जम्मू-कश्मीर के लेह इलाके में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा घुसपैठ करने की घटनाएं बढ़ गई हैं। अगस्त के महीने में सबसे ज्यादा घुसपैठ हुई हैं। इस साल अगस्त में चीनी गश्ती दल ने भारतीय सीमा में 26 बार प्रवेश किया। वे अपने साथ पेट्रोल और केरोसिन ले गए जो सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों के लिए रखा गया था। इसी इलाके में दो चीनी हेलिकॉप्टरों ने भारतीय वायुसीमा का भी उल्लंघन किया है। इस दौरान उन्होंने हिमालयी कस्बे के चुमार क्षेत्र में बंजर जमीन पर डिब्बाबंद खाना भी गिराया। चीन के एमआई हेलिकॉप्टरों के आने की सूचना ऊंचाई पर स्थित पेंगांग के आसपास रहने वाले लोगों ने पास की रक्षा चौकी को दी। इसके बाद सेना की विमानन कोर ने हरकत में आते हुए अपने चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों को रवाना किया। चीनी हेलिकॉप्टर इस साल 21 जून को भारतीय सीमा में पांच मिनट मंडराए और उन्होंने खाने-पीने की चीजें नीचे फेंकी। उधमपुर में उत्तरी कमान के सैन्य प्रवक्ता ने, चुमार के दक्षिणी क्षेत्र में चीन का हेलिकॉप्टर आने की खबर थी। इस क्षेत्र में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की धारणा को लेकर मतभेद हैं। एक खुफिया रक्षा दस्तावेज से पता चलता है कि लद्दाख के डमचोक क्षेत्र और ट्रिग पहाड़ियों में चीनी हेलिकॉप्टरों ने भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश किया और ऊपर से डिब्बाबंद भोजन गिराया। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी इस क्षेत्र में कई बार भारतीय पक्ष में घुस आती है। टिग पहाड़ियां वह क्षेत्र हैं जिसमें इस साल जून, जुलाई और अगस्त में चीनी गश्त बढ़ी थी। ट्रिग पहाड़ियों को ट्रेड जंक्शन के रूप में जाना जाता है। अतीत में यह क्षेत्र लद्दाख और तिब्बत को जोड़ता था। चीनी सेना गश्ती दल ने जून में 26 उड़ानें भरी जिनमें हेलिकॉप्टर द्वारा दो बार घुसपैठ की गई। इसके अलावा जुलाई में 21 उड़ानें भरी गईं। सेना प्रवक्ता ने इन घुसपैठ प्रयासों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा, सीमा के आसपास कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा की अवधारणा को लेकर भारत और चीन के बीच मतभेद हैं। दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अपनी अवधारणाओं वाले क्षेत्र में गश्त करते हैं।
Monday, August 31, 2009
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