Friday, October 30, 2015

शॉर्ट ड्रेस में होने के कारण विमान में चढ़ने से रोक दिया

इंडिगो की फ्लाइट में सोमवार को एक महिला यात्री को कथित रूप से शॉर्ट ड्रेस में होने के कारण विमान में चढ़ने से रोक दिया गया। दावा किया जा रहा है कि प्राइवेट एयरलाइन के स्टाफ मेंबर्स ने पैसेंजर से कहा था कि आप 'अश्लील कपड़ों में हैं।' ट्राउजर पहन कर आने के बाद एयरलाइन ने उसे दूसरी फ्लाइट में दिल्ली भेजा। बताया जा रहा है कि महिला यात्री खुद पहले इंडिगो में काम कर चुकी है और उसकी बहन फिलहाल कंपनी में काम कर रही है।
 महिला के साथ यात्रा कर रही सहयात्री ने बताया कि वह अश्लील कपड़ों में नहीं थी। दोह एयरपोर्ट पर उसे किसी ने नहीं रोका था। उसने फ्रॉक पहन रखी थी, जो उसके घुटने के ऊपर तक थी।
सहयात्री ने बताया, 'हम सभी मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार सुबह 2.40 बजे कनेक्टिंग फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान हंगामा होने लगा। जब मैं वहां पहुंची तो देखी की वह (महिला पैसेंजर) रो रही थी। इंडिगो के तीन स्टाफ उसे फ्लाइट में जाने से रोक रहे थे।'
आपको बता दें कि सहयात्री का दवा है कि वह उसी फ्लाइट में थी जो दोहा से मुंबई आई थी। मुंबई से दिल्ली आने के लिए ये सभी 6.40 बजे की कनेक्टिंग फ्लाइट का इंतजार कर रहीं थीं।
एक अन्य यात्री ने आरोप लगाया कि एयरलाइन के स्टाफ मेंबर्स ने उन्हें धमकी दी कि अगर किसी ने इस मामले में दखलंदाजी करने की कोशिश की तो उसे फ्लाइट में नहीं चढ़ने दिया जाएगा।
उस यात्री ने बताया, 'जब मैंने उस महिला के हक में मामले को चेक-इन काउंटर के अफसरों के सामने उठाया तो वहां का स्टाफ मुझे परेशान करने लगा। उसने कहा कि मेरा हैंडबैग भारी है और उसे मैं फ्लाइट में नहीं ले जा सकता।'
जब इन दोनों यात्रियों ने एयरलाइन के ग्राहक सेवा विभाग में शिकायत दर्ज करवाई तो उन्हें कहा गया कि कर्मचारी केवल प्रोटोकॉल फॉलो कर रहे थे।

इंडिगो ने मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि महिला यात्री हमारे नियमों से अच्छी तरह वाकिफ थी। कंपनी ने एक ई-मेल में कहा, 'हमें खेद है कि महिला यात्री को मुंबई एयरपोर्ट पर इस तरह के बर्ताव का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारी गाइडलाइंस के अनुसार, कर्मचारी व उनके पारिवारिक सदस्यों, जिन्हें वे अपने परमिट पर सफर करा रहे हों उन्हें स्पेसेफिक ड्रेस कोड का पालन करना होता है। इसी पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए मुंबई में एयरलाइंस के स्टाफ ने उन्हें रोका। वैसे हम इस मामले की जांच कराएंगे।'

Wednesday, October 28, 2015

बोल सकती है गीता

कराची से इंदौर लाई गई गीता को यदि थोड़ा सा इलाज मिले तो वह बोल सकती है। सबको यह लग रहा है कि फिल्म बजरंगी भाईजान से प्रेरित होकर गीता को भारत लाने की कवायद शुरू की गई लेकिन उसे भारत लाने का ब्लू प्रिंट 14 माह पहले ही तैयार कर लिया गया था। पाकिस्तान ने अनुमति देने में एक साल लगा दिया। बाद में भारत में भी गीता को लाने की व्यापक तैयारियां की गई ताकि दुनिया को ये संदेश दिया जा सके कि हम एक ऐसी लड़की जो पाकिस्तान में रही उसकी किस तरह देखभाल करते हैं।
यह जानकारी पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास में पदस्थ एक अधिकारी ने दी। मंगलवार शाम गीता को लेकर इंदौर पहुंची टीम में शामिल उक्त अधिकारी ने एयरपोर्ट से मूकबधिर केंद्र जाते समय ऑपरेशन गीता की पूरी हकीकत बताई।
2012 में पता चल गया था कि भारतीय है गीता
दूतावास के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गीता के भारतीय होने की जानकारी दूतावास को 2012 में ही मिल गई थी। स्थानीय एनजीओ द्वारा बातों-बातों में ही गीता के हिंदू तरीके से अभिवादन करने, पूजा करने और ट्रेन में मिलने की जानकारी मिली थी, तब हमने छानबीन शुरू की।
अनुमति मिलने में ही लग गया एक साल
पाकिस्तान में किसी भी ऐसे भारतीय से जो जेल में बंद हो दूतावास के अधिकारी नहीं मिल सकते। उसके लिए एक प्रक्रिया के तहत अनुमति लेना होती है। गीता तो जेल में भी नहंी थी। पाकिस्तान के साथ एक साल तक पत्राचार चलता रहा। उसके बाद उसके भारतीय होने पर उसे वापस भेजने की प्रक्रिया शुरु करने की अनुमति मिली । दूतावास के अधिकारियों के सामने बड़ी समस्या यह थी कि गीता के हावभाव उसके भारतीय होने की पुष्टि कर रहे थे लेकिन कोई भी ऐसा सबूत नहीं था जो यह साबित कर सके। तब तक मीडिया के माध्यम से गीता का मामला पाकिस्तान में भी चर्चित हो चुका था।
सुषमाजी फोटो भेजती, मैं गीता को दिखाने ले जाता था
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस पूरे मामले में व्यक्तिगत रुचि ली। उन्होंने उच्चायुक्त और उनकी पत्नी को गीता के पास इसलिए भेजा ताकि वे खुद तसल्ली कर लें कि गीता भारतीय ही है। भारत में जब गीता के परिजन की तलाश शुरू हुई तो झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश और पंजाब के चार परिवारों आगे आए। सुषमा जी ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर परिवारों की जानकारी मांगी और मुझे परिवारों को फोटो भेजे। मैं उसे गीता को दिखाने कराची जाता था। एक फोटो को गीता ने पहचाना भी लेकिन फिर ये कहा कि मेरे-भाई बहनों के फोटो भेजो। भारत से वो फोटो भी बुलावाए गए, जिन्हें गीता ने पहचाना भी था।
फैसल बोलने की कोशिश की तो लगा बोल सकती है गीता
कराची में गीता से मुलाकात के दौरान एक बार गीता ने उसकी देखभाल करने वाली बिल्किस ईथी के बेटे का नाम फैसल भाई बोलने का प्रयास किया। हमने जब इसके बारे में उक्त परिवार से पूछा तो उन्होंने कहा यदि थोड़ा सा इलाज करवाया जाए तो गीता बोल सकती है वह कई बार ऐसा प्रयास करती है। इस पर विधायक उषा ठाकुर ने कहा यह तो काफी अच्छी बात है हम सारे टेस्ट करवाकर इलाज करवाएंगे।
ताकि दुनिया को संदेश मिले हम कैसे एक लड़की की देखभाल करते हैं..
दूतावास के अधिकारी ने यह जानकारी भी दी कि ऑपरेशन गीता का ब्लू प्रिंट 14 माह पहले ही तैयार कर लिया गया था। एक साल पाक अधिकारियों से अनुमति मिलने में लग गया। गीता को दो माह पहले भी भारत लाया जा सकता था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और मंत्री सुषमा जी ने दो माह तक इसकी तैयारी की ताकि दुनिया को यह बता सकें कि भारत अपनी बेटी को किस तरह रखता है। कैसे उसकी देखभाल करता है।

दिल्ली के संस्थान में सिर्फ चार-पांच लड़कियां ही थी

गीता को इंदौर भेजने के पहले दिल्ली के शासकीय दीनदयाल उपाध्याय मूकबधिर स्कूल में भी भेजने पर विचार किया गया था, लेकिन वहां चार-पांच ही लड़कियां थी। इसी दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सुषमा जी को कहा गीता को इंदौर भेज दो। इसके बाद विदेश मंत्रालय के अधिकारी सक्रिय हुए। एक माह तक अधिकारियों और बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस ने इंदौर की संस्था पहुंचकर छानबीन की। रिपोर्ट के बाद इस पर मुहर लगाई गई।

Monday, October 26, 2015

मूक-बधिर गीता आखिरकार अपने वतन लौट आई

करीब डेढ़ दशक का वनवास खत्‍म हो चुका है ओर मूक-बधिर गीता आखिरकार अपने वतन लौट आई है। सोमवार सुबह लगभग 10.40 पर गीता का विमान दिल्‍ली आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरा। गीता को लेने के लिए एयरपोर्ट पर पाक उच्‍चायोग के अलावा भारत के विदेश मंत्रालय के अध‍िकारी और उसका का परिवार पहुंच चुका है। गीता के साथ ईधी फाउंडेशन के पांच सदस्‍य भी भारत आए हैं। एयरपोर्ट पहुंचते ही सभी का स्‍वागत किया गया और इसके कुछ देर बाद गीत एयरपोर्ट से रवाना हो गई।
फिलहाल उसे विदेश मंत्रालय द्वारा एक होटल में रूकवाया गया है। गीता के भारत आने के बाद दोपहर तीन बजे विदेश मंत्री सुषमा स्वराज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगी लेकिन इससे पहले उन्‍होंने ट्वीट करते हुए गीता का स्‍वागत किया। उन्‍होंने लिखा कि हमारी बेटी का स्‍वागत है। माना जा रहा गीता शाम को पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिल सकती हैं। इस बीच खबर है कि फिलहाल यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि डीएनए रिपोर्ट आते ही गीता को उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद गीता को कुछ दिन ईधी फाउंडेशन और गीता के परिवार के साथ रखा जाएगा ताकि वो सबसे घुलमिल सके। हालांकि, इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान आया है।

इससे पहले दोनों देश की सरकारों ने उसकी स्वदेश वापसी को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी की। गीता गलती से सीमा पार करने के बाद करीब डेढ़ दशक से पाकिस्तान में रह रही थी। 23 साल की गीता यहां ईधी फाउंडेशन के आश्रय स्थल में रही। ईधी फाउंडेशन के फहद ईधी ने बताया कि गीता सोमवार सुबह पीआईए की उड़ान से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई। उसके साथ वह खुद, उनके पिता फैसल ईधी, मां तथा दादी बिलकीस ईधी भी हैं।

अरविंद केजरीवाल को जनता जवाब देगी

भाजपा नेत्री किरन बेदी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को जनता जवाब देगी। यहां एक कार्यक्रम में आईं किरन बेदी ने रविवार को केजरीवाल सरकार के कामकाज पर कहा कि पांच साल बाद पता चल जाएगा कि दिल्ली की सरकार कैसी थी। लोकपाल बिल की अन्ना हजारे की मांग पर उन्होंने कहा कि वह अपना काम कर रहे हैं और हम अपना काम कर रहे हैं।

किरन बेदी ने कहा कि हर परिवार वाले बेटियों पर नजर रखते हैं। जबकि बेटों पर नजर रखने की जरूरत है। वे कहां जा रहे हैं, उनके दोस्त कैसे हैं, ऐसा न करने की वजह से ही बेटे आवारा हो रहे हैं। आवारा लड़के ही रेप कर रहे हैं।

Friday, October 23, 2015

आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की सभी शक्तियां छीन ली

आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की सभी शक्तियां छीन ली हैं। बोर्ड के अधिकार एवं कामकाज को सचिव (राजस्व) के सुपुर्द कर दिया गया है। वहीं, बोर्ड की अध्यक्ष राणा परवीन सिद्दीकी ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की है।
राजस्व सचिव ए. अंबारासू की ओर से 10 अक्टूबर को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 99 (1) के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकार छह महीने के लिए अपने हाथों में ले लिए हैं। वक्फ अधिनियम के मुताबिक बोर्ड की सभी शक्तियों का इस्तेमाल और कर्तव्यों का निर्वहन सचिव (राजस्व) द्वारा किया जाएगा।
राणा परवीन सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने अधिसूचना को रद करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दायर की है। अदालत 30 अक्टूबर को इस पर सुनवाई करेगी। 15 अक्टूबर को अधिसूचना की कॉपी मिलने के बाद से उन्होंने वक्फ बोर्ड कार्यालय जाना बंद कर दिया है।

20 जनवरी को दिल्ली वक्फ बोर्ड के सदस्यों की बैठक में राणा को अध्यक्ष चुना गया था। दिल्ली वक्फ बोर्ड में कुल सात सदस्य होते हैं। चुनाव के समय सिर्फ छह सदस्य थे, जिनमें से चार ने उनका समर्थन किया था।

Tuesday, October 20, 2015

तकरीबन 240 करोड़ रुपये बतौर घूस

दिल्ली में बीते दिनों हुई एक स्टडी लोगों को हैरान करने के लिए काफी है। खुद को सबसे ईमानदार नेता व सीएम बताने वाले आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के राज में लोगों ने बीते एक साल में तकरीबन 240 करोड़ रुपये बतौर घूस विभिन्न कामों के लिए दिए हैं। इसके साथ ही स्टडी में एक बात और सामने आई है कि राजधानी के लोगों को लगता है कि अन्य सरकारी विभागों की तुलना में पुलिस में ज्यादा भ्रष्टाचार है।
सीएमस इंडिया व ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा संयुक्त रूप से करवाए गए सर्वे में कहा गया है कि बीते एक साल में एक दिल्लीवासी ने औसतन 2,486 रुपये रिश्वत के तौर पर दिए जिसका कुल 239.26 करोड़ रुपये होता है और ये केवल 15 सरकारी विभागों में दिए गए रिश्वत की रकम है।
स्टडी के अनुसार, पुलिस के बाद दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमशः दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग (ड्राइविंग लाइसेंस) व नगर निगम का वह विभाग है जो तहबाजारी परमिट जारी करते हैं। स्टडी में खुलासा हुआ है कि दिल्ली के लगभग 30 फीसद रहवासियों ने सरकारी विभागों में काम करवाने के लिए बीते साल ये रिश्वत दिए थे।

सीएमस इंडिया के डायरेक्टर जनरल पीएन वसंती ने बताया, 'हमारी हालिया रिपोर्ट 15 विभागों पर केंद्रित थी, जो केंद्र, राज्य सरकार व तीन नगर निगमों के अधीन आते हैं। इसके लिए सैंपल के तौर पर 1,501 रहवासियों के अनुभव लिए गए। यह स्टडी जुलाई के अंतिम सप्ताह व अगस्त के पहले सप्ताह के बीच करवाया गया।'

Thursday, October 15, 2015

मंदिर के पुजारी मुसलमान

राजस्थान में जोधपुर के नजदीक मां दुर्गा का एक मंदिर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच आपसी सौहार्द की मिसाल बना हुआ है। देवी के इस मंदिर के पुजारी मुसलमान हैं जो पाकिस्तान से आए हुए हैं।
जोधपुर के निकट बगोरिया गांव में पहाड़ी पर एक प्राचीन मंदिर है। यहां धर्म की कोई बंदिश नहीं है। सभी धर्मों के लोग बड़ी संख्या में आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।
यहां पूूजा पाकिस्तान से आए सिंधी मुसलमान कराते हैं जो पीढ़ियों से यह काम करा रहे हैं। मंदिर के पास ही एक मदरसा भी है। यहां की बावडी का पानी पवित्र माना जाता है।
यह है कहानी
मुस्लिम पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना कराए जाने के पीछे यह कहानी बताई जाती है कि सिंध से मुस्लिम व्यापारियों का दल अपने पशुओं के साथ कई वर्ष पहले यहां से गुजर रहा था। इनमें से एक व्यापारी यहीं छूट गया और जब वह भूख प्यास से तड़प रहा था तो इसी स्थान पर उसकी जान बची।

वह व्यापारी फिर लौट कर नहीं गया और उसी ने यहां इस मंदिर का निर्माण कराया। यहां के एक पुजारी मेहरादीन का कहना है कि हम पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं और हर धर्म के श्रद्धालु पहाड़ी चढ़ कर आते हैं।

Monday, October 12, 2015

एक टॉवर को खड़ा करने की लागत 1 करोड़

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5 अगस्त को फैसला ले लिया कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूर संचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) से एक अलग टॉवर कंपनी बनाई जाएगी। इसके पीछे वजह बीएसएनएल को हुए 7000 करोड़ रुपए के घाटे को बताया गया है।
आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार बीएसएनएल को टॉवर बिजनेस में उतारना चाहती है। लेकिन देशभर में सेवारत बीएसएनएल के 1 लाख 90 हजार कर्मचारी-अधिकारी विरोध में उतर आए हैं। इनका कहना है कि यह बीएसएनएल को बेचने की दिशा में उठाया गया कदम है। जिस तरह विदेश संचार निगम लिमिटेड को निजी कंपनी के हाथों बेच दिया गया।
'नईदुनिया" ने इसी मुद्दे पर पड़ताल की। जो तथ्य सामने आए वे हैरान करने वाले हैं। दरअसल निजी टेलीकॉम कंपनियों की शहर में तो पहुंच है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों, दूर दराज के इलाकों, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ये बेहद पिछड़ी हैं। या यूं कहें कि इन क्षेत्रों में सिर्फ बीएसएनएल का राज है। ऐसी स्थिति में बीएसएनएल के टॉवर के जरिए ये कंपनी इन इलाकों तक पहुंच सकती हैं, अपना नेटवर्क बना सकती हैं।
ऐसी स्थिति में न सिर्फ बीएसएनएल के उपभोक्ता टूटेंगे, बल्कि बीएसएनएल को फायदा के बजाय घाटा ही होगा। जानकारों का कहना है कि एक बार टॉवर कंपनी बनने से निजी कंपनियों की मनमानी बढ़ जाएगी। अभी भी कई चीजें पर फैसला होना बाकी है, जैसे टॉवर कंपनी बनने के बाद टॉवर का रखरखाव कौन करेगा? कर्मचारी-अधिकारियों का क्या होगा? नई कंपनी में उनके ट्रांसफर होंगे या नहीं, पेंशन मिलेगी या नहीं? गौरतलब है कि भारत में बीएसएनएल के 65 हजार टॉवर हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में 1600 हैं।
एक टॉवर को खड़ा करने की लागत 1 करोड़
'नईदुनिया" को बीएसएनएल के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक एक टॉवर को खड़ा करने में 1 करोड़ रुपए खर्च आता है। अगर किसी नए शहर या क्षेत्र में नेटवर्क स्थापित करना है तो करोड़ों-अरबों रुपए चाहिए, जो इन्वेस्ट निजी कंपनी नहीं करना चाहती। वे बीएसएनएल के टॉवर पर रिसीवर लगाकर अपनी सेवाएं शुरू करना चाहती हैं।
2010 में बीएसएनएल ने शुरू की थी शेयरिंग
बीएसएनएल ने दूसरी निजी टेलीकॉम कंपनियों के साथ साल 2010 में टॉवरों की शेयरिंग शुरू कर दी थी। लेकिन यह सशर्त है, सीमित एरिया के लिए ही शेयरिंग दी गई है। यह अधिकांश शहरी क्षेत्र हैं। छत्तीसगढ़ बीएसएनएल परिमंडल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शेयरिंग के दौरान कई बार बीएसएनएल की सेवा से निजी कंपनियों द्वारा छेड़छाड़ की गई है।
तेजी से सेवानिवृत्त हो रहे बीएसएनएल कर्मी
बीएसएनएल की स्थापना के वक्त देशभर में 3.50 लाख कर्मचारी-अधिकारी थे, लेकिन धीरे-धीरे ये सेवानिवृत्त होते चले गए। आज इनकी संख्या 1.90 लाख है। जबकि साल 2018 तक 90 हजार कर्मचारी-अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। लेकिन सरकार द्वारा रिक्त हो रहे पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है।
पॉलिसी चेंज करने की कोई जरूरत नहीं

हमारा सिर्फ इतना विरोध है कि बीएसएनएल ने बीते कुछ सालों में काफी एफर्ट कर अपनी पुरानी स्थिति में लौटने की कोशिश की है। ऐसे समय में पॉलिसी चेंज करना बीएसएनएल के रास्ते में रोड़ा ही होगा। प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अलग टॉवर कंपनी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

Friday, October 9, 2015

अब दिल्‍ली में गुलाम अली का शो

शिव सेना द्वारा गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द करवाए जाने के बाद अब दिल्‍ली सरकार ने गुलाम अली को शो के लिए आतंत्रित किया है। खबरों के अनुसार गुलाम अली ने इस बात के लिए मंजूरी दे दी है।
इस बात की पुष्टि करते हुए दिल्‍ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि हमने उनसे मुलाकात कर दिल्‍ली में शो करने के लिए कहा जिसे उन्‍होंने मान लिया है और दिसंबर में उनका शो होगा। मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी है।
केजरीवाल ने ट्वीट किया कि, 'गुलाम अली जी हम आपके बहुत बड़े फैन हैं। आपसे बात करके बहुत अच्‍छा लगा। दिसंबर में दिल्‍ली में शो करने की मंजूरी देने के लिए धन्‍यवाद।'

मालूम हो कि शिव सेना ने मुंबई में होने वाले शो को धमकी देकर रद्द करवा दिया था। इसके बाद से ही पूरी घटना पर राजनीति शुरू हो गई है। वहीं दूसरी तरफ इसे लेकर बॉलीवुड ने भी आपत्ति जताई है।

Thursday, October 8, 2015

संयोगवश पराए मर्द के साथ एक रात बिताना गलत नहीं

संयोगवश पराए मर्द के साथ एक रात बिताना गलत नहीं लेकिन जानबूझकर लगातार सेक्स संबंध बनाना व्यभिचार है। गुजरात हाईकोर्ट ने विवाहेतर संबंधों को लेकर एक अनोखी व्यवस्था दी।
उत्तर गुजरात के सिद्धपुर के कॉरपोरेट घराने की बहू ने पति से भरणपोषण की मांग के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जेबी पारडीवाला ने कहा कि संयोगवश पराए मर्द के साथ सेक्स संबंध बनाना एक भूल है जिसे माफ किया जा सकता है। लेकिन इरादापूर्वक प्रेमी के साथ लगातार यौन संबंध रखना व्यभिचार है जिसे माफ नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि महिला गर्भावस्था में भी प्रेमी के साथ यौन संबंध बना रखे थे। कोर्ट ने महिला को भरणपोषण नहीं देने के निचली अदालत व पाटण सेशंस कोर्ट के फैसले को बहाल रखा।

अदालत ने उसके बच्चे के लिए मासिक एक हजार रुपये भरणपोषण तय किया जिसे समयबद्ध तरीके से बढ़ाते रहने के निर्देश दिए। आधुनिक समाज में बढ़ रहे विवाहेतर संबंधों के मामले में अदालत का यह फैसला दर्पण दिखाने जैसा है, आधुनिकता की आड़ में भी अनैतिक संबंध को जायज नहीं ठहराया जा सकता।

Tuesday, October 6, 2015

मां का अपमान किया तो मर जाएंगे या मार देंगे : साक्षी महाराज

भाजपा नेता और सांसद साक्षी महाराज ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। गोमांस पर छिड़ी बहस के बीच साक्षी महाराज ने कहा है कि भारत मां को हम अपनी मां मानते हैं। कोई हमारी मां का अपमान करेगा तो मर जाएंगे या मर देंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार और खासतौर पर आजम खां पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, दादरी घटना का राजनीतिकरण किया जाना सही नहीं है। भाजपा सांसद ने दादरी में नेताओं के पहुंचने को लेकर आलोचना की है। गौरतलब है कि राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां आज दादरी जा रहे हैं।
साथ ही साक्षी महाराज ने मुआवजे को लेकर यूपी सरकार पर हमला किया है। भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में हिंसा के दौरान कई लोग इसका शिकार हुए लेकिन उनको मुआवजा नहीं मिला। साक्षी महाराज ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे दोहरे मापदंड क्यों ?

गोहत्या व गोमांस को लेेेेकर चल रहे विवाद पर बोलते हुए उन्होंने गाय की मां से तुलना करते हुए कहा कि जिस तरह हमारी मां, उसी तरह भारत माता और गऊ माता हैं। राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव सार्वजनिक रूप से स्वयं मान चुके हैं कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अच्छी नहीं है, जब हम कहते हैं तो इसमे गलत क्या है?

गणपति मंदिर में एक मुस्लिम महिला ने अपने बच्‍चे को जन्‍म दिया

जहां एक तरफ देश में सांप्रदायिक तनाव की खबरें और भड़काऊ बयान आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मुंबई में एक ऐसा मामला सामने आया है जो प्रेम का संदेश देता है। खबरों के अनुसार मुंबई के वडाला स्थित गणपति मंदिर में एक मुस्लिम महिला ने अपने बच्‍चे को जन्‍म दिया है और उसका नाम गणेश रखने जा रही है।
खबरों के अनुसार इलयाज नाम का युवक अपनी पत्‍नी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्‍पताल ले जा रहा था। रास्‍ते में वाडाला के गणेश मंदिर के सामने अचानक उसकी हालत बिगड़ने लगी। यह देख टैक्‍सी ड्रायवर ने आगे जाने से मना कर दिया क्‍योंकि वो नहीं चाहता था कि बच्‍चा उसकी टैक्‍सी में जन्‍म ले।
इस बीच मंदिर के बाहर बैठी कुछ महिला श्रद्धालु तुरंत इलयाज और उसकी पत्‍नी नूरजहां की मदद के लिए आई। उन्‍होंने मंदिर में साड़ी की मदद से आड़ करते हुए नूरजहां की डिलेवरी करवाई। इलयाज के अनुसार पहले मैं काफी डरा हुआ था लेकिन बाद में सामने भगवान को देखकर एहसास हुआ की जब वो खुद हमें देख रहा है तो फिर डर किस बात का।

बच्‍चा पैदा होने के बाद यह दंपति अस्‍पताल पहुंचा जहां मां और बच्‍चा स्‍वस्‍थ्‍य हैं। अब यह दंपति अपने बच्‍चे का नाम गणेश रखने जा रहा है।

Thursday, October 1, 2015

पांच दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई

2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में मकोका कोर्ट द्वारा दोषियों की सजा पर बुधवार को मकोका कोर्ट ने फैसला सुना दिया। इस मामले में 12 लोगों को दोषी ठहराया गया था, जिनमें से पांच दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है।
मौत की सजा पाने वाले दोषी बम रखने वाले हैं। बाकी सात दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। सूत्रों ने बताया था कि इस मामले में आठ लोगों को मौत की सजा और चार लोगों को उम्रकैद की सजा दिए जाने की मांग की गई थी।
जमीयत ए उलेमा के सक्रेट्री ने कहा कि वह इस मामले को हाईकोर्ट में ले लाएंगे। उन्‍होंने कहा कि पुलिस ने असली गुनहगारों को पकड़ा ही नहीं गया, मासूमों को फंसा दिया गया है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि हाई कोर्ट में इस मामले को बदला जा सकता है। वैसे भी फांसी की सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट की मुहर जरूरी है।
बीती 11 सितंबर को हुई सुनवाई में 13 में से 12 आरोपियों को दोषी ठहराया गया था। एक आरोपी को छोड़ दिया गया था। दोषी ठहराने के बाद सजा के एलान के लिए 14 सितंबर का दिन तय हुआ था। सूत्रों के मुताबिक, धमाकों में मुख्य भूमिका निभाने वाले आठ दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की गई थी।
मालूम हो कि 11 जुलाई 2006 को हुए माटुंगा से मीरा रोड के बीच एक के बाद एक सात धमाके हुए थे। इसमें 187 लोगों की मौत हुई थी और 817 अन्य घायल हुए थे। मामले की जांच मुंबई एटीएस को सौंपी गई है, जिसने सिमी पर साजिश रचने का आरोप लगाया था।
एटीएस ने 13 लोगों को गिरफ्तार कर पूरी साजिश बेनकाब करने का दावा किया है। पाकिस्तान की शह पर प्रतिंबंधित संगठन सिमी के लोगों ने धमाकों को अंजाम दिया।
मुंबई एटीएस जिन दोषियों की फांसी की सजा की मांग कर सकती है, उनमें लोकल ट्रेनों में बम रखने वाले पांचों दोषी शामिल हैं।

ये हैं - मुख्य साजिशकर्ता डॉ. तनवीर अंसारी, अासिफ खान, बशीर खान और मो. अली शेख।

अब गैस उपभोक्ताओं को राहतभरी खबर

देश में प्राकृतिक गैस के दामों में आई कमी के बाद अब गैस उपभोक्ताओं को राहतभरी खबर है।मंहगाई की मार झेल रहे आम आदमी के लिए अच्‍छी खबर यह है कि घरेलू गैस की कीमतों में 44.50 रुपये की कमी आई है। हालांकि, इसके साथ ही अब इस पर मिलने वाली सब्सिडी भी कम हो गई है।
इस बात की पुष्टि करते हुए एलपीजी फेडरेशन की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष आरके गुप्ता ने बताया कि घरेलू और कमर्शियल दोनों ही गैस उपभोक्ताओं के लिए गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी हुई है। भोपाल में घरेलू गैस का सिलेंडर जो अब तक 615 रुपए में मिल रहा था वह अब 571 रुपए में मिलेगा।
वहीं कमर्शियल गैस सिलेंडर अभी तक 1134 रुपए 50 पैसे में मिलता था जो अब 1089 रुपए में मिलेगा। इस प्रकार घरेलू गैस सिलेंडर पर 44 रुपए और कमर्शियल गैस सिलेंडर पर 45 रुपए 50 पैसे प्रति सिलेंडर की कमी की गई है।
खबरों के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर में घरेलू गैस के दाम 4.66 डॉलर एमएमबीटीयू से घटकर 3.82 डॉलर एमएमबीटीयू हो सकते हैं। नेट कैलरिफिक वैल्यू के हिसाब से घरेलू गैस के दाम 4.24 एमएमबीटीयू हो सकते हैं। वहीं ग्रॉस कैलरिफिक वैल्यू के हिसाब से घरेलू गैस के दाम 3.82 एमएमबीटीयू हो सकते हैं। मार्च 2016 तक गैस के दामों में कटौती लागू हो सकती है।

कहा जा रहा है कि घरेलू गैस की कीमतों में कमी का असर सीएनजी और पीएनजी पर भी पड़ सकता है।