Tuesday, September 22, 2009

चिट्ठी नहीं ये है लेटर बम

अपने देश की सरकार के रवैये से आहत पाकिस्तान के विवादास्पद न्यूक्लियर साइंटिस्ट अब्दुल कदीर खान ने आखिरकार इस बात का खुलासा कर दिया है कि उन्होंने बेनजीर भुट्टो के इशारे पर परमाणु प्रसार कार्यक्रम के दौरान चीन, ईरान, नॉर्थ कोरिया और लीबिया को ब्लू प्रिंट्स और इक्विपमेंट दिए थे। यह खुलासा भारत के स्टैंड को मजबूत करता है। अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान अब्दुल कदीर खान के इस खुलासे को झुठला पाएगा। उधर, विश्वस्त सूत्रों के हवाले से हमारे सहयोगी चैनल 'टाइम्स नाउ' ने बताया है कि इस मसले पर भारत आईएईए की ओर से जांच की मांग करने के मूड में है। संडे टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2003 में अपनी गिरफ्तारी के बाद 74 साल के ए। क्यू. खान ने अपनी डच पत्नी हेनी को पाक नेतृत्व के बारे में चार पेज का सीक्रेट लेटर लिखा था, जो साइमन हेंडरसन नामक जर्नलिस्ट के हाथ लग गया था। हेंडरसन ने इसे आम कर दिया है। खान के इस खुलासे के बाद ईरान-पाकिस्तान-चीन-साउथ कोरिया के ऐटमी नेक्सस का चेहरा फाश हो चुका है। खान ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि पाकिस्तान ने उनका इस्तेमाल किया है।
चिट्ठी नहीं ये है लेटर बम
अपनी बीवी हेनी को लिखी चिट्ठी में खान ने 2003 में पाकिस्तानी हुकूमत के आकाओं की ओर इशारा करते हुए लिखा, 'पहले हरामियों ने मेरा इस्तेमाल किया और अब वह मेरे साथ गंदा खेल खेल रहे हैं। डार्लिंग, अगर सरकार मेरे साथ कोई खेल खेलती है तो कड़े से कड़ा कदम उठाओ। अब वह मुझे रास्ते से हटाने की पूरी कोशिश करेंगे ताकि सच छुपा रहे।' लेकिन हेनी इस ख़त पर तुरंत कोई ऐक्शन नहीं ले सकीं क्योंकि खान ने इस ख़त की कॉपी लंदन में रहने वाली अपनी बेटी डिना और एम्सटर्डम में रहने वाली अपनी भांजी कौसर खान को भी भेजी थी। पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसियों को इसकी ख़बर लगी और एजेंसियों ने खान परिवार को धमकाना शुरू किया। इसके बाद उस वक्त के सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ के दबाव में ए.क्यू. खान को टेलिविज़न पर ऐटमी हथियारों और डिजाइन को देने की बात स्वीकार करनी पड़ी। हालांकि, इस चार पेज के ख़त की एक कॉपी अब्दुल कदीर खान के पुराने पत्रकार दोस्त साइमन हेंडरसन के पास 2007 में पहुंची। चार पेज की चिट्ठी में खान ने अपनी पत्नी से कहा, ' तुम साइमन हेंडरसन से संपर्क करो और उन्हें सारी जानकारी दो।' हेंडरसन के मुताबिक जब उसे इस ख़त की कॉपी मिली तो वह हैरान रह गया। ख़त में खान लिखते हैं, हमने एक सेंट्रीफ्यूज प्लांट हैंजॉन्ग में लगाई है। चीनियों ने हमें न्यूक्लिर हथियारों की डिजाइन और 50 किलो समृद्ध यूरेनियम और दूसरी चीजें दीं। ईरान के मसले पर चिट्ठी में खान ने लिखा है, '' बीबी (बेनजीर भुट्टो, जो 1988 में पीएम थीं) और इम्तियाज (बेनजीर के डिफेंस अडवाइजर) ने मुझसे ईरानियों को कुछ सामग्री देने के लिए कहा था।' नॉर्थ कोरिया के मसले पर खत में कहा गया है कि एक रिटायर्ड जनरल ने मेरे जरिए नॉर्थ कोरिया से तीस लाख डॉलर लिए और मुझे कोरिया को ऐटमी मशीन और डिजाइन देने को कहा। हालांकि, हेंडरसन ने इस बात पर कुछ नहीं बोले कि उन्होंने चिट्ठी मिलने के दो साल बाद जाकर इसका खुलासा किया। खान इस चिट्ठी में यह बताते हैं कि चीन ने पाकिस्तान को न्यूक्लियर बम की डिजाइन दी है। 'संडे टाइम्स' में छपे अपने आर्टिकल एक दिलचस्प पैरे में पत्रकार हेंडरसन ने लिखा है कि किस तरह एक चीनी मंत्री ने उन्हें पाकिस्तानी सेना के बारे में चेतावनी दी थी। चीन के कहुता में गए खान को चीन के ही ऐटमी कार्यक्रम के एक मंत्री ने कहा, ''As long as they need the bomb, they will lick your balls. As soon as you have delivered the bomb, they will kick your balls.''

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