बाबरी मस्जिद विध्वंस की जांच संबंधी लिबरहान आयोग की रिपोर्ट को तथ्य से परे बताते हुए विश्व
हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा कि इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रतिकूल टिप्पणी करने से मना किया जाएगा। वीएचपी ने रिपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शामिल होने पर कुछ भी कहने से इनकार किया। हालांकि संगठन ने इस बात को स्वीकार किया कि वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आशोक सिंघल ने कहा सामाजिक सद्भाव कायम करने के लिए मुस्लिम समाज को आयोध्या, काशी और मथुरा के हिंदू धर्मस्थलों पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार को कानून बना कर राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। जैसा सोमनाथ मंदिर की स्थापना के लिए जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल के समय सरदार पटेल के नेतृत्व में किया गया था। सिंघल ने कहा लिबरहान आयोग की रिपोर्ट गलत है। इसमें संत देवराहा बाबा का नाम शामिल किया गया है। जबकि विवादित ढांचा गिराए जाने से 2 साल पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शामिल होने पर उन्होंने कहा इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे और उन्हें एक बार लखनऊ में अरेस्ट भी किया गया गया था।
हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा कि इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रतिकूल टिप्पणी करने से मना किया जाएगा। वीएचपी ने रिपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शामिल होने पर कुछ भी कहने से इनकार किया। हालांकि संगठन ने इस बात को स्वीकार किया कि वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आशोक सिंघल ने कहा सामाजिक सद्भाव कायम करने के लिए मुस्लिम समाज को आयोध्या, काशी और मथुरा के हिंदू धर्मस्थलों पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार को कानून बना कर राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। जैसा सोमनाथ मंदिर की स्थापना के लिए जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल के समय सरदार पटेल के नेतृत्व में किया गया था। सिंघल ने कहा लिबरहान आयोग की रिपोर्ट गलत है। इसमें संत देवराहा बाबा का नाम शामिल किया गया है। जबकि विवादित ढांचा गिराए जाने से 2 साल पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शामिल होने पर उन्होंने कहा इस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे और उन्हें एक बार लखनऊ में अरेस्ट भी किया गया गया था।
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