Thursday, February 21, 2013

माना जा रहा है कि इसके पीछे इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है


गुरुवार को हैदराबाद में हुए आतंकी हमले से पूरा देश दहल उठा। हालांकि अब तक किसी आतंकी समूह ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है। यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि क्या इसके पीछे अफजल की फांसी का बदला लेने का मकसद तो नहीं है? इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं है, लेकिन हालात उसी तरफ इशारा कर रहे हैं।
हैदराबाद धमाकों के बाद केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे कहा कि दो दिन पहले से ही इस बात की जानकारी थी कि ब्लास्ट हो सकते हैं। गौरतलब है कि संसद हमला मामले के अपराधी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद ही सीमा पार से आतंकी समूहों ने बदला लेने का ऐलान शुरू कर दिया था। खुफिया एजेंसियों ने कश्मीर में लश्कर-ए-तोयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों की तरफ से भेजे जे रहे कई संदेश भी रिकॉर्ड किए जिनमें अफजल गुरु और अन्य लोगों की मौत का बदला लेने को कहा गया था।
खुफिया अधिकारियों के मुताबिक कश्मीर में हालांकि तनाव काफी ज्यादा था, फिर भी उनका मानना था कि हमले देश के अन्य शहरों को निशाना बनाकर भी दिए जा सकते हैं। हैदराबाद हमलों को जिस तरह से अंजाम दिया गया उससे भी साफ है कि मकसद अधिक से अधिक लोगों को हमले की चपेट में लाने का था

Sunday, February 17, 2013

गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की चर्चा


 संसद पर हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु के शव को कश्मीर लाए जाने की चर्चा जोरों पर है। 9 फरवरी को तिहाड़ जेल में अफजल को फांसी पर लटकाए जाने के बाद कश्मीर में हुए हिंसक प्रदर्शनों से केंद्र सरकार चिंतित है। इसके अलावा कांग्रेस की राज्य इकाई और सहयोगी पार्टी नैशनल कॉन्फ्रेंस भी सरकार पर लगातार दबाव बना रही है कि अफजल के शव को उसके परिवार वालों को सौंप दिया जाए। इन परिस्थितियों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय अफजल के शव को कश्मीर भेजने पर गंभीरत से विचार कर रहा है। इस बारे में शुक्रवार को गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की चर्चा भी हुई लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।

सूत्रों के मुताबिक, परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर इस सप्ताह अफजल का शव कश्मीर लाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम फैसला हो सकता है। पारिवारिक सूत्रों का दावा है कि उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि शव को नई दिल्ली से श्रीनगर एयरपोर्ट पर लाया जाएगा। वहां से उसे सीधे सोपोर ले जाया जाएगा और परिवार वालों को सौंपा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों का एक दल भी नई दिल्ली जाएगा।

वादी में फांसी पर गरमाई सियासत के बीच निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने अफजल गुरु को शहीद करार देते हुए कहा कि वह विधानसभा के बजट सेशन में एक प्रस्ताव पेश करेंगे ताकि अफजल का शव तिहाड़ जेल से कश्मीर लाया जा सके। रशीद अफजल की सजा माफी के लिए भी कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव लाए थे, जो कि पारित नहीं हो पाया था। रशीद ने मकबूल बट्ट का भी शव कश्मीर लाने और लालचौक का नाम अफजल गुरु चौक रखे जाने का सुझाव दिया है।

Sunday, February 10, 2013

आतंकवादी हमला करने के लिए पैसा हवाला के जरिये मंगाया गया


 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए टेरर अटैक के मास्टरमाइंड आतंकवादी अफजल गुरु (43) ने पाकिस्तान में 3 महीने की ट्रेनिंग ली थी। हमले वाले दिन से पहले वाली रात यानी 12 दिसंबर को आरडीएक्स से भरी कार को मुखर्जी नगर के पास गांधी विहार पुलिस बूथ के सामने पार्क किया गया था। ऐसा कार के चोरी होने के डर से उस जगह को पुलिस की निगरानी की वजह से सुरक्षित जगह मानते हुए किया गया था। उस दिन आरडीएक्स से भरी कार में विस्फोट न होने का अफजल को अंतिम समय तक अफसोस रहा। यह बातें खुद अफजल ने जेल के एक अधिकारी को बताई थी।

अफजल ने इस बात का भी खुलासा किया था कि संसद पर आतंकवादी हमला करने के लिए पैसा हवाला के जरिये मंगाया गया था। पाकिस्तान में ट्रेनिंग के दौरान अफजल ने न सिर्फ एके-47 रायफल चलाना सीखा था बल्कि राकेट लॉन्चर और मोर्टार चलाने में भी उसने महारत हासिल की थी। अफजल ने पाकिस्तान में 1990 के आसपास तीन महीने की ट्रेनिंग लेने के बारे में बताया था। हालांकि, कुछ समय बाद पाकिस्तान में रहते हुए उसे यह अहसास होने लगा था कि पाकिस्तानी उसे मोहरा बना रहे हैं। इस बात को समझते हुए उसने एक बार आतंकवाद की राह छोड़ भी दी थी। लेकिन, संसद हमले से पहले उसके साथ निजी तौर पर कुछ ऐसी घटनाएं घटी कि उसे संसद पर हमले को अंजाम देने के लिए तैयार होना पड़ा था।

अफजल ने बताया था कि 'अगर संसद पर आतंकवादी हमले में हमें सफलता मिलती तो वे जम्मू-कश्मीर को एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाते और सरकार के साथ बातचीत करते।' अफजल ने बताया था कि उन्हें पूरा भरोसा था कि जिस कार में आईईडी लगाया गया है, उसमें विस्फोट होगा, मगर उसमें ब्लास्ट नहीं हुआ। अंतिम समय तक भी अफजल इस सवाल का जवाब जानने के लिए व्याकुल रहा था कि कार में आखिर विस्फोट क्यों नहीं हुआ था? अफजल ने अपने बचपन और पाकिस्तान पहुंचने की सारी दास्तां बयान की थी। उसने पाकिस्तानी अधिकारी से पाकिस्तान जाकर अन्य आतंकवादियों की तरह ट्रेनिंग लेने के बारे में डिटेल से बताया था।

Monday, February 4, 2013

शिल्पा के परफॉर्मेंस के लिए 30 अक्टूबर 2008 को चेक के जरिए 71,73,950 रुपए का भुगतान


 सुरेश कलमाड़ी की इच्छा पूरी करने के लिए ऐक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी को कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स- 2008 के समापन समारोह में 71.73 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि कलमाड़ी के जोर देने पर शिल्पा के परफॉर्मेंस के लिए 30 अक्टूबर 2008 को चेक के जरिए 71,73,950 रुपए का भुगतान उनके दो सहयोगियों ने किया। गेम्स का आयोजन पुणे में हुआ था।

यह अदालत कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े करप्शन मामलों की सुनवाई कर रही है। आईपीसी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के बर्खास्त प्रेजिडेंट कलमाड़ी और अन्य के खिलाफ सुनवाई करने वाली अदालत ने कहा कि फरीदाबाद स्थित जैम इंटरनैशनल के प्रमोटर पी. डी. आर्य और ए. के. मदान ने शिल्पा के परफॉर्मेंस के लिए मैसर्स विज क्राफ्ट इंटरनैशनल ऐंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 71.73 लाख रुपये दिए।

सूत्रों ने बताया कि अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दोनों आरोपी कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स- 2008 से जुड़े थे और उन्होंने कलमाड़ी के कहने पर शिल्पा को चेक के जरिए 71,73,950 रुपए का भुगतान किया था।