Wednesday, March 23, 2011

एक मंत्री की संपत्ति 780 गुना बढ़ गई।

तमिलनाडु में डीएमके सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान राज्य का विकास का तो पता नहीं, लेकिन एक मंत्री की संपत्ति 780 गुना बढ़ गई। कम से कम आधिकारिक आंकड़े तो यही कहते हैं। तमिलनाडु के खाद्य मंत्री ई.वी.वेलू ने 2006 के विधानसभा चुनावों में तिरुवन्नामलाई से चुनाव लड़ा था। चुनावों के समय उन्होंने अपनी संपत्ति एक लाख रुपये की बताई थी। इसके अलावा उन्होंने अपनी संपत्ति में 60 हजार रुपये के मूल्य की 1.1 एकड़ की कृषि भूमि, कैश डिपॉजिट 25 हजार रुपये और जूलरी 15 हजार रुपये दर्शाई थी। ऐफिडेविट के अनुसार उनकी पत्नी के नाम पर कोई संपत्ति नहीं थी। लेकिन अब पांच साल बाद सोमवार को भरे गए ऐफिडेविट के अनुसार उनकी संपत्ति में चाहे वह जमीन हो या मकान, जूलरी हो या कैश डिपॉजिट बेइंतहा इजाफा हुआ है। 60 वर्षीय राज्य के खाद्य मंत्री वेलू और उनकी पत्नी के नाम पर फिलहाल 7.8 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनके बैंक खाते में 17.47 लाख रुपये, 1.75 करोड़ रुपये की कृषि भूमि, 1.25 करोड़ रुपये की बिल्डिंग और 4.5 करोड़ रुपये का एक घर है। इसके अलावा उनकी पत्नी के नाम पर 5.76 लाख रुपये की जूलरी और 5 लाख रुपये की कृषि भूमि भी है। इतने कम समय में इतनी संपत्ति अर्जित करने के आय के स्रोत के बारे में पूछने पर वेलू ने टीओआई से कहा- 'उनके पास जो संपत्ति थी इस दौरान उसकी मार्केट वेल्यू काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा- चुनाव आयोग की नई गाइंडलाइंस के अनुसार अब ज्यादा जानकारी देनी होती है और यही कारण है कि उनकी संपत्ति ज्यादा लग रही है। उन्होंने कहा- मेरे अकाउंट्स का नियमित तौर पर ऑडिट होता है और मैं पिछले 10 साल से इनकम टैक्सपेयर हूं (जबकि 2006 के ऐफिडेविट के अनुसार उनका दावा था कि वेलू टैक्सपेयर नहीं हैं)। उन्होंने कहा- मेरा आय का मुख्य स्रोत खेती-बाड़ी से होने वाली आय है। मैं यही कह सकता हूं कि मेरे ऑडिटर मेरी संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर रहे हैं।' गौरतलब है कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के मुताबिक, चुनाव में खड़े होने वाले सभी उम्मीदवारों को अपनी संपत्ति के साथ-साथ अपने पति/पत्नी, बच्चों और अपने पर आश्रित सभी लोगों की संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा देना होगा। पल्लावरम से चुनाव में खड़े होने राज्य के श्रम मंत्री टी.एम. अनबरासन की संपत्ति में भी पिछले पांच सालों में काफी इजाफा हुआ है। ऐफिडेविट के अनुसार, उनकी घोषित संपत्ति 91.49 लाख रुपये (2006 में) से बढ़कर अब 2011 में 4.95 करोड़ रुपये की हो गई है। इसमें उनकी पत्नी के नाम पर संपत्ति भी शामिल है। इसके अलावा उनके पास 22.9 लाख रुपये मूल्य की एक मित्सीबुशी पजेरो, बिल्डिंग, जूलरी और कैश भी शामिल है।

Tuesday, March 15, 2011

जोन तीन का मतलब है कि मुंबई आंशिक तौर पर सुरक्षित

भूकंप के मापदंड में आमची मुंबई जोन तीन में आती है। जोन तीन का मतलब है कि मुंबई आंशिक तौर पर सुरक्षित है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के अनुसार यदि मुंबई में 5 रिक्टर स्केल पर भूकंप आता है, तो पूरा शहर तहस-नहस हो जाएगा। पांच साल तक किए गए सर्वे के मुताबिक सबसे अधिक खतरनाक इलाकों में प्रभादेवी, दादर, सायन, महालक्ष्मी और पॉश कहा जाने वाला चर्चगेट का क्षेत्र है, इसके अलावा वाशी, मालाड, कुर्ला आदि भी डेंजर जोन में हैं। जबकि, सुरक्षित कहे जाने वाले इलाकों में मलबार हिल, वडाला, परेल, वर्ली आदि शामिल हैं। सात द्वीपों से बने मुंबई का अधिकतर हिस्सा समुद्र से घिरा है। परेशानी का सबब यह है कि कई समुद्री किनारों पर झुग्गियां बसी हैं। इन झुग्गियों में लाखों लोग रहते हैं। दुर्भाग्य से अगर सूनामी आती है, तो बेहिसाब जान-माल का नुकसान होगा। जापान के भूकंप में कई इमारतें भूकंप प्रतिरोधी होने की वजह से कई लोगों की जानें बच गईं। लेकिन, मुंबई में इस तरह की इमारतों के निर्माण पर कोई जोर नहीं होता। जापान की राजधानी टोक्यो सूनामी और भूकंप की मार झेलने के बाद फुकुशिमा में न्यूक्लियर पावर स्टेशन में हुए धमाके के बाद रेडिएशन का खतरा मंडराने लगा है। फुकुशिमा की घटना के बाद भारत में भी न्यूक्लियर पावर स्टेशन की सुरक्षा पर सवाल उठने लगा है। काफी समय से जैतापुर न्यूक्लियर पावर प्रॉजेक्ट को लेकर बवाल मचा है। जापान के हादसे से जैतापुर का विरोध बढ़ गया है। शिवसेना ने जैतापुर प्रॉजेक्ट की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए धमकी दी की वह अपना विरोध और तेज करेगी। बता दें कि रत्नागिरी के जैतापुर में पावर प्रॉजेक्ट की प्रस्तावित जगह पर बीते 20 सालों में कई बार 6 रिक्टर स्केल तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, द न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने ऐसे किसी खतरे से इनकार किया है। उनका कहना है कि भारत के सभी न्यूक्लियर पावर स्टेशन सुरक्षित हैं।

अटॉमिक रेडिएशन का लेवल काफी बढ़ गया है।

फुकुशिमा के दायची न्यूक्लियर प्लांट के दूसरे रिऐक्टर में ब्लास्ट और चौथे रिऐक्टर में आग के बाद आसपास के इलाकों में अटॉमिक रेडिएशन का लेवल काफी बढ़ गया है। प्लांट के 20 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों से क्षेत्र को खाली कर देने के लिए कहा गया है, जबकि 20 से 30 किलोमीटर तक के इलाकों में लोगों से घर से न निकलने की अपील की गई है। टोक्यो तक अटॉमिक रेडिएशन पहुंचने की खबरें हैं, लेकिन अभी इसका लेवल खतरनाक नहीं है। जापान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि भूकंप प्रभावित अटॉमिक रिऐक्टरों के आसपास रेडियोसक्रियता खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है और इससे अटॉमिक रेडिएशन के रिसाव की मात्रा में भी वृद्धि की आशंका है। कान ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा,' हम रेडिएशन के रिसाव को फैलने से रोकने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। मै जानता हूं कि लोग काफी चिंतित है लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वे संयम बनाए रखें।' राजधानी टोक्यो में फ्रांसीसी दूतावास ने चेतावनी जारी की है कि परमाणु रिऐक्टरों में ब्लास्ट के कारण रेडियोसक्रिय रेडिएशन हवा में घुल गया है और इस हवा के टोक्यो पहुंचने की आशंका है। न्यूज एजेंसी क्योदो ने कहा है कि फुकुशिमा से 250 किलोमीटर दूर टोक्यो में रेडिएशन लेवल सामान्य से नौ गुना अधिक पाया गया है। इस बीच, जापान ने अटॉमिक रेडिएशन के संकट का मुकाबला करने के लिए अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय उर्जा एजेंसी (आईएइए) से मदद मांगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, जापान ने अमेरिका से आग्रह किया है कि फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन को रोकने के लिए आवश्यक कूलिंग उपकरण और विशेषज्ञ मुहैया करवाने में मदद करे। जापान ने आईएइए से भी ऐसा अनुरोध किया है। अभी समुद्री पानी के जरिए वैज्ञिनक रिऐक्टरों को ठंडा करने की कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के लिए इस समय सबसे बडी चुनौती प्लांट के दूसरे रिऐक्टर से हुए रेडिएशन को रोकना है। इस रिएक्टर में कूलिंग सिस्टम होने के कारण अटॉमिक फ्यूल सीधे हवा के संपर्क में आ गया था। अटॉमिक रेडिएशन के कारण देश में दहशत का माहौल है। फुकुशिमा के आसपास के लोग प्रभावित स्थान से अधिक से अधिक दूर जा रहे हैं। विदेशी नागरिकों ने भी जापान छोडकर जाने का सिलसिला शुरु कर दिया है। फ्रांस पहला देश है जिसने अपने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे कुछ दिनों के लिए जापान छोडकर कहीं और चले जाएं।

Friday, March 11, 2011

पूर्वोत्तर जापान में 8.9 की तीव्रता वाले जबर्दस्त भूकंप के बाद सूनामी

पूर्वोत्तर जापान में 8.9 की तीव्रता वाले जबर्दस्त भूकंप के बाद सूनामी के चलते काफी नुकसान हुआ है। भूकंप के चलते जहां कई मकानों में आग लग गई, वही सूनामी की लहरें तटीय इलाकों में कई मकानों, कारों और पोतों को अपने साथ बहा कर ले गईं। कई लोगों के घायल होने की भी खबरें हैं, पर अधिकारी अभी आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। फिलिपींस, इंडोनेशिया और रूस समेत 10 देशों में सूनामी की चेतावनी जारी की गई है। भारत सरकार ने कहा कि उसके तटीय इलाकों में कोई खतरा नहीं है। भूकंप रात दो बजकर 46 मिनट पर आया, जिसके बाद कई तगड़े झटके आए। अमेरिकी भूगर्भ सर्वे ने भूकंप की तीव्रता 8.9 बताई, जबकि जापान के मौसम विज्ञान विभाग ने इसे 7.9 मापा। भूकंप के बाद मौसम विज्ञान विभाग ने जापान के पूरे प्रशांत महासागर के तट के लिए सूनामी की चेतावनी जारी की। सरकारी मीडिया एनएचके ने चेतावनी दी कि तट के नजदीक रहने वाले लोग सुरक्षित इलाकों की ओर चले जाएं। हवाई में पैसिफिक सूनामी वॉर्निंग सेंटर ने कहा कि जापान, रूस, मार्क्स आईलैंड और उत्तरी मारियाना के लिए सूनामी की चेतावनी जारी की गई है। गुआम, ताइवान, फिलिपींस, इंडोनेशिया और अमेरिकी राज्य हवाई को सुनामी पर नजर रखने को कहा गया है। मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वी तट से करीब 125 किलोमीटर की दूरी पर 10 किलोमीटर की गहराई में भूकंप के झटके आए। यह इलाका टोक्यो से 380 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। टोक्यो में बड़ी संख्या में इमारतें हिलने लगी और सुरक्षा के लिए लोग सड़कों पर निकल आए। टीवी फुटेज में दिखाया गया है कि एक बड़ी इमारत में आग लगी हुई है और ओदैबा जिले में घरों से धुंआ निकल रहा है। भूकंप आने के आधे घंटे बाद भी टोक्यो की बड़ी इमारतें हिलती रहीं और मोबाइल नेटवर्क ने काम करना बंद कर दिया। एनएचके के फुटेज में दिखाया गया है कि सेनडई स्थित उसके ऑफिस में कर्मचारी लुढ़क रहे हैं और किताब व अखबार मेजों से टकरा रहे हैं। सेंट्रल टोक्यो में रेलगाडि़यों को रोक दिया गया और लोग पटरियों के किनारे-किनारे चलते नजर आए। एनएचके ने कहा कि टोक्यो में एक बड़े हॉल कुदान कैकान की छत ढह गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। इस इलाके में पिछले कुछ समय में कई भूकंप आए, जिसमें बुधवार को आए 7.3 की तीव्रता वाला भूकंप भी शामिल है। भूकंप के केंद्र के पास समुदी तट पर आए सूनामी में कई मकान बह गए। टोक्यो से लोगों के घायल होने की भी खबर है। टीवी फुटेज में दिखाया गया है कि जापान के तटीय इलाकों में काफी क्षति हुई है और पानी में दर्जनों कारें, नाव और यहां तक कि मकान भी बह गए। एनएचके के फुटेज के मुताबिक सुनामी में एक बड़ा पोत बह गया। अधिकारी भूकंप के कारण हुई क्षति के अलावा घायलों और मृतकों की संख्या का पता लगा रहे हैं लेकिन फिलहाल उनके पास विस्तृत जानकारी नहीं है।

Wednesday, March 9, 2011

मुंबई पुलिस भी परेशान 'टैक्स चोर'पुणे के घोड़ा कारोबारी हसन अली खान के नखरों से

देश के सबसे बड़े 'टैक्स चोर'पुणे के घोड़ा कारोबारी हसन अली खान के नखरों से प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) के अधिकारी और मुंबई पुलिस भी परेशान हो गई। ईडी ने मंगलवार को जब हसन अली से पूछताछ शुरू की तो उसने अचानक सीने-पेट में दर्द और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत शुरू कर दी। आनन-फानन में उसे पुलिस वैन से तुरंत जेजे हॉस्पिटल ले जाया गया। जेजे हॉस्पिटल के डीन डॉक्टर टीपी लहाने ने उसकी जांच की। हसन का ईसीजी और ब्लड प्रेशर टेस्ट किया गया और सब ठीक निकला। डॉक्टरों ने जैसे ही हसन को फिट घोषित किया, उसने एक नया ड्रामा शुरू कर दिया। हॉस्पिटल में हसन ने कहा कि उसे टॉइलेट जाना है। वॉर्ड बॉय ने हसन को इंडियन स्टाइल के टॉइलेंट में जाने को कहा, तो उसने वेस्टर्न स्टाइल की सीट की मांग कर दी। उसने कहा कि वह ठीक से चल-फिर नहीं पा रहा है। मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि इसके बाद मैंने वॉर्ड बॉय से पॉट मंगाया, तो उसने उसे भी इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया। वॉर्ड बॉय ने उसे टॉइलेट में जाने को कहा तो उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया किर वह केवल वेस्टर्न स्टाइल वाला टॉइलेट ही इस्तेमाल करता है। कस्टडी में भी हसन की यह हनक देखकर अधिकारी भी हैरान थे। हसन का यह तमाशा तब तक चलता रहा जब तक कि उसे दूसरी बिल्डिंग में एक महिला मेडिकल ऑफिसर के केबिन में नहीं ले जाया गया। जेजे अस्पताल में 5 घंटे तक हसन के इस ड्रामे से उसकी सुरक्षा में लगे पुलिवाले भी परेशान थे।

Monday, March 7, 2011

देश डॉ. मनमोहन सिंह की क्षमायाचना को किस तरह लेगा, यह अभी तय नहीं

सीवीसी पद पर पीजे थॉमस की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा संसद में अपनी गलती मानते हुए क्षमायाचना करना एक स्वस्थ कदम है। लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने भी उनकी इस पहल को सही ढंग से लिया और कहा कि इस मसले को वे अब और आगे नहीं बढ़ाना चाहतीं। लेकिन बाकी देश डॉ. मनमोहन सिंह की क्षमायाचना को किस तरह लेगा, यह अभी तय नहीं है। लोगों में सरकार और प्रधानमंत्री को लेकर एक धारणा बन गई है कि वे अपनी गलतियों का अंत-अंत तक बचाव करते हैं। फिर पूरी तरह घिर जाने के बाद ही या तो उनके खिलाफ कोई कदम उठाते हैं, या किसी और ढंग से मामले पर मिट्टी डालने की कोशिश करते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री को आने वाले दिनों में यह साबित करना होगा कि उनकी क्षमायाचना किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा नहीं है और इसको लेकर वे वाकई गंभीर हैं। इसके लिए उन्हें कुछ बहुत ज्यादा करने की जरूरत नहीं है। पिछले दो-तीन महीनों में सरकार ने भ्रष्ट मंत्रियों और नौकरशाहों के खिलाफ जो पहलकदमियां ली हैं, उन्हें ही वह अपने बचे हुए तीन साल तीन महीनों में भी जारी रखे तो यह न सिर्फ उसकी छवि के लिए अच्छा होगा, बल्कि भ्रष्टाचार का कैंसर सत्ता के सभी पायदानों तक फैल जाने की खबरों से व्यवस्था के प्रति जो लोगों का आत्मविश्वास बुरी तरह हिल गया है, वह भी कुछ हद तक ठिकाने पर आ जाएगा। पिछले कुछ ही महीनों में इस देश ने क्या-क्या दिन देख लिए हैं! आसमानी आंकड़ों वाले स्पेक्ट्रम घोटाले में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री तिहाड़ जेल में पड़ा है। कॉमनवेल्थ खेलों के लिए जिम्मेदार दो आला अफसर भी वहां उसका साथ दे रहे हैं। उनकी सरपरस्ती करने वाला केंद्रीय मंत्री के स्तर का एक अन्य नेता कभी भी उनकी सोहबत में पहुंच सकता है। शहीद सैनिकों के नाम पर बनी एक सोसाइटी के घोटाले में सत्तापक्ष से जुड़े एक मुख्यमंत्री को अपने पॉलिटिकल करियर के बीच में ही रिटायर होना पड़ा है, जबकि विपक्ष से जुड़ा लगभग उसी स्तर के भूमि घोटाले में शामिल एक अन्य मुख्यमंत्री आज भी अपने पद पर कायम है। पूर्व थल सेनाध्यक्ष और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तक को जमीन, फ्लैट और दूसरे घोटालों के आरोपों में घिरा हुआ पाया गया है। भ्रष्टाचार पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार देश के सबसे ऊंचे पद पर बैठे अफसर को खुद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हटना पड़ा है। हालांकि पद छोड़ने के लिए वह आज भी तैयार नहीं है, फैसले की समीक्षा के लिए अर्जी लगाने की बात कर रहा है। यह काजल की कोठरी क्या प्रधानमंत्री की क्षमायाचना के बाद साफ-सुथरी नजर आने लगेगी? करप्शन की खबरों से बुरी तरह पक गए लोगों को राहत अब ठोस कार्रवाई से ही मिल सकती है और इस कोशिश में अगर किसी को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ती है, तो उसे इज्जत से याद किया जाएगा।

Wednesday, March 2, 2011

पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर राजा पर सीबीआई का फंदा और कसता जा रहा है।

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर राजा पर सीबीआई का फंदा और कसता जा रहा है। सीबीआई को इस बात ते सबूत मिले हैं कि राजा ने टेलिकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ली गई 3000 कोरड़ रुपये की रिश्वत में से कुछ हिस्सा मॉरिशस और सेशल्स में अपनी पत्नी के बैंक खातों में जमा कराए थे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, मॉरिशस और सेशल्स की सरकारों को पत्र लिखकर ( LRs) इस बारे में जानकारी मांगी थी। दोनों देशों ने सीबीआई को जो जानकारी दी उससे इस बात की पुष्टि हुई है कि राजा ने कुछ टेलिकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत ली थी। स्पेक्ट्रम घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के जांच शुरू करने से पहले ही 2009 में सीबीआई के एफआईआर दर्ज करने के तुरंत बाद ही इन दोनों देशों को LRs भेजा गया था। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने 11 फरवरी को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जांच एजेंसी को यकीन है कि इस घोटाले में राजा को करीब 3 हजार करोड़ की रिश्वत मिली थी और 2जी स्पेक्ट्रम में करीब 45हजार से-50 हजार तक का घोटाला हुआ है। इस बीच, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 10 टेलिकॉम कंपनियों के सीईओ सहित 63 लोग जांच के घेरे में हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, उनके निजी सचिव आर. के. चंदौलिया, पूर्व टेलिकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा और डीबी रिऐलिटी के प्रमोटर शाहिद बलवा पर मुकदमे की सुनवाई के लिए उसने एक विशेष अदालत के गठन की दिशा में जरूरी कदम उठा लिए हैं। इससे इस मामले में सुनवाई की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि 10 टेलिकॉम कंपनियों के सीईओ सहित 63 लोग उसकी जांच के घेरे में हैं, जिन पर इस घोटाले से कथित तौर पर फायदा लेने का आरोप है। केंद्र की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि विधि मंत्री वीरप्पा मोइली ने 2जी घोटाला मामले के लिए एक विशेष अदालत गठित करने के उद्देश्य से दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा है। न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति ए. के. गांगुली की बेंच से इंदिरा ने कहा कि मोइली ने विशेष अदालत की कमान संभालने के लिए एक जज का नाम तय करने का अनुरोध भी हाई कोर्ट से किया है। वहीं, 2जी घोटाले में ही लाइसेंस रद्द किए जाने के एक मामले में अपनी बात रखने का इंतजार कर रहे रतन टाटा के वकील हरीश साल्वे ने इस सुनवाई के दौरान ही कहा कि अदालत को सुनवाई बंद कमरे में करनी चाहिए। साल्वे ने कहा, 'ये बड़ी कंपनियां हैं और इससे उनकी प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है। जांच में सीबीआई को जो कुछ पता चलेगा, वह आरोप पत्र दाखिल होने पर ही सामने आएगा, लेकिन मीडिया में तमाम बातें आ रही हैं।' हालांकि, कोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी और कहा, 'खुला मीडिया और खुली सुनवाई का होना महत्वपूर्ण है।' सीबीआई के वकील के के वेणुगोपाल ने कोर्ट को इस मामले की जांच में प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने जांच के बारे में स्थिति रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपी। वेणुगोपाल ने कहा, '10 कंपनियों के सीईओ सहित 63 लोग 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के घेरे में आए हैं।' कोर्ट ने सीबीआई से इस घोटाले से कथित तौर पर फायदा उठाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा था कि ये कंपनियां इस घोटाले से जुड़ी बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से भी इस घोटाले की जांच से जुड़ी स्थिति रिपोर्ट 10 मार्च तक पेश करने को कहा। इस बीच, कोर्ट ने दूरसंचार विभाग, ट्राई और कंपनियों के हलफनामों को अपने रिकॉर्ड में रख लिया है। दूरसंचार विभाग ने कहा कि वह 2जी लाइसेंस दिए जाने के 52 हफ्तों के भीतर 2जी सेवाएं शुरू करने की शर्त पूरी न करने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रहा है। हालांकि, विभाग ने कहा कि सेवा शुरू करने में विफलता के लिए 122 कंपनियों के लाइसेंस रद्द करना शायद जनहित में न हो।

वे लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे।

नीतू सोलंकी मर्डर केस में फरार राजू गहलोत की बुआ के लड़के नवीन शौकीन को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक वारदात में इस्तेमाल हथियार बरामद नहीं हुआ है। डीसीपी ( क्राइम ) अशोक चांद ने बताया कि नवीन शौकीन (26) नांगलोई में रहता है। गुड़गांव में उसकी आइस फैक्ट्री है। 11 फरवरी की सुबह राजू गहलोत ने नवीन को फोन कर उसकी स्कोडा गाड़ी की डिमांड की थी। पूछने पर राजू ने बताया था कि उसने नीतू का मर्डर कर दिया है और लाश को ठिकाने लगाने के लिए कार चाहिए। नवीन ने न तो कार दी और न ही पुलिस को बताया। इसके बाद राजू ने रेडियो टैक्सी बुलाने की भी कोशिश की , लेकिन कामयाब नहीं हो सका। यह जानकारी अभी तक किसी को नहीं है कि वह लाश का एयर बैग में रखकर किस गाड़ी में रेलवे स्टेशन पर रखने गया था। रेलवे स्टेशन पर टैक्सी वालों ने ऑटो बताया था , लेकिन अभी यह कन्फर्म नहीं है। यह भी निश्चित नहीं है कि लाश रखने के दौरान वह अकेला था या उसके साथ कोई और भी था। इन सवालों के जवाब उसकी गिरफ्तारी के बाद ही मिल सकेंगे। 13 फरवरी को राजू नवीन के पास गया और अगले दिन तक रहा। नवीन ने पुलिस को खबर नहीं की। उसके बाद 20 से 25 फरवरी तक भी राजू उसके घर रहा। क्राइम के बारे में जानने के बावजूद मुलजिम को शरण देने और पुलिस को जानकारी न देने के आरोप में नवीन को आईपीसी के सेक्शन 202 और 212 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। क्राइम ब्रांच और नीतू के परिवार को अभी तक यह जानकारी नहीं है कि दोनों ने शादी कर ली थी या वे लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। पुलिस ने बताया कि राजू उत्तम नगर इलाके के नवादा का मूल निवासी है। उसके परिवार का एक सदस्य दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर हैं। नवीन ने पुलिस को बताया कि राजू और नीतू में अक्सर झगड़ा होता था , जिस कारण यह हत्या हुई। नवीन ने पुलिस को यह भी बताया कि राजू गाड़ियों को लोन पर खरीदकर बेचने की चीटिंग भी कर रहा था। वह नीतू के अन्य दोस्तों के कारण भी नाराज रहता था। नीतू (28) चार साल पहले मटियाला से एमसीडी पार्षद का चुनाव लड़ चुकी थी। उसकी बहन अलका सोलंकी ने बताया कि नीतू ने पत्राचार से डीयू से ग्रैजुएशन करने के बाद लॉ फैकल्टी से एलएलबी की थी। उसके बाद उसने एक प्राइवेट संस्थान से आई . टी . कोर्स करने के बाद ' कन्वर्जिस ' और ' आईबीएम ' के कॉल सेंटरों में गुड़गांव में नौकरी की थी। दूसरी ओर , राजू गहलोत (29) ने डीयू के ' कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज ' से ग्रैजुएशन और वहीं से टूरिजम में मास्टर डिग्री करने के बाद साउथ दिल्ली में एक संस्थान से फ्रेंच लैंग्वेज में डिप्लोमा किया था। उसने साल 2006 में क्रू मेंबर के तौर पर इंडियन एयरलाइंस जॉइन की थी। उसे ऑफिस की ओर से वसंत विहार कॉलोनी में एयर इंडिया कॉलोनी में घर मिला था। मई 2010 में उसने किसी अज्ञात कारण से ऑफिस जाना बंद कर दिया था।

छात्राओं के साथ कथित तौर पर इज्जत का सौदा किए जाने का मामला

जबलपुर के सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में परीक्षा पास कराने की एवज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही छात्राओं के साथ कथित तौर पर इज्जत का सौदा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के दो सीनियर अफसरों सहित अब तक 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में परीक्षा में पास कराने के एवज में छात्राओं पर अनैतिक कार्य के लिए दबाव डाला जाता था। यह आरोप एमबीबीएस की एक छात्रा ने लगाया है। उसका आरोप है कि परीक्षा में पास कराने के लिए उससे पैसों की मांग की गई थी और कलर्क राजू खान के पास जाने को कहा गया था। इस मामले के उजागर होने के बाद पुलिस ने राजू को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के दो अधिकारियों, उप सचिव परीक्षा रवीन्द्र काकोडिया और परीक्षा नियंत्रक एस. एस. राणा को भी गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं रिकॉर्ड जब्त किए जाने की कार्रवाई भी की गई है और कई कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं। एएसपी सत्येंद्र शुक्ला ने बुधवार को बताया कि छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा है कि उससे 30 हजार रुपए मांगे गए थे और राजू से मिलने को कहा गया था। पुलिस मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाली एक छात्रा की तलाश कर रही है। सूत्रों का दावा है कि राजू के कई प्रभावशाली लोगों से सम्बंध हैं और वह उन्हीं लोगों के इशारे पर यह कार्य करता था। उधर, पुलिस इसे सिर्फ पैसे लेकर पास कराने का मामला बता रही है, जबकि छात्राओं ने तीन सदस्यीय महिला समिति के सामने आप बीती सुनाई है।

Tuesday, March 1, 2011

गोधरा कांड में 11 को फांसी, 20 को उम्रकैद

स्पेशल कोर्ट ने गोधरा कांड के 31 दोषियों में से 11 को फांसी की सजा सुनाई है। बाकी 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। किस-किस को फांसी सरकारी वकील राजेंद्र तिवारी ने बताया कि बिलाल इस्माइल अब्दुल माजिद सुजेला उर्फ बिलाल हाजी , अब्दुल रजाक मोहम्मद कुरकुर , रमजानी बिन्यामिन बेहरा , हसन अहमद चरखा उर्फ लालू , जबीर बिन्यामिन बेहरा , महबूब खालिद चंदा , सलीम उर्फ सलमान यूसुफ सत्तार जर्दा , सिराज मोहम्मद अब्दुल मेदा उर्फ बाला , इरफान अब्दुल माजिद गांची कलंदर उर्फ इरफान भोंपू , इरफान मोहम्मद हनीफअब्दुल गनी पटालिया और महबूब अहमद यूसुफ हसन उर्फ लटीको को फांसी की सजा दी गई। सरकारी वकील ने बताया कि कोर्ट ने सभी को आगजनी , धारा 324, 25 और अन्य धाराओं के तरह दोषी माना गया है। ‘ कोच को काटा और छिड़का था पेट्रोल ’ आरोपियों को फांसी की सजा का फैसला लेते वक्त कोर्ट ने बचाव पक्ष के उस सिद्धांत को नहीं माना, जिसमें कहा गया था कि पेट्रोल बाहर से फेंका गया। कोर्ट ने दूसरे सिद्धांत पर सहमति प्रकट की। इसके मुताबिक आरोपी एस -6 और एस -7 के बीच के गलियारे को काटकर कोच में घुसे और अंदर पेट्रोल डाल दिया।

अस्पताल में इलाज कराना बहुत महंगा

अगर स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रस्तावित सर्विस टैक्स लागू हो गया, तो आम आदमी के लिए प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना बहुत महंगा होगा। प्राइवेट लैबों में जांच कराना भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रत्यक्ष रूप से लगाया गया 5 पर्सेंट का कर मरीजों पर परोक्ष रूप से इससे भी ज्यादा भार डालेगा। मूलचंद हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट डॉ. के. के. अग्रवाल कहते हैं कि फिलहाल प्राइवेट अस्पतालों में लिवर ट्रांसप्लांट पर 15 लाख रुपये के आस-पास खर्च आता है। नया सर्विस टैक्स लागू होने के बाद इसमें आने वाला खर्च करीब 75 हजार रुपये और बढ़ जाएगा। बाईपास, एंजियोप्लास्टी और घुटना प्रत्यारोपण जैसे प्रॉसीजर पर अभी ढाई से तीन लाख रुपये खर्च होते हैं। इनके शुल्क में करीब साढ़े बारह हजार रुपये और जुड़ जाएंगे। ज्यादातर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर वैट पहले से लगा हुआ है। सीनियर डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. ए. के. झिंगन कहते हैं कि डायबीटीज की दवाएं, इंसुलिन, ग्लूकोज मॉनिटरिंग स्ट्रिप्स जैसी चीजें अब तक टैक्स के दायरे से बाहर नहीं आ पाई हैं, जबकि जीवनशैली में बदलाव के चलते देश डायबीटीज कैपिटल बनता जा रहा है। फिलहाल पांच करोड़ लोग इसकी चपेट में हैं। इतने ही लोग जल्द डायबीटीज की चपेट में आने की हालत में हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या प्रोडक्टिव एज ग्रुप (20-40 साल) के हैं। मगर इलाज और जांच महंगी होने के चलते सिर्फ आठ पर्सेंट लोग जांच कराते हैं और उनमें से सिर्फ 50 पर्सेंट नियमित रूप से इलाज करा पाते हैं। सेवाएं और महंगी हो जाएंगी, तो लोग इलाज से और कतराएंगे। ऐसे में, किडनी, हार्ट, लिवर, आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारियां तेजी से पांव पसारेंगी और अंतत: देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगी। मेदांता मेडिसिटी के अध्यक्ष डॉ. नरेश त्रेहन कहते हैं कि इस बार का बजट बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की पहल स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर सरकार की अनदेखी को जाहिर करती है। इससे समस्याएं घटने की बजाय बढ़ेंगी।