भारत के पहले मून मिशन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। शनिवार तड़के चंद्रयान-1 का इसरो से र
ेडियो संपर्क टूट गया। इसरो के वैज्ञानिक संपर्क को फिर से बहाल करने में जुटे हुए हैं। अगर यह नहीं हो पाता है तो दो साल का यह मिशन 10 महीने में ही खत्म हो जाएगा। चंद्रयान-1 को पिछले साल 22 अक्टूबर को छोड़ा गया था। इसरो ने बयान में कहा है कि बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर ब्यालालू में डीप स्पेस नेटवर्क ने पिछले ऑर्बिट से 12.25 मिनट को चंद्रयान से अंतिम डेटा मिला है। अब इसरो के वैज्ञानिक डेटा के विश्लेषण से चंद्रयान की स्थिति के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसरो के बयान में कहा गया है कि चंद्रयान ने ऑर्बिट में 312 दिन पूरे करने के साथ ही चंद्रमा की कक्षा में 3400 चक्कर पूरे कर लिए हैं। चंद्रयान ने इस दौरान कई अहम डेटा भी भेजे हैं। इससे पहले 16 मई को चंद्रयान-1 का एक अहम उपकरण स्टार सेंसर ओवर हीटिंग की वजह से काम करने में नाकाम हो गया था। लेकिन चंद्रयान में लगे जाइरोस्कोप को ऐक्टिवेट करके और उसका तालमेल बाकी के इलेक्ट्रो मेकेनिकल डिवाइस के साथ बैठाकर इस समस्या से निपट लिया गया था।
ेडियो संपर्क टूट गया। इसरो के वैज्ञानिक संपर्क को फिर से बहाल करने में जुटे हुए हैं। अगर यह नहीं हो पाता है तो दो साल का यह मिशन 10 महीने में ही खत्म हो जाएगा। चंद्रयान-1 को पिछले साल 22 अक्टूबर को छोड़ा गया था। इसरो ने बयान में कहा है कि बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर ब्यालालू में डीप स्पेस नेटवर्क ने पिछले ऑर्बिट से 12.25 मिनट को चंद्रयान से अंतिम डेटा मिला है। अब इसरो के वैज्ञानिक डेटा के विश्लेषण से चंद्रयान की स्थिति के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसरो के बयान में कहा गया है कि चंद्रयान ने ऑर्बिट में 312 दिन पूरे करने के साथ ही चंद्रमा की कक्षा में 3400 चक्कर पूरे कर लिए हैं। चंद्रयान ने इस दौरान कई अहम डेटा भी भेजे हैं। इससे पहले 16 मई को चंद्रयान-1 का एक अहम उपकरण स्टार सेंसर ओवर हीटिंग की वजह से काम करने में नाकाम हो गया था। लेकिन चंद्रयान में लगे जाइरोस्कोप को ऐक्टिवेट करके और उसका तालमेल बाकी के इलेक्ट्रो मेकेनिकल डिवाइस के साथ बैठाकर इस समस्या से निपट लिया गया था।
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