विदेशी एयरलाइंस की क्रू मेंबर ने प्रेम में ठोकर खाकर प्रेमी की असलियत जानने के लिए प्राइवेट जासूसों की मदद ली। युवक ने लड़की के सामने खुद को एम्स का न्यूरो सर्जन बताया था। जासूसों ने जांच की तो पता चला कि वह शादीशुदा व्यक्ति एक प्राइवेट कंपनी में मामूली नौकरी कर रहा है। लड़की अब पुलिस में कंप्लेंट कर रही है। यह मामला इंटरनेट से उपजे प्रेम का है। एक महीने में बात पहली मुलाकात से पुलिस शिकायत तक जा पहुंची। पश्चिम विहार में रहने वाली 25 साल की लड़की की जानपहचान एक महीना पहले याहू चैटिंग पर एक युवक से हुई। लड़के ने अपना नाम डॉ. अंकुर पुरी बताया। उसने खुद को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो सर्जन बताया। लड़की ने एनबीटी को बताया कि बात इंटरनेट से बढ़ते-बढ़ते गहन मुलाकातों में तब्दील हो गई। उसने इसके सबूत में कई अंतरंग फोटो भी दिखाए। कुछ दिन पहले लड़की ने युवक को बताया कि ममी ने उसे चाय पर बुलाया है। उस दिन के बाद वह कन्नी काटने लगा। हालत यह हो गई कि लड़की फोन कॉल करती और वह फोन पिकअप तक नहीं करता। लड़की ने प्राइवेट जासूसों की मदद लेने का फैसला किया। उसने 'सर्टिफाइड प्राइवेट डिटेक्टिव्ज असोसिएशन' के प्रेजिडेंट संजीव देसवाल की कंपनी को हायर किया। लड़की ने फोटोग्राफ और याहू चैट का रेकॉर्ड भी दिया, जिसमें युवक ने अपना नाम डॉ. अंकुर पुरी बताते हुए खुद को न्यूरो सर्जन बताया था। उसने अपना घर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बताते हुए अपने पिता को सेना से रिटायर्ड कर्नल भी बताया था। जासूस युवक के फोन नंबर को ट्रेस करते हुए उसके घर जाकिर नगर तक जा पहुंचे। पता चला कि वह युवक कोई न्यूरो सर्जन नहीं, बल्कि संत नगर की एक प्राइवेट कंपनी मामूली नौकरी करता है। यह भी पता चला कि वह शादीशुदा है। जासूसों ने रिपोर्ट लड़की के हवाले कर दी। उस युवक का नाम अंकुर पुरी नहीं, बल्कि सलीम अहमद (बदला नाम) है। धोखाधड़ी के सबूत मिलने पर लड़की पुलिस में कंप्लेंट कर रही है। उसके मुताबिक अपने साथ हुए फरेब के लिए वह युवक को सजा दिलवा कर रहेगी।
Sunday, December 13, 2009
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