Monday, November 16, 2009

मेट्रो प्रशासन सुविधाएंबढ़ाने को लेकर गंभीर नहीं

कमाई के मामले में लगातार नए रेकॉर्ड बना रही दिल्ली मेट्रो सुविधाओं के मामले पिछड़ती जा रही है। हालत यह है कि फर्स्ट एड के लिए भी मेट्रो बाहर की सुविधाओं पर निर्भर है। ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो लोगों को संभालना मुश्किल हो सकता है। इसकी एक झलक आठ नवंबर को हुए ब्रेक- डाउन के बाद देखने को मिल चुकी है, बावजूद इसके मेट्रो प्रशासन सुविधाएंबढ़ाने को लेकर गंभीर नहीं है। मेट्रो के अंदर स्वास्थ्य सुविधाओं पर गौर करें तो हर स्टेशन पर सिर्फ एक वील चेयर, एक स्ट्रेचर और एक फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था है, लेकिन फर्स्ट एड के लिए मेट्रो के पास डॉक्टर तोदूर स्टेशनों में कोई ट्रेंड स्टाफ तक की व्यवस्था नहीं है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रवक्ता अनुज दयाल का कहना है कि कैट एंबुलेंस के साथ हमारा टाई- अप है। जरूरत पड़ने पर उन्हें 10 मिनट के अंदर बुला लिया जाएगा और नजदीकी हॉस्पिटल में लोगों को भेज दियाजाएगा। इस बीच मदद के लिए टेन के अंदर अनाउंसमेंट कर दी जाएगी कि अगर उसमें कोई डॉक्टर हैं तो मदद के लिए आ जाएं। लेकिन, टनल या स्टेशन के अंदर भगदड़ जैसी स्थिति होने पर सैकड़ों यात्रियों की भीड़ को हटाते हुए जरूरतमंद लोगों को बाहर ले जाना कैसे मुमकिन होगा, इस बारे में शायद प्रशासन ने सोचा नहीं है। जहां तक सुविधाओं के समय पर पहुंचने की बात है तो दिल्ली के ट्रैफिक में आधे घंटे से पहले कुछ भी संभव नहीं है। जबकि कार्डिएक अरेस्ट या ब्रेन स्ट्रोक जैसे मामलों में शुरू के 10 मिनट ही इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। स्टेशनों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कितनी जरूरत है इसका अंदाजा आठ नवंबर को एक टेन के ब्रेक डाउन के बाद हुई हालत से लगाया जा चुका है। उस दिन एक साथ भीड़ होने और लाइट, एसी बंद होने से कई लोग घुटन के कारण बेहोश हो गए थे,तो कइयों को चोट भी लग गई थी। जानकारों काकहना है कि यह तो छोटा मामला था और कुछ ही देर की बात थी, तब भी लोगों को संभालना मुश्किल हो गया था। ऐसे में उपलब्ध सुविधाओं के सहारे बड़े डिजास्टर को मैनेज करने की बात सोची भीनहीं जा सकती है। डीएमआरसी दुनिया की बेस्ट सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करतीहै, लेकिन यहां की हेल्थ फेसिलिटी की लंदन, न्यू यॉर्क जैसे शहरों की मेट्रो ट्रेन से तुलना करें तो हम काफी पीछे हैं। जानकारों के मुताबिक लंदन में हर मेट्रो स्टेशन पर डॉक्टर, ट्रेड हेल्थ वर्कर और बाकी सभी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। कई स्टेशनों के बाहर छोटे- छोटे पोली क्लीनिक भी बनाए गए हैं और उनके पास खुद के एंबुलेंस भी उपलब्ध रहते हैं।
दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क की बात करें तो फिलहाल यह 87 कि। मी. एरिया को कवर कर रही है। इसके 78 स्टेशन हैं, जिनमें से 15 स्टेशन अंडर ग्राउंड हैं। दूसरे फेज के चालू होने के बाद इसका नेटवर्क 190 कि। मी. का हो जाएगा और स्टेशनों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी। मेट्रो में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। पहले से ही फायदे में चल रही मेट्रो किराया बढ़ने और नोयडा रूट चालू के होने के बाद कमाई के मामले में नए रेकॉर्ड बना रही है। डीएमआरसी के मुताबिक शनिवार को मेट्रो ने एक करोड़ ६४ लाख रुपये की कमाई की है, जो कि अब तक का रेकॉर्ड है। इससे पहले शुक्रवार को एक करोड़ 40
लाख की और इसी साल तीन अगस्त को एक करोड़ 25 लाख रुपये की कमाई कर चुकी है। मगर यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।


No comments: