Tuesday, March 31, 2015

9 साल की दो बच्चियों के साथ रेप की वारदात

ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में अलग-अलग जगहों पर 9 साल की दो बच्चियों के साथ रेप की वारदात दर्ज की गई। पहली घटना प्रीत विहार इलाके की है। यहां एक शख्स ने आखिरी नवरात्र वाले दिन कन्या पूजन के बहाने 9 साल की लड़की को अपने घर ले जाकर उससे रेप किया। बच्ची की हालत खराब है। उसका लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट चल रहा है। आरोपी अपने घर से फरार है। दूसरी घटना कृष्णा नगर इलाके की है। यहां एक युवक ने पड़ोस में रहने वाली 9 साल की बच्ची के साथ रेप किया। आसपास के लोगों ने 18 साल के आरोपी युवक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 9 साल की बच्ची अपने परिवार के साथ प्रीत विहार इलाके में रहती है। नवरात्र के आखिरी दिन पड़ोस में रहने वाला एक शख्स बच्ची को उसके घर से कन्या पूजन के बहाने बुलाकर अपने साथ ले गया। आरोप है कि उसने घर ले जाकर बच्ची के साथ रेप किया। वारदात अंजाम देने के बाद आरोपी अपने घर से फरार हो गया। बच्ची वहां से किसी तरह अपने घर पहुंची। परिवार वालों ने बच्ची की हालत देखकर पुलिस को कॉल की। पुलिस ने बच्ची को हॉस्पिटल में भर्ती कराया। आरोपी अभी तक अरेस्ट नहीं हो पाया है।
दूसरी घटना भी 9 साल की बच्ची के साथ हुई। बच्ची अपनी मां और बड़ी बहन के साथ कृष्णा नगर इलाके में रेंट पर रहती है। बच्ची के पिता की दोनों किडनी और लिवर खराब है। वह गांव में रहते हैं। बच्ची की मां अपनी दोनों बेटियों के साथ यहां घरों में काम करती है। आरोपी युवक भी अपने परिवार के साथ उसी मकान में रेंट पर रहता है। उसके पैरंट्स घर से बाहर गए हुए हैं। घर पर उसकी छोटी बहन थी। रात ज्यादा होने के कारण आरोपी युवक की छोटी बहन बच्ची की मां के पास गई और उसे अपने पास सोने के लिए कहा।

बच्ची की मां ने उसे वहां भेज दिया। देर रात जब वह सो गई तो उसका भाई कमरे पर पहुंचा। उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। वारदात अंजाम देने के बाद उसने बच्ची को मुंह बंद रखने की धमकी दी। डर के कारण बच्ची उसी कमरे में सो गई। देर रात जब बच्ची के पेट में तेज दर्ज हुआ तो वह अपनी मां के पास आ गई। उसने युवक की करतूत के बारे में बता दिया। सोमवार सुबह बच्ची की मां जिन घरों में काम करती है, उनके पास जाकर पूरी घटना के बारे में बताया। कुछ लोग महिला की मदद के लिए उसके घर पहुंचे। उस समय आरोपी युवक अपने घर पर ही था। लोगों ने युवक को पकड़कर कृष्णा नगर पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

Sunday, March 29, 2015

अनूठे सूर्य मंदिर और ब्रह्मकमल का निर्माण

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ताजमहल से कुछ ही दूरी पर स्थित आंवलखेड़ा में अनूठे सूर्य मंदिर और ब्रह्मकमल का निर्माण किया जा रहा है। दो तलों में बन रहे इस मंदिर की खासियत इसमें लगाया जाने वाला लेंस होगा जिससे सूर्य की किरणों से मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की मूर्ति और भवन प्रकाशित होगा।
सूर्योदय से सूर्यास्त तक मंदिर सूर्य की रोशनी से ही प्रकाशित रहेगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी की जन्मस्थली आंवलखेड़ा में इस अनूठे सूर्य मंदिर और ब्रह्मकमल का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है और नवंबर तक मंदिर के उद्घाटन की योजना है। आध्यात्मिक ऊर्जा ही नहीं, पर्यटन के लिहाज से भी यह आकर्षण का केंद्र होगा। जहां दर्शनार्थी प्रेम का प्रतीक ताजमहल के दर्शनार्थ आगरा आते हैं, वहीं सूर्य मंदिर की खासियतें जानने के लिए अब वे आंवलाखेड़ा आ सकेंगे।

भारत में उत्कल के कोणार्क के बाद अब आंवलखेड़ा में भगवान भास्कर के अद्भुत मंदिर तथा ब्रह्मकमल का दर्शन होंगे। अब यहां सूर्य से अध्यात्म और तकनीक की किरणें फूटेंगी। इनके बीच ध्यान का अवसर साधकों के लिए अनूठा अनुभव वाला होगा। शहर से 25 किलोमीटर दूर जलेसर रोड पर स्थित आंवलखेड़ा को आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में तैयार किया जा रहा है।
गायत्री परिवार के मुख्यालय हरिद्वार स्थित शांतिकुंज द्वारा तीर्थों की परंपरा में एक नया प्रयोग करते हुए आध्यात्मिक दृष्टि से अमूल्य धरोहर के रूप में इस सूर्य मंदिर को विकसित किया जा रहा है। सामाजिक परिवर्तन की चाह, आत्म परिष्कार की उमंग, अध्यात्म के वैज्ञानिक स्वरूप के जिज्ञासु यहां आकर मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। सूर्य मंदिर के अतिरिक्त जन्मस्थली परिसर में ब्रह्मकमल का निर्माण भी हो रहा है। बाकी पुराने परिसर को ज्यों का त्यों संवारा जा रहा है।
मंदिर दो तलों में बनाया गया है जहां प्रखर रश्मियां सूर्यदेव का श्रृंगार करेंगी। इसके शिखर पर एक लेंस लगाया जाएगा। यही मंदिर की खासियत है। इस लेंस पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों से मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की मूर्ति और भवन प्रकाशित होगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक मंदिर में सूर्य की रोशनी से ही प्रकाश रहे, कृत्रिम प्रकाश की आवश्यकता न रहे। कक्ष के केंद्र में धवल संगमरमर से बनी मूर्ति में भगवान भास्कर देव सारथी के साथ रथ पर सवार हैं। उनके रथ में सात घोड़े ऐसी मुद्रा में लगाए गए हैं, मानो अभी दौड़ने लगेंगे। पीछे उदीयमान सूर्य का दृश्य उकेरा गया है।
मंदिर में गायत्री मंत्र और प्रज्ञा गीत निरंतर चलते रहेंगे। सूर्य मंदिर के नीचे के तल में स्वास्तिक भवन बनाया गया है। इसमें पं श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवनवृत्त, व्यक्तित्व और कृतित्व को प्रदर्शित करने वाली विशाल प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उनके द्वारा लिखी गई 3200 पुस्तकें, चारों वेद, 108 उपनिषद, छह दर्शन, 20 स्मृति, 18 पुराण, गीता एवं रामायण सारांश, गायत्री महाविज्ञान तथा दैनिक जीवन से जुड़ी वस्तुएं यहां देखने को मिलेंगी ताकि श्रद्धालु दर्शनार्थी उनके बारे में जानकारियां प्राप्त कर सकें।
अभियंता शरद पारधी ने बताया, 'मंदिर का निर्माण अगस्त 2011 से शुरू हुआ था। परिसर का नक्शा नागपुर के आर्किटेक्ट अशोक मोखा द्वारा तैयार किया गया है। दिल्ली की कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा तीन साल से चल रहे निर्माण कार्य में अनुमान के मुताबिक छह महीने का समय और लग सकता है। इस भव्य सूर्य मंदिर में दिल्ली और नागपुर से आए कुशल कारीगर काम कर रहे हैं।'
मंदिर में स्थापित की गई सूर्यदेव की मूर्ति चेन्नै से तैयार होकर आई है। मंदिर के शिखर पर लगने वाले लेंस के लिए वृत्ताकार जगह छोड़ दी गई है। स्लोब की तरह बनाए गए शिखर को एंगल से मजबूती दी गई है। जिसे कांस से ढक लिया गया है। इसलिए मंदिर परंपरागत मंदिरों से कुछ भिन्न नजर आता है। जानकारों का मानना है कि लेंस लगने के बाद मंदिर भव्य और अनूठेपन की मिसाल कायम करेगा।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या के अनुसार गुरु चरणों में समर्पित योजना को पूरा होने के बाद लोग आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रहेंगे। सामान्य मंदिरों से अलग अध्यात्म पिपासुओं को यहां अलग अनुभव मिलेगा। गायत्री शक्तिपीठ, आंवलखेड़ा के व्यवस्थापक घनश्याम देवांगन का कहना है कि यहां ध्यान करने का अवसर साधकों के लिए एक अनूठा अनुभव होगा।

अनूठे सूर्य मंदिर और ब्रह्मकमल का निर्माण

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ताजमहल से कुछ ही दूरी पर स्थित आंवलखेड़ा में अनूठे सूर्य मंदिर और ब्रह्मकमल का निर्माण किया जा रहा है। दो तलों में बन रहे इस मंदिर की खासियत इसमें लगाया जाने वाला लेंस होगा जिससे सूर्य की किरणों से मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की मूर्ति और भवन प्रकाशित होगा।
सूर्योदय से सूर्यास्त तक मंदिर सूर्य की रोशनी से ही प्रकाशित रहेगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी की जन्मस्थली आंवलखेड़ा में इस अनूठे सूर्य मंदिर और ब्रह्मकमल का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है और नवंबर तक मंदिर के उद्घाटन की योजना है। आध्यात्मिक ऊर्जा ही नहीं, पर्यटन के लिहाज से भी यह आकर्षण का केंद्र होगा। जहां दर्शनार्थी प्रेम का प्रतीक ताजमहल के दर्शनार्थ आगरा आते हैं, वहीं सूर्य मंदिर की खासियतें जानने के लिए अब वे आंवलाखेड़ा आ सकेंगे।

भारत में उत्कल के कोणार्क के बाद अब आंवलखेड़ा में भगवान भास्कर के अद्भुत मंदिर तथा ब्रह्मकमल का दर्शन होंगे। अब यहां सूर्य से अध्यात्म और तकनीक की किरणें फूटेंगी। इनके बीच ध्यान का अवसर साधकों के लिए अनूठा अनुभव वाला होगा। शहर से 25 किलोमीटर दूर जलेसर रोड पर स्थित आंवलखेड़ा को आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में तैयार किया जा रहा है।
गायत्री परिवार के मुख्यालय हरिद्वार स्थित शांतिकुंज द्वारा तीर्थों की परंपरा में एक नया प्रयोग करते हुए आध्यात्मिक दृष्टि से अमूल्य धरोहर के रूप में इस सूर्य मंदिर को विकसित किया जा रहा है। सामाजिक परिवर्तन की चाह, आत्म परिष्कार की उमंग, अध्यात्म के वैज्ञानिक स्वरूप के जिज्ञासु यहां आकर मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। सूर्य मंदिर के अतिरिक्त जन्मस्थली परिसर में ब्रह्मकमल का निर्माण भी हो रहा है। बाकी पुराने परिसर को ज्यों का त्यों संवारा जा रहा है।
मंदिर दो तलों में बनाया गया है जहां प्रखर रश्मियां सूर्यदेव का श्रृंगार करेंगी। इसके शिखर पर एक लेंस लगाया जाएगा। यही मंदिर की खासियत है। इस लेंस पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों से मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की मूर्ति और भवन प्रकाशित होगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक मंदिर में सूर्य की रोशनी से ही प्रकाश रहे, कृत्रिम प्रकाश की आवश्यकता न रहे। कक्ष के केंद्र में धवल संगमरमर से बनी मूर्ति में भगवान भास्कर देव सारथी के साथ रथ पर सवार हैं। उनके रथ में सात घोड़े ऐसी मुद्रा में लगाए गए हैं, मानो अभी दौड़ने लगेंगे। पीछे उदीयमान सूर्य का दृश्य उकेरा गया है।
मंदिर में गायत्री मंत्र और प्रज्ञा गीत निरंतर चलते रहेंगे। सूर्य मंदिर के नीचे के तल में स्वास्तिक भवन बनाया गया है। इसमें पं श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवनवृत्त, व्यक्तित्व और कृतित्व को प्रदर्शित करने वाली विशाल प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उनके द्वारा लिखी गई 3200 पुस्तकें, चारों वेद, 108 उपनिषद, छह दर्शन, 20 स्मृति, 18 पुराण, गीता एवं रामायण सारांश, गायत्री महाविज्ञान तथा दैनिक जीवन से जुड़ी वस्तुएं यहां देखने को मिलेंगी ताकि श्रद्धालु दर्शनार्थी उनके बारे में जानकारियां प्राप्त कर सकें।
अभियंता शरद पारधी ने बताया, 'मंदिर का निर्माण अगस्त 2011 से शुरू हुआ था। परिसर का नक्शा नागपुर के आर्किटेक्ट अशोक मोखा द्वारा तैयार किया गया है। दिल्ली की कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा तीन साल से चल रहे निर्माण कार्य में अनुमान के मुताबिक छह महीने का समय और लग सकता है। इस भव्य सूर्य मंदिर में दिल्ली और नागपुर से आए कुशल कारीगर काम कर रहे हैं।'
मंदिर में स्थापित की गई सूर्यदेव की मूर्ति चेन्नै से तैयार होकर आई है। मंदिर के शिखर पर लगने वाले लेंस के लिए वृत्ताकार जगह छोड़ दी गई है। स्लोब की तरह बनाए गए शिखर को एंगल से मजबूती दी गई है। जिसे कांस से ढक लिया गया है। इसलिए मंदिर परंपरागत मंदिरों से कुछ भिन्न नजर आता है। जानकारों का मानना है कि लेंस लगने के बाद मंदिर भव्य और अनूठेपन की मिसाल कायम करेगा।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या के अनुसार गुरु चरणों में समर्पित योजना को पूरा होने के बाद लोग आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रहेंगे। सामान्य मंदिरों से अलग अध्यात्म पिपासुओं को यहां अलग अनुभव मिलेगा। गायत्री शक्तिपीठ, आंवलखेड़ा के व्यवस्थापक घनश्याम देवांगन का कहना है कि यहां ध्यान करने का अवसर साधकों के लिए एक अनूठा अनुभव होगा।

Friday, March 27, 2015

भारत- आस्ट्रेलिया मैच पर कुछ कुछ

1.      आस्ट्रेलिया ने दिखा दिए अपने तेवर
हैरान हो गए अनुष्का के देवर
पत्थरों से मार देना मेरे देवरों की टोली को
बस एक गोली मार देना मेरे कोहली को
2.      अगर विराट कोहली ने सेमीफाइनल मे अपने बल्ले का कमाल दिखा दिया होता तो अनुष्का को राष्ट्रीय भाभी घोषित कर दिया जाता।
3.      ...और इसी बीच बॉस को धड़ाधड़ फोन आने लगे कि सर तबीयत ठीक लग रही है, ऑफिस आ रहा हूं।
4.      गंभीर ने युवराज को कॉल किया : हा हा हा हा हा हा हा हा  युवराज : हा हा हा हा हा हा हा हा...रुक रुक सहवाग को कॉन्फ्रेंस में लेता हूं।
5.      देखो सेमीफाइनल में हार गए तो कोई बात नहीं, लेकिन फाइनल में मत हारना : आलिया भट्ट 
6.      अनुष्का भाभी के ढीले पड़ गए तेवर  न सैयां चले और न ही देवर।
7.      अनुष्का विराट का एक रन देखने सिडनी तक गई  इसे कहते हैं सच्चा प्यार!
8.      भाई लोगो आस्था चैनल लग लो  वहीं से मन को ताकत मिलेगी।
9.      इतिहास की किताब पर भूगोल का कवर, 1 रन बनाकर आउट हुआ अनुष्का का लवर
10.  एक मिनट का मौन उनलोगों के लिए, जिन्होंने कल के दिन छुट्टी ली थी।
11.  साईं बाबा, आपसे कहा था कि कैसे भी करके मैच जिता देना...! साईं बाबा : बेटा सिडनी था, शिर्डी नहीं।
12.  आलिया भट्ट : ऑस्ट्रेलिया औऱ न्यू जीलैंड को अगर आपस में ही खेलना था तो दुनिया भर से बाकी टीम को बुलाने की क्या जरूरत थी?

13.  दोस्तो, यूटीवी ऐक्शन के LOC कारगिल आ रही है
वहां इंडिया जीत रहा है।

सिक्यॉरिटी के लिए नई गाइडलाइंस जारी

डिफेंस मिनिस्ट्री ने सिक्यॉरिटी के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके तहत विदेशी फर्मों के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को सुरक्षा जांच के मामले में विदेशियों की तरह देखा जाएगा। मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मीडिया से बातचीत सिर्फ सेक्रेटरी लेवल तक सीमित होगी और सभी फोटोकॉपी का रेकॉर्ड रखना होगा। मिनिस्ट्री ने ये गाइडलाइंस पेट्रोलियम मंत्रालय में गुप्त सूचनाओं के लीकेज के खुलासे के मद्देनजर जारी की हैं। गाइडलाइंस में मिनिस्ट्री और डिफेंस संस्थानों के एक्सेस पर कंट्रोल और आईटी सिस्टम से लीक रोकने की बात है। साथ ही, यह भी चेतावनी दी गई है कि इंटरनल मिलिट्री फोन लाइंस भी सुरक्षित नहीं हैं। ये तमाम बातें निगरानी वाले कैमरों और एक्सेस-कंट्रोल डिवाइसेज के इंस्टॉलेशन के अलावा हैं।
नए सिस्टम के तहत फॉरेन फर्मों में काम करने वाले एग्जिक्युटिव्स के लिए साउथ ब्लॉक स्थित डिफेंस मिनिस्ट्री के दफ्तर या बाकी सैन्य इकाइयों में एंट्री करना काफी मुश्किल होगा। जैसा कि विदेशी नागरिकों के मामले में होता है, इन एग्जिक्युटिव्स को भी 10 दिन पहले सिक्यॉरिटी क्लीयरेंस के लिए अप्लाई करना होगा।
इससे पहले विदशी फर्मों में काम करने वाले भारतीय एग्जिक्युटिव्स के लिए मिनिस्ट्री में एंट्री अपेक्षाकृत आसान थी। ऐसे एग्जिक्युटिव्स आखिरी वक्त में भी अपॉइंटमेंट ले सकते थे। डिफेंस मिनिस्ट्री ने मीडिया के साथ बातचीत पर भी सख्ती की है। मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक, सिर्फ मंत्री, सेक्रेटरी और अधिकृत अफसर ही प्रेस को सूचना दे सकेंगे।
डिफेंस मिनिस्ट्री को यह भी नहीं भरोसा है कि उसका अपना कम्युनिकेशन नेवटर्क सुरक्षित है। लिहाजा, सभी अधिकारियों को इंटरनल टेलिफोन सिस्टम के जरिये भी गुप्त मामलों पर बात नहीं करने की चेतावनी दी गई है। गाइडलाइंस में खासतौर पर कहा गया है कि टेलिफोन के जरिये किसी भी तरह की बातचीत सुरक्षित नहीं है। इसमें कहा गया है, 'टेलिफोन के जरिये आधिकारिक मुद्दों पर बात करते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।'
मिनिस्ट्री की गाइडलाइंस में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कुछ अधिकारियों में डॉक्युमेंट्स को अपने घर ले जाने की प्रवृत्ति होती है, जबकि सुरक्षा संबंधी निर्देशों में साफ तौर पर यह बात कही गई है कि इसकी इजाजत नहीं है और इसके लिए खास मंजूरी तभी दी जा सकती है, जब इसकी सख्त जरूरत आन पड़ी हो।
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय में हुई सभी फोटोकॉपी का रेकॉर्ड रखना होगा और सभी गुप्त दस्तावेजों को किसी खास जगह पर रखना चाहिए। साथ ही, एक सीनियर अफसर की अगुवाई में सभी रद्दी कागजों को नष्ट किया जाना चाहिए। सुरक्षा उल्लंघन के कुछ मामले सामने आने के बाद नए निर्देश जारी किए गए हैं।
सेना के एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से फोन पर विदेशी नागरिक को सूचनाएं मुहैया कराने की बात भी सामने आई थी। इस विदेशी नागरिक ने खुद को सीनियर ब्यूरोक्रेट बताते हुए फोन पर बात की थी। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि नए नियम से काम करना काफी मुश्किल हो गया है।

Wednesday, March 25, 2015

अब तक की सबसे कठिन चुनौती

वर्ल्ड कप को एक बार फिर हाथ में लेने से दो जीत दूर खड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के सामने कल सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के रूप में अब तक की सबसे कठिन चुनौती होगी। टीम इंडिया को खेल के हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। छह सप्ताह पहले ही दोनों टीमें टेस्ट और त्रिकोणीय वनडे सीरीज में एक-दूसरे से खेल चुकी है, जिसमें माइकल क्लार्क की टीम का पलड़ा भारी रहा था। क्रिकेट के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज और भारत-पाकिस्तान मुकाबलों के अलावा पिछले कुछ साल में भारत और आस्ट्रेलिया के मैच भी कम रोमांचक नहीं हुए हैं। 

पिछली बार धोनी के शेरों ने अपनी सरजमीं पर मोटेरा (अहमदाबाद) में 2011 वर्ल्ड कप के क्वॉर्टर फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को 14 बॉलों के रहते 5 विकेट से हरा कर उनका बिस्तर गोल किया था। इस बार कंगारुओं से हमारी भिड़ंत उन्हीं के घरेलू मैदान सिडनी में में होने जा रही है। सिडनी में भारतीय फैन्स की दीवानगी का आलम यह है कि संख्या के मामले में वे स्थानीय दर्शकों को पीछे छोड़ सकते हैं। यह बात ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को परेशान कर रही है। आयोजकों का मानना है कि 42 हजार की क्षमता वाले सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की अब तक बिकीं टिकटों में से 70 फीसदी टिकटें भारतीय फैन्स ने खरीदी हैं।
यह मुकाबला डेविड वॉर्नर की बैटिंग और मोहम्मद शमी की गेंदबाजी का भी होगा, मिशेल स्टार्क की कहर बरपाती गेंदों और रनों के रूप में शरारे उगलते विराट कोहली के बल्ले का भी होगा और अश्विन की कैरम गेंदबाजी और ग्लेन मैक्सवेल की आक्रामक बल्लेबाजी का भी होगा। सभी की नजरें कोहली पर होंगी, जो पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ सेंचुरी बनाने के बाद से एक फिफ्टी भी नहीं मार सके हैं। कोहली हालांकि दबाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में माहिर हैं और उनके पास यह सबसे बड़ा मौका है।  सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर दोनों टीमें गुरुवार को एक-दूसरे के आमने सामने होंगी तो यह मुकाबला कमोबेश बराबरी का होगा, जिसमें पिछले प्रदर्शन मायने नहीं रखेंगे। मौजूदा फॉर्म के आधार पर देखें तो भारत ने टूर्नामेंट में लगातार सात जीत दर्ज की है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोनों फॉर्मैट में वह पिछले सात मैचों में जीत दर्ज नहीं कर सका है, जिसमें वर्ल्ड कप का एक अभ्यास मैच शामिल है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के उस शर्मनाक प्रदर्शन का गम भारत ने वर्ल्ड कप में शानदार खेल दिखाकर दूर कर दिया। वर्ल्ड कप से पहले दिशाहीन लग रही टीम इंडिया का अचानक मानो कायाकल्प हो गया और उसके प्रदर्शन ने विरोधियों को भी चकित कर डाला। आम तौर पर भारत की कमजोर कड़ी मानी जाने वाली गेंदबाजी उसकी ताकत साबित हुई है। मोहम्मद शमी (17 विकेट), उमेश यादव (14) और मोहित शर्मा (11) मिलकर 70 में से 42 विकेट ले चुके हैं। भारतीय बोलरों ने सात मैचों में पूरे 70 विकेट चटकाए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती सिडनी की पिच होगी, जो उसे रास नहीं आती। इस धीमी पिच पर साउथ अफ्रीकी ने क्वॉर्टर फाइनल में श्रीलंका को हराया था, जिसमें इमरान ताहिर ने चार और जेपी डुमिनी ने तीन विकेट लिए थे। सिडनी की पिच को भारतीय स्पिनरों के लिए मददगार समझा जा रहा है। ऐसे में भारत के अश्विन और रविंद्र जडेजा उन पर भारी पड़ सकते हैं। अश्विन 12 विकेट ले चुके हैं और अपनी गेंदों से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया को टीम में एक अच्छे स्पिनर की कमी खलेगी। उसके पास धीमे गेंदबाज के रूप में सिर्फ स्टीवन स्मिथ हैं।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन समेत अधिकांश विशेषज्ञों की राय है कि टॉस जीतने वाली टीम को पहले बल्लेबाजी चुननी चाहिए। भारतीय बोलरों ने अभी तक उम्दा प्रदर्शन किया है। शिखर धवन 367 रन बना चुके हैं, लेकिन उनके लिए यह पिच आसान नहीं होगी क्योंकि ऑफ स्टम्प पर पड़ती उछालभरी गेंदों ने उन्हें अक्सर परेशान किया है। स्टार्क और जॉनसन उनकी इस कमजोरी का पूरा फायदा उठाना चाहेंगे। रोहित शर्मा का बल्ला क्वॉर्टर फाइनल तक खोमोश था, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल में उन्होंने 137 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया को याद होगा कि एमसीजी पर त्रिकोणीय सीरीज के पहले मैच में रोहित ने उनके खिलाफ 138 रन बनाए थे, जिसके बाद वह हैमस्ट्रिंग चोट का शिकार हो गए थे।
ऑस्ट्रेलिया के लिए ग्लेन मैक्सवेल मैच विनर साबित हो सकते हैं, जिन्हें आईपीएल की वजह से भारतीय बोलरों के खिलाफ खेलने का खासा अनुभव है। मिशेल स्टार्क गेंदबाजी में और डेविड वॉर्नर बल्लेबाजी में खतरनाक साबित हो सकते हैं, जबकि शेन वॉटसन भी फॉर्म में लौट चुके हैं। टूर्नामेंट के अब सिर्फ दो मैच बाकी है और ऐसे में दोनों कप्तानों के लिए भी बहुत कुछ दांव पर लगा है। माइकल क्लार्क वनडे टीम में उनकी उपयोगिता को लेकर सवाल उठा रहे आलोचकों को खामोश कर सकते हैं या महेंद्र सिंह धोनी लगातार दो वर्ल्ड कप जिताकर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम अमर कर सकते हैं।

Monday, March 23, 2015

आपको आलोचना पसंद नहीं, लेकिन मुझे भी चापलूसी पसंद नहीं

आम आदमी पार्टी की राजस्थान यूनिट के संस्थापक सदस्यों में से एक डॉ. राकेश पारेख ने 20 मार्च को लिखे अपने ब्लॉग में यह खुलासा किया कि मैंने कई बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव रखा कि संगठन में प्रमुख पदों पर बैठे लोगों को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, लेकिन देखिये राजनीति हमें कहां से कहां ले आई। चुनाव लड़ने की, मंत्री बनने की इच्छा रखना सही है, लेकिन सवाल पूछना गलत? डॉ. पारेख ने कड़े शब्दों में केजरीवाल के लिए लिखा है कि जानता हूं कि आपको आलोचना पसंद नहीं, लेकिन मुझे भी चापलूसी पसंद नहीं है।
उन्होंने अन्ना आंदोलन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह उनकी पत्नी ने राजनीतिक विकल्प की घोषणा होने के बाद खुद को ठगा हुआ महसूस करके उन्हें आंदोलन छोड़ने और तलाक तक देने की धमकी दे डाली थी, लेकिन इसके बावजूद वह अलग नहीं हुए। उन्होंने लिखा कि अब तक तो मैं उसे समझाता रहा, लेकिन आज क्या जवाब दूं?
डॉ. पारेख ने मनीष सिसौदिया से पार्टी के कौशांबी दफ्तर में हुई इस मीटिंग का भी जिक्र किया, जिसमें मनीष ने भावुक तर्क देकर राजस्थान यूनिट के सचिव पद की जिम्मेदारी दी थी और उन्होंने उसी मुलाकात के दौरान कह दिया था कि मैं आजादी की लड़ाई का सिपाही हूं, गुलामी अपने सेनापति की भी नहीं करूंगा। डॉ. पारेख का कहना है कि अगर जी हुजूरी करनी होती, तो इतना संघर्ष क्यों करते? क्यों हमें जी हुजूरी करने वाले लोगों की आवश्यकता रह गई है, सवाल पूछने वालों की नहीं?
उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब हम अपनी टोपी पर 'मुझे चाहिए स्वराज' का नारा लिखते थे और आज स्वराज की बात करने वालों को पार्टी विरोधी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि 330 संस्थापक सदस्यों ने मिलकर पार्टी बनाई थी। देशभर के 300 से ज्यादा जिलों में हमारी इकाईयां हैं। आज पार्टी बने 3 साल हो गए, लेकिन स्थापना के बाद से अब तक पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की केवल एक बैठक हुई है और वह भी केवल एक दिन की। उन्होंने केजरीवाल को याद दिलाया है कि पिछली बैठक में उन्होंने वादा किया था कि अगली बैठक 3 दिनों की होगी। साथ ही लिखा है कि 29 मार्च की बैठक में बस औपचारिकताएं पूरी होंगी, 31 मार्च को इन सभी की सदस्यता समाप्त हो जाएगी और फिर उम्मीद है कि सवाल पूछने वाले उस परिषद के सदस्य नहीं होंगे।
डॉ. पारेख ने कड़े शब्दों में केजरीवाल के लिए लिखा है कि जानता हूं कि आपको आलोचना पसंद नहीं, लेकिन मुझे भी चापलूसी पसंद नहीं है। आपकी तारीफ करने वाले तो करोड़ों हैं। सौ दो सौ सवाल पूछने वाले भी तो हों? उन्होंने मांग की है कि 28 मार्च को होने वाली पार्टी की नैशनल काउंसिल की बैठक कम से कम 3 दिनों की रखी जाए, ताकि सभी सदस्य अपनी समस्याएं पार्टी नेतृत्व के सामने रख सकें। उन्होंने लिखा है कि आखिर हम चर्चा से इतने घबराने क्यों लगे हैं, जबकि आपके नेतृत्व पर किसी को कोई संदेह नहीं है।
उन्होंने पूछा है कि आखिर सवाल पूछने वालों को पार्टी विरोधी और केजरीवाल विरोधी क्यों कहा और माना जा रहा है। पारेख ने लिखा है कि व्यक्ति केंद्रित बदलाव दीर्घकालिक नहीं हो सकता। अंत में उन्होंने लिखा है कि वह अपने विचार पार्टी के अंदरूनी मंच यानी नैशनल काउंसिल में ही रखते, लेकिन दुर्भाग्य से उस मंच पर बोलने का मौका न तो पिछले 3 साल में कभी मिला और न ही आगे मिलने के आसार दिख रहे हैं।

Friday, March 20, 2015

सावधान रहिए

60 साल के एक पूर्व बैंक अधिकारी ने तमिलनाडु के एक अखबार में शादी का विज्ञापन दिया था। ऐड देखकर एक लड़की ने उसे किसी जगह पर मिलने बुलाया। जैसे ही वह वहां पहुंचा, महिला और उसके साथ आए 4 लोगों ने उसे किडनैप कर लिया। दो दिन बाद वे उसे बैंक ले गए और कहा कि अकाउंट में पड़े 35 लाख रुपये निकालकर हमारे हवाले करो। उस शख्स ने बैंक के कर्मचारियों को बताया कि उसे लूटा जा रहा है। इस पर बैंक ने पुलिस को खबर की, तो महिला और उसके साथी फरार हो गए।
तांबरम पुलिस को दी शिकायत में कीलकत्तलै के रहने वाले वी. राममूर्ति ने कहा कि वह तलाक ले चुके हैं और अकेले रहते हैं। हाल ही में वह एक प्राइवेट बैंक से रिटायर हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह शादी करना चाहते थे, इसलिए अखबार में शादी का विज्ञापन दिया था। मंगलवार को वैष्णवी नाम की युवा लड़की ने उन्हें फोन करके कहा कि मेरी उम्र 35 साल है और मैं आपकी आर्थिक स्थिति वगैरह के बारे में जानना चाहती हूं। फिर उसने उन्हें उस शाम कोयम्बेडु बस स्टैंड पर बुलाया।

राममूर्ति तय वक्त पर वहां पहुंचे और वैष्णवी से भी मिले। कुछ ही देर में 4 लोग कार पर आए और उन्हें किडनैप करके कार में बिठा लिया। वैष्णवी भी इन लोगों के साथ मिली हुई थी। गिरोह ने उन्हें दो दिनों तक बंधक बनाकर रखा और इन दौरान वे कार को इधर-उधर घुमाते रहे। गुरुवार सुबह वे उन्हें तांबरम में एक बैंक की ब्रांच मे ले गए, जहां पर उनका खाता था। इन लोगों ने उनसे कहा कि पूरी रकम निकालो और हमारे हवाले कर दो। मगर राममूर्ति ने किसी तरह से बैंक के कर्मचारियों को बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें बंधक बनाया हुआ है। इस पर बैंक ने पुलिस को खबर दी और जानकारी मिलते ही वह बैंक के लिए निकल पड़ी। गैंग के सदस्य बाहर पार्क की गई कार में बैठे थे। पुलिस को बैंक की तरफ आते हुए देखकर वे फरार हो गए।
पुलिस का मानना है कि गिरोह ने पूर्व बैंक अधिकारी को फंसाने के लिए महिला को चारे के तौर पर इस्तेमाल किया। तांबरम के पुलिस इंस्पेक्टर ऐल्बिन राज ने कहा, 'विज्ञापन देखने के बाद ही गैंग ने किडनैंपिंग का प्लान बनाया था, लेकिन राममूर्ति ने होश से काम लेते हुए बैंक को सूचित कर दिया। अब हम गिरोह के सदस्यों की तलाश कर रहे हैं।'

Thursday, March 19, 2015

अनुष्का शर्मा और विराट कोहली के बीच की कहानी अब किसी से छिपी नहीं

अनुष्का शर्मा और विराट कोहली के बीच की कहानी अब किसी से छिपी नहीं है। वे लोग छिपा भी नहीं रहे हैं। दोनों खुल्लम-खुल्ला एक-दूसरे के प्यार का इजहार और इकरार कर रहे हैं। मंगलवार को विराट कोहली ने 'माई लव' कहते हुए अनुष्का की फिल्म एनएच 10 की तारीफ की तो अनुष्का ने भी जवाब देने में देर नहीं लगाई। हालांकि उन्होंने सिर्फ थैंक यू लिखा है, लेकिन इस ट्वीट को देखकर उनकी खुशी की सीमा का अंदाजा लगाया जा सकता है।

गायों के साथ-साथ इंसानों की सलामती की भी चिंता

पश्चिम बंगाल में 71 साल की नन के साथ हुए गैंगरेप के मामले में भारत के कैथलिक बिशप्स के हेड ने कहा है कि देश को गायों के साथ-साथ इंसानों की सलामती की भी चिंता करनी चाहिए 
कुछ राज्यों में बीफ पर बैन का हवाला देते हुए कार्डनल बेसलिओस क्लीमिस ने कहा, 'देश की जिम्मेदारी हम सभी के प्रति है- हर इंसान के प्रति - सिर्फ गायों को लेकर नहीं।' उन्होंने अस्पताल में भर्ती नन से मुलाकात करने से पहले यह बात कही थी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र और हरियाणा ने हाल ही में गौहत्या पर रोक लगा दी है।

एक सप्ताह पहले पश्चिम बंगाल के नादिया में एक चर्च में बुजुर्ग नन से गैंगरेप की घटना सामने आई थी, जिसके बाद पश्चिम बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया था। अभी तक पुलिस एक भी गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
अभी तक यह भी पता नहीं चल पाया है कि चर्च में आए लोगों का मकसद चोरी करना था या वे धार्मिक विद्वेष के तहत वहां आए थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर चिंता जाहिर करते हुए विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
एक अन्य घटना में हरियाणा के हिसार में निर्माणाधीन चर्च में तोड़-फोड़ का मामला सामने आया है। आरोप है कि हमलावरों ने क्रॉस हटाकर वहां पर भगवान हनुमान की तस्वीर रख दी थी।

Monday, March 16, 2015

अगले तीन साल में 'एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान भूमि' की रणनीति अहम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने हिंदुओं को एक करने के लिए नए फॉर्म्युले पर काम करने का फैसला लिया है। संघ के लिए अगले तीन साल में 'एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान भूमि' की रणनीति अहम होगी। इसके जरिये संगठन का इरादा जाति के आधार पर भेदभाव को खत्म कर हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोगों को एकजुट करने का है। साथ ही, उन लोगों को भी फिर से हिंदू धर्म के दायरे में लाए जाने की योजना है, जिन्होंने कोई और धर्म स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश के उत्तर-पूर्व इलाके पर फोकस करेगा और उसकी दक्षिण भारत में भी विस्तार की योजना है। साथ ही, संगठन विदेशी भाषा के बजाय क्षेत्रीय भाषाओं को ज्यादा अहमियत देगा।
नागपुर में आयोजित संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में ये मुख्य बातें उभकर सामने आई हैं। इस बैठक का मकसद भगवा अजेंडे को आगे बढ़ना था। इसमें संघ के कुल 1,400 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। तीन दिनों तक चली यह बैठक रविवार को खत्म हुई। इस दौरान संघ ने जाति से जुड़े उस सर्वे का जायजा लिया, जिसे संगठन ने हाल में एक दर्जन से भी ज्यादा राज्यों में करवाया था। 

कार्यकर्ताओं को जाति के आधार पर भेदभाव और इससे निपटने के तरीकों पर प्रेजेंटेशन देने को कहा गया। माना जा रहा है कि सरसंघचालक मोहन भागवत की इस कार्यक्रम में काफी दिलचस्पी है। स्वयंसेवकों को आने वाले महीनों में 'जनजागरण' कमिटी बनाकर सभी राज्यों में इस अभियान को तेज करने को कहा गया।
संघ के एक सीनियर नेता ने बताया, 'पिछले महीने संघ ने खुद एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें हमने वैसे सभी संतों और मठों के प्रमुखों को बुलाया था, जो छुआछूत या किसी तरह के जातिगत भेदभाव में शामिल हैं।' साथ ही, आरएसएस ने उत्तराखंड के प्रवासी जनजातीय समुदाय के लोगों को जोड़ने के लिए भी अभियान चलाया था, जो राजपूत राजा महाराणा प्रताप को आराध्य मानते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में वे हिंदू परंपरा से हट गए हैं।
आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने बताया, 'हिंदू धर्म से जुड़े कार्यक्रमों में श्रोताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इससे साफ है कि इस समुदाय में एक होने की दिलचस्पी बढ़ रही है।'
इस बार प्रतिनिधि सभा में प्रतीक नगालैंड की रानी गेदिनलियू को बनाया गया, जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जनजातीय समुदायों के लोगों के ईसाई धर्मांतरण का विरोध किया। जाहिर है कि संघ के लिए देश के उत्तर-पूर्व हिस्से प्राथमिकता सूची में अहम है।