजा दिलवा कर रहेगी।

ज्योतिषी का दिल बिजनेसमैन की बेटी पर आ गया।

एक बिजनेसमैन परिवार के साथ अपना भाग्य जानने के लिए एक ज्योतिषी के पास जाया करते थे। पांच संतानों का पिता होने के बावजूद ज्योतिषी का दिल बिजनेसमैन की बेटी पर आ गया। बिजनेसमैन ने पीछा छुड़ाने के लिए ज्योतिषी को ढाई लाख रुपये भी दे दिए। लड़की की शादी कर दी गई। ससुराल में भी लड़की का पीछा करने पर तंग आकर उसके पिता ने पुलिस कंप्लेंट कर दी। ज्योतिषी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पश्चिमी दिल्ली में एक व्यापारी रहते हैं। ज्योतिषी हरगोविंद शर्मा (40) रोहिणी सेक्टर 7 के नजदीक नाहरपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शर्मा के परिवार में पत्नी के अलावा पांच बच्चे हैं। व्यापारी भाग्य संबंधी किसी समस्या को लेकर परेशान थे। वे परिवार समेत शर्मा के पास जाने लगे। शर्मा उनकी बेटी के प्रेम में पड़ गया। जन्मपत्री का चक्कर छोड़कर व्यापारी ने बेटी का पीछा छोड़ने के एवज में ढाई लाख रुपये दिए और बेटी की शादी कर दी। उन्हें उम्मीद थी कि शर्मा अब उनकी बेटी का पीछा छोड़ देगा। लड़की के पिता की उम्मीद गलत साबित हुई। शर्मा ने फर्जी आईडी प्रूफ पर सेल फोन के कनेक्शन लेकर उसकी ससुराल में फोन करना शुरू कर दिया। धमकी देकर रकम की मांग करने के लिए उसने इन नंबरों का इस्तेमाल किया। वह लड़की के ससुराल वालों से 10 लाख रुपये की डिमांड करने लगा। लड़की के पिता ने स्पेशल सेल में कंप्लेंट कर दी। पुलिस कार्रवाई का शक होने पर शर्मा ने एक सेलफोन तोड़कर यमुना में फेंक दिया। डीसीपी (स्पेशल सेल) आलोक कुमार के मुताबिक, एसीपी एल. एन. राव की टीम ने हरगोविंद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। धमकी देने के काम में आए तीन सेलफोन और दो एटीएम कार्ड जब्त कर लिए गए। एटीएम कार्ड उन बैंक खातों के हैं, जिनमें लड़की के पिता से मिले ढाई लाख रुपये जमा किए गए थे। बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। इनमें जमा रकम को केस प्रॉपर्टी बनाया गया है।

Tuesday, December 8, 2009

बाबरी मस्जिद बीजेपी और संघ परिवार ने गिराई थी।

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि बाबरी मस्जिद बीजेपी और संघ परिवार ने षड्यंत्र करके गिराई थी। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव को क्लीन चिट देते हुए कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार ने केंद्र और सुप्रीम कोर्ट से जो वादा किया था, उसे नहीं निभाया। लोकसभा में लिबरहान आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा का जवाब देते हुए चिदंबरम ने बीजेपी और संघ को कटघरे में खड़ा किया। उनके पौन घंटे के भाषण के दौरान बीजेपी के सदस्य लगातार अध्यक्ष के आसन के सामने खड़े होकर नारे लगाते रहे। दो बार चिदंबरम की तरफ कागज के गोले भी उछाले गए। इससे उत्तेजित होकर कांग्रेस के सदस्य भी वेल की तरफ बढ़े मगर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें रोक लिया। सदन में हंगामा कांग्रेस के बेनी प्रसाद वर्मा के भाषण के दौरान हुआ। वर्मा लिबरहान की रिपोर्ट में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के लिए लिखे 'लिटिल मेन' का पहले हिंदी और फिर भोजपुरी में अर्थ बताने लगे। विपक्ष ने इसे अपमानजनक करार देते हुए इसका भारी विरोध किया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भोजपुरी अर्थ को कार्यवाही से निकाल दिया। चिदंबरम ने इसके लिए माफी मांगी। मगर वर्मा ने केवल खेद प्रकट किया। इससे विपक्ष और तैश में आ गया। मुलायम ने जब वर्मा को समझाने की कोशिश की तो वर्मा ने यह कहकर मुलायम पर हमला बोल दिया कि आपने हमें कई सालों तक बेवकूफ बनाया है। वर्मा के बयान के बाद दो बार सदन स्थगित करना पड़ा। चिदंबरम ने अपने जवाब में कोई नई बात नहीं की। ज्यादा समय उन्होंने लिब्राहन कमिटी की रिपोर्ट पढ़ने में लगाया। लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित संघ परिवार के कई नेताओं को उन्होंने साजिश करके मस्जिद गिराने का जिम्मेदार तो बताया मगर सरकार क्या कार्रवाई करेगी इस बारे में कुछ नहीं कहा। चिदंबरम ने कहा कि साजिश के सबूत हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि बीजेपी नेताओं में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे सच को स्वीकारें। अयोध्या के महंत रामदास ने स्वीकार किया है कि हां हमने विध्वंस किया। लेकिन इन लोगों में न माफी मांगने का साहस है और न ही सच स्वीकार करने का। चिदंबरम ने कहा कि जनता ने अपनी सजा सुना दी । 2004 के चुनाव के बाद 2009 में भी जनता ने देश और समाज को बांटने वालों को खारिज कर दिया। चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी ने जघन्य अपराध किया है। इसकी सजा पूरे देश को भुगतनी पड़ी। चिदंबरम ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी अलग -अलग नहीं हैं। आरएसएस का बीजेपी पर पूरा नियंत्रण है। उस काले दिन के लिए आरएसएस पूरी तरह जिम्मेदार है। बीजेपी की सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और लिबरहान के बीच कोई डील हुई है। सरकार जस्टिस लिबरहान को इस रिपोर्ट के बदल कोई बड़ा पद देने वाली है। उन्होंने कहा कि लिबरहान ने यह रिपोर्ट खुद लिखी तो है ही नहीं , बल्कि पढ़ी भी नहीं है। शिवसेना के अनंत गीते ने कहा कि किसी में ढांचा गिराने की जिम्मेदारी लेने का साहस नहीं था। मगर हमारे नेता बाल ठाकरे ने इसकी जिम्मेदारी ली। गीते के भाषण के दौरान भारी हंगामा हुआ।

Monday, December 7, 2009

खून की एक धार निकली जो हवा में उछलकर पास ही में पड़े एक और व्यक्ति के मुंह पर पड़ी

वहां आवाजें नहीं थीं…चीखें थीं...आहें थीं...कराहटें थीं। कोई गिरा तो उसके ऊपर से भागते हुए 30-40 लोग निकल गए...किसी के जूते की नोक उसकी आंख में घुसी और वहां से खून की एक धार निकली जो हवा में उछलकर पास ही में पड़े एक और व्यक्ति के मुंह पर पड़ी...इसका सिर लगभग दो टुकड़े हो चुका था...शरीर से खून खत्म हो चुका था...लेकिन वह दर्द से नहीं प्यास से मर रहा था...मुंह पर पड़े खून को उसने पानी समझकर पीया और फौरन मर गया...सोच ही नहीं पाया कि पानी का स्वाद खून जैसा क्यों है...वहीं पास में एक और व्यक्ति हाथ में अपनी टांग लिए घिसट रहा था...घिसटते-घिसटते वह सुरक्षित जगह की तलाश में एक छोटे से टीले पर पहुंचा...उसने अपने चारों ओर देखा...दूर-दूर तक उसे अपने जैसे ही लोग मिले...आधे-अधूरे, कटे-फटे...कहीं सिर पड़े थे, ताजा खून की गर्मी से थरथराते हुए...कहीं हाथ, पांव, बाजू...कुछ लोग जो पूरे नजर आ रहे थे, उनकी आंतें बाहर निकल आई थीं और वे किसी और के पांव में उलझकर धागे की तरह दूर तक फैल गई थीं...वहां आवाजें नहीं थीं...चीखें थीं...आहें थीं...कराहटें थीं...
किसी फिल्म का सीन सरीखा लगता है...मैं सोच रहा था कि इस सीन को कई फिल्मों में डाला जा सकता है। कपड़े और थोड़े बहुत बदलाव के साथ इसका इस्तेमाल कई फिल्मों में किया जा सकता है...इन सभी फिल्मों का नाम शहरों के नाम पर होगा...कुरुक्षेत्र, रोम, जेरूसलम, मक्का-मदीना, अमृतसर...अयोध्या।
अजीब बात है ना...ये सभी शहर किसी न किसी धर्म से जुड़े हैं। किसी न किसी की आस्था का प्रतीक हैं। इन सभी शहरों में लोग श्रद्धा से सिर झुकाते हैं...लेकिन सबका अतीत खून-खराबे से भरा पड़ा है...कुछ के प्राचीन इतिहास में इन्सान का खून बहा, तो कुछ के पन्ने मॉडर्न हिस्ट्री में लाल हुए। धर्म और खून में क्या रिश्ता हो सकता है...धर्म तो इन्सान को जोड़ने के लिए है...उसकी सारी शक्ति को जमाकर एक परमशक्ति की ओर ले जाने के लिए है...क्या परमशक्ति की ओर जाने का रास्ता मारकाट से होकर गुजरता है?
अच्छा, यूं सोचिए कि मारकाट न भी हुई हो, तो भी अमरनाथ की कुछ साल पहले की वह यात्रा आपको याद होगी, जब सैकड़ों लोग मारे गए थे। मानसरोवर यात्रा से हर साल कितने ही लोग वापस नहीं लौट पाते। मंदिरों में हर साल भगदड़ की वजह से सैकड़ों जानें जाती हैं। सीरिया और जॉर्डन में मुस्लिम धार्मिक जगहों का यही हाल है। ईसाइयों को पवित्र स्थलों में कुछ सौ साल पहले तक चर्च के नाम पर कत्लेआम हो चुका है। पाकिस्तान की लाल मस्जिद का खून खराब तो आपको याद ही होगा।
मैंने तो कुछ ही मिसालें दी हैं। आप धर्म से जुड़ी दुनिया की जगहों को उठाकर देखिए...वहां कितना रक्तपात हुआ...लोग मारे गए...बच्चे, बूढ़े, औरतें कत्ल कर दिए गए...इन शहरों को याद करने के बाद सोचिए...क्या धर्म के बिना दुनिया बेहतर नहीं होती?

Friday, December 4, 2009

प्लेबॉय गर्ल जोएना क्रूपा इन दिनों आलोचकों के निशाने पर

वैसे भारत में पैदा हुईं मशूहर पद्मा लक्ष्मी छह महीने की गर्भवती हैं पर उनकी खूबसूरत जुर्रत का एक नया कारनामा सुनिए। पेज सिक्स मैगजीन के लिए उन्होंने न्यूड फोटोशूट किया है। कभी सलमान रुश्दी की पत्नी रहीं पद्मा ने यह फोटो शूट कुछ इस अंदाज में किया है कि उनके पैरो से उनके शरीर का कुछ हिस्सा ढका हुआ है। पद्मा लक्ष्मी कहती हैं, 'मुझे खुद को नग्न पाना अच्छा लगता है। जब आकपड़े पहन लेते हैं तो आप अपना एक कैरेक्टर गढ़ लेते हैं। आपके कपड़े आपके बारे में कोई न कोई संकेत जरूर करते हैं। और, जब आपने कपड़े नहीं पहने होते, तब आप केवल आप होते हैं। एकदम खालिस आप। जिसे आप छुपा नहीं सकते।' हॉलिवुड रिचर्ड गेरे पर 50 हजार डॉलर जुर्माना रिचर्ड गेरे पर भारी जुर्माना लग सकता है। अपनी प्रॉपर्टी में लगे पेड़ों को काटने की एवज में उन्हें 50 हजार डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि यह जुर्माना उन्हें इसलिए देना पड़ सकता है क्योंकि पेड़ काटने से पहले उन्होने संबंधित विभाग से परमिशन नहीं ली। रिचर्ड गेरे ने 200 पेड़ कटवा दिए हैं। रिचर्ड की यह प्रॉपर्टी न्यू यॉर्क में हैं। अपनी शादी करने के लिए एक कपल ने अजीब काम किया। दरअसल शादी रचाने को तैयार बैठे इस कपल के पास अपने मन मुताबिक तरीके से सेरमनी करने के लिए पैसे नहीं थे। लीजा ब्रैंड और टॉमी बार्न्स ने पैसा कमाने के लिए पॉर्न फिल्मों में काम किया। इन दोनों ने तीन पोर्न फिल्मों के जरिए 1300 पाउंड कमाए। लगता है अब यह कपल अपनी पसंद की बीच पर शादी रचा सकेगा।
ऐक्ट्रिस जोएना क्रूपा का कारनामा प्लेबॉय गर्ल जोएना क्रूपा इन दिनों आलोचकों के निशाने पर हैं। उन पर ईसाई धर्म के प्रतीक क्रॉस के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया जा रहा है। दरअसल क्रूपा ने पेटा के एक विज्ञापन के लिए नग्न फोटोशूट किया है जिसमें उन्होंने केवल धार्मिक चिन्ह क्रॉस पहना हुआ है। साथ में उनकी पीठ पर पंख भी लगे दिखाए गए हैं। उनके शरीर के प्राइवेट पार्ट्स को इसी क्रॉस से ढका गया है।

Wednesday, December 2, 2009

एमटीएनएल अब सबसे सस्ते में सेवा प्रदान करेगा

मोबाइल के बाजार में अब सेकंड के हिसाब से मुकाबला हो रहा है। एमटीएनएल ने भी इस जंग में कूदते हुए 3जी उपभोक्ताओं के साथ-साथ प्रीपेड (ट्रम्प) और पोस्ट पेड डॉल्फिन उपभोक्ताओं के लिए स्कीम लॉन्च किया है। एमटीएनएल दिल्ली के तहत प्रीपेड (ट्रम्प) के वर्तमान उपभोक्ता जो प्रति सेकंड प्लान में जाना चाहते हैं, उन्हें अपने कनेक्शन को 45 रुपये के प्लान वाउचर से रिचार्ज करवाना होगा। इसकी वैधता एक साल की होगी। ग्राहक को 15 रुपये का टॉक टाइम भी मिलेगा। नया प्रीपेड प्लान लेने वाला उपभोक्ता 100 रुपये मूल्य की एक सिकिट तथा 49 रुपये का पहला रिचार्ज कूपन खरीदकर इस टैरिफ प्लान को ले सकते हैं। इस प्रकर 149 रुपये में एक नया उपभोक्ता प्रति सेकंड प्लान ले सकता है। इस कूपन में 12 रुपये का टॉकटाइम होगा और यह जीवन भर के लिए वैध होगा। एमटीएनएल ने पोस्ट पेड (डॉल्फिन) उपभोक्ताओं के लिए भी प्रति सेकंड प्लान शुरू किया है। इसके लिए 149 रुपये का फिक्सड मासिक शुल्क भुगतान करने होंगे। नए ग्राहक को एक बार लगने वाला 500 रुपये का एक्टिवेशन देना होगा। डॉल्फिन उपभोक्ता पे पर सेकंड प्लान में जाने के लिए नजदीक के संचार हाट अथवा कॉल सेंटर 1503 के माध्यम से अपना आवेदन देकर अपना प्लान पे पर सेकंड प्लान में बदलवा सकते हैं। एमटीएनएल के चेयरमैन आर.एस.पी. सिन्हा ने बताया कि नए प्लान अत्यंत किफायती हैं। सिन्हा के मुताबिक अब तक 1.65 लाख लोग 3 जी सेवा ले चुके हैं और आगामी 31 मार्च तक इसकी संख्या 5 से 6 लाख हो जाएंगी। नई दरें दो दिसंबर से लागू हो जाएंगी।

Monday, November 30, 2009

विद्या का कहना है कि अभिषेक सहज अभिनेता हैं और उनकी आंखों में कुछ जादू सा है।

फिल्म 'पा' में बॉलिवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका पाने से उत्साहित ऐक्ट्रिस विद्या बालन अभिषेक बच्चन की बड़ी फैन हैं और उनके साथ दोबारा काम करना चाहती हैं। विद्या का कहना है कि अभिषेक सहज अभिनेता हैं और उनकी आंखों में कुछ जादू सा है। विद्या ने कहा, 'जब मेरे पास 'पा' का प्रस्ताव आया, तो बच्चन साहब के साथ काम करना तो अच्छा था ही। हालांकि असल तथ्य यह है मैं वास्तव में अभिषेक के साथ काम करना चाहती थी। हमने पहले 'गुरु' फिल्म में साथ काम किया है और मैं जानती थी कि वह एक शानदार सह-अभिनेता हैं।' विद्या कहती है कि अभिषेक द्वारा ऐक्टिंग का अभ्यास न करने से वह बहुत प्रभावित हैं, जो उन्हें एक उम्दा अभिनेता बनाता है।
उन्होंने कहा, 'चूंकि अभिषेक अभ्यास नहीं करते हैं इसलिए आप यह नहीं जान पाते हैं कि निर्देशक के दृश्य फिल्माने के लिए कहने पर वह क्या करने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि यह बात आपको उम्दा कलाकार बनाती है। विद्या कहती हैं कि अभिषेक की आंखों में कुछ जादू है, जिनकी अपनी एक भाषा है। वह कहती हैं कि फिल्म 'गुरु' के समय में भी अभिषेक में यह बात थी और यह अच्छा है कि इतने साल बाद आज भी उनकी आंखें बोलती हैं। विधु विनोद चौपड़ा की फिल्म 'एकलव्य-द रॉयल गार्ड' में अमिताभ बच्चन के साथ काम कर चुकीं विद्या निर्देशक बालकृष्णन की फिल्म 'पा' में बच्चन सीनियर और बच्चन जूनियर दोनों के साथ एकसाथ काम करने के प्रति बेहद उत्साहित थीं। 'पा' में अभिनेता परेश रावल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका की है। इस शुक्रवार को फिल्म रिलीस होगी।

Friday, November 27, 2009

वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे

बाबरी मस्जिद विध्वंस की जांच संबंधी लिबरहान आयोग की रिपोर्ट को तथ्य से परे बताते हुए विश्व
हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा कि इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रतिकूल टिप्पणी करने से मना किया जाएगा। वीएचपी ने रिपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शामिल होने पर कुछ भी कहने से इनकार किया। हालांकि संगठन ने इस बात को स्वीकार किया कि वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आशोक सिंघल ने कहा सामाजिक सद्भाव कायम करने के लिए मुस्लिम समाज को आयोध्या, काशी और मथुरा के हिंदू धर्मस्थलों पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार को कानून बना कर राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। जैसा सोमनाथ मंदिर की स्थापना के लिए जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल के समय सरदार पटेल के नेतृत्व में किया गया था। सिंघल ने कहा लिबरहान आयोग की रिपोर्ट गलत है। इसमें संत देवराहा बाबा का नाम शामिल किया गया है। जबकि विवादित ढांचा गिराए जाने से 2 साल पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शामिल होने पर उन्होंने कहा इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे और उन्हें एक बार लखनऊ में अरेस्ट भी किया गया गया था।

Wednesday, November 25, 2009

वाजपेयी को कमिशन के सामने पेश होने के लिए बुलाया ही नहीं गया, तो उनको कैसे दोषी ठहराया दिया गया?

जस्टिस लिबरहान ने कहा है कि उनकी रिपोर्ट में अटल बिहारी वाजपेयी को दोषी नहीं ठहराया गया है।
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में वाजपेयी का नाम आया जरूर है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि रिपोर्ट ने उन्हें दोषी माना है। जस्टिस लिबरहान ने कहा है कि रिपोर्ट को सही संदर्भ में पढ़ने की जरूरत है। जब वाजपेयी को कमिशन के सामने पेश होने के लिए बुलाया ही नहीं गया, तो उनको कैसे दोषी ठहराया दिया गया? इस पर जस्टिस लिबरहान ने कहा, 'मैंने वाजपेयी को अपनी रिपोर्ट में दोषी नहीं ठहराया है।' उन्होंने कहा, 'कृपया रिपोर्ट को सही संदर्भ में पढ़िए और मुझे एक भी लाइन दिखाइए जिसमें वाजपेयी को इस मामले में दोषी ठहराया गया हो।' उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे रिपोर्ट का मनगढ़ंत अर्थ न निकालें। गौरतलब है कि संसद के दोनों में पेश लिबरहान कमिशन ने वाजपेयी, आडवाणी और एम.एम. जोशी समेत 68 लोगों पर उंगली उठाई गई है। रिपोर्ट में वाजपेयी का नाम आने और तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव को निर्दोष बताने पर काफी हो हल्ला मच रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि जब आयोग ने वाजपेयी को अपने सामने पेश होने के लिए कभी बुलाया ही नहीं, तो उन्हें उसने दोषी कैसे ठहरा दिया।

Monday, November 23, 2009

शिल्पा की यह पहली शादी है

बॉलिवुड ऐक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी आखिरकार लंदन के बिजनेसमैन राज कुंद्रा से शादी के बंधन में बंध गईं। रविवार को को किरण बावा के खंडाला स्थित बंगले में शानदार सेरेमनी में 34 साल की शिल्पा ने 33 साल के कुंद्रा से ब्याह रचाया। शिल्पा की यह पहली शादी है , जबकि राज की दूसरी। पहली पत्नी से राज का दो साल पहले तलाक हो चुका है। दो साल पहले यूके के रिऐलिटी शो सिलेब्रिटी बिग ब्रदर से अचानक सुर्खियों में आई शिल्पा ने अपनी शादी में बॉलिवुड से सिर्फ सनी देओल , सुनील शेट्टी , जैकी भगनानी और वाशु भगनानी को इनवाइट किया था। शिल्पा ने डिजाइनर तरुण ताहिलयानी की डिजाइनर साड़ी पहनी थी। बर्गंडी और लाल कलर की इस साड़ी पर स्वरोवस्की क्रिस्टल का काम किया गया था। कुंद्रा डिजाइनर शांतनु - निखिल की मरून और गोल्डन शेरवानी पहन पहुंचे। शादी साउथ इंडियन तरीके से हुई , जबकि संगीत और मेहंदी पंजाबी रिवाज से। मंगलवार को रिसेप्शन मुंबई में होगा। शिल्पा ने अपनी शादी की फोटो लेने के लिए एक ब्रिटिश मैगजीन का 50 लाख का ऑफर ठुकरा दिया था।

Sunday, November 22, 2009

12 वीं की स्टूडंट के साथ उसके एक परिचित युवक द्वारा चलती कार में रेप की घटना ने राजधानी को सकते में डाल दिया

पश्चिम दिल्ली के एक जाने-माने पब्लिक स्कूल की 12 वीं की स्टूडंट के साथ उसके एक परिचित युवक द्वारा चलती कार में रेप की घटना ने राजधानी को सकते में डाल दिया है। पिछले एक महीने के अंदर चलती गाड़ी में रेप का यह तीसरा मामला है। एक बड़े व्यापारी की इस 18 वर्षीया बेटी अपने छोटे भाई के साथ रिक्शा में स्कूल जा रही थी। पीछे से आई एक कार ने आगे बढ़ कर रिक्शा का रास्ता रोक लिया। कार में चार लोग थे। एक ड्राइविंग सीट पर बैठा रहा और तीन लोग नीचे उतरे। इन तीनों ने लड़की को खींच कर जबर्दस्ती कार में बिठा लिया और भाग गए। छोटे भाई ने काफी शोर मचाया. लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। कार में सवार युवक लड़की को सीतापुरी के पास एक सुनसान इलाके में ले गए। वहां तीन लोग कार से उतर पहरेदारी करने लगे और एक युवक ने कथित तौर पर लड़की से रेप किया। इसके बाद लड़की को पास में ही गाड़ी से उतार कर सभी आरोपी भाग गए। लड़की ने जब घरवालों को पूरी बात बताई तो जनकपुरी थाने में मामला दर्ज कराया गया। आरोपी सनी और उसके तीन सहयोगियों - शशि, जीवराज और कपिल - को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस सूत्रओं के मुताबिक सनी उसे काफी समय से परेशान कर रहा था। पुलिस यह पता करने की कोशिश कर रही है कि क्या उसके खिलाफ ऐसी और शिकायतें भी दर्ज हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि मुख्य आरोपी और उसके सहयोगियों के राजनीतिक संपर्कों के चलते पुलिस ने उनके खिलाफ मिली शिकायतों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। हालांकि पुलिस इन आरोपों को गलत बताती है। उसके मुताबिक शिकायत मिलते ही बगैर देरी किए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

Monday, November 16, 2009

बाल ठाकरे ने सचिन को अपने खेल पर ध्यान देने की नसीहत तक दे डाली।

बाल ठाकरे सचिन तेंडुलकर से खफा हैं। मराठी मानुष के मुद्दे पर सचिन ने कुछ दिन पहले कहा था कि मुंबई भारत की है। मुंबई पर देशवासियों का समान अधिकार है। बाल ठाकरे को सचिन का यह बयान रास नहीं आया है। बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में सचिन के नाम एक खास चिट्ठी लिखी है। ठाकरे ने इसमें लिखा है कि सचिन ने अपने बयान से मराठी मानुष को आहत किया है। यही नहीं बाल ठाकरे ने सचिन को अपने खेल पर ध्यान देने की नसीहत तक दे डाली। बाल ठाकरे ने इस खास चिट्ठी में लिखा है कि मराठी और भारतीय होने पर गर्व वाली सचिन की बात से उन्हें खुशी हुई है। लेकिन मुंबई सब की है कि बात ने मराठी मानुष को आहत किया है। सचिन को लिखी ठाकरे की इस चिट्ठी का सार कुछ यूं है... मराठी का अभिमान तुमने जताया, मगर मुंबई के बारे मे तुम जो चिकी सिंगल लेने गए, उस वजह से मराठी मनों की पिच पर तुम रन आउट हो गए हो। मुंबई के लिए जब मराठियों ने आंदोलन किया था तब तुम्हारा जन्म भी नहीं हुआ था। 105 मराठी लोगों ने मुंबई के लिए अपनी जान गंवाई है। ...तो ये मुंबई बाहर वालों की कैसे हो सकती है? ...और तुम्हे इस विषय मे बोलने की क्या जरूरत थी...तुम इंटरनैशनल क्रिकेट की पिच को संभालो। मुंबई भले देश की फाइनेंशियल कैपिटल होगी, मगर पहले वह महाराष्ट्र की राजधानी है। यह बात याद रखो...सचिन, तुम्हारे चौकों-छक्कों पर लोग चिअर करते हैं....मगर मराठी मानुष के बारे में चौके-छक्के मत मारो। यह हम सह नहीं सकेंगे। ...क्रिकेट में जो कमाया है, वह राजनीति की पिच पर गंवाना नहीं। यह हमारी सलाह है। गौरतलब है कि सचिन ने रविवार को क्रिकेट में अपने 20 साल पूरे किए हैं। इस मौके पर एक कार्यक्रम में जब उनसे मराठी मानुष के मुद्दे पर पूछा गया तो उन्होंने यह बात कही थी।

मेट्रो प्रशासन सुविधाएंबढ़ाने को लेकर गंभीर नहीं

कमाई के मामले में लगातार नए रेकॉर्ड बना रही दिल्ली मेट्रो सुविधाओं के मामले पिछड़ती जा रही है। हालत यह है कि फर्स्ट एड के लिए भी मेट्रो बाहर की सुविधाओं पर निर्भर है। ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो लोगों को संभालना मुश्किल हो सकता है। इसकी एक झलक आठ नवंबर को हुए ब्रेक- डाउन के बाद देखने को मिल चुकी है, बावजूद इसके मेट्रो प्रशासन सुविधाएंबढ़ाने को लेकर गंभीर नहीं है। मेट्रो के अंदर स्वास्थ्य सुविधाओं पर गौर करें तो हर स्टेशन पर सिर्फ एक वील चेयर, एक स्ट्रेचर और एक फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था है, लेकिन फर्स्ट एड के लिए मेट्रो के पास डॉक्टर तोदूर स्टेशनों में कोई ट्रेंड स्टाफ तक की व्यवस्था नहीं है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रवक्ता अनुज दयाल का कहना है कि कैट एंबुलेंस के साथ हमारा टाई- अप है। जरूरत पड़ने पर उन्हें 10 मिनट के अंदर बुला लिया जाएगा और नजदीकी हॉस्पिटल में लोगों को भेज दियाजाएगा। इस बीच मदद के लिए टेन के अंदर अनाउंसमेंट कर दी जाएगी कि अगर उसमें कोई डॉक्टर हैं तो मदद के लिए आ जाएं। लेकिन, टनल या स्टेशन के अंदर भगदड़ जैसी स्थिति होने पर सैकड़ों यात्रियों की भीड़ को हटाते हुए जरूरतमंद लोगों को बाहर ले जाना कैसे मुमकिन होगा, इस बारे में शायद प्रशासन ने सोचा नहीं है। जहां तक सुविधाओं के समय पर पहुंचने की बात है तो दिल्ली के ट्रैफिक में आधे घंटे से पहले कुछ भी संभव नहीं है। जबकि कार्डिएक अरेस्ट या ब्रेन स्ट्रोक जैसे मामलों में शुरू के 10 मिनट ही इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। स्टेशनों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कितनी जरूरत है इसका अंदाजा आठ नवंबर को एक टेन के ब्रेक डाउन के बाद हुई हालत से लगाया जा चुका है। उस दिन एक साथ भीड़ होने और लाइट, एसी बंद होने से कई लोग घुटन के कारण बेहोश हो गए थे,तो कइयों को चोट भी लग गई थी। जानकारों काकहना है कि यह तो छोटा मामला था और कुछ ही देर की बात थी, तब भी लोगों को संभालना मुश्किल हो गया था। ऐसे में उपलब्ध सुविधाओं के सहारे बड़े डिजास्टर को मैनेज करने की बात सोची भीनहीं जा सकती है। डीएमआरसी दुनिया की बेस्ट सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करतीहै, लेकिन यहां की हेल्थ फेसिलिटी की लंदन, न्यू यॉर्क जैसे शहरों की मेट्रो ट्रेन से तुलना करें तो हम काफी पीछे हैं। जानकारों के मुताबिक लंदन में हर मेट्रो स्टेशन पर डॉक्टर, ट्रेड हेल्थ वर्कर और बाकी सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। कई स्टेशनों के बाहर छोटे- छोटे पोली क्लीनिक भी बनाए गए हैं और उनके पास खुद के एंबुलेंस भी उपलब्ध रहते हैं।
दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क की बात करें तो फिलहाल यह 87 कि। मी. एरिया को कवर कर रही है। इसके 78 स्टेशन हैं, जिनमें से 15 स्टेशन अंडर ग्राउंड हैं। दूसरे फेज के चालू होने के बाद इसका नेटवर्क 190 कि। मी. का हो जाएगा और स्टेशनों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी। मेट्रो में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। पहले से ही फायदे में चल रही मेट्रो किराया बढ़ने और नोयडा रूट चालू के होने के बाद कमाई के मामले में नए रेकॉर्ड बना रही है। डीएमआरसी के मुताबिक शनिवार को मेट्रो ने एक करोड़ ६४ लाख रुपये की कमाई की है, जो कि अब तक का रेकॉर्ड है। इससे पहले शुक्रवार को एक करोड़ 40
लाख की और इसी साल तीन अगस्त को एक करोड़ 25 लाख रुपये की कमाई कर चुकी है। मगर यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।


Sunday, November 15, 2009

अबु आसिम आजमी का उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी 17 नवम्बर को लखनऊ में अभिनन्दन करेगी।

महाराष्ट्र विधानसभा में हिन्दी में शपथ लेने वाले एसपी विधायक अबु आसिम आजमी का उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी 17 नवम्बर को लखनऊ में अभिनन्दन करेगी। एसपी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने यहां बताया हिन्दी में शपथ लेकर आजमी न केवल राष्ट्रभाषा का सम्मान बढ़ाया है बल्कि देश की एकता और अखण्डता को चुनौती देने वाले तत्वों की धमकियों का सामना करके अपनी राष्ट्रभक्ति एवं राष्ट्रीय निष्ठा का भी परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि अलगाव व क्षेत्रीयता फैलाने वाली ताकतों का प्रतिरोध कर उन्होंने देश का भी सम्मान बढ़ाया है और संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भाषा में शपथ लेने के अधिकार का संरक्षण किया है। चौधरी ने कहा कि एसपी राजठाकरे की एमएनएस पार्टी द्वारा की गयी गुण्डागर्दी का पुरजोर विरोध एवं निन्दा करती है और हिन्द में शपथ लेने से रोकने के उनके कार्य को देशद्रोह एवं संविधान विरोधी कृत्य मानती है। उन्होंने बताया कि अबु आजमी के इस अभिनन्दन समारोह में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव एवं राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह भी शामिल होंगे।

कोड़ा मामले की जांच कर रहे एक इनकम टैक्स अधिकारी के बेटे पर हमले की भी खबर

4000 करोड़ों रुपये के करप्शन के आरोपों का सामना कर रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा शुक्रवार को अपने घर से 'लापता' हो गए और उनसे पूछताछ करने पहुंची इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम बैरंग लौट आई। इनकम टैक्ट डिपार्टमेंट की जांच शाखा के डायरेक्टर उज्ज्वल चौधरी ने बताया कि कोड़ा ने जांच अधिकारियों से कहा था कि वह आराम करना चाहते हैं इसलिए वे दोपहर में उनसे पूछताछ करने आए। उन्होंने कहा कि कोड़ा के बताए समय पर अधिकारी जब उनसे पूछताछ करने पहुंचे तो कोड़ा वहां नहीं थे।
कोड़ा मामले की जांच कर रहे एक इनकम टैक्स अधिकारी के बेटे पर हमले की भी खबर है। गुरुवार रात को जमशेदपुर में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी ए.के. मांझी के बेटे कुमार अभिषेक पर तीन युवकों ने जानलेवा हमला किया। अंधेरे का फायदा उठाते हुए सभी भागने में सफल रहे। घायल अभिषेक को इलाज के लिए टाटा मेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अभिषेक के अनुसार रात साढ़े आठ बजे वह साकची से ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रहा था। कुछ आगे बढ़ने पर सड़क के किनारे से तीन युवक अचानक उसके करीब पहुंचे और पत्थर से सिर पर दे मारा। इसके बाद मुक्कों की बरसात कर दी। फिर मोबाइल छीनकर भाग खड़े हुए। जमशेदपुर के एसपी नवीन कुमार सिंह ने कहा है सभी पहलुओं पर जांच जारी है। दोषी को खोज निकाला जाएगा।

Thursday, November 12, 2009

कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश के आसार

अरब सागर पर बना चक्रवाती तूफान 'फयान' कमजोर पड़ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक यह तूफान मुंबई के पास से गुजर चुका है और गुजरात तक पहुंचते-पहुंचते इसके और कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है। हालाकि मौसम विभाग ने कहा है कि अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हो सकती है। इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए बीएमसी ने मुंबई और पश्चिमी तट के कई इलाकों में तैयारी की थी। इस तूफान को नया नाम 'फयान' दिया गया है। तूफान मंगलवार को दिन में 2.30 बजे गोवा के तट से 250 किलोमीटर सीधे पश्चिम में था। आईएमडी ने इसके बारे में 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है। यह 'रेड अलर्ट' जारी करने से पहले का कदम है। आईएमडी ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि तूफान बुधवार सुबह 5.30 बजे गोवा तट से 250 किलोमीटर दूर पश्चिम में था। उस समय फयान मुंबई से 420 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और गुजरात के सूरत से 670 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में था। आईएमडी की वेबसाइट के अनुसार, 'तूफान और जोर पकड़ सकता है व उत्तर और पूर्वोत्तर की ओर बढ़ते हुए बुधवार शाम अथवा रात में दक्षिण गुजरात और अलीबाग एवं वलसाड के बीच से उत्तर महाराष्ट्र तट को पार कर सकता है।' केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, गुजरात और लक्षद्वीप दीपसमूह के मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक 'बॉम्बे हाई' के तेल कुओं की सुरक्षा मजबूत कर दी गई है। मछुआरों से पहले ही कह दिया गया कि वे समुद्र में न जाएं। खबरों के मुताबिक 'बांबे हाई' के तेल कुओं की सुरक्षा मजबूत कर दी है। वहीं, मुंबई में बीएमसी ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की गई हैं। वहीं तूफान की आशंका के चलते स्कूल-कॉलिजों को भी बंद करने का ऐलान किया है। बीएमसी ने कहा है कि स्कूल-कॉलिज दोपहर एक बजे तक बंद कर दिए जाएं। ऑफिस भी 2 बजे तक बंद करने के लिए कहा गया है। आईएमडी का अनुमान है कि फयान बुधवार दिन में 11.30 के आसपास 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेगा। एक मौसम वैज्ञानिक ने बुधवार को कहा कि फयान की वजह से कई जगह पर सामान्य बारिश तो कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश के आसार हैं। हालांकि मुंबई के मुख्य सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि तूफान से सीधे मुंबई को कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन किसी समस्या की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। स्कूल, कॉलिज और दफ्तरों को इसलिए जल्दी बंद करने को कहा गया है ताकि दूर रहने वाले लोग सुरक्षित रूप से अपने घर पहुंच सकें। उन्होंने बताया- 70 साल बाद ऐसा तूफान आ रहा है। इसलिए पूरी सावधानी बरतते हुए लोगों को समुद्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया- बचाव दल की 15 टीमों को तैनात कर दिया गया है। और आपातकालीन सेवाएं बहाल रखी जाएंगी। मुंबई और महाराष्ट्र के आपदा प्रबंध विभागों ने चेतावनी जारी की है कि मूसलाधार बारिश की आशंका है जिससे मुंबई और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। उत्तरी महाराष्ट्र के फैक्ट्रियों को हिदायत दी गई है कि वे विशेष सावधानी बरतें। आईएमडी का अनुमान है कि फयान बुधवार दिन में 11.30 बजे के आसपास 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेगा। एक मौसम वैज्ञानिक ने बुधवार को कहा कि फयान की वजह से कई जगह पर सामान्य बारिश तो कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश के आसार हैं। मुंबई और आसपास के इलाकों में सोमवार से ही बिना रुके बारिश हो रही है जिससे यहां के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। शहर के कई तटीय इलाकों जैसे वर्ली, बांदा, जुहू, वरसोवा और मलाड में पंपों को तैयार रखा गया है। आईएमडी की ओर से कहा गया है, ''चक्रवात की वजह से कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटों पर अगले 36घंटों के दौरान 55 से 70 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चल सकती है। इन तीनों राज्यों के तटों पर समुद्री हालात बहुत विषम होंगे।'

Friday, November 6, 2009

वंदेमातरम् का शाब्दिक अर्थ है मां को सलाम

विख्यात योगाचार्य स्वामी रामदेव ने कहा है कि वंदेमातरम् किसी प्रकार की पूजा पाठ की प्रक्र

िया नहीं, मातृभूमि एवं जन्मभूमि के प्रति एक देशभक्त नागरिक का अपने वतन को सलाम है। वंदेमातरम् का शाब्दिक अर्थ है मां को सलाम। स्वामी रामदेव ने राष्ट्रीय गीत पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया '' वंदेमातरम् गाकर एक नागरिक अपने वतन को अपना सर्वस्व मानकर उस पर अपनी कुर्बानी या शहादत देने का संकल्प लेता है। इससे अपने राष्ट्रप्रेम का इजहार कर गर्व0 की अनुभूति करता है। '' उन्होंने कहा '' आजादी के संघर्ष में चाहे हिंदू हो या मुसलमान सब ने समान रूप से स्वाधीनता के नारे के रूप में वंदेमातरम् का उद्घोष किया और शहीदों के सपनों को पूरा कर मां भारती को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त किया। इसमें कहीं भी मूर्ति पूजा जैसा कर्मकांड नहीं है।

Tuesday, November 3, 2009

एशियन हार्ट इंस्टीटयूट इज दा बैस्ट

लोग कहते है ​कि जब से प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सर्जरी हुई है, डॉ. रमाकान्त पाण्डा का नाम बहुत आगे आ गया है । लेकिन यह सत्य है ​कि डॉ. रमाकान्त पाण्डा ने कडी मेहनत और लग्न से यह मुकाम हासिल किया है । अभी कुछ दिन पहले दिनांक 23 अक्टूबर 2009 को ​बिमला गुप्ता का एसेण्डिग अरोटा रूट इन्कलूडिंग वाल चेंज का सफल आपरेशन डॉ. पाण्डा ने किया । ज्ञातव्य है ​कि इससे पहले इस आपरेशन के लिए जसलोक हस्पताल के डॉ. हेमन्त कुमार , बोम्बे हास्पीटल के डॉ. भट्टाचार्य आ​दि तथा अनेकानेक डॉक्टरों से इसके बारे में चर्चा की जा चुकी थी, सभी का मत था ​कि आपरेशन का निर्णण् मेरी जिन्दगी का अहम निर्णय होगा क्यों​कि इसमें यह तो दिमागी हालत खराब हो जाएगी या पेरेलॉसिस होने की आशंका 80 प्रतिशत रहेगी । श्रीमती बिमला गुप्ता नहीं चाहती थी ​कि वे आपरेशन के बाद अपंगों की जिन्दगी जिऐं । इसमें डॉ. रमाकान्त पाण्डा नेविश्वास दिलाया ​कि वे इस आपरेशन को पूरी लगन से करेंगे और 95 प्रतिशत ठीक ही करेंगे । हुआ भी वही, जो डॉ. पाण्डा ने कहा , वही हुआ ।आज श्रीमती बिमला गुप्ता स्वस्थ है और रूम में शिफ्ट हो गई हैं शायद दो या तीन दिन में उनके घर आने की संभावना है ।और इसका श्रेय जाता है डॉ.पाण्डा और उनकी टीम को।

मुसलमान को वंदे मातरम् नहीं गाना चाहिए।


जमीयत उलेमा हिंद ने देश के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को गैर-इस्लामिक करार देते हुए इसके खलाफ फतवा सुना दिया है। जमीयत के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि मुसलमान को वंदे मातरम् नहीं गाना चाहिए। खास बात यह है कि केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम और संचार राज्य मंत्री सचिन पायलट मंगलवार को इस अधिवेशन के समापन समारोह में पहुंचे। जमीयत के प्रमुख और राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी व राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी मोहम्मद उस्मान की मौजूदगी में उलेमा ने कुल 25 प्रस्ताव पास किए। जो अन्य प्रस्ताव पास हुए हैं उनमें से ज्यादातर केंद्र सरकार के लिए राहत कम और चुनौती ज्यादा हैं। उलेमा ने जिहाद की आड़ में आतंकवाद और बेगुनाहों के खून को साफ तौर पर गैर इस्लामिक कृत्य व अपराध करार दिया है और आधुनिक शिक्षण केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव एक राय से पास किया।
अधिवेशन ने यूपीए सरकार के महत्वाकांक्षी महिला रिजर्वेशन बिल को अनावश्यक बताते हुए खारिज कर दिया।ईसाई और कादयानी मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन पर भी उलेमा ने विरोधी तेवर दिखाए हैं। उलेमाओं की राय है कि सच्चर कमेटी रिपोर्ट पूरी तरह से लागू की जाए। इस बीच, मुस्लिम लॉ बोर्ड ने जमीयत के फतवे को जायज ठहराते हुए कहा है कि मुस्लमान अल्लाह को छोड़कर किसी की इबादत नहीं कर सकते। बोर्ड के मेंबर कमल फारुकी ने कहा कि हम देश से प्रेम करते हैं लेकिन पूजा नहीं कर सकते।

Sunday, November 1, 2009

मराठी फिल्म के प्रचार में अमिताभ द्वार मदद की पेशकश करने के बाद से एमनएस उनसे काफी खुश

बॉलिवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन पर कभी महाराष्ट्र के बजाय उत्तर प्रदेश पर अधिक ध्यान देने का आरोप लगाने वाली राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) अब उनकी तारीफ करते नहीं थक रही है। ऑस्कर के लिए भारत की ओर से नॉमिनेट की गई मराठी फिल्म के प्रचार में अमिताभ द्वार मदद की पेशकश करने के बाद से एमनएस उनसे काफी खुश है। एमएनएस के महासचिव शिरीष पारकर ने बताया कि यह अच्छी बात है कि अमिताभ ऑस्कर के लिए इस फिल्म को सहयोग देंगे। हम उनके इस प्रयास की सराहना करते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में राज ठाकरे ने अमिताभ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
उन्होंने कहा था वह मुंबई में स्टार बने लेकिन उनकी दिलचस्पी उत्तर प्रदेश में है। इसीलिए वह महाराष्ट्र के बजाय उत्तर प्रदेश का ऐंबैसडर बनने की कोशिश करते हैं। एमएनएस कार्यकर्ताओं ने उन दिनों रिलीज हुई अमिताभ की फिल्म 'लास्ट लीयर' के पोस्टर भी फाड़ दिए थे। अमिताभ ने एमएनएस कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन में और अपने ब्लॉग पर माफी मांगी थी। तब कहीं जा कर एमएनएस ने अपना अभियान बंद किया था। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब बिग बी ने किसी मराठी फिल्म की मदद की पेशकश की है। नवंबर 2004 में अमिताभ ने ऑस्कर में भारत की ओर से नॉमिनेट मराठी फिल्म के निर्माताओं को एक लाख रुपये की मदद दी थी। अमिताभ की कंपनी एबी कॉरपोरेशन ने एक मराठी फिल्म भी बनाई है, जो रिलीज के लिए तैयार है।

Wednesday, October 21, 2009

विंडोज-7 के बारे में जो शुरुआती सिग्नल मिले हैं, वे बेहद एक्साइटिंग

बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट आपके कंप्यूटर के लिए नया दिल लाई है। कंप्यूटर का दिल यानी ऑपरेटिंग सिस्टम। यह नया दिल धड़कन के साथ-साथ चेहरा-मोहरा और हर हरकत बदल देगा। तीन साल पहले आए विंडोज विस्टा के सुपर फ्लॉप शो के बाद विंडोज-7 के बारे में जो शुरुआती सिग्नल मिले हैं, वे बेहद एक्साइटिंग है। जो करिश्मा आपने आई-फोन पर देखा वह, आपके लैपटॉप या पीसी की स्क्रीन पर दिखेगा। टचस्क्रीन वाले कंप्यूटरों पर नया यूजर एक्सपीरियंस मिलेगा और माउस और की-बोर्ड के अलावा स्क्रीन को छूकर भी काम कर सकेंगे। साथ ही पीसी को पहले से ज्यादा तेज, सेफ और स्मार्ट बनाने के लिए भी इसमें फीचर्स का ढेर है। विंडोज-7 का आना इसलिए अहम नहीं है, क्योंकि इसमें कई गजब के फीचर हैं। यह एक ऐसी खिड़की खोलेगा जो टेक्नॉलजी की दुनिया को नया आकाश दिखा सकती है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के डाइरेक्टर ( विंडोज क्लाइंट) जी. रमेश कहते हैं कि होम ग्रुप, प्ले-टु, डाइरेक्ट एक्सेस, स्नैप, जंप लिस्ट जैसे फीचर्स की मदद से लोगों को अपने काम नए ढंग से करने में आसानी होगी, साथ ही बिजनस यूजर्स के लिए भी विंडोज-7 में कई कॉस्ट सेविंग फीचर हैं। अब तक का रिस्पॉन्स उत्साह बढ़ाने वाला रहा है। बिल गेट्स के उत्तराधिकारी स्टीव बामर को उम्मीद है कि अब अपशगुनों का सिलसिला खत्म होगा। विस्टा ऐसा फ्लॉप हुआ कि लोगों को बताने में शर्म आने लगी कि वे इस पर काम करते हैं, कई लोगों ने तो विस्टा हटाकर फिर से एक्सपी लगवाया। इंटरनेट की दुनिया में एमएसएन ने गूगल और याहू के आगे सिर झुका दिया। आई पॉड के आगे माइक्रोसॉफ्ट का प्लेयर जून गूंगा ही हो गया। ई-मेल और इंटरनेट देखने के लिए लोग अब कंप्यूटर के मोहताज नहीं, आई-फोन जैसे तमाम स्मार्टफोन ने नए रास्ते खोल दिए। इस पर माइक्रोसॉफ्ट ने मोबाइल के लिए अपना ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज मोबाइल पेश किया। लेकिन वहां भी बात नहीं बन रही। वेब ब्राउजरों में इंटरनेट एक्सप्लोरर का 2004 तक हिस्सा 90 फीसदी था जो अब 65 पर आ गिरा है। इतने गम कम नहीं थे कि मंदी के चलते कंप्यूटरों की बिक्री पर भी ब्रेक लग गए। हालत यह हो गई है कि माइक्रोसॉफ्ट की कमाई पर ही एक अरब डॉलर का ब्रेक लगा है। ये आखिरी झटका सबसे खतरनाक है, न सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट के लिए बल्कि पूरी पीसी इंडस्ट्री के लिए। गार्टनर का अनुमान है कि 2009 में पीसी की डिमांड दो पर्सेन्ट कम रहेगी। अब जबकि मंदी ठंडी पड़ने लगी है, कंप्यूटर में एक ऐसे एक्साइटिंग धमाके का इंतजार था जो पूरे सेगमेंट में जान डाल दे। विंडोज-7 को आज पेश किया जाएगा... 2009 के सबसे बड़े टेक्नॉलजी शाहकार के तौर पर। विंडोज 7 के 7 किलर फीचर 1. बंद करने और स्टार्ट करने में लगेगा कम वक्त 2. टच स्क्रीन, जिसमें माउस बनेगी आपकी उंगली 3. फाइल्स को पासवर्ड से प्रोटेक्ट कर होम ग्रुप के साथ शेयर कर सकेंगे 4. किसी भी ड्राइव में सेव की गई फाइलों को एक क्लिक से एक्सेस 5. ज्यादा जरूरी आइकन जोड़ने की सुविधा, माउस टच से विंडो प्रिव्यू 6. पसंदीदा प्रोग्राम की लिस्ट तक सीधे एक्सेस, एक्सप्लोरर-8 पर वेबसाइट्स की लिस्ट 7. मोबाइल, कैमरा, प्रिंटर के साथ पीसी का आसान कनेक्शन

Saturday, October 17, 2009

क्रिकेटर के बैग से विस्फोटक बरामद

देश में आतंक का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब इस आतंक ने क्रिकेटरों को भी अपने आगोश में लिया है। बेंगलुरु में एक चौंकाने और चिंता जताने वाली घटना सामने आई है। बेंगलुरु पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के एक क्रिकेटर के आरडीएक्स के साथ गिफ्तार किया है। शनिवार को इस क्रिकेटर के बैग से विस्फोटक बरामद किए गए। चिन्नास्वामी स्टेडिम में चल रहे सी.के. नायडू क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने आए जम्मू-कश्मीर के क्रिकेट खिलाड़ी परवेज रास्सौल को पुलिस ने अरेस्ट किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस क्रिकेटर के बैग से आरडीएक्स बरामद किया गया है। पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस क्रिकेटर के बैकग्राउंड के बारे में डिटेल रिपोर्ट मांगी है।

Wednesday, October 14, 2009

30 साल की एक टीचर और 15 साल के छात्र का प्यार


30 साल की एक टीचर और 15 साल के छात्र का प्यार कुछ इस तरह परवान चढ़ा कि दोनों घर से फरार हो गए और जिंदगी बसर करने लगे। हालांकि पुलिस ने उन्हें लगभग 5 महीने बाद पकड़ लिया। दोनों रोहतक में किराए के एक फ्लैट में पति-पत्नी बनकर रह रहे थे। जहां टीचर ने एक स्कूल में जॉब कर ली थी, वहीं किशोर एक होटल में बैरा बन गया था। पुलिस ने महिला टीचर को जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार शालीमार गार्डन सी ब्लॉक में स्थित एक स्कूल में मैथ की टीचर का 11वीं क्लास के एक स्टूडेंट से प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। 15 मई को लास्ट एग्जाम होने के बाद 16 मई को टीचर और छात्र दोनों घर से भाग गए थे। जनकपुरी में रहने वाले छात्र के परिवार ने जब छानबीन की, तो उन्हें असलियत का पता लगा। इसके बाद उन्होंने महिला टीचर के खिलाफ छात्र को बहला फुसलाकर ले जाने की रिपोर्ट साहिबाबाद थाने में दर्ज कराई थी। 2 दिन पहले पुलिस को सूचना मिली कि दोनों रोहतक में एक किराए के फ्लैट में पति-पत्नी के रूप में रहे रहे हैं। फ्लैट का किराया देने और अन्य खर्च को पूरा करने के लिए जहां महिला ने एक स्कूल में टीचर की जॉब कर ली, वहीं छात्र पास ही के एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को पकड़ लिया। बाद में वो उन्हें लेकर साहिबाबाद आ गई। क्षेत्र के चौकी इंचार्ज आर. पी. सिंह के अनुसार चूंकि छात्र नाबालिग है और उसके परिवार की ओर से रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी इसलिए उसे परिवार को सौंप दिया गया, जबकि महिला टीचर को नाबालिग को बहला फुसलाकर ले जाने के आरोप में जेल भेज दिया गया है।

Monday, October 12, 2009

5 बार से ज्यादा इस्तेमाल करने पर दूसरे बैंक को ट्रांजैक्शन चार्ज देना होगा।

दूसरे बैंकों के एटीएम के इस्तेमाल पर पाबंदी के दिन करीब आ गए हैं। आगामी गुरुवार यानी 15 अक्टूबर से यह पाबंदी लग जाएगी। इसके तहत कोई भी शख्स दूसरे बैंक के एटीएम से एक बार में 10 हजार रुपये से ज्यादा राशि नहीं निकाल पाएगा और दूसरे बैंक के एटीएम का फ्री इस्तेमाल महीने में 5 बार से ज्यादा नहीं कर पाएगा। 5 बार से ज्यादा इस्तेमाल करने पर दूसरे बैंक को ट्रांजैक्शन चार्ज देना होगा। अगस्त में भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्मशल बैंकों से कहा था कि वे थर्ड पार्टी एटीएम यूज पर अक्टूबर के मध्य से पाबंदी लगाएं। आरबीआई ने यह निर्देश इंडियन बैंक असोशिएशन (आईबीए)की सिफारिश के आधार पर दिए थे। आईबीए ने अपनी सिफारिश में कहा था कि ग्राहकों द्वारा दूसरे बैंकों के एटीएम के फ्री इस्तेमाल से बैंकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आईबीए की सिफारिश के मुताबिक, कोई भी बैंक में सेविंग अकाउंट रखने वाला ग्राहक एक महीने में सिर्फ 5 दफा दूसरे बैंकों के एटीएम का फ्री इस्तेमाल कर सकता है। 5 बार से ज्यादा इस्तेमाल पर उनसे चार्ज लिया जाएगा। करंट अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को दूसरे बैंक के एटीएम के इस्तेमाल पर हर बार पैसे देने होंगे। आईबीए ने यह सिफारिश भी थी कि कोई भी ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से 1 बार में कम से कम 10 हजार रुपये निकाले, पर छोटे ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने ऐलान किया था कि इस साल 1 अप्रैल से दूसरे बैंकों से अकाउंटस के बारे में जानकारी प्राप्त करने और पैसे निकालने पर ग्राहकों से चार्ज नहीं लगेगा। पर थर्ड पार्टी एटीएम ट्रांजेक्शन की सूरत में बैंक संबंधित बैंकों से 18-20 रुपये प्रति महीना चार्ज कर सकते हैं। पर बाद में इस पर बंदिश लगाने की सिफारिश की गई है और आगामी गुरुवार से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है।

शिल्पा शेट्टी पर उनके रेस्तरां के पूर्व बॉस ने 60 लाख पाउंड (करीब 44 करोड़ रुपये) का मुकदमा ठोक दिया

बॉलिवुड ऐक्ट्रिस शिल्पा शेट्टी पर उनके रेस्तरां के पूर्व बॉस ने 60 लाख पाउंड (करीब 44 करोड़ रुपये) का मुकदमा ठोक दिया है। फास्ट फूड रेस्टोरेंट टिफिन बाइट्स के संस्थापक 42 वर्षीय जमाल हिरानी ने दावा किया कि शिल्पा का रास्ता साफ करने के लिए उन्हें जबरन निकाला गया। इससे पहले उन्होंने एक इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल में साढ़े दस लाख पाउंड का दावा करते हुए मुकदमा दायर किया था। लंदन इवनिंग स्टैंडर्ड ऑनलाइन ने यह जानकारी दी है। हिरानी ने अब हाई कोर्ट में 60 लाख पाउंड का मुकदमा दायर किया है। हिरानी ने आरोप लगाया है कि उन्हें जबरन कंपनी से निकाला गया। इससे कंपनी को बंद करने और उसे नए नाम से खोलने का रास्ता साफ हो गया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ गलत आरोप लगाए गए। यह मेरी कंपनी थी और मुझे ही हटा दिया गया। रियेलिटी शो बिग ब्रदर में भाग लेने के बाद ब्रिटेन में काफी जाना पहचाना नाम बन चुकी शिल्पा शेट्टी हाल ही में कंपनी की सह अध्यक्ष बनी थीं। इसके लिए शिल्पा और उनके मंगेतर राज कुंद्रा ने कंपनी के 33 फीसदी शेयर खरीदने के लिए 60 लाख पाउंड का भुगतान किया था। उधर, शिल्पा के प्रवक्ता ने इस विवाद पर कहा कि यह मामला शिल्पा और राज के कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने से पहले का है। शिल्पा को निष्पक्ष फैसले की उम्मीद है।

Friday, October 9, 2009

दिखावा इकानॉमी क्लास का, सफर बिजनेस क्लास में

पायलटों ने मंत्रियों के कथित किफायत अभियान की पोल खोल दी है। उनका कहना है कि अगर मंत्री जी नाराज होते हैं, तो इसके लिए हमें जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। वजह यह है कि मंत्री महोदय किफायत अभियान को चमकाने के लिए अपनी बुकिंग तो इकॉनमी क्लास में करवाते हैं, लेकिन वे सफर विमान के बिजनस क्लास में ही करना चाहते हैं। इंडियन कमर्शल पायलट्स असोसिएशन (आईसीपीए) द्वारा एयर इंडिया के सीएमडी अरविंद जाधव को लिखे गए एक विरोध पत्र से इसका खुलासा हुआ है। पत्र में कहा गया है कि मंत्री लोग फ्लाइट में बुकिंग तो करवाते हैं इकॉनमी क्लास में, लेकिन फिर दबाव डालने लगते हैं कि उन्हें 'जे' क्लास यानी बिजनस क्लास में अपडेट कर दिया जाए। उनकी फरमाइश पूरी न हो, तो वे अक्सर बखेड़ा खड़ा करते हैं। इससे पायलटों पर दबाव पड़ता है। पायलटों की गुजारिश है कि मंत्री महोदय की नाराजगी के लिए हमें कसूरवार न माना जाए।

बाकी कुछ बचा तो, मंहगाई मार गई

सड़क किनारे लगने वाली सब्जी की दुकान पर परसादी लाल ने जब एक आलू उठाकर भाव पूछा तो 8 रुपये पाव दाम सुनते ही हाथ से आलू छूट गया। सब्जी वाला जो परसादी की तरह ही परेशान लग रहा था पूछ बैठा, क्या हुआ? बस परसादी के सब्र का बांध टूट गया। आग लगे जा रही है महंगाई में। हम आलू की खेती में बर्बाद होकर दिल्ली में आकर मजूरी कर रहे हैं और वही आलू अब 8 का पाव बिक रहा है। सब्जी वाले को परसादी अपना सा लगा। बोला - बानी से पहचान गया कि अपने उधर का ही है। बताने लगा कि प्याज सात का पाव और नीबू 6 का एक है। कौन खरीदेगा? महंगाई पर शुरू हुई चर्चा चुनावों तक जा पहुंची और चुनावों से नेताओं के ऐश और जनता के संघर्षों पर बात होने लगी। 13 अक्टूबर को हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। तीनों जगह कांग्रेस की सरकारें हैं। जब चुनावों की घोषणा हुई थी तो कांग्रेस तीनों जगह जोरदार जीत के दावे कर रही थी। मगर जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, कांग्रेस को असली चुनौती समझ में आने लगी है। कांग्रेस को विपक्ष की चिंता नहीं क्योंकि तीनों राज्यों में विपक्ष मजबूत नहीं है। असली खतरा उसे परसादी की इस भविष्यवाणी से लग रहा है कि वोट डालने जाएगा कौन? जनता गुस्से में है और जब जनता गुस्से में होती है तो वह यह तय करती है कि वोट किसे नहीं देना। यह नहीं देखती कि वोट कुएं में जा रहा है या खाई में। हालांकि कांग्रेस ऊपरी तौर पर यह कह रही है कि लोकसभा चुनाव में भी महंगाई थी। पार्टी के सीनियर नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि जनता महंगाई की वजह जानती है। महंगाई से कांग्रेस की संभावनाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पर महंगाई से अंदर ही अंदर चिंतित कांग्रेस के नेता 11 साल पहले दिल्ली विधानसभा के चुनाव को याद कर रहे हैं, जिसमें प्याज ने बीजेपी को रुलाया था और उन्हें सत्ता में पहुंचाया था। तब प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा था। बीजेपी को प्याज इतना महंगा पड़ा कि वह आज तक दिल्ली की सत्ता में वापसी नहीं कर सकी है। जनता के संपर्क में रहने वाले कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं को यह जानकारी है कि गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे दुकानदारों और कम वेतन पाने वाले मुलाजिमों से लेकर मध्यम आय वर्ग तक में परसादी की तरह महंगाई के सवाल पर गुस्सा फैल रहा है। गुरुवार को एक बड़े नेता ने जब आलू-प्याज के भाव सुनकर दालों और चीनी के भाव मालूम किए तो उनके चेहरे पर भी शिकन पड़ गई। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, वहां हमारी सरकारें हैं। वहां जमाखोरों पर छापे नहीं मारे जाना समझ के बाहर है। देश की राजधानी दिल्ली में अगर जमाखोरों पर कड़ी कार्रवाई की जाए तो पूरे देश में असर पड़ेगा। कांग्रेस के सूत्र मान रहे हैं कि महंगाई तीनों राज्यों में पाटीर् की अच्छी संभावनाओं को खराब कर सकती है।

Tuesday, October 6, 2009

बकवास बंद कर। ' हमारा भी यही कहना है।

कंपनी मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद को यह बात नहीं पच रही कि प्राइवेट कंपनियों के अधिकारियों को भारी - भरकम सैलरी मिलती है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नौकरशाह मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी इस मामले में खुर्शीद से इत्तफाक रखते हैं और कहते हैं कि कंपनियों के CEOs को 'Indecent salaries' ( उल - जलूल वेतन ) नहीं दिया जाना चाहिए। जिम्मेदार पदों पर बैठे इन लोगों से ऐसी बेमतलब की बयानबाजी की अपेक्षा नहीं की जाती। प्राइवेट कंपनी के अधिकारी जो भारी - भरकम सैलरी लेते हैं तो वह पैसा सरकार की जेब से नहीं जाता। यह पैसा उन्हें उनकी काबलियत और योग्यता के आधार पर मिलता है। यह पारिश्रमिक होता है कंपनी के लिए मुनाफा कमाने , कारोबार बढ़ाने और हजारों लोगों को रोजगार देने का। यह पैसे उन्हें अधिसंख्य सरकारी नौकरों की तरह कुर्सी तोड़ने , बेवजह काम लटकाने और जनता के पैसे की बर्बादी करने के लिए नहीं मिलते। यह उनकी मेहनत की कमाई है जिसपर वह पूरा टैक्स चुकाते हैं।

यह भी पढ़ें : वे जनप्रतिनिधि गिरेबान में अपने झांकें
यहां आंकड़े देने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि हर नागरिक यह जानता है कि हमारे सांसदों और मंत्रियों पर कितना खर्च होता है। देश को चलाने के नाम पर करोड़ों रुपये संसद में स्वाहा होते हैं लेकिन आम आदमी तक रुपये में दस पैसा भी नहीं पहुंचता। दिल्ली के जिन सरकारी बंगलों में हमारे नेता रहते हैं , वहां जमीन की कीमत अरबों नहीं तो करोड़ों में तो है ही। क्यों नहीं सभी सांसदों - मंत्रियों के लिए बहुमंजिला इमारत बना दी जाए और सबको एक - एक अपार्टमेंट दे दिया रहने के लिए ? ऐसा क्या करते हैं आप जिसके लिए जनता के पैसे की दीवाली मना रहे हैं ? फ्री में चलो , फ्री में उड़ो , फ्री में ठहरो। पता है , यह पैसा टैक्स देने वाले की जेब से आ रहा है ? कांग्रेस और केंद्र सरकार में सादगी के नाम पर जो तमाशा हो रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। लेकिन उसी सरकार के मंत्री फाइव स्टार होटल में रहते हैं। छाती ठोककर कहा कि किसी से मांग नहीं रहे हैं , अपनी जेब से खर्च उठा रहे हैं। तभी फिर एक खुलासा हो गया कि जिन होटलों में माननीय मंत्री ठहरे थे , उनमें सरकारी खर्च पर रहने की मनाही है और इन होटलों के एमपैनलमेंट के लिए कोशिश की गई थी। यानी , यह खुलासा न होता तो होटल सरकारी पैनल में आ जाते और सरकार द्वारा भुगतान करने का अड़ंगा भी खत्म हो जाता। वैसे , अबतक किसी को पता नहीं कि दोनों मंत्रियों ने अपने फाइव - स्टार होटल प्रवास का कितना बिल चुकाया है। सलमान खुर्शीद ने लोकसभा चुनाव में अपने हलफनामे में 2.61 करोड़ की संपत्ति होने की बात कही थी। खुर्शीद नामी और बेहद कामयाब वकील हैं इसलिए इसमें कोई अनोखी बात नहीं है। केस लड़ने के लिए वह मोटी फीस भी जरूर लेते होंगे। कल को कोई उनसे कहे कि आप तो जन - प्रतिनिधि हैं , आपको पैसे की क्या जरूरत , आप हर केस की फीस सिर्फ दस रुपये लीजिए। लेंगे ? नहीं न ! फिर दूसरों को नसीहत क्यों दे रहे हैं। पैसा कमाना तो आदमी का मौलिक अधिकार होना चाहिए। अगर आप किसी गलत तरीके से नहीं कमा रहे हैं तो इसकी सीमा क्यों होनी चाहिए ? यहां भ्रष्टाचार की तो अभी तक बात भी नहीं छेड़ी गई है। नरेगा में फर्जीवाड़े के नाम पर अरबों रुपये के वारे - न्यारे , सांसद - विधायक निधि में कमीशनखोरी , बड़े - बड़े ठेकों में हिस्सा ... हर सर्वे , हर बहस , हर नुक्कड़ पर सबसे ज्यादा भ्रष्ट की चर्चा हो तो नेताओं को नाम सबसे ऊपर आता है। जन - प्रतिनिधि अब खुद तो धन - प्रतिनिधि बन गए हैं लेकिन कोई और पैसे कमाए यह उनसे बर्दाश्त नहीं। एक लोकप्रिय म्यूजिक चैनल पर दो अजीब से प्राणी दिखाई देते हैं। इसमें छोटा प्राणी बड़े वाले से चुहल करता नजर आता है और झल्लाकर बड़े को कहना पड़ता है , ' बकवास बंद कर। ' हमारा भी यही कहना है।

एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट की टीचर के साथ सोमवार रात बदमाशों ने गैंग रेप किया।

एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट की टीचर के साथ सोमवार रात बदमाशों ने गैंग रेप किया। घटना के समय रात लगभग 8:30 बजे टीचर के साथ उसका परिचित भी था जिसे बदमाशों ने मारपीट कर भगा दिया। पुलिस ने मामले को दो पुलिस स्टेशन के सीमा विवाद में उलझाए रखा। सुबह जाकर अधिकारियों के हस्तक्षेप पर नांगलोई पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया। सुलतानपुरी के मुंडका इलाके की रहने वाली 21 साल की सीमा (परिवर्तित नाम) नांगलोई बुद्ध विहार स्थित एक कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में पढ़ाती है। रोजाना की तरह कल भी वह इंस्टिट्यूट गई हुई थी। रात में इंस्टिट्यूट से वह सत्यप्रकाश नाम के लड़के के साथ निकली। कुछ ही दूरी पर 4-5 बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, बदमाशों ने सत्यप्रकाश के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके चलते वह वहां से भाग निकला। बदमाशों ने सीमा को दबोच लिया। सड़क किनारे झाड़ियों में बदमाशों ने उसके साथ गैंग रेप किया। बाद में बदमाश उसे बदहवास हालत में पास के रेलवे ट्रैक कर फेंक कर भाग गए। घटना में करीब आधा दर्जन बदमाश शामिल बताए जा रहे हैं। पीड़ित टीचर ने सुलतानपुरी पुलिस स्टेशन में घटना की शिकायत की, लेकिन वहां की पुलिस ने मामले को नांगलोई थाने की सीमा का बताकर पल्ला झाड़ लिया। नांगलोई पुलिस का कहना था कि लड़की जिस रेलवे ट्रैक पर मिली है, वह सुलतानपुरी के इलाके में आता है। उधर सुलतानपुरी पुलिस का कहना था कि घटना नांगलोई इलाके में हुई है, लिहाजा मामला उधर का बनता है। इस तरह पीड़ित को सुबह तक टरकाया जाता रहा। आखिर सुबह जाकर अधिकारियों के हस्तक्षेप पर नांगलोई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया। रात से लापता चल रहे सत्यप्रकाश को भी पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

Sunday, October 4, 2009

अपराधी अफजल गुरु को फांसी देने के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी।

संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी देने में हो रही देरी से खफा आरएसएस ने मर्सी पिटिशन के निपटारे की समय सीमा तय करने की मांग की है। संघ ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 72 में राष्ट्रपति को इस संबंध में विशेष और असीमित अधिकार दिए गए हैं। राष्ट्रपति द्वारा मर्सी पिटिशन स्वीकार कर लिए जाने के बाद उसके निपटारे की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। मर्सी पिटिशन के निपटारे की समय सीमा तय नहीं किए जाने पर संघ के मुखपत्र पांचजन्य में कहा गया है, 'मैडम प्रेजीडंट, फांसी मत लटकाओ, फांसी पर लटकाओ, फांसी पाए अपराधी सरकार की प्रॉपर्टी नहीं हैं।' गौरतलब है कि मर्सी पिटिशन के निपटारे की समय सीमा तय नहीं होने के कारण उसका निपटारा होने तक फांसी नहीं दी जा सकती। ऐसे में न सुप्रीम कोर्ट उन पर दबाव डाल सकता है, न ही सरकार। वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने कहा कि फांसी की सज़ा पर तामील नहीं करना या उसे टालना अपराधियों के हौसला बढ़ाने के समान है। नई यूपीए सरकार ने साफ कर दिया है कि संसद हमला मामले के अपराधी अफजल गुरु को फांसी देने के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। मौत की सजा पाए अपराधियों के राष्ट्रपति से माफी की अपील के जितने भी मामले हैं उन सब पर क्रम से विचार होगा। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि मौत की सजा पाए 28 कैदियों के मामले हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने गृह सचिव से इन मामलों पर सूची में क्रमानुसार विचार करने को कहा है जिससे याचिकाओं को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का फैसला किया जा सके'। बकौल चिदंबरम, 'गृह सचिव पहला मामला देखेंगे। फिर हम सूची में क्रम से बाद के कैदियों के मामले देखेंगे। अधिकारी मुझे एक-एक करके हर मामले के बारे में जानकारी देंगे।' जब उनसे पूछा गया कि आखिर अफजल गुरु की दया याचिका पर कब विचार किया जाएगा तो चिदंबरम ने कहा, 'अफजल की याचिका सूची में 22वें नंबर पर है। यह कई बार कहा जा चुका है और मैं चाहता हूं कि आप ये दो नंबर याद रखें - 28 में से 22वां।

पायलट और केबिन क्रू के एक सदस्य के बीच मारपीट हो गई।

शारजाह से लखनऊ जा रहे एयर इंडिया के विमान में शनिवार सुबह एक पायलट और केबिन क्रू के एक सदस्य के बीच मारपीट हो गई। दोनों घायल हो गए। एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया, 'इंडिया के आईसी-184 के एक पायलट और केबिन क्रू के एक सदस्य के बीच किसी मुद्दे को लेकर भिड़ंत हो गई। उन्होंने कहा कि घटना उस वक्त की है जब विमान पाकिस्तान के ऊपर उड़ रहा था। घटना सुबह करीब साढ़े चार बजे हुई। उन्होंने कहा कि 106 यात्रियों और क्रू के सात सदस्यों के साथ विमान ने शारजाह के समय के अनुसार 12 बजकर 35 मिनट पर उड़ान भरी थी। विमान सुबह छह बजे लखनऊ पहुंचा जहां घटना की रिपोर्ट की गई। घटना की जांच पूरी होने तक एयरलाइन प्रबंधन ने पायलट और क्रू सदस्य को ड्यूटी से हटा दिया है। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि पायलट एवं क्रू सदस्य द्वारा दावे एवं प्रतिदावे के बीच प्रबंधन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा, जांच पूरी होने तक तक पायलट और केबिन क्रू को रोस्टर से हटा दिया गया है।

Thursday, September 24, 2009

यह भी सोचना चाहिये कि हम भारत की संस्कृति को कहीं विनाश की ओर तो नहीं ले जा रहे है कयों यह तथ्य कि अखबार चाइनडेली में छपी एक खबर के मुताबिक

चीन के 30 फीसदी से ज्यादा शादीशुदा पुरुष नाम के लिए ही अपने बच्चों के पिता हैं। अखबार चाइन डेली में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि पेइचिंग के पटर्निटी टेस्टिंग सेंटरों की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में पिछले कुछ सालों में नाटकीय ढंग से पितृत्व परीक्षण की तादाद बढ़ी है और इससे पता चलता है कि करीब 30% पुरुष अपने बच्चों के असली पिता नहीं हैं। पेइचिंग के फॉरेन्सिक साइंस सेंटर जेनोमिक्स इंस्टिट्यूट के मुताबिक वर्ष 2002 के बाद से पैटरनिटी टेस्ट की तादाद में हर साल 20 फीसदी बढ़ोतरी हो रही है। सेंटर के एक कर्मचारी ने बताया कि टेस्ट के लिए यहां आने वाले कुछ जोड़े सामाजिक जीवन में पति-पत्नी नहीं होते। ऐसे ज्यादातर मामलों में जो पुरुष वैज्ञानिक तौर पर बच्चे का पिता निकलता है वह महिला का प्रेमी होता है। कर्मचारी ने बताया कि पिछले साल सेंटर में 3,000 से अधिक लोगों का पटर्निटी टेस्ट किया गया। यह आंकड़ा इससे पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा है। उनका कहना है कि ज्यादातर पति अपनी पत्नी के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों का शक होने पर ही टेस्ट कराने पहुंचते हैं। अगर पति को पता चलता है कि वह अपने बच्चे का असली पिता नहीं है तो वह या तो तलाक ले लेता है या गर्भपात करवाता है। पेइचिंग के ही चैओयांग अस्पताल में मौजूद पटर्निटी सेंटर का अनुभव भी इस मामले में कुछ जुदा नहीं है। अस्पताल के सेंटर ने भी पैटरनिटी टेस्ट की तादाद में बढ़ोतरी की पुष्टि की है। सेंटर के प्रभारी ने बताया कि पिछले साल सेंटर ने 600 से ज्यादा पुरुषों का पितृत्व परीक्षण किया। उनके मुताबिक परीक्षण कराने में महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं हैं। इस परीक्षण को कराने वाली महिलाओं की संख्या में भी एक साथ तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। महिलाएं यह जानने के लिए उत्सुक रहती हैं कि आखिर जो बच्चा उनकी गोद में है उसका असली पिता कौन है। सामाजिक विशेषज्ञ वांग जिंग इसको सामाजिक और नैतिक पतन के तौर पर देखते हैं। जिंग का कहना है कि पैटरनिटी टेस्ट की बढ़ती हुई संख्या अपने जीवनसाथी के प्रति घटती हुई वफादारी का सूचक है। जिंग कहते हैं कि जैसे-जैसे समाज में खुलापन और विभिन्नता बढ़ी है लोगों की सामाजिक समझ और सेक्स के प्रति व्यवहार भी बदला है। अब लोग सेक्स और परिवार को अतिसहजता के साथ लेने लगे हैं। उन्हें अपने पति या पत्नी के अलावा किसी और से शारीरिक संबंध में न तो असहजता महसूस होती है और न ही झिझक। जिंग का मानना है कि आज के युवा वन-नाइट स्टैंड को ज्यादा बेहतर मानते हैं। उनका शादी और परिवार के प्रति भरोसा कम होता जा रहा है।

Tuesday, September 22, 2009

अयोटा रेयर सर्जरी के बाद अब वह बिल्कुल ठीक हैं।

एम्स में भर्ती 23 साल के अनिल ठाकुर को 2-3 दिन में छुट्टी मिल जाएगी। यहां के काडिर्योथोरेसिक एंड वेसकुलर सर्जरी डिपार्टमेंट में अयोटा (दिल से पूरे शरीर को शुद्ध खून सप्लाई करने वाली नली) की रेयर सर्जरी के बाद अब वह बिल्कुल ठीक हैं। यह सर्जरी रेयर इसलिए है कि इस दौरान कुछ देर के लिए दिमाग को होने वाली ब्लड सप्लाई भी रोक दी जाती है। अयोटा रिप्लेसमेंट की जरूरत डॉ. चौधरी ने बताया कि अयोटा रिप्लेसमेंट सर्जरी की जरूरत तब पड़ती है जब मरीज को अयोटा की होने वाली बीमारी आयोटिक डिसेक्शन हो जाता है। अयोटा की दीवार तीन परतों से बनी होती है, कम उम्र में अयोटा की दीवार काफी लचीली होती है जो उम्र के साथ-साथ कठोर होती जाती है। हार्ट के पंपिंग प्रेशर की वजह से उम्र बढ़ने पर दीवार की भीतरी पर्त कमजोर होकर फट जाती है, जिससे खून बीच की परत में आ जाता है। धीरे-धीरे छोटा सा फटा हुआ भाग ब्लड प्रेशर की वजह से बढ़कर हार्ट से लेकर किडनी या उसके नीचे भी जा सकता है। इसकी वजह से पेट के भागों में, जैसे लीवर, पैन्क्रियास और आंतों में खून की सप्लाई पर असर पड़ता है और मरीज पेट दर्द या पीठ में दर्द की शिकायत करता है। कई बार जेनेटिक कारणों से भी अयोटा की दीवार कमजोर हो जाती है यह ज्यादातर पुरुषों में होता है। हाई ब्लड प्रेशर वालों में इसकी संभावना ज्यादा रहती है। कुछ मरीजों में अयोटिक वॉल्व में तीन की जगह दो ही लीफलेट होती हैं। ऐसे मरीजों में आयोटिक डिसेक्शन की संभावना ज्यादा रहती है। अगर इसका तुरंत इलाज नहीं किया गया तो बची हुई परत भी फट सकती है और खून पूरी बॉडी में फैल सकता है जिससे तुरंत मौत हो जाती है। जानकारी न होना है बड़ी दिक्कत देश में इस सर्जरी को करने वाले सर्जन की संख्या तो कम है ही, ज्यादातर मामलों में इसकी वक्त रहते पहचान भी नहीं हो पाती। कई बार अयोटा की दिक्कत को हार्ट अटैक समझ लिया जाता है क्योंकि शुरुआत में चेस्ट और बैक पेन होता है। सिटी स्कैन और इको के जरिए ही इसका पता लगाया जा सकता है सिर्फ ईसीजी से नहीं जान सकते। दिक्कत यह है कि इको और सिटी स्कैन की सुविधा सब जगह नहीं है। इसलिए इसमें मृत्यु दर 80 परसेंट हैं और 50 परसेंट मरीज तो हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं।

चिट्ठी नहीं ये है लेटर बम

अपने देश की सरकार के रवैये से आहत पाकिस्तान के विवादास्पद न्यूक्लियर साइंटिस्ट अब्दुल कदीर खान ने आखिरकार इस बात का खुलासा कर दिया है कि उन्होंने बेनजीर भुट्टो के इशारे पर परमाणु प्रसार कार्यक्रम के दौरान चीन, ईरान, नॉर्थ कोरिया और लीबिया को ब्लू प्रिंट्स और इक्विपमेंट दिए थे। यह खुलासा भारत के स्टैंड को मजबूत करता है। अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान अब्दुल कदीर खान के इस खुलासे को झुठला पाएगा। उधर, विश्वस्त सूत्रों के हवाले से हमारे सहयोगी चैनल 'टाइम्स नाउ' ने बताया है कि इस मसले पर भारत आईएईए की ओर से जांच की मांग करने के मूड में है। संडे टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2003 में अपनी गिरफ्तारी के बाद 74 साल के ए। क्यू. खान ने अपनी डच पत्नी हेनी को पाक नेतृत्व के बारे में चार पेज का सीक्रेट लेटर लिखा था, जो साइमन हेंडरसन नामक जर्नलिस्ट के हाथ लग गया था। हेंडरसन ने इसे आम कर दिया है। खान के इस खुलासे के बाद ईरान-पाकिस्तान-चीन-साउथ कोरिया के ऐटमी नेक्सस का चेहरा फाश हो चुका है। खान ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि पाकिस्तान ने उनका इस्तेमाल किया है।
चिट्ठी नहीं ये है लेटर बम
अपनी बीवी हेनी को लिखी चिट्ठी में खान ने 2003 में पाकिस्तानी हुकूमत के आकाओं की ओर इशारा करते हुए लिखा, 'पहले हरामियों ने मेरा इस्तेमाल किया और अब वह मेरे साथ गंदा खेल खेल रहे हैं। डार्लिंग, अगर सरकार मेरे साथ कोई खेल खेलती है तो कड़े से कड़ा कदम उठाओ। अब वह मुझे रास्ते से हटाने की पूरी कोशिश करेंगे ताकि सच छुपा रहे।' लेकिन हेनी इस ख़त पर तुरंत कोई ऐक्शन नहीं ले सकीं क्योंकि खान ने इस ख़त की कॉपी लंदन में रहने वाली अपनी बेटी डिना और एम्सटर्डम में रहने वाली अपनी भांजी कौसर खान को भी भेजी थी। पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसियों को इसकी ख़बर लगी और एजेंसियों ने खान परिवार को धमकाना शुरू किया। इसके बाद उस वक्त के सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ के दबाव में ए.क्यू. खान को टेलिविज़न पर ऐटमी हथियारों और डिजाइन को देने की बात स्वीकार करनी पड़ी। हालांकि, इस चार पेज के ख़त की एक कॉपी अब्दुल कदीर खान के पुराने पत्रकार दोस्त साइमन हेंडरसन के पास 2007 में पहुंची। चार पेज की चिट्ठी में खान ने अपनी पत्नी से कहा, ' तुम साइमन हेंडरसन से संपर्क करो और उन्हें सारी जानकारी दो।' हेंडरसन के मुताबिक जब उसे इस ख़त की कॉपी मिली तो वह हैरान रह गया। ख़त में खान लिखते हैं, हमने एक सेंट्रीफ्यूज प्लांट हैंजॉन्ग में लगाई है। चीनियों ने हमें न्यूक्लिर हथियारों की डिजाइन और 50 किलो समृद्ध यूरेनियम और दूसरी चीजें दीं। ईरान के मसले पर चिट्ठी में खान ने लिखा है, '' बीबी (बेनजीर भुट्टो, जो 1988 में पीएम थीं) और इम्तियाज (बेनजीर के डिफेंस अडवाइजर) ने मुझसे ईरानियों को कुछ सामग्री देने के लिए कहा था।' नॉर्थ कोरिया के मसले पर खत में कहा गया है कि एक रिटायर्ड जनरल ने मेरे जरिए नॉर्थ कोरिया से तीस लाख डॉलर लिए और मुझे कोरिया को ऐटमी मशीन और डिजाइन देने को कहा। हालांकि, हेंडरसन ने इस बात पर कुछ नहीं बोले कि उन्होंने चिट्ठी मिलने के दो साल बाद जाकर इसका खुलासा किया। खान इस चिट्ठी में यह बताते हैं कि चीन ने पाकिस्तान को न्यूक्लियर बम की डिजाइन दी है। 'संडे टाइम्स' में छपे अपने आर्टिकल एक दिलचस्प पैरे में पत्रकार हेंडरसन ने लिखा है कि किस तरह एक चीनी मंत्री ने उन्हें पाकिस्तानी सेना के बारे में चेतावनी दी थी। चीन के कहुता में गए खान को चीन के ही ऐटमी कार्यक्रम के एक मंत्री ने कहा, ''As long as they need the bomb, they will lick your balls. As soon as you have delivered the bomb, they will kick your balls.''

Sunday, September 20, 2009

पंडित रविशंकर की बेटी और कंपोजर अनुष्का शंकर की निजी तस्वीरों हैक करने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया

पंडित रविशंकर की बेटी और कंपोजर अनुष्का शंकर की निजी तस्वीरों को उनके लैपटॉप से हैक कर ब्लैकमेल करने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने जुनैद को 14 दिनों के लिए जुडिशल कस्टडी में भेज दिया है। मुंबई से गिरफ्तार इस शख्स का नाम जुनैद अहमद बताया जा रहा है। इससे पहले मीडिया और टीवी चैनलों में खबरें आईं कि किसी ने मशहूर सितारवादक पंडित रविशंकर की बेटी अनुष्का शंकर के लैपटॉप से निजी फोटो चुरा लिए हैं। इन तस्वीरों के जरिए अनुष्का को ब्लैकमेल करने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 386 के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली थी और इस मामले की जांच कर रही थी। बताया जाता है कि अनुष्का का लैपटॉप मरम्मत के लिए दक्षिणी दिल्ली के ऐपल सर्विस सेंटर में भेजा गया था। पुलिस को शक है कि सर्विस सेंटर में ही किसी ने अनुष्का की तस्वीरें चुरा लीं। खबरों के मुताबिक , अनुष्का शंकर , अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहती हैं और उनका एक घर दिल्ली में भी है। इस साल फरवरी में उन्होंने अपना लैपटॉप मरम्मत के लिए सर्विस सेंटर भेजा था। अगस्त में पंडित रवि शंकर ने इस मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस से की जिसके बाद पुलिस ने तहकीकात शुरू कर दी। इस मामले में जांचकर्ताओं का शक मुंबई में रहने वाले एक शख्स पर है।

ग्लैमरस अंदाज में अनुष्का शंकर कहा जा रहा है कि तथाकथित ब्लैकमेलर ने अनुष्का को कई ईमेल भेजे हैं जिनमें से कुछ भारत के बाहर से भी भेजे गए। ऐसे ही एक ईमेल में तस्वीरें के बदले एक लाख डॉलर की मांग भी की गई। लेकिन जांचकर्ताओं का कहना है कि आईपी अड्रेस और जीपीआरएस कनेक्शन के डीटेल से पता चला है कि यह ईमेल भारत से ही भेजे गए हैं।

ओरहो गया हिन्दी का श्राद्ध्

औरहो गया हिन्दी का श्राद्ध्
हिन्दी वालों ने कर दिया हिन्दी का श्राद्ध् तथा एक साल के लिए कर दी सरकारी दफ्तरों से हिन्दी की छुट्टी । यह कोई नई बात नहीं है, साठ साल से यही हो रहा है और अनन्त काल तक इसी प्रकार होता रहेगा । यह एक संयोग है कि इस साल श्राद्ध् अमावश्या तथा हिन्दी के सप्ताह मनाने का दिन एक ही था । सभी कार्यालयों के अध्यक्ष 14 सितम्बर को तो संदेश वाचन में व्यस्त थे या इंदिरा गांधी पुरस्कार की दौड में । हिन्दी सप्ताह मनाया गया तथा 14 सितम्बर से 18 सितम्बर तक यह आयोजन हुआ । बडी बडी बाते कही गई, बडे बडे भाषण और व्याख्यान दिए गए । हिन्दी के सम्मान में सभी ने गुणगान कर अपने कर्त्तव्य की इतिश्री की । अपने अपने विभागाध्यक्ष से इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पुरस्कार प्राप्त किया और हिन्दी को एक साल के लिए खूंटी पर टांग दिया अब यही सबकुछ अगले साल होगा ।
सरकारी कार्यालयों में हिन्दी में सर्वोत्कृष्ट कार्य करने के लिए हर साल की तरह इस साल भी स्व. इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार भारत की महामहिम राष्ट्रपति महोदया के कर-कमलों से पाकर कार्यालयाध्यक्ष धन्य हो गए लेकिन किस कीमत पर, केवल झूठ के सहारे । धारा 3(3) का शत प्रतिशत अनुपालन दिखाया गया जबकि जो कागजात उन कार्यालयों से कंप्यूटर से जॅनरेट होते है , वे सभी केवल और केवल अंग्रेजी में ही जारी हो रहे है । मैं इस तथ्य को इसलिए कह रहा हूं कि यह मामला संसदीय राजभाषा समिति की अनेकानेक बैठकों में उठा है और इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार पाने वाले कार्यालयाध्यक्षों ने संसदीय राजभाषा समिति के समक्ष यह स्वीकार किया है कि उनके यहां राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) का अनुपालन नहीं हो पा रहा है विशेषकर कंप्यूटर जनित दस्तावेज तो केवल अंग्रेजी में जारी हो रहे है । इस तथ्य के बाद भी इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार दिया जाना शायद स्व. इंदिरा गांधी जी को कभी भी स्वीकार नहीं होता । क्या इस तथ्य पर राजभाषा विभाग गौर करेगा कि इसकी इंक्वारी सीबीआई से कराई जाए और झूटे आंकडे जिन कार्यालयों ने दिये है उस आंकडों के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी के विरूद्ध् कडी कार्रवाई हो तो शायद भारत का आम आदमी अपनी भाषा के कार्यान्वयन का सपना देख सके । अन्यथा प्रणाम राजभाषा विभाग को और उनके ऐसे अधिकारियों को जो केवल कुछ गिफ्ट लेकर इस प्रकार का घृणित अपराध करते है कि अपनी भाषा के प्रति ही भृष्ट आचरण करते हैं । मैं ऐसे विभागो को भी प्रणाम करता हूं जो झूटे आंकडे देकर पुरस्कृत हो रहे हैं । वे सभी धन्य हैं ।

सगे बेटे ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर मां के खाते से लाखों रुपये निकाल लिए

सगे बेटे ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर मां के खाते से लाखों रुपये निकाल लिए । आरोप है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने नियम कानून को तक पर रखकर पेंशन खाते में अवैध रूप से उनके बेटे का नाम जोड़ दिया और खाते पर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा भी मुहैया करा दी। महत्वपूर्ण है कि पेंशन खाते से रकम निकालने की अनुमति बैंक अधिकारी पेंशनर की उपस्थिति सुनिश्चित करने के बाद ही देते हैं। इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक पलवल की कृष्णा कॉलोनी में रहने वाली राजवती का एसबीआई बैंक में पेंशन का अकाउंट है। 3 जुलाई को वह अपने खाते से रुपये निकालने गईं तो पता चला कि उनका खाता इस ब्रांच से फरीदाबाद के सेक्टर-21 सी स्थित एसबीआई ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया है। एसबीआई के अधिकारियों ने राजवती को बताया कि उनके खाते से पांच लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। राजवती ने दावा किया कि उन्होंने इतनी बड़ी रकम नहीं निकाली है। जब राजवती ने पलवल में बैंक अधिकारियों से बात की तो उन्हें फरीदाबाद जाने को कहा गया। वह फरीदाबाद के सेक्टर-21 सी स्थित एसबीआई ब्रांच पहुंची। वहां मैनेजर ने बताया कि वह अपने बेटे मंदीप के साथ आई थीं और यह रकम निकाली, जबकि राजवती का कहना था कि वह पहली बार इस ब्रांच में आई हैं। राजवती का कहना है कि एसबीआई की फरीदाबाद ब्रांच के मैनेजर ने उनके पेंशन खाते में उनके बेटे मंदीप का नाम भी जोड़ दिया। इस खाते पर इंटरनेट बैंकिंग सुविधा भी उपलब्ध करा दी। महत्वपूर्ण है कि पेंशन खाते में किसी और व्यक्ति का नाम नहीं जोड़ा जा सकता है। राजवती ने आरोप लगाया कि मंदीप ने बैंक मैनेजर की मिलीभगत से उनके खाते से पांच लाख रुपये निकाले। तीनों ने उनके नाम से झूठे कागजात बनाए। इन कागजों में जीपीए, पैन कार्ड समेत दूसरे कागजात शामिल हैं। इन पर उनके साइन नहीं हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

Tuesday, September 15, 2009

कॉमनवेल्थ गेम्स : परियोजनाएं या तो लेट हैं या फिर शुरू ही नहीं हो पाई हैं।

कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों को लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष माइकल फेनेल की चिंता पूरी तरह से जायज नजर आ रही है। गेम्स के लिए चल रहीं कुल 35 परियोजनाओं में से आधा दर्जन को छोड़ बाकी परियोजनाएं या तो लेट हैं या फिर शुरू ही नहीं हो पाई हैं। अक्षरधाम के निकट बन रहा गेम्स विलेज भी समय पर तैयार हो पाएगा कहना मुश्किल है। बिजली - पानी के पूरे इंतजाम नहीं हैं। अब तक बसों का ही अता - पता नहीं है तो ट्रांसपोर्ट सिस्टम कैसे दुरुस्त होगा ? एयरपोर्ट के लिए तैयार किया जा रहा वॉटर प्लांट मंदी की मार झेल रहा है। सड़कें बदहाल हैं , कई रेलवे ओवर ब्रिज लटके पड़े हैं। ऐसे में फेनेल का प्रधानमंत्री डॉ । मनमोहन सिंह का हस्तक्षेप चाहना भी ठीक लगता है। कवि की चुटकी :

खतरे की घंटी पर संतुष्ट हमारी शीला अंटी

स्टेडियम टारगेट से पीछे अगले महीने अक्टूबर में कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की टीम तैयारियों का जायजा लेने दिल्ली आ रही है। इस टीम में कॉमनवेल्थ गेम्स के सभी 70 देशों के सदस्य आ रहे हैं। सभी तैयारियां लेट चल रही हैं। गेम्स विलेज में सिर्फ ढांचा खड़ा किया गया है। बाकी कामबाकी है। त्यागराज स्टेडियम को छोड़ कर छत्रसाल स्टेडियम , नेहरू स्टेडियम , यमुना स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स , डॉ . करणी सिंह शूटिंग रेंज , साकेत स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स सहित सभ टारगेट से पीछे चल रहे हैं। राजधानी में कई सरकारी एजेंसियां होने के कारण 16 रेलवे ओवर ब्रिज किसी न किसी विवाद में फंसे हैं। एजेंसियों की आपसी खींचतान के कारण इन्हें पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। न ब्यूटीफिकेशन , न बिजली गेम्स के लिए तैयार हो रहे स्थलों के आसपास 12 सड़कों का सौंदर्यीकरण किया जाना है , ये काम भी आपसी खींचतान में फंसा हुआ है। गेम्स के दौरान बिजली कहां से आएगी , इस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। पूरी तरह गेम्स के लिए तैयार किया जा रहे 1500 मेगावॉट क्षमता के बवाना पावर प्लांट में अभी 30 फीसदी तक ही काम हुआ है। प्लांट में कंट्रोल पैनल तक नहीं बना है। दादरी पावर प्लांट गैस के लिए जूझ रहा है। दामोदर वैली कॉरपोरेशन से भी बिजली की आस नजर नहीं आ रही है। जहां तक पानी का सवाल है तो इंटरनैशनल एयरपोर्ट के लिए तैयार किए जा रहे 50 एमजीडी के द्वारका वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी बादल मंडरा रहे हैं। प्लांट को तत्काल 300 करोड़ रुपये चाहिए , लेकिन जल बोर्ड के पास पैसा नहीं है। ऐसे में प्लांट का काम धीमा चल रहा है। 29 होटलों का काम शुरू नहीं मंदी के कारण होटलों की 29 साइटों में से काफी सारी साइटों पर काम ही शुरू नहीं हो पाया है। लो फ्लोर बसों का अभी तक कोई अता - पता नहीं है , ऐसे में ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। ये सारी चिंताएं गेम्स की तैयारियों पर ग्रहण लगा रही हैं।

Sunday, September 13, 2009

इच्छुक कैदियों से पैसे लेकर करीब एक महीने तक फिल्म दिखाते रहे

तिहाड़ जेल में अभी तक चोरी-छिपे बीड़ी, अफीम और गांजा ही बिकते थे, लेकिन अब ब्लू फिल्म दिखाने का भी धंधा शुरू हो गया है। कुछ कैदियों ने यह कारनामा किया है। यह कैदी ब्लू फिल्म देखने के इच्छुक कैदियों से पैसे लेकर करीब एक महीने तक फिल्म दिखाते रहे, लेकिन जेल प्रशासन की नींद तब टूटी जब यह मामला काफी कैदियों के बीच चर्चा का विषय बन गया। आनन-फानन में तिहाड़ की सभी जेलों में छापे मारे गए। चार कैदियों से 10 पेन ड्राइव मिलीं, जिनमें ब्लू फिल्म लोड थीं। अब जेल प्रशासन इस मामले को दबाने में जुटा है। सूत्रों का कहना है कि ब्लू फिल्म दिखाने का यह धंधा तिहाड़ की जेल नंबर-2 और 3 में चल रहा था। यहां के चार कैदियों ने कहीं से 10 पेन ड्राइव का इंतजाम किया और इनमें ब्लू फिल्में लोड कर लीं। अभी यह साफ नहीं है कि ब्लू फिल्में कहां से आईं, लेकिन आशंका है कि ये फिल्में जेल सुपरिंटेंडेंट के कंप्यूटरों से ही लोड की गईं, क्योंकि जेल में सिर्फ जेल सुपरिंटेंडेंट के कंप्यूटरों में ही इंटरनेट कनेक्शन है। सूत्रों के मुताबिक, पेन ड्राइव में ब्लू फिल्में लोड करने के बाद इन चारों कैदियों ने दोनों जेलों की लाइब्रेरी में रखे कंप्यूटरों पर इन्हें दूसरे कैदियों को दिखाना शुरू कर दिया। जेलों की लाइब्रेरी में कंप्यूटर कैदियों को सिखाने के लिए हैं। कंप्यूटरों की मदद से गरीब कैदियों के लिए कोर्ट कार्यवाही के लिए डॉक्युमेंट भी तैयार किए जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि पहले तो ब्लू फिल्में कैदियों को फ्री में दिखाई गईं लेकिन बाद में दो मिनट की मूवी दिखाने के लिए 100 रुपये और 5 मिनट की मूवी दिखाने के लिए यह कैदी इच्छुक कैदी से 150 रुपये ले रहे थे। दोनों जेलों में ब्लू फिल्म देखने वाले कैदियों की संख्या में इजाफा होता गया। करीब एक महीने तक ऐसा चलता रहा। सूचना मिलने पर जेल प्रशासन ने सभी जेलों में रात में छापे मारे। छापे के दौरान सभी जेलों की लाइब्रेरी में लगे कंप्यूटरों की जांच की गई। इस दौरान जेल नंबर-2 में तीन कैदियों के पास 6 और जेल नंबर-3 में एक कैदी के पास 4 पेन ड्राइव मिलीं। इन पेन ड्राइव की जांच की गई तो उनमें सिर्फ ब्लू फिल्में थीं। इस मामले में तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील कुमार ने कहा कि जेल में ब्लू फिल्म दिखाने वाला कोई मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेल प्रशासन इस बात को दबा रहा है। चारों कैदियों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सूचना मिलते ही पुलिस भी तत्काल मौके पर पहुंची।

सेक्टर-12 मेट्रो चौराहे के पास शुक्रवार रात का एक नजारा। सड़क पर गिरे हुए एक युवक की दो लड़कियां जमकर पिटाई कर रही हैं। उसे जमकर गालियां भी दे रही हैं। यह देख लोगों की भीड़ जुट गई। खबर फैली कि दो लड़कियों ने बहादुरी दिखाते हुए चेन छीन कर भाग रहे एक स्नैचर को दबोच लिया है। सूचना मिलते ही पुलिस भी तत्काल मौके पर पहुंची। जिस युवक की पिटाई हो रही थी उसे पुलिस ने कस्टडी में ले लिया। घटना की जानकारी के लिए दोनों युवतियों को भी थाने लाया गया। युवक से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने राज खोला कि ये दोनों लड़कियां कॉलगर्ल हैं। वह बहादुरी का कोई कारनामा नहीं कर रही थीं, बल्कि तय हुई रकम की वसूली का 'प्रयास' कर रही थीं। इनसे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने उन दो ऑटो ड्राइवरों को भी गिरफ्तार किया जो उन्हें दिल्ली से नोएडा ले आए थे। अब पुलिस इनके पूरे रैकेट का पता लगा रही है। हालांकि इस केस में पुलिस को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, लिहाजा इन पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है। पूछताछ में चौंकाने वाली बात आई है कि पकड़ी गई दोनों कॉलर्गल्स दिल्ली के एक कॉलेज की स्टूडेंट हैं। दोनों को शुक्रवार देर रात ही महिला थाने में भेज दिया गया। इस मामले में पकड़ा गया युवक परसेन है। उसने अपने एक अन्य साथी से मिलकर 2-2 हजार रुपये में दिल्ली इन कॉलर्गल्स को शुक्रवार रात नोएडा बुलाया था। दिल्ली से ऑटो के जरिए नोएडा आने का खर्च भी दोनों युवकों को देना था। शुक्रवार रात दोनों कॉलगर्ल सेक्टर-12 मेट्रो चौराहे के पास पहुंची। दोनों युवक काफी देर तक उनके साथ टहलते रहे। इसे देख दोनों कॉलगर्ल ने उनसे तय हुए रुपयों की मांग की और लौटने की बात कही। इसी बात को लेकर इनमें विवाद हो गया। मामला तूल पकड़ने पर दोनों कॉलगर्ल गाली गलौच करने लगीं। इसी दौरान एक युवक फरार हो गया, जबकि परसेन नामक युवक को सड़क पर ही दोनों कॉलगर्ल ने गिरा दिया और पिटाई शुरू कर दी। वहां मौजूद लोगों ने इस बारे में सेक्टर-24 थाने में सूचना दी कि किसी स्नैचर को दबोच कर दो लड़कियां पिटाई कर रही हैं। पुलिस भी तत्काल मौके पर पहुंची। मामले का जब खुलासा हुआ तो पुलिस ने दोनों ऑटो ड्राइवर रवि और राजू को गिरफ्तार कर लिया।

Thursday, September 10, 2009

करीब 5 हजार हिंदू तालिबान के डर से भाग कर भारत आ गए

पिछले चार सालों में पाकिस्तान से करीब 5 हजार हिंदू तालिबान के डर से भाग कर भारत आ गए, कभी वापस न जाने के लिए। अपना घर, अपना सबकुछ छोड़कर, यहां तक की अपना परिवार तक छोड़कर, आना आसान नहीं है। लेकिन इन लोगों का कहना है कि उनके पास वहां से भागने के अलावा कोई चारा नहीं था। 2006 में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। हफ्ते में एक बार चलनी वाली यह ट्रेन कराची से चलती है भारत में बाड़मेर के मुनाबाओ बॉर्डर से दाखिल होकर जोधपुर तक जाती है। पहले साल में 392 हिंदू इस ट्रेन के जरिए भारत आए। 2007 में यह आंकड़ा बढ़कर 880 हो गया। पिछले साल कुल 1240 पाकिस्तानी हिंदू भारत जबकि इस साल अगस्त तक एक हजार लोग भारत आए और वापस नहीं गए हैं। वह इस उम्मीद में यहां रह रहे हैं कि शायद उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाए, इसलिए वह लगातार अपने वीजा की अवधि बढ़ा रहे हैं। गौर करने लायक बात यह है कि यह आंकड़े आधिकारिक हैं, जबकि सूत्रों का कहना है कि ऐसे लोगों की संख्या कहीं अधिक है जो पाकिस्तान से यहां आए और स्थानीय लोगों में मिल कर अब स्थानीय निवासी बन कर रह रहे हैं। अधिकारियों का इन विस्थापितों के प्रति नरम व्यवहार है क्योंकि इनमें से ज्यादातर लोग पाकिस्तान में भयावह स्थिति से गुजरे हैं। वह दिल दहला देने वाली कहानियां सुनाते हैं।
मुनाबाओ रेलवे स्टेशन के इमिग्रेशन ऑफिसर हेतुदन चरण का कहना है, 'भारत आने वाले शरणार्थियों की संख्या अचानक बढ़ गई है। हर हफ्ते 15-16 परिवार यहां आ रहे हैं। लेकिन इनमें से कोई भी यह स्वीकार नहीं करता कि वह यहां बसने के इरादे से आए हैं। लेकिन आप उनका सामान देखकर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि वह शायद अब वापस नहीं लौटेंगे।' राना राम पाकिस्तान के पंजाब में स्थित रहीमयार जिले में अपने परिवार के साथ रहता था। अपनी कहानी सुनाते हुए उसने कहा- वह तालिबान के कब्जे में था। उसकी बीवी को तालिबान ने अगवा कर लिया। उसके साथ रेप किया और उसे जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाया। इतना ही नहीं, उसकी दोनों बेटियों को भी इस्लाम कबूल करवाया। यहां तक की जान जाने के डर से उसने भी इस्लाम कबूल कर लिया। इसके बाद उसने वहां से भागना ही बेहतर समझा और वह अपनी दोनों बेटियों के साथ भारत भाग आया। उसकी पत्नी का अभी तक कोई अता पता नहीं है। एक और विस्थापित डूंगाराम ने कहा- पिछले दो सालों में हिंदुओं के साथ अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं खासकर परवेज़ मुशर्रफ के जाने के बाद। अब कट्टरपंथी काफी सक्रिय हो गए हैं... हम लोगों को तब स्थायी नौकरी नहीं दी जाती थी, जब तक हम इस्लाम कबूल न कर लें। बाड़मेर और जैसलमेर में शरणार्थियों के लिए काम करने वाले सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा कहते हैं- भारत में शरणार्थियों के लिए कोई पॉलिसी नहीं है। यही कारण है कि पाकिस्तान से भारी संख्या में लोग भारत आ रहे हैं। सोढ़ा ने कहा- पाकिस्तान के साथ बातचीत में भारत सरकार शायद ही कभी पाकिस्तान में हिदुंओं के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार व अत्याचार का मुद्दा नहीं उठाती है। उन्होंने कहा- 2004-05 में 135 शरणार्थी परिवारों को भारत की नागरिकता दी गई, लेकिन बाकी लोग अभी भी अवैध तरीके से यहां रह रहे हैं। यहां पुलिस इन लोगों पर अत्याचार करती है। उन्होंने कहा- पाकिस्तान के मीरपुर खास शहर में दिसंबर 2008 में करीब 200 हिदुओं को इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया। बहुत से लोग ऐसे हैं जो हिंदू धर्म नहीं छोड़ना चाहते लेकिन वहां उनके लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं।

Tuesday, September 8, 2009

सरकार के फैसले के खिलाफ विद्रोह

देश के बाहर खुफिया सूचनाएं जमा करने वाली महत्वपूर्ण एजंसी 'रिसर्च ऐंड अनैलिसिस विंग' (रॉ) के अधिकारियों ने सरकार के फैसले के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। अपने से जूनियर अफसर को प्रमोशन देकर ऊपर बैठाए जाने से नाराज रॉ के अधिकारी लामबंद हो गए हैं। सात सीनियर अधिकारी विरोध स्वरूप छुट्टी पर चले गए हैं। सूत्रों के मुताबिक हालात की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट सचिवालय ने आदेश जारी किया है कि अगले हफ्ते तक विभागीय प्रमोशन कमिटी की बैठक बुलाई जाए। इस बैठक में छुट्टी पर गए सात अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की प्रमोशन पर विचार किया जाएगा। सारा विवाद मणिपुर कैडर के 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी ए. बी. माथुर की रॉ में नियुक्ति को लेकर है। सरकार ने माथुर को प्रमोशन देकर रॉ में स्पेशल सेक्रटरी नियुक्त किया है। इस नियुक्ति में रॉ के अपने कैडर के अधिकारियों की वरिष्ठता की अनदेखी की गई है। रॉ के जिन अफसरों को प्रमोशन प्रभावित हुई है, उनमें 1973 बैच पी. एम. हबलीकर और चक्र सिन्हा भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबक नाराज अफसरों ने अपने मुखिया के. सी. वर्मा को अपने फैसले से अवगत करा दिया था। वर्मा की पहल पर कैबिनेट सचिवालय ने अगले सप्ताह विभागीय कमिटी की बैठक बुलाने का आदेश दिया है। रॉ में बाहरी अधिकारियों का मुद्दे लंबे समय से एक समस्या बना हुआ है। इसकी शुरुआत तब हुई थी, जब इंटेलीजेंस ब्यूरो के स्पेशल डाइरेक्टर ए. एस. दौलत को रॉ का चीफ बनाया गया था। 2005 में मनमोहन सरकार ने जब केरल के पुलिस महानिदेशक पी. के. एच. थाराकन को रॉ का नेतृत्व सौंपा था तो उस समय रॉ के तत्कालीन विशेष सचिव जे. के. सिन्हा ने विरोध में इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद 1970 बैच के आईएएस अफसर अशोक चतुर्वेदी रॉ के चीफ बनाए गए थे। उस समय अम्बर सेन को सुपरसीड किया गया था। रॉ का अपना अलग कैडर है। रॉ अलाइड सर्विसेज (आरएएस) कैडर के अफसरों को इस प्रतिष्ठित एजंसी में वरीयता मिलती रही है। आईएएस और आईपीएस से रॉ में आने वाले अफसरों की वरीयता क्रम में सबसे नीचे रखा जाता है। उन्होंने कोई वरिष्ठता लाभ भी नहीं दिया जाता है। इन हालात में माथुर की नियुक्ति ने बवाल खड़ा कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो यह मुद्दा गंभीर रूप ले सकता है।

शशि थरूर ने अपने बयान में कहा है कि वे तो ताज होटल 1 सितंबर को ही छोड़ चुके हैं।

फाइव स्टार होटेलों में रहने को लेकर हो रही आलोचना के बाद विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा और विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर गेस्ट हाउसों में रहने चले गए हैं। इसके पहले प्रणब मुखर्जी ने भी इस बारे में पूछे जाने पर कहा था कि मैंने कृष्णा और थरूर को अपने गेस्ट हाउसों में जाने की सलाह दी थी। उन्होंने मंत्रालयों को सरकारी खर्च कम करने का आदेश देने के मद्देनजर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। हालांकि दोनों मंत्रियों का कहना है कि वे होटलों में अपने खर्चे से रह रहे थे। शशि थरूर ने अपने बयान में कहा है कि वे तो ताज होटल 1 सितंबर को ही छोड़ चुके हैं।
गौरतलब है कि सोमवार को वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को नोटिस जारी कर कहा था कि वे अपने खर्चों में 10 पर्सेंट तक की कटौती करें। मंत्री विदेशों का दौरा कम करें। मंत्री न तो फाइव स्टार होटलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और न फाइव स्टार होटलों में रहें। किसी भी प्रदेश के दौरे में वे सरकारी भवन में ही रहें। यहां पत्रकारों से बातचीत में प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'दोनों मंत्रियों से होटेल को खाली करने का अनुरोध किया गया है। वे जिन राज्यों से चुनाव जीतकर आए हैं, उन राज्यों के सरकारी भवनों में रह सकते हैं। इसके अलावा दोनों विदेश मंत्रालय से मंत्री है और हैदराबाद हाउस में मंत्रालय का गेस्ट हाउस भी बना हुआ है। दोनों मंत्री चाहे तो वहां रह सकते हैं।' एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि दोनों मंत्री होटेल के कमरों को मंगलवार को ही खाली करने पर सहमत हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार एस. एम. कृष्णा फॉरेन सर्विस इंस्टिट्यूट (एफएसआई) गेस्ट हाउस जा रहे हैं। कृष्णा मौर्या के जिस सुइट (कमरे) में रह रहे थे, उस प्रतिदिन का किराया एक लाख रुपये था। लोकसभा चुनावों से पहले दो नेताओं ने अपनी कुल संपत्ति 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की बताई है। दोनों मंत्रियों का मानना है कि होटेलों में रहने का पूरा खर्च उन्होंने खुद उठाया है। मगर उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि होटल बिल कितने का दिया। इस मामले में दोनों का तर्क यह है कि दोनों को जो बंगला दिया गया है, उसकी मरम्मत का काम चल रहा है। यही कारण है कि उन्हें होटेल में रहना पड़ा। इधर कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में प्रणब मुखर्जी के बयान को सही बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि सरकार खर्चों में कमी का ऐलान कर रही है। ऐसे में अगर मंत्री फाइव स्टार होटलों में रहेंगे तो इसका गलत संदेश गलत जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने इन दोनों मंत्रियों के होटलों का बिल नहीं दिया है।

Thursday, September 3, 2009

राजशेखर रेड्डी की मौत

चमत्कार की उम्मीदें, उम्मीदें ही रह गईं और बुरी आशकाएं हकीकत बन गईं। हेलिकॉप्टर हादसे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई। एस. राजशेखर रेड्डी की मौत हो गई। उनके साथ हेलिकॉप्टर में हैदराबाद से चित्तूर के लिए रवाना हुए चार अन्य लोगों की भी लाशें मिल गई हैं। इस बीच आंध्र प्रदेश के मौजूदा वित्त मंत्री के . रोसैया को राज्य का कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया है। हादसे में मुख्यमंत्री के साथ जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें प्रधान सचिव सुब्रमण्यम , मुख्य सुरक्षा अधिकारी ए . एस . सी . वेसले , पायलट कैप्टन एस . के . भाटिया और सह - पायलट कैप्टन एम . एस . रेड्डी शामिल हैं। बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे से ही मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर लापता था और उसके बाद भारत में अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। करीब 24 घंटे बाद गुरुवार सुबह वायु सेना की टीम को कुर्नूल से करीब 75 किलोमीटर पूरब में पहाड़ी पर हेलिकॉप्टर का मलबा मिला और थोड़ी ही देर में पांचों शव भी मिल गए। तस्वीरों में :
राजशेखर रेड्डी के निधन की औपचारिक घोषणा करते हुए गृहमंत्री पी . चिदबरंम ने बताया , ‘ दुर्घटना में हेलिकॉप्टर पूरी तरह टूट और जल गया। इससे उसमें सवार रेड्डी सहित पांच लोग के शरीर भी जल गए। दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर का मलबा भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने कुर्नूल के पूरब आत्माकुर के नजदीक एक पहाड़ी की चोटी पर सुबह साढ़े आठ बजे देखा। ’ चिदंबरम ने बताया कि रेड्डी सहित हादसे में मारे गए सभी लोगों के शव अभी भी पहाड़ी पर हैं और उन्हें वहां से लाने के प्रयास जारी हैं। इसमें कितना समय लगेगा , यह नहीं कहा जा सकता। चिदंबरम ने कहा , ‘ मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी की मौत से हम गहरे सदमे हैं। यह बहुत बड़ा नुकसान है। हम मुख्यमंत्री और दुर्घटना में मारे गए अन्य लोगों के परिजनों के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्रा के. रोसैया ने कहा है कि मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को कल दफनाया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई नेताओं के भाग लेने की संभावना है।

Tuesday, September 1, 2009

चीन को भारत के 20-30 टुकड़े कर देने चाहिए।

हाल के अरसे में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता में बढ़ोतरी होती दिखाई दी है। जहां जम्मू - कश्मीर के लेह इलाके में चीनी हेलिकॉप्टरों की घुसपैठ की घटनाएं हुई हैं , वहीं सिक्किम में नाथु - ला पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हल्के संघर्ष की खबरें भी मिलीं। कुछ ही दिनों पहले एक चीनी थिंक टैंक ने यह सलाह अपनी सरकार को दी है कि चीन को भारत के 20-30 टुकड़े कर देने चाहिए। हालांकि इसी दौरान भारत - चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए वार्ताएं भी हुई हैं , पर इस बीच चीन की तरफ से घुसपैठ आदि की जो घटनाएं हुई हैं , उनसे चीन के व्यवहार और उद्देश्य को लेकर भ्रम पैदा होता है। यह भी पढ़ें :
खंडित भारत का उसे दिखे स्वप्न
हसीन चीनी थिंक टैंक - चाइना इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज की वेबसाइट पर झान लू नामक लेखक ने लिखा है कि चीन अपने मित्र देशों - पाकिस्तान , बांग्लादेश , नेपाल और भूटान की मदद से तथाकथित भारतीय महासंघ को तोड़ सकता है। झान लू तमिल और कश्मीरियों को आजाद कराने और अल्फा जैसे संगठनों का समर्थन करने की बात भी कहते हैं। झान कहते हैं कि चीन बांग्लादेश को प . बंगाल की आजादी को समर्थन देने के लिए प्रोत्साहित करे , ताकि एक बांग्ला राष्ट्र का उदय हो सके। वह अरुणाचल प्रदेश में 90 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन को मुक्त कराने की सलाह भी देते हैं।
चीनी सरकार को सलाह देने वाले थिंक टैंक की यह वेबसाइट अधिकृत हो या नहीं , पर यह इस बात का प्रमाण तो है ही कि वहां के बुद्धिजीवी अभी भी भारत के बारे में क्या सोचते हैं। ऐसी व्याख्याएं करते वक्त वे यह भूल जाते हैं कि आजादी के बाद भारत के टूट जाने संबंधी उतने सिद्धांत सामने नहीं आए हैं जितने चीन के। चीन की टूट की भविष्यवाणी करने वालों में चीनी सरकार से असंतुष्ट , ताइवानी पृष्ठभूमि से लेकर अन्य श्रेणी के लोग भी शामिल हैं। ये चीन का विखंडन निश्चित मानते हैं। जापान में केनिची ओहमेइ ने लिखा है कि चीन के टूटने के बाद 11 गणराज्य पैदा हो सकते हैं , जो एक ढीलाढाला संघीय गणराज्य कायम कर लेंगे। 1993 में दो विद्वानों ने युगोस्लाविया से तुलना करते हुए चीन की संभावित टूट के प्रति आगाह किया था। उन्होंने केंद्रीय सरकार के वित्तीय केंद्रीकरण की नीति को युगोस्लाविया के समान मानते हुए कहा कि इस वजह से इस देश को एक रख पाना संभव नहीं होगा। सोवियत संघ एवं पूर्वी यूरोप में कम्युनिस्ट शासन के ध्वंस काल में अमेरिकी रक्षा विभाग ने चीन के भविष्य के आकलन के लिए एक 13 सदस्यीय पैनल का गठन किया , जिसमें बहुमत से चीन के बिखर जाने की बात कही गई थी। 1995 में यूनिवसिर्टी ऑफ कैलिफोनिर्या के प्रो . जैक गोल्डस्टोन ने फारेन अफेयर्स में लिखे अपने लेख ' द कमिंग चाइनीज कोलैप्स ' में कहा कि अगले 10 से 15 वर्षों में चीन के शासक वर्ग के सामने बड़ा संकट पैदा होगा। इसके संदर्भ में उन्होंने बुजुर्गों की बढ़ती आबादी , कर्मचारियों व किसानों का असंतोष और नेतृत्व के बीच मतभेद का संकट तथा वित्तीय कमजोरियों के कारण नेतृत्व की प्रभावकारी शासन करने की क्षमता में तेज गिरावट आदि का उल्लेख किया था। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के ही गॉर्डन सी . चांग ने अपनी पुस्तक - कमिंग कोलैप्स ऑफ चाइना में चीन की आर्थिक संस्थाओं की कमजोरियों का विस्तृत विश्लेषण करते हुए कहा है कि विश्व व्यापार संगठन में उसका प्रवेश उसके विघटन का कारण बन जाएगा।

Monday, August 31, 2009

दो बार घुसपैठ की गई।

जम्मू-कश्मीर के लेह इलाके में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा घुसपैठ करने की घटनाएं बढ़ गई हैं। अगस्त के महीने में सबसे ज्यादा घुसपैठ हुई हैं। इस साल अगस्त में चीनी गश्ती दल ने भारतीय सीमा में 26 बार प्रवेश किया। वे अपने साथ पेट्रोल और केरोसिन ले गए जो सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों के लिए रखा गया था। इसी इलाके में दो चीनी हेलिकॉप्टरों ने भारतीय वायुसीमा का भी उल्लंघन किया है। इस दौरान उन्होंने हिमालयी कस्बे के चुमार क्षेत्र में बंजर जमीन पर डिब्बाबंद खाना भी गिराया। चीन के एमआई हेलिकॉप्टरों के आने की सूचना ऊंचाई पर स्थित पेंगांग के आसपास रहने वाले लोगों ने पास की रक्षा चौकी को दी। इसके बाद सेना की विमानन कोर ने हरकत में आते हुए अपने चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों को रवाना किया। चीनी हेलिकॉप्टर इस साल 21 जून को भारतीय सीमा में पांच मिनट मंडराए और उन्होंने खाने-पीने की चीजें नीचे फेंकी। उधमपुर में उत्तरी कमान के सैन्य प्रवक्ता ने, चुमार के दक्षिणी क्षेत्र में चीन का हेलिकॉप्टर आने की खबर थी। इस क्षेत्र में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की धारणा को लेकर मतभेद हैं। एक खुफिया रक्षा दस्तावेज से पता चलता है कि लद्दाख के डमचोक क्षेत्र और ट्रिग पहाड़ियों में चीनी हेलिकॉप्टरों ने भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश किया और ऊपर से डिब्बाबंद भोजन गिराया। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी इस क्षेत्र में कई बार भारतीय पक्ष में घुस आती है। टिग पहाड़ियां वह क्षेत्र हैं जिसमें इस साल जून, जुलाई और अगस्त में चीनी गश्त बढ़ी थी। ट्रिग पहाड़ियों को ट्रेड जंक्शन के रूप में जाना जाता है। अतीत में यह क्षेत्र लद्दाख और तिब्बत को जोड़ता था। चीनी सेना गश्ती दल ने जून में 26 उड़ानें भरी जिनमें हेलिकॉप्टर द्वारा दो बार घुसपैठ की गई। इसके अलावा जुलाई में 21 उड़ानें भरी गईं। सेना प्रवक्ता ने इन घुसपैठ प्रयासों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा, सीमा के आसपास कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा की अवधारणा को लेकर भारत और चीन के बीच मतभेद हैं। दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अपनी अवधारणाओं वाले क्षेत्र में गश्त करते हैं।

Saturday, August 29, 2009

बीजेपी में भी बदलाव के फॉर्म्युले को लेकर माथापच्ची शुरू

बीजेपी में रोज़-रोज़ की जूतम पैजार के बाद पार्टी में बदलाव की कमान परोक्ष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने खुद संभाल ली है। संघ से मिले संदेश के बाद बीजेपी में भी बदलाव के फॉर्म्युले को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है। शुक्रवार देर शाम सरसंघचालक मोहन राव भागवत द्वारा अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को चर्चा के लिए एक साथ बुलाने को राजनीतिक हलके में गंभीरता से लिया जा रहा है। हालांकि दोनों के बाद वेंकैया नायडू और अनंत कुमार भी पहुंचे थे। संघ प्रमुख से चारों नेताओं ने करीब 2 घंटे तक चर्चा की और इसके बाद संदेश लेकर आडवाणी के घर रवाना हो गए। सुषमा लोकसभा में विपक्ष की नेता और जेटली पार्टी अध्यक्ष के दावेदार के रूप में उभरे हैं। ऐसी स्थिति में वेंकैया को राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी मिल सकती है। लेकिन सूत्रों का यह भी कहना है कि अभी कुछ भी तय नहीं है और विरोधी गुट इतनी जल्दी हार नहीं मानेगा। इसका प्रमाण पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी का शनिवार सुबह मोहन राव भागवत से मिलना है। बताया जा रहा है कि जोशी चाहते हैं कि आडवाणी के वारिस के रूप में उनके नाम पर भी विचार हो। संघ भी चाहता है कि इस बार कोई कसर ना रह जाए। इसके लिए वह आडवाणी विरोधी नेताओं को भी तरजीह देने के पक्ष में हैं। जबकि जेटली, सुषमा और वेंकैया आडवाणी के ही करीबी माने जाते हैं।
आडवाणी आज भागवत से मिलने वाले हैं और पूरी संभावना है कि इस बैठक में वह उनके सामने कोई फॉर्म्युला पेश करेंगे। अगर, संघ प्रमुख इस पर मुहर लगा देते हैं, तो इसे दिसंबर में अध्यक्ष बदलने के समय अमल में लाया जाएगा। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह पहले ही संघ प्रमुख से मिलकर अपनी सफाई दे चुके हैं। शुक्रावर को संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने बीजेपी में बदलाव के लिए सार्वजनिक रूप से तीन संदेश दिए थे। पहला, लालकृष्ण आडवाणी को विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देना होगा। दूसरा, पार्टी अध्यक्ष पद से दिसंबर में राजनाथ सिंह की विदाई हो जाएगी। तीसरा, पार्टी के सभी फैसलों में आडवाणी और राजनाथ सिंह की संयुक्त भूमिका रहेगी। संघ ने बीजेपी में बदलाव के लिए इस बार दबाव बढ़ाकर इन दोनों नेताओं के सामने कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। साथ ही यह संकेत भी दे दिया है कि बीजेपी पर संघ की पकड़ ढीली नहीं हुई है।

भारत के पहले मून मिशन पर संकट के बादल मंडराने लगे

भारत के पहले मून मिशन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। शनिवार तड़के चंद्रयान-1 का इसरो से र
ेडियो संपर्क टूट गया। इसरो के वैज्ञानिक संपर्क को फिर से बहाल करने में जुटे हुए हैं। अगर यह नहीं हो पाता है तो दो साल का यह मिशन 10 महीने में ही खत्म हो जाएगा। चंद्रयान-1 को पिछले साल 22 अक्टूबर को छोड़ा गया था। इसरो ने बयान में कहा है कि बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर ब्यालालू में डीप स्पेस नेटवर्क ने पिछले ऑर्बिट से 12.25 मिनट को चंद्रयान से अंतिम डेटा मिला है। अब इसरो के वैज्ञानिक डेटा के विश्लेषण से चंद्रयान की स्थिति के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसरो के बयान में कहा गया है कि चंद्रयान ने ऑर्बिट में 312 दिन पूरे करने के साथ ही चंद्रमा की कक्षा में 3400 चक्कर पूरे कर लिए हैं। चंद्रयान ने इस दौरान कई अहम डेटा भी भेजे हैं। इससे पहले 16 मई को चंद्रयान-1 का एक अहम उपकरण स्टार सेंसर ओवर हीटिंग की वजह से काम करने में नाकाम हो गया था। लेकिन चंद्रयान में लगे जाइरोस्कोप को ऐक्टिवेट करके और उसका तालमेल बाकी के इलेक्ट्रो मेकेनिकल डिवाइस के साथ बैठाकर इस समस्या से निपट लिया गया था।

'सूर्य नमस्कार' एवं 'प्राणायाम' को अनिवार्य न बनाए।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शैक्षणिक संस्थाओं में
'सूर्य नमस्कार' एवं 'प्राणायाम' को अनिवार्य न बनाए। चीफ जस्टिस ए. के. पटनायक और जस्टिस अजित सिंह की डिविजन बेंच ने यह आदेश सुनाते हुए राज्य के मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और अन्य को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने यह आदेश मध्य प्रदेश कैथलिक चर्च द्वारा दायर याचिका पर सुनाया है। चर्च ने याचिका में कहा कि हाई कोर्ट के पहले के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने हाल में सूर्य नमस्कार और प्राणायाम को अल्पसंख्यक संस्थाओं में प्रत्येक हफ्ते करना अनिवार्य बना दिया, जो संविधान की धाराओं का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता आनंद मुत्तूंगल ने राज्य के शिक्षा विभाग के खिलाफ यह कहते हुए कार्रवाई करने की मांग की है कि सूर्य नमस्कार और प्राणायाम को अनिवार्य करने पर पाबंदी लगाए जाने के 24 जनवरी, 2007 के हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद विभाग ने अपने स्कूलों को इसे जुलाई, 2009 से अनिवार्य बनाने को कहा। 2007 में हाई कोर्ट ने जमीयत-ए-उलेमा हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इन दोनों पद्धतियों को अनिवार्य न बनाने का निर्देश दिया था। कैथलिक चर्च के प्रवक्ता फादर मुत्तूंगल ने दिसंबर, 2006 में कहा था कि इन दोनों अभ्यासों को स्कूलों में साल में एक बार अनिवार्य बना दिया गया। लेकिन अब राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग के जरिये 29 जुलाई, 2009 को सर्कुलर जारी कर स्कूलों से इसे प्रत्येक हफ्ते अनिवार्य रूप से आयोजित करवाने को कहा है।

Thursday, August 27, 2009

मिस्यार शादी के बाहर सेक्स संबंधों को जायज ठहरा रहा है।

रूढ़िवादी सऊदी अरब में पुरुष और महिलाएं मिस्यार निकाह के जरिए सेक्स संबंध बनाने को तरजीह दे रहे हैं। मिस्यार निकाह को आप एक तरह की कॉन्ट्रैक्ट मैरिज कह सकते हैं जिसके जरिए स्त्री-पुरुष पारंपरिक शादी के बंधन में बंधे बिना सेक्स रिलेशन कायम कर सकते हैं। सऊदी अरब जैसे रूढ़िवादी देश में यह प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। मिस्यार में कपल एक दूसरे से अलग रह सकते हैं, लेकिन फिर भी सेक्स संबंध कायम कर सकते हैं। अगर किसी कारणवश पति-पत्नी साथ नहीं रहते या उनका रिश्ता टूट जाता है तो वह अलग रह सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद वह सेक्स संबंध बना सकते हैं। इसमें महिलाएं और पुरुष अपनी मर्जी से अपनी शादीशुदा जिंदगी के अधिकार छोड़ देते हैं। मसलन महिलाओं को मिलने वाले शादी के बाद के सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं, वहीं पुरुष पूरी आजादी का आनंद लेते हैं।
सऊदी अरब जैसे देश में मिस्यार के तेजी से प्रचलित होने की एक खास वजह यह भी है कि इससे शादी में होने वाले भारी-भरकम खर्चों जैसे- दहेज, पार्टी, डिनर, घर की साज सजावट, हनीमून का खर्चा भी बच जाता है। गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है- मिस्यार उन लोगों को काफी रास आ रहा है जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है। रिपोर्ट में सऊदी अरब के एक व्यक्ति ने कहा है- अपनी पहली शादी के टूट जाने के बाद उसने कई मिस्यार शादियां कीं और किसी भी शादी में वह छह महीने से ज्यादा नहीं रहा। उसने कहा- इन शादियों से उसके खर्च में उतनी कमी नहीं आई जितनी उसने उम्मीद की थी। सच तो यह है कि अब वह एक ऐसे पार्टनर की तलाश कर रहा है, जिसके साथ वह हमेशा रह सके। उन्होंने यह भी कहा कि मिस्यार पत्नियां लालची किस्म की थीं जिनका मकसद गिफ्ट और पैसा लेना ही था। गार्जियन के अनुसार, अब ऐसी महिलाओं की कमी नहीं है जो मिस्यार कॉन्ट्रैक्ट करने को तरजीह दे रही हैं। महिलाओं का कहना है मिस्यार पति कभी अपनी वास्तविक पत्नी को अपने दूसरे संबंधों के बारे में नहीं बताते, तो मिस्यार पत्नियां ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं? गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है- मिस्यार पॉप्युलर हो रहा है क्योंकि जिस समाज में विवाहेतर संबंध और शादी से पहले सेक्स संबंधों को अपराध माना जाता है, वहां मिस्यार शादी के बाहर सेक्स संबंधों को जायज ठहरा रहा है।

मिश्र ने कहा, 'फैसला कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने किया था।

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने पहले से ही परेशानियों से जूझ रहे बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मिश्र ने आज कहा कि इंडियन एयरलाइंस के अपहृत विमान के यात्रियों को छुड़ाने के लिए तीन आतंकवादियों को मुक्त करने और उनके साथ जसवंत सिंह को कंधार भेजने के तत्कालीन एनडीए सरकार के फैसले में तत्कालीन गृह मंत्री आडवाणी की रजामंदी भी शामिल थी। मिश्र ने कहा, 'फैसला कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने किया था। आप जानते हैं कि इस समिति में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री सदस्य होते हैं।
उन्होंने सीएनएन-आईबीएन चैनल पर पत्रकार करण थापर से कहा कि जब मांगें तीन आतंकवादियों को छोड़ने तक ही आ गईं तो सुरक्षा समिति ने विमान के 160 से ज्यादा बंधक यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान बचाने के लिए सर्वसम्मति से फैसला किया था। उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों ने माना था कि बंधकों को छुड़ाने के लिए उन तीन आतंकवादियों को मुक्त करना ठीक है। उनसे साफ-साफ पूछा गया कि क्या उस फैसले से सभी सहमत थे, तो मिश्र ने कहा, 'बिल्कुल, वह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था।'

उनके पास करीब 23 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति


राजस्थान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वीएचपी के एक बड़े नेता दामोदर मोदी से 10 करोड़ रुपये नकद और कम से कम 57 लाख रुपये की जूलरी जब्त की है। वीएचपी के जयपुर प्रांत के 'संरक्षक' मोदी स्टॉक ब्रोकर का भी काम करते हैं। इनकम टैक्स के अडिशनल डायरेक्टर प्रसन्नजीत सिंह ने कहा कि मोदी के आठ बैंक लॉकर हैं और उनकी प्रॉपर्टी कम से कम 22 करोड़ रुपये की है। मोदी ने माना है कि उनके पास करीब 23 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति है और उन्होंने इस पर टैक्स देना स्वीकार किया है।

Tuesday, August 25, 2009

'विभाजन का दोषी कौन'।

भारत विभाजन के 62 साल बाद अभी भी 'विभाजन क्यों और कैसे हुआ' की जगह यह सवाल ज्यादा चर्चित है कि 'विभाजन का दोषी कौन'। इसके लिए कभी अंग्रेज, तो कभी मोहम्मद अली जिन्ना कठघरे में खड़े किए जा चुके हैं। अभी हाल में अपनी पुस्तक 'जिन्ना : भारत विभाजन के आईने में' में बीजेपी के वरिष्ठ नेता माने जाने वाले जसवंत सिंह ने जिन्ना को बाइज्जत बरी करके जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उनके इन विचारों से नाराज होकर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से ही निकाल बाहर किया। इस तरह जो नाइंसाफी जसवंत सिंह ने नेहरू और पटेल के साथ की, लगभग वही नाइंसाफी बीजेपी ने जसवंत सिंह के साथ की है। एक तरह से देखा जाए तो जसवंत सिंह ने न सिर्फ नेहरू-पटेल के साथ नाइंसाफी की है, बल्कि उससे भी अधिक जिन्ना के साथ की है। जिस आंदोलन के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ, उसमें जिन्ना की केंदीय भूमिका को अनदेखा करना नैतिक रूप से उनके साथ ऐतिहासिक नाइंसाफी है। यह सच है कि पाकिस्तान में कायदे आजम के रूप में प्रतिष्ठित जिन्ना को भारत में खलनायक के रूप में देखा जाता रहा है। जिन्ना को अलग-अलग समय में 'कम्युनल' या फिर 'सेक्युलर' घोषित किया जा चुका है। जसवंत सिंह की किताब छपने से लगभग चार साल पहले लाल कृष्ण आडवाणी पाकिस्तान जाकर जिन्ना को सेक्युलर घोषित कर चुके हैं। इस तरह से जिन्ना पर 'सेक्युलर' या सांप्रदायिक होने के ठप्पे तो अक्सर लगते रहे हैं, लेकिन इससे एक ऐतिहासिक किरदार के रूप में उनका मूल्यांकन करने में कोई मदद नहीं मिली है। जिन्ना के साथ न्याय तभी होगा, जब पाकिस्तान आंदोलन में उनकी भूमिका को सही प्रकार से समझा जाएगा। भारत विभाजन की कहानी भारतीय राजनीति की तीन महाशक्तियों- ब्रिटिश सरकार, कांग्रेस तथा मुस्लिम लीग के परस्पर टकरावों में निहित है। अलग-अलग समय पर इन तीनों शक्तियों को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा चुका है। ब्रिटिश सरकार ने भारत में ऐसी राजनीति की नींव डाली जिसके तहत समस्त चुनाव क्षेत्र धार्मिक आधार पर निर्धारित किए गए। साथ ही चुनाव क्षेत्र, मतदाताओं तथा निर्वाचित सदस्यों को भी धर्म के आधार पर बांट दिया गया। इस तरह से समूचे भारत की चुनावी राजनीति हिंदू और मुस्लिम, दो खंडों में बंट गई। इस तरह की राजनीतिक संरचना ने जहां एक तरफ सांप्रदायिकता को काफी बल दिया, वहीं सेक्युलर राजनीति के लिए अड़चनें पैदा कीं। भारत में 1937 और 1946 में जो आम चुनाव हुए, वे इसी व्यवस्था के अंतर्गत हुए और इसके नतीजतन हिंदू और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक आधार पर राजनीतिक ध्रुवीकरण हुआ और वह तेजी से बढ़ता गया। 1946 के चुनावों के तुरंत बाद 1947 में देश का बंटवारा हुआ। यह साफ है कि स्वतंत्रता से पूर्व भारत में राजनीति के सांप्रदायीकरण का मुख्य कारण वही पृथक निर्वाचन प्रणाली थी, जिसकी शुरुआत ब्रिटिश सरकार ने की थी। इस राजनीतिक व्यवस्था ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय आंदोलन के सामने नई समस्याएं खड़ी कीं। राष्ट्रीय आंदोलन का वैचारिक आधार था: साम्राज्यवाद विरोध और राष्ट्रीय एकता। लेकिन हिंदुओं और मुसलमानों के अलग-अलग राजनीतिक मंच तैयार हो जाने से राष्ट्रीय एकता की परियोजना कमजोर पड़ गई। साथ ही इसने 'हिंदू राजनीति' और 'मुस्लिम राजनीति' के अलग-अलग दावेदारों को बढ़ावा दिया। मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा (और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी, जिसकी स्थापना 1925 में हो चुकी थी) की अलगाववादी राजनीति का उदय इसी प्रक्रिया का तार्किक परिणाम था। यह सच है कि राष्ट्रीय आंदोलन को साम्राज्यवाद विरोध में तो निर्णायक सफलता मिली, लेकिन राष्ट्रीय एकता, विशेष रूप से हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने में वह निश्चित रूप से असमर्थ रहा। भारत विभाजन में नेहरू और सरदार पटेल की भूमिका यही थी कि ब्रिटिश सरकार द्वारा निर्मित राजनीतिक संरचना में निहित सांप्रदायीकरण से निपटने की उन्होंने कोशिश तो की, लेकिन वे कामयाब न हो सके। भारतीय राजनीति की तीसरी महाशक्ति- जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग- ने सक्रिय रूप से सांप्रदायिकता फैलाने का अभियान चलाया। पाकिस्तान का निर्माण इसी सांप्रदायिक राजनीति की चरम परिणति था। जिन्ना ने 1937 के बाद से और खास तौर पर 1940 में पाकिस्तान आंदोलन का वैचारिक आधार तैयार किया। इस वैचारिक आधार के तहत उन्होंने द्विराष्ट्र सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसके अनुसार भारत में एक नहीं बल्कि दो राष्ट्र थे, हिंदू और मुस्लिम। जिन्ना के अनुसार एक अलग और विशिष्ट राष्ट्र होने के नाते भारतीय मुसलमानों का एक अलग राष्ट्र-राज्य भी होना चाहिए। इस सिद्धांत के आधार पर मुस्लिम लीग ने एक आंदोलन की नींव डाली। इस आंदोलन और संगठन की बागडोर जिन्ना के हाथ में थी। 1940 से 1947 तक जिन्ना इस विचार पर अडिग रहे कि भारतीय मुसलमानों का अपना अलग देश और अपनी सरकार होनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार पर लगातार दबाव डाला कि वे पाकिस्तान की वैधता को स्वीकार करें। इसके लिए वे राजनीतिक ब्लैकमेलिंग का सहारा लेने में भी नहीं चूके। इसी ब्लैकमेलिंग के तहत उन्होंने अगस्त 1946 में मुसलमानों का 'डायरेक्ट ऐक्शन' के लिए आह्वान किया। इसके परिणामस्वरूप अविभाजित बंगाल में भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए। सिर्फ कलकत्ता शहर में चार दिनों में 5 हजार से भी ज्यादा लोग मारे गए। बंगाल के दंगों की प्रतिक्रिया में बिहार और मुंबई में भी सांप्रदायिक हिंसा हुई। 1946 के आम चुनाव तथा अगस्त-सितंबर की सांप्रदायिक हिंसा के बाद भारत का बंटवारा लगभग अवश्यंभावी हो गया। वे लोग जो न सिर्फ सैद्धांतिक रूप से विभाजन के विरोधी थे, बल्कि जिन्होंने हर संभव प्रयास किया कि देश का विभाजन न हो, वे भी इन भयावह दंगों को देखकर विचलित हो गए और उन्हें मजबूर होकर विभाजन को स्वीकार करना पड़ा। नेहरू और पटेल की भूमिका को इसी संदर्भ में समझने की जरूरत है। जिन्ना पाकिस्तान आंदोलन के निर्माता और प्रवर्तक दोनों थे। पाकिस्तान आंदोलन की विचारधारा, इसकी रणनीति तथा इससे जुड़ी राजनीति के सबसे महत्त्वपूर्ण कर्ताधर्ता जिन्ना ही थे। उन्होंने इस विचारधारा के प्रचार और प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाई। उनकी इस भूमिका को नकारना नैतिक रूप से उनके प्रति और विभाजन को संभव बनाने की ऐतिहासिक प्रक्रिया के प्रति नाइंसाफी होगी।