Tuesday, July 12, 2011

कैबिनेट में फेरबदल-आखिरकार हो गया।

लंबे समय से टल रहा कैबिनेट में फेरबदल आखिरकार हो गया। कैबिनेट में कांग्रेस के वी किशोर चंद्र देव और तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी नए चेहरे हैं। ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने से खाली हुआ रेल मंत्रालय तृणमूल कांग्रेस के पास ही रह गया है। दिनेश त्रिवेदी नए रेल मंत्री होंगे। तृणमूल कांग्रेस के राज्य मंत्री मुकुल रॉय को रेलवे के बजाय शिपिंग तक ही सीमित कर दिया गया है। फिलहाल वह दोनों मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। किशोर चंद्र देव को आदिवासी मामले और पंचायती राज मंत्रालय दिया गया है। इस फेरबदल से मनमोहन की टीम में तीन नए कैबिनेट मंत्री, 4 स्वतंत्र राज्य मंत्री और 5 राज्य मंत्री शामिल हो गए हैं। यूपी में अगले साल होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र प्रभार वाले इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को कैबिनेट में शामिल किया गया है। बेहतर ढंग से काम करने की वजह से स्वतंत्र प्रभार वाले पर्यावरण राज्य मंत्री जयराम रमेश को प्रमोट करके कैबिनेट में जगह दी गई है। जयराम रमेश को ग्रामीण विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। अब तक ग्रामीण मंत्रालय देख रहे विलास राव देशमुख को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में भेजा गया है। अब वीरप्पा मोइली कंपनी मामलों के कैबिनेट मंत्री होंगे, जबकि सलमान खुर्शीद कानून मंत्रालय संभालेंगे। पवन कुमार बंसल को जल संसाधन की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस की प्रवक्ता जयंती नटराजन और पवन सिंह घाटोवर को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री बनाया गया है। जयंती नटराजन को पर्यावरण मंत्रालय दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, कांग्रेस के चरण दास महंत, जीतेंद्र सिंह, मिलिंद देवड़ा और राजीव शुक्ला को राज्य मंत्री बनाया गया है। कुल सात मंत्रियों की छुट्टी हुई है, जिनमें एम.एस. गिल, बीके हांडिक, कांति लाल भूरिया, ए. साई प्रताप और अरुण यादव शामिल हैं जबकि दयानिधि मारन और मुरली देवड़ा के इस्तीफे को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।

Tuesday, July 5, 2011

कलमाड़ी ने जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के साथ उनके रूम में चाय पी

कॉमनवेल्थ गेम्स प्रोजेक्टों में घपला मामले में तिहाड़ की जेल नंबर-4 में बंद सुरेश कलमाड़ी और नीतिश कटारा हत्याकांड के दोषी विशाल एवं विकास यादव को जेल में विशेष सुविधा दिए जाने के आरोपों पर विजिलेंस रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर जेल नंबर-4 के तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें दो असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट और एक हेड वार्डर हैं। जांच में इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि कलमाड़ी ने जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के साथ उनके रूम में चाय पी थी। तिहाड़ जेल के डीआईजी आर. एन. शर्मा ने बताया कि सस्पेंड किए गए अफसरों में असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कृष्ण कुमार और जितेंद्र पाल व हेड वार्डर सतबीर सिंह शामिल हैं। तीनों की तैनाती जेल नंबर-4 में है। शर्मा के मुताबिक, जेल प्रशासन की ओर से दिल्ली सरकार को जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा गया था, लेकिन दिल्ली सरकार के पास यह अधिकार नहीं है कि वह दानिक्स कैडर के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सके। इसलिए सरकार ने मामला गृह मंत्रालय के सुपुर्द कर दिया है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद ही पता लगेगा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। डीआईजी शर्मा ने बताया कि 30 जून को ट्रायल कोर्ट के एक जज द्वारा जेल नंबर-4 का दौरा करने पर पाया गया कि उस वक्त कलमाड़ी जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के ऑफिस में बैठकर उनके साथ चाय पी रहे थे। साथ ही, विशाल और विकास यादव उस वक्त जेल से बाहर घूमते देखे गए थे, जबकि जेल बंद थी। विजिलेंस जांच में कलमाड़ी ने कबूला है कि उन्होंने जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय पी थी। मामले में असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कृष्ण कुमार को इसलिए सस्पेंड किया गया है, क्योंकि जेल के कायदे-कानूनों का उल्लंघन करते हुए असमय वार्ड और सेल खोले गए थे। असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट जितेंद्र पाल के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने विशाल और विकास यादव को जुल से बाहर घूमने की अनुमति दी थी। जबकि उस वक्त जेल के सभी वार्ड, बैरक और सेल बंद थे। हेड वार्डर सतबीर सिंह पर भी दोनों को जेल बंद होने के बावजूद बाहर घूमने की इजाजत देने का आरोप है। जज के दौरे के दौरान, विशाल यादव जेल बंद होने के बावजूद मंदिर के बाहर पाया गया था, जबकि विकास यादव भी बाहर घूम रहा था। हालांकि विकास यादव के बारे में कहा जा रहा है कि वह फोन करने बाहर आया था और दोपहर 12:10 बजे वापस अपने वार्ड में जा रहा था। उस दिन 27 कैदियों को अपने-अपने परिचितों से जेल के अंदर लगे फोन से बात करनी थी। इसमें एक नाम विकास यादव का भी था।

अभी तक 1 लाख करोड़ का खजाना मिलने की बात

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में जमा खजाने की सूची तैयार करने का काम सोमवार को लगातार सातवें दिन भी जारी रहा। मंदिर से अभी तक 1 लाख करोड़ का खजाना मिलने की बात कही जा रही है , लेकिन सूची बना रही कमेटी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मंदिर के चेंबर बी खोले जाने पर संकट खड़ा हो गया है , क्योंकि राज परिवार इसे खोलना अशुभ बता रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर के 6 चेंबरों में जमा सामान की सूची बनाई जा रही है , जिनमें से 2 को पिछले 150 सालों से नहीं खोला गया है। कोर्ट ने ये आदेश टी . पी . सुंदरम की मंदिर के कामकाज में अनियमितता संबंधी याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए थे। इस काम के लिए कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जज एम . एन . कृष्णन ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि चेंबर बी खोलने के लिए खास प्रक्रिया की जरूरत होगी , क्योंकि मंदिर का रख - रखाव करने वाले त्रावणकोर राज परिवार का मानना है कि इसे खोलना अशुभ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सात सदस्यों की इस कमेटी की बैठक शुक्रवार को होगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। उधर , राज परिवार के सूत्रों के अनुसार , चेंबर बी के मुख्य द्वार पर सांप का बना होना यह दर्शाता है कि इसे खोलना अशुभ साबित हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि जांच कमेटी भी इसे खोलेगी , क्योंकि इसके साथ मंदिर की काफी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। एक मान्यता के अनुसार , चेंबर बी के नीचे एक सुरंग है , जो समुद्र तक जाती है। इस बीच , मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस का 24 घंटे पहरा जारी है। रविवार को मुख्यमंत्री ओमेन चैंडी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार , पुलिस पेट्रोलिंग की निगरानी के लिए फोर्ट पुलिस स्टेशन में कंट्रोल रूम भी काम करने लगा है। मंदिर की सुरक्षा के इंचार्ज एडीजी वेणुगोपाल के . नैय्यर ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है।

Monday, July 4, 2011

अब तक मिली वस्तुओं की कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये आंकी गई

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखाने से बेशुमार बेशकीमती चीजें मिलने का सिलसिला जारी है। अब तक मिली वस्तुओं की कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। मंदिर के 6 में से 5 चैंबर खोले जा चुके हैं। छठा चैंबर अभी खुलना बाकी है। पहले खुल चुके एक चैंबर की सोमवार को फिर से तलाशी ली जाएगी। हालांकि इसके बाद यह बहस शुरू हो गई है कि इस शाही संपदा को सुरक्षित कैसे रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सात लोगों का पैनल मंदिर के खजाने की लिस्ट बना रहा है। इसमें हाई कोर्ट के दो पूर्व जज हैं। 27 जून से चल रही यह कवायद रविवार को एक दिन के लिए रोक दी गई। मंदिर के तहखाने में ' ए ' से लेकर ' एफ ' तक छह तिजोरियां हैं। इनमें से दो पिछले 150 साल से नहीं खुली थीं। फिलहाल तिजोरी ' बी ' को खोलने के बारे में जरूरी निर्देश लेने पैनल के एक मेंबर दिल्ली आए हैं। केरल के मुख्यमंत्री ने मंदिर को सुरक्षा देने के लिए रविवार शाम को हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। मंदिर से बड़ी मात्रा में सोने के गहने , सोने - चांदी के सिक्के , जवाहरात जड़े मुकुट , मूर्तियां वगैरह मिली हैं। कुछ नेकलेस तो नौ फुट लंबे और दस किलो वजनी हैं। यह खजाना त्रावणकोर के शाही घराने ने मंदिर में संग्रहीत कर रखा था। यहां विजयनगर साम्राज्य और यूरोपीय देशों के सिक्के भी मिले हैं , जो शायद उपहार में मिले थे। आजादी के समय इलाके के बाकी मंदिर तो त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड को सौंप दिए गए लेकिन राजघराने ने भारत सरकार से समझौता करके पद्मनाभस्वामी मंदिर का नियंत्रण अपने हाथ में रखा। इतिहासकारों के बीच चर्चा है कि मंदिर से इतनी दौलत मिलने से पता चलता है कि इसकी देखभाल करने वाला शाही घराना कितना ईमानदार रहा है। कई उदाहरण हैं , जहां राजघरानों ने अपने नियंत्रण वाले मंदिरों की संपत्ति को ऐशोआराम में उड़ा दिया या उसे लुटेरों ने लूट लिया। कुछ इतिहासकारों और वीएचपी जैसे संगठनों ने इस विचार का विरोध किया है कि मंदिर की दौलत को सरकार को दे दिया जाए। इन लोगों को आशंका है कि इससे मंदिर में अव्यवस्था फैल जाएगी। इसकी जगह कुछ लोगों ने मंदिर में एक म्यूजियम खोलने की बात कही है जिसमें खजाने की चुनिंदा चीजें रखी जाएं। इस दौलत का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करने की बात कहने वाले एक तर्कशास्त्री यू . कलानाथन के घर पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। मलप्पुरम में स्थानीय नेता कलानाथन के घर पर शनिवार रात हमला हुआ। उनके घर की खिड़कियां और बाइक तोड़ दी गईं। हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। कलानाथन ने एक चैनल पर बहस में कहा था कि मंदिर की संपत्ति का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए होना चाहिए।

Wednesday, June 29, 2011

प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाए जाने के सवाल पर कोई एतराज नहीं

मनमोहन सिंह ने खुद को कमजोर प्रधानमंत्री करार दिए जाने को विपक्ष का चालाकी भरा दुष्प्रचार करार दिया है। प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे इसमें कोई एतराज नहीं है, लेकिन मंत्रिमंडल में मतभेद हैं। प्रिंट मीडिया के कुछ चुनिंदा संपादकों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ब्लैक मनी, टैक्स चोरी और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सभी संभव उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह सब एक बार में ही नहीं हो सकता। उन्होंने रामदेव के समर्थकों पर रामलीला मैदान में हुई पुलिस कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण बताया लेकिन कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के ऑफिस में जासूसी पर किए गए सवाल के जवाब में मनमोहन ने कहा कि उन्होंने ऑफिस में संदिग्ध जासूसी की शिकायत की थी और मैंने इंटेलिजेंस ब्यूरो को जांच के आदेश दे दिए थे। अब यह अध्याय बंद हो चुका है। उन्होंने कहा, ' हमें एक मजबूत लोकपाल की जरूरत है, लेकिन यह रामबाण नहीं है। हमने लोकपाल के मामले में एक रास्ता ढूंढ निकाला है और आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे। मुझे अपने आप को लोकपाल विधेयक के दायरे में लाने में कोई हिचक नहीं है लेकिन मेरे मंत्रिमंडल के कुछ सदस्य महसूस करते हैं कि प्रधानमंत्री के पद को लोकपाल के दायरे में लाने से अस्थिरता पैदा होगी। ' प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सिविल सोसायटी के लोगों से बात करेगी लेकिन कोई भी समूह इस बात पर जोर नहीं दे सकता कि उनके विचार अंतिम हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा जारी है लेकिन उन्होंने इस बात का खुलासा करने से इंकार कर दिया यह कब तक होगा। उन्होंने मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि यह ' आरोप लगाने वाला, अभियोजक और जज' बन गया है। मनमोहन ने यह भी कहा कि मुझे सोनिया गांधी से भरपूर सहयोग मिला, वह कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में बेहतरीन ढंगसे काम कर रही है।

Monday, June 20, 2011

मोदी कांग्रेस के युवराज पर भारी

एक राष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक जनता अब केंद्र सरकार से आजिज आ चुकी है और उसे बदलना चाहती है। सर्वे के नतीजे से यह भी पता चला है कि वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तुलना में ज्यादातर लोग राहुल गांधी को बतौर पीएम देखना चाहते हैं। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल के बीच जब वोटरों को चुनने का ऑप्शन दिया गया, तो मोदी कांग्रेस के युवराज पर भारी पड़ गए। लेंसऑनन्यूज डॉट कॉम ने 12 से16 जून के बीच 'मूड ऑफ द नैशन नाम' का यह सर्वे कराया। इसमें 14 राज्यों के 40 लोकसभा क्षेत्रों के लगभग चार हजार वोटरों ने हिस्सा लिया। सर्वे के मुताबिक लगभग दो तिहाई (63%) वोटर केंद्र में सरकार बदलने के पक्ष में हैं, जबकि इनके मुकाबले में करीब आधे लोग (32 %) ही मनमोहन सरकार चाहते हैं। लोगों से पूछा गया कि मनमोहन सिंह और राहुल गांधी में से किसे पीएम के रूप में देखना चाहते हैं। इस सवाल के जवाब में 46% वोट राहुल गांधी को और 34% वोट मनमोहन सिंह को मिले। सर्वे में एक चौंकाने वाला तथ्य भी है। इसके मुताबिक राहुल गांधी और बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी में 53 % मतदाताओं ने मोदी को बेहतर पीएम के रूप में चुना। राहुल गांधी 38% वोट लेकर उनसे काफी पीछे रहे। सर्वे के मुताबिक शहरी इलाकों और उच्च शिक्षित वर्गों में कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को लेकर निराशा है। यह वही तबका है, जो 2009 में कांग्रेस के भारी समर्थन में था। अमेठी लोकसभा सीट से 41 वर्षीय सांसद राहुल को प्रधानमंत्री बनाने के समर्थकों में मुस्लिम महिलाएं, किसान और मजदूरों की संख्या अधिक है। यही तबका कांग्रेस का वोट बैंक भी कहलाता है।

Thursday, June 16, 2011

भ्रष्टाचार के खिलाफ जंतर - मंतर से शुरू हुई मुहिम को दोबारा शुरू कर सकते हैं।

मजबूत लोकपाल कानून बनवाने के लिए आंदोलन चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जंतर - मंतर से शुरू हुई मुहिम को दोबारा शुरू कर सकते हैं। हजारे ने कहा कि वह लोकपाल बिल को लेकर सरकार के रवैये से निराश हैं। उन्होंने सरकार पर अपने वायदे से पलटने का आरोप लगाया। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही लोकपाल बिल ड्राफ्टिंग को लेकर जॉइंट कमिटी में सरकार और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए। अन्ना ने कहा कि उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार एक मजबूत लोकपाल कानून बनाने की इच्छुक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि दो अलग-अलग ड्राफ्ट कैबिनेट को भेजे जाने का विचार हास्यास्पद है और जॉइंट ड्राफ्टिंग कमिटी बनाए जाने के कारण के विपरीत है। हजारे ने कहा, 'यदि सरकार को दो ड्राफ्ट ही भेजने थे तो उसने जॉइंट पैनल बनाने में वक्त क्यों ज़ाया किया? दो ड्राफ्ट (एक सरकार का और दूसरा सिविल सोसायटी का) तो पहले से ही मौजूद थे, उन्हें ही कैबिनेट को भेज दिया जाता।' केंद्र सरकार को कमजोर लोकपाल कानून बनाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए हजारे ने कहा कि सिविल सोसायटी इसे कमजोर करने की कोशिश को कतई स्वीकार नहीं करेगी। हजारे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मजबूत लोकपाल कानून के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा और अगर सरकार कमजोर कानून बनाने की कोशिश करेगी तो वह फिर से आंदोलन का रास्ता पकड़ेंगे।

Wednesday, June 8, 2011

16 अगस्त से जंतर मंतर पर देश की आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू

अन्ना हजारे ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सरकार ने भ्रष्टाचार से निपटने के मुद्दे पर जनता का साथ नहीं दिया तो वह 16 अगस्त से जंतर मंतर पर देश की आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त से यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक मेरे शरीर में प्राण रहेंगे। हम तब तक लड़ेंगे, जब तक सत्ता पूरी तरह लोगों के हाथ में नहीं होगी। हमें व्यवस्था में बदलाव के लिए आजादी के दूसरे आंदोलन की जरूरत है। जनता ही सांसदों और विधायकों को चुनती है। सरकार को सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए ग्राम सभाओं को ज्यादा से ज्यादा अधिकार देने चाहिए।' उन्होंने कहा, 'सरकार और हम अलग नहीं हैं। एक तरह से हम एक ही हैं। सरकार के दिमाग में खुद के आका होने का भाव है। वह खुद को मालिक समझती है, जबकि उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र बनने के बाद देश की जनता इस देश की मालिक हो गई है।' बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए हजारे ने कहा,'रात को सोते लोगों पर लाठियां चलाना मानवता पर कलंक लगाने और लोकशाही का गला घोंटने जैसी घटना है। इसके विरोध में आज हम यहां एकत्र हुए हैं। रामलीला मैदानपर सिर्फ गोली ही नहीं चली। बाकी सारा अन्याय और अत्याचार जलियांवाला बाग की घटना की याद दिलाता है।' उन्होंने कहा, 'हम लोकपाल बिल के लिए जॉइंट ड्राफ्टिंग कमिटी की बैठकें कर रहे हैं। लेकिन सरकार किसी न किसी मुद्दे पर अड़ंगा डाल देती है। अगर सरकार का यही रुख रहा तो हम अप्रैल में हुए आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन करेंगे। हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है।' हजारे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, 'हम पर झूठे आरोप लगाए गए। सरकार ने हमारे साथी कार्यकर्ता केजरीवाल के पीछे कुछ अधिकारियों को भी लगा दिया। सरकार का यह बर्ताव ठीक नहीं है। अगर सरकार को हम पर संदेह है तो वह चोरी छिपे कोशिशें करने के बजाय हमसे आमने सामने बात करे।' अपने सादगीपूर्ण जीवन के बारे में अन्ना ने कहा, 'मैं एक मंदिर में रहता हूं। मेरे पास महज खाने की एक थाली और बिस्तर है। मेरा कोई बड़ा बैंक बैलेंस नहीं है। मैं अब तक गुंडों से लड़ा हूं और अब भी गुंडों से ही लड़ रहा हूं। मैं अब तक छह मंत्रियों की छुट्टी करा चुका हूं और मेरी कोशिशों के चलते 400 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। एक पूर्व मंत्री ने मुझे मारने के लिए 30 लाख रुपये की सुपारी दी थी।' उन्होंने कहा, 'यह सब बताने के मायने यह हैं कि हिंसा का रास्ता अपनाए बिना ही, यह सब किया जा सकता है। आपको एक बीज बन कर मिट्टी से जुड़ना होगा। तभी आप आंदोलन खड़ाकर पाएंगे।'

Friday, June 3, 2011

बॉलिवुड ऐक्टर शाहरुख खान ने कहा कि बाबा की मुहिम राजनीति से प्रेरित

बॉलिवुड ऐक्टर शाहरुख खान ने कहा है कि वह ब्लैकमनी के खिलाफ रामदेव के अभियान को सपोर्ट नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा की मुहिम राजनीति से प्रेरित है। वह नेता बनना चाहते हैं। अपनी फिल्म ' रा.वन ' के प्रमोशन से जुड़े एक कार्यक्रम के सिलसिले में यहां आए शाहरुख से जब पूछा गया कि क्या वह बाबा रामदेव के अनशन को समर्थन देते हैं, तो उन्होंने साफ-साफ कहा, ' कोई सपोर्ट नहीं करूंगा... उनका एजेंडा है... जैसे ही कोई नेता बन जाता है वह ये सब करने लगता है। ' शाहरुख ने कहा, ' जिसका जो काम है, वही करना चाहिए। अगर कोई नेता बनकर ये सब करना चाहता है तो कोई मुद्दा उठाने का यह सही तरीका नहीं है। ' 2 जी घोटाले से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं से वह निराश हैं। लेकिन, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राजनीति में आना चाहेंगे, तो उन्होंने इसका खंडन करते हुए कहा, ' आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि मैं राजनीति में जाऊं, आप यह क्यों नहीं सोचते कि कोई नेता फिल्म इंडस्ट्री में आए। ' उन्होंने कहा, ' मैं एक स्वार्थी आदमी हूं और चाहता हूं कि मेरे फैंस और दूसरे लोग मेरे काम की तारीफ करते रहें। ' उन्होंने कहा कि वह राजनीति नहीं समझते।

एक-दो को छोड़कर ज्यादातर मुद्दों पर सरकार के साथ सहमति

भ्रष्टाचार और ब्लैक मनी के मुद्दे पर 4 जून से अनशन का ऐलान करने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि एक-दो को छोड़कर ज्यादातर मुद्दों पर सरकार के साथ सहमति बन गई है। उन्होंने कहा, ' मैं किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति के खिलाफ नहीं हूं। मैं तो दलों से अपील कर रहा हूं कि वे हमारे साथ जुड़ें। ' रामलीला मैदान पहुंचे लोगों का धन्यवाद देते हुए रामदेव ने कहा कि भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट लोगों का कोई धर्म नहीं होता है, वे दानव की तरह हैं। मैदान में जमा लोगों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह चुप नहीं बैठेंगे और शनिवार से अनशन शुरू करेंगे।

Thursday, June 2, 2011

रामदेव विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर ''आश्वासनों'' की बजाय ''कार्रवाई'' की बात पर अड़े

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता योगगुरु बाबा रामदेव की चार जून से काले धन के मुद्दे पर अनशन पर बैठने की योजना से बने हालात पर आज यानी गुरुवार को चर्चा कर सकते हैं। बाबा रामदेव के मुद्दे पर पार्टी और सरकार के बीच झलके मतभेदों की पृष्ठभूमि में शाम को सोनिया की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर समूह की बैठक होने वाली है। कोर समूह की बैठक आमतौर पर शुक्रवार को होती है लेकिन एक दिन पहले होने से इस बात का संकेत मिल रहा है कि रामदेव की अनशन की योजना पर पार्टी और सरकार में चिंता कायम है। बड़े नीतिगत मुद्दों पर फैसला करने वाले पार्टी के कोर समूह में प्रणव मुखर्जी, ए.के. एंटनी, पी. चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल समेत कांग्रेस के आला नेता और सरकार के मंत्री शामिल हैं। कुछ दिन पहले राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भी रामदेव के अनशन की योजना पर चर्चा की गयी थी और प्रधानमंत्री सिंह ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे अनशन पर नहीं जाने का आग्रह किया था। सिंह ने उन्हें भ्रष्टाचार के मुद्दे से निपटने के लिए व्यावहारिक समाधान तलाशने का वादा भी किया था। सरकार की ओर से बुधवार को यहां हवाईअड्डे पर बाबा रामदेव की अगवानी के लिए चार वरिष्ठ मंत्रियों को भेजे जाने के अभूतपूर्व कदम से कांग्रेस ने दूरी बनाई है और कहा कि यह 'अनावश्यक' था और पार्टी का इससे कुछ लेना- देना नहीं है। दरअसल, सरकार ने गुरुवार को रामदेव को मनाने के लिए मध्य प्रदेश से उनके यहां हवाईअड्डे पर पहुंचने के समय से पहले ही अपने आला मंत्रियों को भेज दिया था। कांग्रेस में टॉप सूत्रों के अनुसार, ''यहां से हवाईअड्डे तक जाने की पूरी कवायद से पार्टी का किसी भी तरह का संबंध नहीं है।'' सरकार चाहती है कि फिर से उस तरह की स्थिति पैदा न हो जो अप्रैल में लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अन्ना हजारे के आंदोलन से पैदा हुई थी। सरकार के उस समय के आश्वासन का तत्काल कोई परिणाम निकलता प्रतीत नहीं हो रहा। बाबा रामदेव विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर ''आश्वासनों'' की बजाय ''कार्रवाई'' की बात पर अड़े हैं। उधर अन्ना हजारे ने कहा है कि प्रत्येक पदाधिकारी को लोकपाल विधेयक के दायरे में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार तभी हरकत में आई है जब रामदेव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चार जून से अपना आंदोलन शुरू करेंगे। हजारे ने कहा, ''इतने दिन से हम मांग कर रहे हैं, सरकार ने हमारी क्यों नहीं सुनी। अब सरकार सिर्फ इस वजह से दौड़ रही है कि अनशन पर बैठने का समय आ गया है।'' उन्होंने कहा, ''बाबा रामदेव काफी दिन से काले धन को वापस लाने की मांग उठा रहे हैं। सरकार ने इस मुद्दे पर कुछ करने की क्यों नहीं सोची। लोग अब यह जानना चाहते हैं कि सरकार के क्या इरादे हैं।'' गांधीवादी कार्यकर्ता हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। हजारे ने कहा, ''अब हम और खोखले आश्वासन या मौखिक वायदे नहीं चाहते। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में तब तक लड़ाई जारी रहेगी जब तक कि हमें वह नहीं मिल जाता जो हम चाहते हैं।''

Tuesday, May 31, 2011

बैठक सरकार और सिविल सोसायटी के मेंबरों के बीच टकराव में तब्दील

सरकार के रुख से नाराज अन्ना हजारे के नेतृत्व वाली सिविल सोसयटी एक बार फिर सड़कों का रुख करने के मूड में है। प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में लोकपाल बिल ड्राफ्टिंग कमिटी की सोमवार को हुई बैठक सरकार और सिविल सोसायटी के मेंबरों के बीच टकराव में तब्दील हो गई। सरकार ने पीएम ऑफिस, जुडिशरी और संसद में सांसदों की करप्ट करतूतों को लोकपाल के दायरे में लाने की मांग खारिज कर दी। इससे भड़ककर सिविल सोसायटी के सदस्य अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और संतोष हेगड़े ने कमिटी से वॉकआउट करने और फिर से सड़कों पर उतरने की धमकी दी है। सरकार ने इनकी मांगों को यह कहकर खारिज कर दिया कि पीएम को इस दायरे में लाना उनके पद को महत्वहीन बना देगा और अगर उनके खिलाफ जांच होती है तो वह शासन करने और अहम फैसले लेने का हक खो देंगे। कपिल सिब्बल का कहना है कि इस मामले में राज्य सरकारों और राजनीतिक पार्टियों से बात करना जरूरी है। उसके बाद ही 6 जून को होने वाली अगली मीटिंग में इस मसले पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार को लग रहा है कि अन्ना के आंदोलन का असर अब कम होता दिख रहा है इसलिए उसने अब ज्यादा दबाव में न आने का मन बना लिया है। इसी लिहाज से अब तक सिर्फ टीम अन्ना से बात करने के पक्ष में रही सरकार ने विवाद के मामलों पर राज्य सरकारों और दूसरे राजनीतिक दलों आदि की राय लेने की बात कह दी है। उधर, सरकार की इस मंशा को भांपते हुए अन्ना फिर से सड़क पर उतरने की तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि इससे पहले ये कुछ और बैठकों में भाग लेंगे। सोमवार को कमिटी के सह- अध्यक्ष शांति भूषण ने कमिटी में मौजूद मंत्रियों पर लोकपाल को लेकर गंभीर नहीं होने के आरोप लगाते हुए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से दखल देने की मांग की। कमिटी की बैठक के दौरान अहम बिंदुओं पर पहली बार सरकार का पक्ष रख रहे प्रणब मुखर्जी ने साफ कर दिया कि जिस तरह के अधिकार संपन्न लोकपाल की मांग अन्ना कर रहे हैं, उसके लिए सरकार तैयार नहीं है। सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पूरी तरह से लोकपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखने का प्रस्ताव रख दिया। हालांकि, सरकार ने अन्ना के आंदोलन से पहले जो लोकपाल का मसौदा अपनी तरफ से बनाया था, उसमें कुछ मामलों को छोड़ कर प्रधानमंत्री कार्यालय को इसके दायरे में रखा गया था। इसी तरह सरकार ने न्यायपालिका, सांसदों व जॉइंट सेक्रेटरी से नीचे स्तर के सरकारी अधिकारियों को भी इसके दायरे में लाने से इनकार कर दिया इन पांच मुद्दों पर अटकी बात - प्रधानमंत्री के ऑफिस को लोकपाल के दायरे में लाने पर नहीं मानी सरकार - जुडिशरी को लोकपाल के तहत लाने का मसला उठा, मगर सरकार ने खारिज की मांग - संसद में सांसदों के करप्ट व्यवहार को लोकपाल के दायरे में लाने का मुद्दा भी नामंजूर हुआ - जॉइंट सेक्रेट्री से नीचे के रैंक वाले अफसरों को लोकपाल के तहत लाने पर भी राजी नहीं हुई सरकार - सीवीसी और सीबीआई को लोकपाल में मिलाने के भी खिलाफ है सरकार

Friday, May 27, 2011

गुजरात में भी भ्रष्टाचार

सुशासन के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि गुजरात में भी भ्रष्टाचार है। उन्होंने गुजरात में भी लोकपाल की मांग की है। जन लोकपाल बिल पर कामयाब अनशन के जरिए देश के लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचनेवाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि गुजरात में भी भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा है कि गुजरात में भी लोकपाल होना चाहिए। अन्ना हजारे बुधवार को अचानक अहमदाबाद पहुंचे और वहां पर गुजरी बाजार के स्लमवासियों से मिले। अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन(एएमसी) ने बुधवार को की गई कार्रवाई के तहत इन स्लमवासियों के घरों को तोड़कर उन्हें बेघर कर दिया है। इन लोगों के दुख दर्द को सुनने के बाद अन्ना ने उन्हें समर्थन देने की बात कही। अन्ना हजारे के साथ अरविंद केजरीवाल और स्वामी अग्निवेश भी अहमदाबाद पहुंचे। स्वामी अग्निवेश ने भी राज्य सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, 'अफसरों ने जिस तरह यहां पर गरीब लोगों के साथ बुरा बर्ताव किया है, वह निंदनीय है। मैं यह देखकर हैरान हूं कि गुजरात में किस तरह कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।' गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने कहा था कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से अपने-अपने राज्य में काम किया है, उससे दूसरे मुख्यमंत्रियों को सीखना चाहिए।

Friday, May 20, 2011

सांसद और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज कर दी। उनके साथ कलैग्नर टीवी के प्रमुख शरद कुमार की अर्जी भी खारिज कर दी गई। दोनों को जेल भेज दिया गया। जैसे ही कोर्ट ने कनिमोड़ी की अर्जी खारिज की, कोर्ट परिसर में मौजूद डीएमके कार्यकर्ता दहाड़ मारकर रोने लगे। कोर्ट का फैसला सुनने के बाद कनिमोड़ी की आंखों से भी आंसू छलक पड़े। इसके पहले शुक्रवार की सुबह सीबीआई जज ओ. पी. सैनी ने कहा था कि मैं फैसला सुना दूंगा, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा, उम्मीद है कि यह फैसला दोपहर 1 बजे के बाद सुनाया जाएगा। उसी वक्त यह माना जाने लगा था कि कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज कर दी जाएगी। इसके पहले कनिमोड़ी की जमानत पर सुनवाई के बाद अदालत ने 7 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कनिमोड़ी के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसके बाद उन्हें अदालत ने समन जारी किया था। कनिमोड़ी ने अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि यदि हम यह मान भी लें कि राजा ने कलैग्नर टीवी के जरिए डायनेमिक्स समूह से 214 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की थी तब भी मेरे खिलाफ अपराध सिद्ध नहीं होता, क्योंकि इस बारे में मैंने किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए। दूसरी ओर, सीबीआई ने अपने चार्जशीट में कहा है कि कनिमोड़ी राजा को दोबारा टेलिकॉम मिनिस्टर बनाने के लिए सक्रिय रूप से मध्यस्थ की भूमिका निभा रही थीं। गौरतलब है कि डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी और शरद कुमार का नाम सीबीआई द्वारा 25 अप्रैल को दायर किए गए चार्जशीट में शामिल किया गया था। सीबीआई ने यह चार्जशीट घोटाले से संबंधित 214 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण का पता लगने के बाद दायर किया था। इस मामले के मुख्य आरोपी और पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर ए. राजा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और तिहाड़ जेल में बंद हैं।

Monday, May 16, 2011

प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधक कानून के दायरे में न्यायपालिका को रखे जाने की शनिवार को जोरदार वकालत

लोकपाल विधेयक ड्राफ्टिंग कमिटी के सदस्य और सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने प्रस्तावित भ्रष्टाचार निरोधक कानून के दायरे में न्यायपालिका को रखे जाने की शनिवार को जोरदार वकालत की। उनकी राय है कि लोकपाल को ऐसी कानूनी ताकत दी जानी चाहिए, जिसके इस्तेमाल से वह भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी जजों को हटा सके। एक कार्यक्रम के सिलसिले में यहां आये भूषण ने पत्रकारों से कहा कि न्यायपालिका लोकपाल विधेयक के दायरे में जरूर होना चाहिये। हालांकि, न्यायपालिका के ही कुछ लोगों का मानना है कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के आरोप की जांच में लोकपाल की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। भूषण की राय में न्यायपालिका के भ्रष्टाचार के मामलों में जजों को हटाने तक करने की भूमिका लोकपाल को दी जा सकती है।

Tuesday, May 10, 2011

मेरे अपनी सास के साथ संबंध

मेरी शादी हो गई है और मैं अपनी पत्नी से बहुत प्यार करताहूं। वह भी मुझसे बहुत प्यार करती हैहमारी शादी को एक सालहो गया है। इस बीच पिछले 6 महीने से पत्नी की मां के साथ मेरेशारीरिक संबंध हैं और अब वह मेरे बच्चे की मां बनने वाली हैं मैंने उनसे अबॉर्शन करानेको कहा , मगर वह इसके लिए तैयारनहीं हैं। वह बच्चे को जन्म देना चाहती हैंमेरे ससुर जी का देहांतदो साल पहले हो चुका है। पत्नी को नहीं पता है कि मेरे अपनी सास के साथ संबंध है।

Sunday, May 1, 2011

संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया मुरली मनोहर जोशी को

सीनियर बीजेपी लीडर मुरली मनोहर जोशी को 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में रिपोर्ट के मसौदे को लेकर उठे विवाद के बावजूद रविवार को फिर से संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

लोकलेखा समिति के अध्यक्ष पद के लिए जोशी को उनकी पार्टी ने नामांकित किया, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उन्हें फिर से इस पद पर नियुक्त किया। पीएसी विभिन्न विभागों और मंत्रालयों का वित्तीय ऑडिट करती है।

पूर्व समिति का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो गया था। जोशी की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति रविवार से प्रभावी होगी और उनका कार्यकाल एक साल का होगा। हाल ही में 77 वर्षीय जोशी 2 जी मामले में पीएसी की रिपोर्ट के मसौदे को वितरित करने के बाद विवादों में घिर गए थे।

पीएसी में शामिल यूपीए के सदस्यों ने जोशी पर आरोप लगाया था कि रिपोर्ट सरकार को बदनाम और अस्थिर करने के इरादे से तैयार की गई है। यूपीए सदस्यों ने पीएसी की पूर्व समिति की 28 अप्रैल को हुई अंतिम बैठक में खूब हंगामा किया था।

जोशी ने यूपीए सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को भेज दी थी। वह चाहते हैं कि अध्यक्ष इसे संसद में पेश करें। एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि वह रिपोर्ट पर लोकसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार करेंगे कि इसे स्वीकार किया जाता है या नहीं।

Monday, April 25, 2011

सुरेश कलमाड़ी को सीबीआई ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया

कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को सीबीआई ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। कॉमनवेल्थ गेम्स क्वींस बैटन रिले केस में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में उनको अरेस्ट किया गया। सुरेश कलमाड़ी से सीबीआई ने सोमवार सुबह 10 बजे पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक क्वींस बैटन रिले के आयोजन के लिए जिन दो कंपनियों को ठेका दिया गया था, उसके करोड़ों के पेमेंट के बारे में सीबीआई ने कलमाड़ी से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद कलमाड़ी से आईओसी के चेयरमैन की कुर्सी छिननी भी तय मानी जा रही है। इस पर कोई फैसला आज देर शाम तक हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक आईओसी ने कलमाड़ी को प्रेजिडेंट पद से इस्तीफा देने को कह दिया है। आईओसी ने इंडियन ओलिंपिक असोसिएशन से भी इस मामले में दखल देने को कहा है। सीबीआई का आरोप है कि क्वीन्स बैटन रिले के आयोजन के लिए दो कंपनियों को ठेका दिया गया था। इसमें भारी अनियमितता की गई और इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। सीबीआई इस मामले की छानबीन के दौरान ओसी के कुछ पूर्व अधिकारियों टी. एस. दरबारी और अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। इसी दौरान सीबीआई ने कलमाड़ी व अन्य के दिल्ली और पुणे स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे। सीबीआई ने दस्तावेजों के पड़ताल के बाद कलमाड़ी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। सीबीआई के मुताबिक 29 अक्टूबर, 2009 क्वीन्स बैटन रिले में एएम फिल्म्स और एएम कार ऐड वैन हायर लिमिटेड को नियमों को ताख पर रखकर ठेका दिया गया। इससे सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। तीसरी एफआईआर स्विस कंपनी से हुई 107 करोड़ की डील से संबंधित है। सीबीआई ने कलमाड़ी के अलावा ओसी के सेक्रेटरी जनरल ललित भनोट व अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी। सूत्रों के मुताबिक गेम्स डील से संबंधित कुछ दस्तावेज गायब हो चुके हैं सीबीआई को अंदेशा है कि कहीं इस दस्तावेज को छुपाया न गया हो।

Sunday, April 24, 2011

सत्य साईं बाबा का निधन

पिछले 28 दिनों से पुट्टपर्थी के अस्पताल में मौत से जूझ रहे सत्य साईं बाबा का निधन हो गया है। श्री सत्य साईं इंस्टिट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज के मुताबिक बाबा ने श्वसन तंत्र निष्क्रिय होने के बाद सुबह 7.40 बजे अंतिम सांस ली।
साईं बाबा के पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए शाम छह बजे से पुट्टपर्थी के साईं कुलवंत हॉल में रखा जाएगा। भक्त उनके शरीर का दो दिन तक दर्शन कर सकेंगे। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। आंध्र प्रदेश सरकार ने चार दिन के शोक की घोषणा की है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और कई अन्य ने उनके निधन पर शोक जताया है।

बाबा के निधन के खबर से उनके भक्तों में शोक की लहर लौड़ गई है। भक्त बड़ी तादाद में पुट्टपर्थी में आश्रम के बाहर जमा हो रहे हैं। पुलिस ने वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी कर दिए हैं। देश-विदेश से साईं के भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।

साईं बाबा के भक्तों में देश के कई बड़े राजनेता , सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्टों के जज , सेना के अधिकारियों के अलावा व्यापार , खेल और फिल्म जगत की कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं।

86 वर्षीय साईं बाबा को हृदय और सांस संबंधी तकलीफों के बाद 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। हालत नाजुक होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। लो ब्लड प्रेशर और लिवर बेकार होने से उनकी हालत और चिंताजनक हो गई थी। इसके बाद उनके शरीर के लगभग सभी अंगों पर दवाइयां बेअसर साबित हो रही थीं।

बाबा के निधन के बाद उनके जन्मस्थान पुट्टपर्थी की सभी दुकानों को बंद करवा दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। लगभग 6 हजार सुरक्षाकर्मियों को पुट्टपर्थी में तैनात किया गया है। स्थिति बेकाबू होने के डर से शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है।
बाबा का जन्म सन् 1926 में पुट्टपर्थी में हुआ था। यह तब आंध्र प्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले अनंतपुर जिले का एक छोड़ा सा कस्बा हुआ करता था। साईं बाबा का असली नाम सत्यनारायण राजू था। 14 साल की उम्र में खुद को भगवान का अवतार घोषित करने और अपने चमत्कारिक कारनामों से लोगों का उनमें विश्वास बढ़ता चला गया। लेकिन जब उन पर जब जादू के जरिए यह सब करने के आरोप लगे , तो उन्होंने चमत्कार दिखाने बंद कर दिए। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान सामाजिक कार्यों पर फोकस कर दिया।

Thursday, April 14, 2011

टैक्स रिटर्न फॉर्म 'सुगम' को पेश करेगा। वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय जल्दी ही आसान माने जा रहे टैक्स रिटर्न फॉर्म 'सुगम' को पेश करेगा। इस फॉर्म से छोटे बिजनेसमैन और पेशेवरों के लिए रिटर्न दाखिल करना आसान बन सकता है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि सुगम पर अभी कानून मंत्रालय गौर कर रहा है और जल्दी ही इसे नोटिफाई कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट भाषण में सुगम का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि इससे छोटे करदाताओं को मदद मिलेगी। सैलरी क्लास वालों के लिए टैक्स रिटर्न भरना सरल-2 फॉर्म पहले ही आसान बना चुका है।

Wednesday, March 23, 2011

एक मंत्री की संपत्ति 780 गुना बढ़ गई।

तमिलनाडु में डीएमके सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान राज्य का विकास का तो पता नहीं, लेकिन एक मंत्री की संपत्ति 780 गुना बढ़ गई। कम से कम आधिकारिक आंकड़े तो यही कहते हैं। तमिलनाडु के खाद्य मंत्री ई.वी.वेलू ने 2006 के विधानसभा चुनावों में तिरुवन्नामलाई से चुनाव लड़ा था। चुनावों के समय उन्होंने अपनी संपत्ति एक लाख रुपये की बताई थी। इसके अलावा उन्होंने अपनी संपत्ति में 60 हजार रुपये के मूल्य की 1.1 एकड़ की कृषि भूमि, कैश डिपॉजिट 25 हजार रुपये और जूलरी 15 हजार रुपये दर्शाई थी। ऐफिडेविट के अनुसार उनकी पत्नी के नाम पर कोई संपत्ति नहीं थी। लेकिन अब पांच साल बाद सोमवार को भरे गए ऐफिडेविट के अनुसार उनकी संपत्ति में चाहे वह जमीन हो या मकान, जूलरी हो या कैश डिपॉजिट बेइंतहा इजाफा हुआ है। 60 वर्षीय राज्य के खाद्य मंत्री वेलू और उनकी पत्नी के नाम पर फिलहाल 7.8 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनके बैंक खाते में 17.47 लाख रुपये, 1.75 करोड़ रुपये की कृषि भूमि, 1.25 करोड़ रुपये की बिल्डिंग और 4.5 करोड़ रुपये का एक घर है। इसके अलावा उनकी पत्नी के नाम पर 5.76 लाख रुपये की जूलरी और 5 लाख रुपये की कृषि भूमि भी है। इतने कम समय में इतनी संपत्ति अर्जित करने के आय के स्रोत के बारे में पूछने पर वेलू ने टीओआई से कहा- 'उनके पास जो संपत्ति थी इस दौरान उसकी मार्केट वेल्यू काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा- चुनाव आयोग की नई गाइंडलाइंस के अनुसार अब ज्यादा जानकारी देनी होती है और यही कारण है कि उनकी संपत्ति ज्यादा लग रही है। उन्होंने कहा- मेरे अकाउंट्स का नियमित तौर पर ऑडिट होता है और मैं पिछले 10 साल से इनकम टैक्सपेयर हूं (जबकि 2006 के ऐफिडेविट के अनुसार उनका दावा था कि वेलू टैक्सपेयर नहीं हैं)। उन्होंने कहा- मेरा आय का मुख्य स्रोत खेती-बाड़ी से होने वाली आय है। मैं यही कह सकता हूं कि मेरे ऑडिटर मेरी संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर रहे हैं।' गौरतलब है कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के मुताबिक, चुनाव में खड़े होने वाले सभी उम्मीदवारों को अपनी संपत्ति के साथ-साथ अपने पति/पत्नी, बच्चों और अपने पर आश्रित सभी लोगों की संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा देना होगा। पल्लावरम से चुनाव में खड़े होने राज्य के श्रम मंत्री टी.एम. अनबरासन की संपत्ति में भी पिछले पांच सालों में काफी इजाफा हुआ है। ऐफिडेविट के अनुसार, उनकी घोषित संपत्ति 91.49 लाख रुपये (2006 में) से बढ़कर अब 2011 में 4.95 करोड़ रुपये की हो गई है। इसमें उनकी पत्नी के नाम पर संपत्ति भी शामिल है। इसके अलावा उनके पास 22.9 लाख रुपये मूल्य की एक मित्सीबुशी पजेरो, बिल्डिंग, जूलरी और कैश भी शामिल है।