Friday, May 30, 2014

क्या है मोदी के इस 10 सूत्री अजेंडे में.

प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने सरकार के कामकाज को रफ्तार देने के लिए सरकार का 10 सूत्री अजेंडा तय किया और मंत्रियों को तीन मंत्र दिए। इसके साथ ही सभी मंत्रियों से कहा गया है कि वे अपने मंत्रालय के लिए 100 दिन का अजेंडा बनाएं और उस पर अमल करें।
मोदी कैबिनटे की दूसरी बैठक के बाद शहरी विकास और संसदीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों के सामने तीन अहम गाइडलाइंस 'सुशासन, कार्यकुशलता और क्रियान्वयन' रखते हुए इसके हिसाब से काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पीएम ने मंत्रियों से कहा कि मुख्य मुद्दा सुशासन है। इसके ऊपर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके बाद डिलिवरी सिस्टम पर भी ध्यान देना होगा। राज्य सरकारों से जो चिट्ठियां आती हैं, उन्हें महत्व दिया जाना चाहिए। संसद और जनता के भी सुझावों पर ध्यान देकर समाधान करने का प्रयास करना चाहिए।
पीएम ने कहा कि पहले 100 दिन में हर मंत्री अपना अजेंडा तय करें। इसके साथ ही विभाग में जो मुद्दे पेंडिंग हैं, प्राथमिकता से उनके समाधान का प्रयास करें। वेंकैया नायडू ने कहा कि पीएम मोदी मंत्रियों और सचिवों के साथ अलग-अलग बैठकें भी किया करेंगे।

क्या है मोदी के इस 10 सूत्री अजेंडे में...

1-देश में नौकरशाही का मनोबल बढ़ाना होगा, जिससे अधिकारी नतीजों का सामना करने से न डरें।

2-शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली पर खास जोर दिया जाएगा।

3-सरकार के कामकाज में नए विचारों का स्वागत किया जाएगा।
4-सरकार में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाएगा। ई-ऑक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा।

5-मंत्रालयों के बीच आपसी तालमेल का इंतजाम होगा।

6-जनता की उम्मीदें पूरी करने पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।

7-अर्थव्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों से निपटा जाएगा।

8-बुनियादी ढांचे को सुधारना और निवेश को बढ़ाना।

9-नीतियों पर तय समयसीमा पर अमल किया जाएगा।

10-सरकारी नीतियों में स्थायित्व होना चाहिए। 

प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेन्द्र मिश्र ने भी कैबिनेट बैठक से पहले मोदी के ऐक्शन पॉइंट्स का खुलासा किया। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मोदी के टारगेट्स को पूरा करने लिए पूरी सरकारी मशीनरी को चुस्त किया जाएगा। इस संकेत से समझा जा रहा है कि मंत्रियों की टीम के बाद अब मोदी ब्यूरोक्रेसी में अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हैं, क्योंकि वह अपने अजेंडे को लागू कराने के लिए ब्यूरोक्रेसी पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं। अगले हफ्ते कैबिनेट सेक्रेटरी से लेकर एक दर्जन अहम विभागों के सचिव बदले जाएंगे। सूत्रों के मोदी ने हर विभाग के सेक्रेटरी पद के लिए तीन संभावित नाम और उनके ट्रैक रेकॉर्ड तलब किए हैं।
मिश्रा ने बताया कि मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं को पूरा करने के लिए एक समयसीमा तय होगी। लंबे समय से लटके अहम इनफ्रास्ट्रकचर प्रॉजेक्टस की अड़चनें दूर कर उन्हें रफ्तार देने पर फोकस किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि मोदी देश में प्रचुरता के बाद भी कोयले के आयात का मुद्दा भी उठा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी कोल इंडि‍या की रीस्‍ट्रक्‍चरिंग कर सकती है। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्रालय ने संकेत दि‍या है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश को 28.8 करोड़ टन (एमटी) कोयले की कमी का सामना करना पड़ सकता है।


सोशल ऐक्टिविस्ट अन्ना हजारे ने केंद्र में बीजेपी की अगुआई वाली सरकार की जमकर तारीफ

सोशल ऐक्टिविस्ट अन्ना हजारे ने केंद्र में बीजेपी की अगुआई वाली सरकार की जमकर तारीफ की है। अन्ना ने कहा, 'ऐसा लग रहा है कि अच्छे दिन आने वाले हैं।' वहीं उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आलोचना की है। अन्ना ने कहा कि केजरीवाल भटक गए हैं और अब उन्हें लगता है वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
अन्ना हजारे ने अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा कि नई सरकार ने भविष्य के लिए एक आशाजनक तस्वीर लोगों के सामने रखी है। इससे ऐसा लग रहा है कि अच्छे दिन आने वाले हैं। साथ ही अन्ना ने यह भी कहा कि हाल में गठित 'असली आजादी अभियान' आने वाले 4 से 6 महीनों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों पर करीब से नजर रखेगी। यदि यह सरकार भी लोगों से किए वादे पूरे करने में नाकाम रहती है तो हम देशभर में आंदोलन करेंगे।

Tuesday, May 27, 2014

नरेंद्र मोदी का मंत्रिमंडल

नरेंद्र मोदी ने देश के 15 वें प्रधानमंत्री के रूप में कामकाज संभालने के साथ ही मंगलवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। मंत्रालयों के बंटवारे के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी वेबसाइट पर जारी संदेश में कहा, 'रेड टेप नहीं, रेड कार्पेट। अब काम करने का वक्त शुरू हो गया है।' जैसी संभावना जताई जा रही थी ज्यादातर मंत्रियों को उसी के अनुरूप विभाग मिले हैं। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, लिहाजा सरकार में उनका दर्जा मोदी के बाद माना जा सकता है।
अरुण जेटली को वित्त, रक्षा और कंपनी मामलों का मंत्री बनाया गया है। पहले संभावना जताई जा रही थी कि रक्षा मंत्रालय मोदी अपने पास रख सकते हैं। जेटली प्रधानमंत्री मोदी के करीबी और पार्टी के रणनीतिकार माने जाते हैं, इसका इनाम उन्हें मिला है। मंत्रालय का कार्यकाल संभालने के बाद जेटली ने कहा कि रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी उनके पास अस्थायी है। लोकसभा में विपक्ष की नेता रहीं सुषमा स्वराज विदेश मंत्री बनाई गई हैं। मंत्रालयों के औपचारिक बंटवारे से पहले ही वह अपना काम संभाल चुकी थीं। सुषमा प्रधानमंत्री मोदी के साथ सार्क देश के नेताओं से मिल रही हैं।
रविशंकर प्रसाद को कानून, संचार और आईटी मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि नितिन गडकरी को भूतल परिवहन मंत्री बनाया गया है। कर्नाटक से सांसद सदानंद गौड़ा रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पढ़ें, किस मंत्री को क्या मिला:-



नरेंद्र मोदी का मंत्रिमंडल
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, आणविक ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग। अन्य महत्वपूर्ण नीतिगत विभागों और जिन मंत्रालयों का बंटवारा किसी मंत्री को फिलहाल नहीं किया गया है।
कैबिनेट मंत्री
राजनाथ सिंह
गृह मंत्रालय
सुषमा स्वराज
विदेश मंत्रालय, प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय
अरुण जेटली
वित्त, कॉर्पोरेट मामले, रक्षा मंत्रालय
एम. वेंकैया नायडु
शहरी विकास, आवास व शहरी गरीबी उन्मूलन, संसदीय कार्य मंत्रालय
नितिन गडकरी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी
डी. वी. सदानंद गौड़ा
रेलवे
उमा भारती
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन
नजमा हेपतुल्ला
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय
गोपीनाथ मुंडे
ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल व स्वच्छता
रामविलास पासवान
उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण
कलराज मिश्र
सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्योग
मेनका गांधी
महिला और बाल विकास विभाग
अनंत कुमार
रसायन और उवर्रक
रविशंकर प्रसाद
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, कानून व न्याय
अशोक गजापति राजू पसुपति
नागरिक उड्डयन
अनंत गीते
भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम
हरसिमरत कौर बादल
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
नरेंद्र सिंह तोमर
खनन, इस्पात, श्रम और रोजगार
जुएल उरांव
जनजातीय मामले
राधा मोहन सिंह
कृषि
थावरचंद गहलोत
सामाजिक न्याय व अधिकारिता
स्मृति ईरानी
मानव संसाधन विकास
हर्षवर्द्धन
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के.सिंह
पूर्वोत्तर क्षेत्रों का विकास (स्वतंत्र प्रभार), विदेश मंत्रालय, प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय
इंद्रजीत सिंह राव
नियोजन (स्वतंत्र प्रभार), सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन (स्वतंत्र प्रभार ), रक्षा
संतोष कुमार गंगवार
कपड़ा (स्वतंत्र प्रभार ) संसदीय कार्य मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन
श्रीपद येसो नाइक
संस्कृति (स्वतंत्र प्रभार), पयर्टन (स्वतंत्र प्रभार)
धर्मेंद्र प्रधान
पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस (स्वतंत्र प्रभार)
सर्वानंद सोनोवाल
कौशल विकास, उद्यमशीलता, युवा मामले व खेल (स्वतंत्र प्रभार)
प्रकाश जावड़ेकर
सूचना व प्रसारण (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार), संसदीय मामले
पीयूष गोयल
विद्युत (स्वतंत्र प्रभार), कोयला (स्वतंत्र प्रभार), नवीन व नवीनीकृत ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार)
जितेंद्र सिंह
विज्ञान व प्रौद्योगिकी (स्वतंत्र प्रभार), भू-विज्ञान ( स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, आणविक ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग
निर्मला सीतारमन
वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार), वित्त, कॉर्पोरेट मामले
राज्य मंत्री
जी. एम. सिद्देश्वरा
नागरिक उड्डयन
मनोज सिन्हा
रेलवे
निहालचंद
रसायन व उवर्रक
उपेंद्र कुशवाहा
ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल एवं स्वच्छता
पी.राधाकृष्णन
भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम
किरन रिजुजु
गृह मंत्रालय
कृष्ण पाल
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी
संजीव कुमार बालियान
कृषि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
मनसुखभाई धंजीभाई वासवा
जनजातीय मामला
रावसाहेब दादराव दान्वे
उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण
विष्णु देव साईं
खनन, इस्पात, श्रम व रोजगार
सुदर्शन भगत
सामाजिक न्याय और अधिकारिता