सगे बेटे ने बैंक मैनेजर के साथ मिलकर मां के खाते से लाखों रुपये निकाल लिए । आरोप है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने नियम कानून को तक पर रखकर पेंशन खाते में अवैध रूप से उनके बेटे का नाम जोड़ दिया और खाते पर इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा भी मुहैया करा दी। महत्वपूर्ण है कि पेंशन खाते से रकम निकालने की अनुमति बैंक अधिकारी पेंशनर की उपस्थिति सुनिश्चित करने के बाद ही देते हैं। इस मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक पलवल की कृष्णा कॉलोनी में रहने वाली राजवती का एसबीआई बैंक में पेंशन का अकाउंट है। 3 जुलाई को वह अपने खाते से रुपये निकालने गईं तो पता चला कि उनका खाता इस ब्रांच से फरीदाबाद के सेक्टर-21 सी स्थित एसबीआई ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया है। एसबीआई के अधिकारियों ने राजवती को बताया कि उनके खाते से पांच लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। राजवती ने दावा किया कि उन्होंने इतनी बड़ी रकम नहीं निकाली है। जब राजवती ने पलवल में बैंक अधिकारियों से बात की तो उन्हें फरीदाबाद जाने को कहा गया। वह फरीदाबाद के सेक्टर-21 सी स्थित एसबीआई ब्रांच पहुंची। वहां मैनेजर ने बताया कि वह अपने बेटे मंदीप के साथ आई थीं और यह रकम निकाली, जबकि राजवती का कहना था कि वह पहली बार इस ब्रांच में आई हैं। राजवती का कहना है कि एसबीआई की फरीदाबाद ब्रांच के मैनेजर ने उनके पेंशन खाते में उनके बेटे मंदीप का नाम भी जोड़ दिया। इस खाते पर इंटरनेट बैंकिंग सुविधा भी उपलब्ध करा दी। महत्वपूर्ण है कि पेंशन खाते में किसी और व्यक्ति का नाम नहीं जोड़ा जा सकता है। राजवती ने आरोप लगाया कि मंदीप ने बैंक मैनेजर की मिलीभगत से उनके खाते से पांच लाख रुपये निकाले। तीनों ने उनके नाम से झूठे कागजात बनाए। इन कागजों में जीपीए, पैन कार्ड समेत दूसरे कागजात शामिल हैं। इन पर उनके साइन नहीं हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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