दूसरे बैंकों के एटीएम के इस्तेमाल पर पाबंदी के दिन करीब आ गए हैं। आगामी गुरुवार यानी 15 अक्टूबर से यह पाबंदी लग जाएगी। इसके तहत कोई भी शख्स दूसरे बैंक के एटीएम से एक बार में 10 हजार रुपये से ज्यादा राशि नहीं निकाल पाएगा और दूसरे बैंक के एटीएम का फ्री इस्तेमाल महीने में 5 बार से ज्यादा नहीं कर पाएगा। 5 बार से ज्यादा इस्तेमाल करने पर दूसरे बैंक को ट्रांजैक्शन चार्ज देना होगा। अगस्त में भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्मशल बैंकों से कहा था कि वे थर्ड पार्टी एटीएम यूज पर अक्टूबर के मध्य से पाबंदी लगाएं। आरबीआई ने यह निर्देश इंडियन बैंक असोशिएशन (आईबीए)की सिफारिश के आधार पर दिए थे। आईबीए ने अपनी सिफारिश में कहा था कि ग्राहकों द्वारा दूसरे बैंकों के एटीएम के फ्री इस्तेमाल से बैंकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आईबीए की सिफारिश के मुताबिक, कोई भी बैंक में सेविंग अकाउंट रखने वाला ग्राहक एक महीने में सिर्फ 5 दफा दूसरे बैंकों के एटीएम का फ्री इस्तेमाल कर सकता है। 5 बार से ज्यादा इस्तेमाल पर उनसे चार्ज लिया जाएगा। करंट अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को दूसरे बैंक के एटीएम के इस्तेमाल पर हर बार पैसे देने होंगे। आईबीए ने यह सिफारिश भी थी कि कोई भी ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से 1 बार में कम से कम 10 हजार रुपये निकाले, पर छोटे ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने ऐलान किया था कि इस साल 1 अप्रैल से दूसरे बैंकों से अकाउंटस के बारे में जानकारी प्राप्त करने और पैसे निकालने पर ग्राहकों से चार्ज नहीं लगेगा। पर थर्ड पार्टी एटीएम ट्रांजेक्शन की सूरत में बैंक संबंधित बैंकों से 18-20 रुपये प्रति महीना चार्ज कर सकते हैं। पर बाद में इस पर बंदिश लगाने की सिफारिश की गई है और आगामी गुरुवार से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है।
Monday, October 12, 2009
5 बार से ज्यादा इस्तेमाल करने पर दूसरे बैंक को ट्रांजैक्शन चार्ज देना होगा।
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