Wednesday, February 25, 2009

शरीफ को आतंकवादी भी बनाया जा सकता है

विदेशों में पढने वालों सावधान , शरीफ को आतंकवादी भी बनाया जा सकता है
न्यू जीलैंड के दक्षिणी शहर इनवरकारगिल में पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडंट्स को स्थानीय लोगों के नस्ली अपशब्दों का शिकार होना पड़ रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन्हें 'आतंकवादी' तक कहा गया है। अखबार 'द साउथलैंड टाइम्स' के मुताबिक नस्लभेदी टिप्पणी के शिकार लोगों में से चार सिख हैं, जिन्होंने पगड़ी पहन रखी थी। कुछ अनजान लोगों ने उनको अरब या मुस्लिम समझने की भूल की। इनमें से एक जसदीप सिंह ने अखबार को बताया कि सुरक्षा के लिए उसने अपने धर्म के नियमों के खिलाफ बाल कटा लिए हैं, ताकि पगड़ी न पहननी पड़े। जसदीप ने कहा कि उसने अपने अभिभावकों को इसके बारे में नहीं बताया है। इससे उनको धक्का लगेगा और वे नाराज होंगे। पिछले महीने ही एक तकनीकी इंस्टिट्यूट में पढ़ने पहुंचे 25 स्टूडंट्स में से पांच ने कहा कि पिछले 12 दिनों में नस्ली छींटाकशी की 16 घटनाएं हुईं। जसमाल सिंह ने कहा कि अपशब्द कहने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 20 वर्ष के आसपास है। स्टूडंट्स ने इसके बाद से शाम ढलने पर शहर में घूमना बंद कर दिया है। संस्थान के मैनेजर भारत गुप्ता ने कहा कि इन घटनाओं के बाद पुलिस से संपर्क किया गया। साउथलैंड के पुलिस कमांडर बेरी टेलर ने कहा कि यदि इस तरह की घटनाओं में आम समुदाय शामिल होगा तो उन्हें काफी निराशा होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक छोटा तबका ही इन घटनाओं में शामिल होगा।

Sunday, February 22, 2009

पिछले चुनावों में यूपीए को 222 और एनडीए को 198 सीटें मिली थीं यानी स्थिति कमोबेश वैसी ही रहेगी।

एक न्यूज चैनल के ओपिनियन पोल को मानें तो आने वाले आम चुनाव के बाद देश में एक बार फिर त्रिशंकु लोकसभा का गठन होने जा रहा है। पोल के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को 215 से 235 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एनडीए को 165 से 185 सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। यूपीए को 36.6 फीसदी और एनडीए को 29.4 फीसदी वोट मिल सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले चुनावों में यूपीए को 222 और एनडीए को 198 सीटें मिली थीं यानी स्थिति कमोबेश वैसी ही रहेगी।
यूपीए और एनडीए के घटकों का अलग-अलग आकलन किया जाए तो इस ओपिनियन पोल में कुछ रोचक आंकड़े नजर आते हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों की अपनी सहयोगियों पार्टियों से अच्छा करेंगी। बीजेपी को कुल वोट शेयर में 22.3 फीसदी हिस्सा मिल सकता है। यह 2004 के मुकाबले 0.1 प्रतिशत ज्यादा है। बीजेपी के सहयोगियों को सिर्फ 7.1 फीसदी वोट शेयर मिलने के आसार हैं और यह पिछली लोकसभा के मुकाबले 6.6 फीसदी कम हैं। कांग्रेस का वोट शेयर 29.9 फीसदी रहने के आसार हैं, जो कि पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 3.5 फीसदी ज्यादा है। लेकिन कांग्रेस के सहयोगियों के वोट शेयर 3.4 फीसदी घटकर 6.7 प्रतिशत तक रहने के आसार हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी पर निशाना

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए
कहा है कि गुजरात को दिल्ली के किसी शख्स से टाटा के नैनो प्रॉजेक्ट पर सलाह की जरूरत नहीं है। मोदी ने बेहद तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि कुछ लोग दिल्ली से आते हैं और बिना पूरी जानकारी के हमें टाटा के नैनो प्रॉजेक्ट पर सलाह देने लगते हैं। मोदी ने कहा कि हीरा व्यापारियों के हित के बारे में भी सोचने की जिम्मेदारी केंद्र की बनती है। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले से ही हीरों पर वैट की दरें कम कर दी गई हैं। बीजेपी के तेजतर्रार लीडर नरेंद्र मोदी का राहुल गांधी पर ताजा जुबानी हमला तब हुआ जब अमेठी से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुजरात सरकार पर अमीरों के हक में नीतियां बनाने का आरोप लगाया। राहुल ने नैनो प्रॉजेक्ट के लिए गुजरात सरकार पर विशेष रियायतें देने का आरोप लगाते हुए लोगों से अपील भी कर डाली। राहुल ने अपनी अपील में कहा है कि वह ऐसी पार्टी को वोट न दें जो 'सिर्फ अमीरों' के हक में काम कर रही है। जूनियर गांधी ने गुजरात में हीरा व्यापार में आ रही मुश्किलों के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है। राहुल ने यह भी कहा कि मोदी की सरकार बड़े बिजनस घरानों को विशेष छूट दे रहे हैं, जबकि हीरा व्यापारियों के हित में राज्य सरकार ने कुछ भी नहीं सोचा। उन्होंने मोदी पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने नैनो प्रॉजेक्ट को करीब साठ हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया है, लेकिन इसके बावजूद हीरा व्यापारियों के लिए कुछ भी नहीं किया गया। राहुल गांधी का पक्ष लेते हुए कांग्रेस के सीनियर लीडर दिग्विजय सिंह ने कहा कि गांधी की धरती पर पूंजीवाद के नए मॉडलों की आजमाइश हो रही है। लेकिन उन्होंने इसके लिए मोदी को जिम्मेदार नहीं ठहराते हुए कहा कि मोदी जिस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, वह पूंजीवाद में ही यकीन रखती है।

कुमार के अधैयपूर्ण व्यवहार और बढ़ती महत्वाकांक्षा ने उन्हें कांग्रेस से अलग किया है।

भारतीय जनता पार्टी ने कभी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विश्वासपात्र रहे रंजन कुमार को उत्तर प्रदेश की मोहनलालगंज (रिजर्व्ड)लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने हाल ही में इसकी घोषणा की थी। मई 2004 में कांग्रेस से जुड़कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले कुमार का कहना है कि वह कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में राहुल के लिए अमेठी और रायबरेली विधानसभा क्षेत्रों में काम कर चुके हैं। कुमार ने बताया कि एक कार्यक्रम में मेरी कांग्रेस नेता जयराम रमेश से मुलाकात हुई थी, उस वक्त उन्होंने मुझसे अपनी पार्टी में शामिल होने के लिये कहा था। कुमार ने आला दर्जे की शिक्षा हासिल की है। आईआईएम, लखनऊ से पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल करने वाले कुमार पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के बाद ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न के एएनजेड बैंक में भी काम कर चुके हैं। राहुल गांधी का साथ छोड़ने के कारणों के बारे में कुमार ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की आलोचना के सिवा कुछ नहीं किया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली को छोड़कर उसने कहीं भी विकास कार्य नहीं किए। इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि इन नौजवानों के साथ यह समस्या है कि वे सब कुछ बहुत जल्दी हासिल कर लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुमार के अधैयपूर्ण व्यवहार और बढ़ती महत्वाकांक्षा ने उन्हें कांग्रेस से अलग किया है।

Thursday, February 19, 2009

अगली सरकार में सुखराम को टिकट का मामला

अगली सरकार में सुखराम को टिकट का इंजतार है और वह अपने पर दस साल पुराने कोर्ट के चल रहे भृष्टाचार के मामले में निर्णय का इंतजार कर रहे है ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम को तीस हजारी कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया है। उनकी सजा पर फैसला 24 फरवरी को होगा। गौरतलब है कि सुखराम के खिलाफ सीबीआई ने 1998 में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। सुखराम पूर्व की नरसिंह राव सरकार में संचार मंत्री थे। वर्ष 1996 में सीबीआई ने सुखराम के दिल्ली स्थित घर से चार करोड़ रुपये की नकदी बरामद की थी। इसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। इस फैसले से सुखराम के लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी असमंजस की स्थिति बन गई है। हालांकि वह इससे पहले ही इनकार कर चुके हैं। हिमाचल कांग्रेस ने मंडी लोकसभा सीट के संभावितों में उनका नाम हाईकमान को भेजा था। सुखराम ने कहा था कि चुनाव लड़ने की बजाय वह उनके खिलाफ कोर्ट में चल रहे एक दशक पुराने मामले के सुलझने का इंतजार है इसी के बाद उनके टिकट का फैसला होगा ।

Tuesday, February 17, 2009

लड़कियों का आरोप है कि ये धमकियां श्रीराम सेना के वर्कर्स दे रहे हैं।

श्रीराम सेना 'पिंक चड्डी' कैंपेन से बौखला गई है। मुंबई में श्रीराम सेना के वर्कर्स इस कैंपेन में हिस्सा लेने वाली लड़कियों को धमकी भरे फोन कर रहे हैं। मुंबई में लड़कियों के एक ग्रुप ने 'पिंक चड्डी' कैंपेन में भाग लिया था। उन्होंने श्रीराम सेना को कुरियर भेजे थे। ये लड़कियां मीडिया और सॉफ्टवेयर प्रफेशनल हैं। कुरियर भेजने के एक दिन बाद ही उनको फोन पर धमकियां मिलनी शुरू हो गईं। लड़कियों का आरोप है कि ये धमकियां श्रीराम सेना के वर्कर्स दे रहे हैं। पहचान उजागर न करने की शर्त पर एक लड़की ने बताया कि उसने कुरियर में अपना नंबर भी लिख दिया था। इसके बाद से उसे उस नंबर पर लगातार धमकियां मिल रही हैं।
परेशान लड़कियों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। एक लड़की ने बताया कि जब हम पुलिस स्टेशन में थे, तब भी हमें एक धमकी भरा फोन आया था। जिसे हमने पुलिस ऑफिसर को भी सुनाया। उन्होंने बताया कि फोन पर धमकी के साथ उनके साथ गाली-गलौच भी की जाती है। लड़कियों ने बताया कि फोन अलग-अलग नंबरों से आते हैं। जिसमें उनसे सवाल किया जाता है, 'क्या आपने श्रीराम सेना के ऑफिस में पार्सल भेजा था?' लड़कियों ने इस कैंपेन को शुरू करने वाली निशा सुसान से भी बात की। सुसान ने कहा कि मैंने लड़कियों से कहा है कि वह कॉल करने वाले का नंबर नोट करें और यदि कॉल आनी बंद नहीं हो तो तुरंत पुलिस की मदद लें। सुसान ने बताया कि उनको भी कई धमकी भरे फोन और अश्लील एसएमएस आ रहे हैं। उधर, कुछ लड़कियों का कहना है कि उन्हें डर है कि उनके नंबर कहीं आपत्तिजनक साइट्स पर न डाल दिए गए हों? उधर, गृह राज्य मंत्री नितिन राउत ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी घटना के बारे में पता नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कुछ है, तो वह लड़कियों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराएंगे।

आम आदमी वहीं का वहीं, बजट से कोई फायदा नहीं

अंतरिम बजट में कार्यवाहक वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के पिटारे से आम आदमी के लिए कोई तोहफा नहीं निकला और पूरे भाषण के दौरान वह यूपीए सरकार की उपलब्धियां गिनाते रह गए। नौकरीपेशा इनकम टैक्स छूट और होम लोन पर इंटरेस्ट में रिबेट की सीमा बढ़ने की उम्मीद कर रहे थे, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। किसानों को भी कोई नहीं राहत दी गई। उनके लिए एकमात्र घोषणा यह की गई कि 2009-10 में भी किसानों की लोन सब्सिडी जारी रहेगी यानी तीन लाख तक का कर्ज 7% की दर पर ही मिलता रहेगा। बहरहाल ग्रामीण और सोशल सेक्टर के लिए बजट में अधिक आवंटन करके प्रणव ने यह साफ कर दिया है कि यूपीए की निगाहें कहां है और वह किसके बल पर चुनाव लड़ेगी। प्रणव मुखर्जी ने माना की दुनिया की इकॉनमिक हालत ठीक नहीं है और ऐसे में सरकार को कुछ बड़े फैसले करने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार ग्लोबल मंदी से इकॉनमी को बचाने की हर कोशिश करेगी और इस बात का ध्यान रखेगी कि मंदी की वजह से लोगों की नौकरियां न जाएं। सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि ग्रामीण इकॉनमी को हर तरह की मदद पहुंचाई जाएगी।
प्रणव मुखर्जी ने अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि देश की इकॉनमी इस कारोबारी साल में 7.1 परसेंट की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है, जबकि पिछले तीन साल के दौरान यह 9 % की दर से बढ़ी थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान राजकोषीय घाटे में उल्लेखनीय कमी आई है और सकल घरेलू बचत दर बढ़कर 37 % हो गई है। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि टैक्स और जीडीपी का अनुपात 12.5 परसेंट हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने महंगाई के खतरे को काबू में कर लिया है और कीमतों पर सरकार की नजर बनी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक्सपोर्ट रेट में गिरावट चिंता की बात है। लेकिन कुल मिलाकर इकॉनमी की हालत ठीक है। उन्होंने कहा कि 7.1 परसेंट के ग्रोथ रेट के साथ भारतीय इकॉनमी दुनिया की दूसरी तेजी से बढ़ती इकॉनमी बनी हुई है। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सरकार किसानों के हितों का पूरा ख्याल रखेगी। उन्होंने कहा कि सरकार कारोबारी साल 2009-10 में भी किसानों को लोन इंटरेस्ट पर सब्सिडी देती रहेगी। उन्होंने कहा कि 60 परसेंट आबादी की खेती पर निर्भरता को देखते हुए यूपीए सरकार ने पिछले पांच सालों में किसानों के लिए बजट में तीन सौ फीसदी की वृद्धि की है। शिक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नई परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनका फायदा अब दिखाई दे रहा है। उनका कहना था कि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में उच्च शिक्षा के मद में नौ सौ परसेंट की वृद्धि की गई। उन्होंने अल्पसंख्यकों, महिलाओं और जनजातियों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी।

Saturday, February 14, 2009

आज वैलंटाइन डे है, प्यार के इजहार का

आज है प्यार के इजहार का दिन...प्यार वही कामयाब होता है जिसमें आप अपने हमदम के दिल की हर बात समझ सकें...यही सब से बड़ा चैलंज भी होता है। इसी मुश्किल हो हल करने के लिए नीतू सिंह ने दिल्ली की लड़कियों से बात की और प्रशांत अस्थाना ने लड़कों से , दोनों ने पता लगाया कि ऐसी क्या चीजें हैं जो आज के दिन आपको अपने महबूब के सामने कतई नहीं करनी चाहिए। लड़कों के लिए न लेट न शो ऑफ हर लड़की चाहती है कि डेट पर उसका चाहने वाला उससे पहले पहुंच कर इंतजार करे। वह खुद भले ही एक घंटा देर से पहुंचे। इसलिए आप डेट पर टाइम पर ही पहुंचें। ओवर स्मार्ट बनने और अपनी तारीफों के पुल बांधने वाले लड़के लड़कियों को बिल्कुल पसंद नहीं आते। फैशन फनी ट्रेंडी लुक के चक्कर में कुछ भी न पहन लें। ऐसा करने वाले लड़के लड़कियों को फनी लगते हैं। आप पर जो सूट करे , वही कपड़े पहनें। लड़कियों को मैनली , रफ ऐंड टफ और कॉन्फिडंट लड़के पसंद आते हैं। स्ट्रॉन्ग परफ्यूम या डियो लड़कियों को अपसेट करते हैं।
जिसने की शरम लड़कियों को घुमा-फिराकर बात करने वाले , झिझकने वाले लड़के बिल्कुल पसंद नहीं आते। इसलिए स्ट्रेट फॉरवर्ड बात करें और शर्माएं नहीं। वरना वैलन्टाइन कुछ ही देर में इरिटेट होकर जा सकती है। वैलंटाइंस डे की डेटिंग और स्पोर्ट्स की बातें किसी लड़की के लिए इससे ज्यादा ऊबाऊ माहौल कुछ नहीं हो सकता। आई टॉनिक अपनी वैलंटाइन के साथ हों तो उन्हें यह अहसास दिलाएं कि सिर्फ तुम ही हो जिसे मैं देखना चाहता हूं। उनसे बात करें , उनकी बातें सुनें और उन्हें स्पेशल फील कराएं। आस-पास कितनी भी खूबसूरत लड़की बैठी हो , उसमें इंटरेस्ट लेने , बार-बार देखने की कोशिश न करें , इससे आपकी गर्लफ्रेंड इनसिक्योर फील कर सकती है। जबान संभाल के अंडर कॉन्फिडंट , घमंडी , दिलफेंक , बात-बात में गालियां निकालने वाले और बेसिर पैर की बात करने वाले लड़कों से लड़कियां बहुत जल्दी इरिटेट हो जाती हैं। ऐसे में अपने उठने-बैठने , चलने-फिरने और बात करने के अंदाज को बैलंस्ड रखें। साथ ही दूसरे लोगों पर छींटाकशी भी बिल्कुल न करें क्योंकि इन्हीं बातों के आधार पर आपके वैलंटाइन के दिल में आपकी इमिज तैयार होती है। नो टाइम लिमिट प्लीज़ एमएनसी कंपनी में रिसर्च ऐनलिस्ट निखिल कहते हैं कि कोई लड़की मुझे प्रपोज करना चाहती है तो अपने बारे में बताए और सिंपल वे में बात कह दे। वह कोई टाइम लिमिट न दे। जवाब देने के लिए मेरे पास पूरा वक्त होना चाहिए। गर्ल्स, आपके लिए... हमें मत बदलो लड़कों को सबसे ज्यादा नापसंद बात उन्हें जबरन बदलने की कोशिश होती है। उनके साथ जब वक्त बिताएं तो बात-बात पर मत टोकें। उन्हें ऐसा न लगे कि आप उनकी टीचर हैं। वे चाहते हैं कि जैसे वे हैं , वैसे ही उन्हें स्वीकार किया जाए। भले ही यह बात वे खुलकर न कह पाएं। मत करो कन्फ्यूज़ काउंसिल फॉर साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च में सेक्शन ऑफिसर मनीष शर्मा कहते हैं कि लड़की मुझे बस एक गुलाब देकर दिल की बात कह दे। इजहार का तरीका सिंपल और स्ट्रेट होना चाहिए। 14 फरवरी के दिन कोई प्रपोज कर दे तो यह दिन मेरे लिए वेरी वेरी स्पेशल हो जाता है। सीरियस मत हो यार ज्वेन टेक्नॉलजी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर गौरव कहते हैं कि 14 फरवरी को ज्यादा सीरियसली लेने की जरूरत नहीं है। अगर कोई लड़की प्रपोज करे , तो साफ कह दो कि शादी-वादी के बारे में न सोचे। करियर की अहमियत ज्यादा है , सीरियस स्टेप बाद में आता है। रूटीन से हटकर ऑडिट फॉर्म डिलाएट से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता कहते हैं कि प्रपोज करने का अंदाज थोड़ा अलग होना चाहिए। जो लड़की मुझे प्रपोज करना चाहती है , वह मुझे डेटिंग के लिए बुलाए। अगर किसी शांत जगह पर जाकर बात करें तो अच्छा असर पड़ता है। आपके इजहार में थोड़ा अलग स्टाइल होगा तो उन्हें पसंद आएगा , लेकिन यह हर शख्स की पर्सनैलिटी पर डिपेंड करता है।

यह भी पढिये और विचार कजिए अपने बच्चों के भविष्य पर

यह भी पढिये और विचार कजिए अपने बच्चों के भविष्य पर, क्या हम यही चाहते है और बर्दाश्त कर सकते है
ब्रिटेन में 13 साल का एक लड़का बाप बन गया है। उसकी गर्लफ्रेंड और बच्चे की मां 15 साल की है। 4 फुट का एल्फी अभी खुद ही बच्चा लगता है। एल्फी से पूछा गया कि वह अपनी बच्ची का खर्चा कैसे उठाएगा, तो उसका कहना था कि इसका मतलब क्या होता है? उसने स्वीकार किया कि उसे एक नैपी की कीमत के बारे में सही-सही पता नहीं है। एल्फी ने कहा, 'मुझे लगता है नैपी की कीमत काफी ज्यादा होगी।' ब्रिटेन के अखबार, 'द सन' के मुताबिक एल्फी जब 12 साल का था तभी उसकी गर्लफ्रेंड चैंटिल स्टीडमैन गर्भवती हुई थी। अखबार के मुताबिक चैंटिल गर्भनिरोधकों गोलियां लिया करती थी लेकिन एक दिन भूल गई। एल्फी का कहना है, 'जब मुझे चैंटिल के गर्भवती होने का पता चला, हमने उसे जन्म देने का फैसला किया।'
उसने कहा कि मैंने अभी यह नहीं सोचा है कि बच्ची का लालन-पालन कैसे करूंगा। मुझे कभी जेबखर्च भी नहीं मिलता। हां, कभी-कभार पापा 10 डॉलर जरूर दे देते हैं। जब मम्मी को इसकी भनक लगी तो लगा कि मैं मुसीबत में आ जाऊंगा, लेकिन सब ठीक-ठाक रहा। हम सभी बच्चा चाहते थे, डर सिर्फ यही था कि लोग क्या कहेंगे। एल्फी के पिता डेनिस के मुताबिक 'जब मुझे इसका पता चला तो एक पल के लिए कुछ भी समझ में आना बंद हो गया था। लेकिन जब मैंने एंल्फी को जिम्मेदार पिता की तरह बातें करते देखा तो सब कुछ स्पष्ट हो गया। एल्फी और चैंटिल की कहानी काफी दिलचस्प है। दोनों को गर्भ ठहर जाने का पता तब चला जब उसे 12 हफ्ते का गर्भ था। इसके बावजूद दोनों ने छह हफ्ते तक इसे राज ही रहने दिया। एक दिन चैंटिल की मां ने देखा कि उनकी बेटी का वजन बढ़ रहा है व पेट में सूजन हो गई है। पूछने पर सारी स्थिति साफ हो गई। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि उसने इस बात की कोई जांच की है या नहीं कि एल्फी ही उस बच्चे का पिता है। इस बारे में पुलिस का कहना है कि उसे इत बात की जानकारी थी कि 14 साल की एक लड़की 12 साल के लड़के से गर्भवती हो गई थी। पुलिस का कहना है कि वह दोनों टीनऐजरों की मदद कर रही है। इस मामले ने ब्रिटेन में टीनऐज में बढ़ रही प्रेग्नेंसी की समस्या पर बहस छेड़ दी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा कि मुझे इस मामले के डिटेल्स की जानकारी नहीं है, लेकिन हम सब टीनऐज प्रेग्नेंसी को रोकना चाहते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2006 में ब्रिटेन में 18 साल से कम उम्र की 39,000 लड़कियां प्रेग्नंट हुईं। वहां इस तरह के बढ़ते मामलों के चलते सेक्स एजुकेशन को सिलेबस में जोड़ने की बात हुई है। इसके मुताबिक वहां के केजी क्लास के बच्चों को भी सेक्स के बारे में पढ़ाया जाएगा।

Monday, February 9, 2009

भारतीय टीवी चैनल पाक में नहीं दिखाए जाने चाहिये, यह है पाक का मत

भारतीय टीवी चैनल पाक में नहीं दिखाए जाने चाहिये, यह है पाक का मत
पाकिस्तान की एक कमिटी ने भारतीय टीवी चैनलों पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाने की सिफारिश की है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में भारतीय चैनलों में लोगों की काफी दिलचस्पी रही है। सूचना एवं प्रसारण पर सेनेट की स्थायी कमिटी ने पाकिस्तान के सूचना मंत्रालय एवं पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियमन प्राधिकार (पेमरा) से भारतीय चैनलों के दिखाए जाने पर रोक लगाए जाने की सिफारिश की है। पेमरा देश में टीवी चैनलों का नियमन करने वाला शीर्ष सरकारी निकाय है। खबरिया चैनल जियो टीवी के मुताबिक सेनेट की कमिटी ने देश में केबल नेटवर्क के जरिए भारतीय चैनलों को दिखाए जाने पर बैन लगाने को कहा है। कमिटी का मानना है कि ये भारतीय चैनल पाकिस्तान को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। पाकिस्तान के कई विशेषज्ञ भारतीय चैनलों पर पाकिस्तान विरोधी रुख प्रकट करने का आरोप लगाते रहे हैं। हाल ही में मुंबई हमलों के कारण कई क्षेत्रों में दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हुए हैं।

आपको अपने बच्चों की देखरेख खुद करनी चाहिए।


शुक्र मनाइए बेटी वापस आ गई।...आपको अपने बच्चों की देखरेख खुद करनी चाहिए।

कुछ गुंडे अगर इस तरह की हरकत करते हैं, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। ' यह बयान किसी कट्टरपंथी संगठन के नेता का नहीं, कर्नाटक के होम मिनिस्टर बी।एस आचार्य का है। जो उन्होंने कहा पीड़ित लड़की के पिता और केरल के MLA कुन्हांभू से। कुन्हांभू, आचार्य के इस बयान से बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा, 'मैं आचार्य के इस बयान से सदमे में हूं। कम से कम एक राज्य के गृहमंत्री से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वह इस मुद्दे को इतने हल्के में लें।' कुन्हांभू ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री को छोड़ दें, तो किसी मिनिस्टर ने मुझसे बात करना तक ठीक नहीं समझा।

उधर, आचार्य ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गए। आचार्य ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने तो बस एक पेरंट के नाते यह सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि पेरंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चों की देखभाल करें। यह पहली बार नहीं है जब आचार्य ने इस तरह का बयान दिया है। चर्च पर हमलों के ठीक बाद भी वह अपने बयान से सुर्खियों में आए थे। तब उन्होंने कहा था, 'इसमें इतनी हाय-तौबा मचाने की क्या जरूरत है? क्या इसमें कोई मरा है। इसमें एक आदमी तक नहीं मरा। एक होम मिनिस्टर के तौर पर मेरा प्रदर्शन अव्वल दर्जे का है।' गौरतलब है कि कुन्हांभू की बेटी अपने एक दोस्त के साथ मंगलूर लौट रही थीं। तभी कुछ लोगों ने उन्हें जबर्दस्ती बस से उतार लिया और एक ऑटो में बिठा लिया। कुछ समय बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

अतिक्रमण करने का अनोखा तरीका, आप भी सीखिये,

अतिक्रमण करने का अनोखा तरीका, आप भी सीखिये,

चरण सिंह कॉलोनी के पास जीडीए की कमर्शल लैंड पर रातों रात कुछ लोगों ने एक महापुरुष की मूर्ति लगा दी। मूर्ति हटाने के लिए मौके पर पहुंचे जीडीए के दस्ते पर लोगों ने पथराव कर दिया। इस दौरान पुलिस ने लोगों पर लाठियां भांजीं। इस पर सैकड़ों लोगों ने एनएच 24 पर ट्रैफिक जाम कर दिया। इससे एनएच पर साढे़ बारह बजे से करीब पौने दो बजे तक ट्रैफिक जाम रहा। विजय नगर इलाके में चरण सिंह कॉलोनी के पास जीडीए की कमर्शल लैंड पर कुछ लोगों ने रात भर में एक महापुरुष की मूर्ति लगा दी। चरण सिंह कॉलोनी में लगी 18 साल पुरानी एक अन्य मूर्ति को उखाड़कर उसे भी जीडीए की लैंड पर लगा दिया गया। इसकी जानकारी जीडीए अधिकारियों को रविवार सुबह मिली। इसके बाद जीडीए के जॉइंट सेक्रेट्री बाबू सिंह और इग्जेक्यटिव इंजीनियर आर. पी. श्रीवास्तव अतिक्रमण हटाओ दस्ते के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों मूर्तियां हटाकर जमीन खाली करा दी। इसी बीच मौके पर सैकड़ों लोग पहुंच गए। उन्होंने पुलिस और जीडीए के दस्ते पर पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठी भांज कर लोगों को दौड़ाया। लोगों की मांग थी कि जीडीए मूर्तियां उनके हवाले करे। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने 18 साल पहले लगी पुरानी मूर्ति लोगों के हवाले कर उन्हें शांत कराया। नई मूर्ति जीडीए ने थाना सिहानी गेट के हवाले कर दी।

Saturday, February 7, 2009

क्योंकि मोदी का जबाब किसी के पास नहीं ।हमारा साधुवाद


गुजरात ई-कोर्ट प्रोजेक्ट लागू करने में भी सबसे आगे, नेताओं को सबक लेना चाहिये, केवल आलोचना उचित नहीं , क्योंकि मोदी का जबाब किसी के पास नहीं ।हमारा साधुवाद
गुजरात हाई कोर्ट मॉडल ई-कोर्ट प्रोजेक्ट लागू करने वाली देश की पहली अदालत होने का गौरव उठाने जा रही है। रविवार से यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है। सबसे पहले इस प्रोजेक्ट को यहां के सिविल और सेशंस कोर्ट में लागू किया जाएगा, जिसका उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के. जी. बालाकृष्णन करेंगे। इससे जहां जुडिशरी में आने वाली अड़चनें काफी हद तक दूर होंगी, वहीं सरकारी कर्मचारियों का समय भी बचेगा। आइए देखते हैं इससे जुडिशरी के वर्क कल्चर में किस तरह का आमूल-चूल परिवर्तन आएगा - पारदर्शिता बढ़ेगी : इस प्रोजेक्ट के तहत कोर्ट रूम में होने वाली सुनवाई की ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग होगी। खास बात यह कि इससे मुकदमे की पारदर्शिता बढ़ेगी, क्योंकि ऐसे में बहस के दौरान रखे गए तर्कों और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। जजों को अगर किसी चीज पर संदेह है तो वे सुनवाई की पिछली रिकॉर्डिंग को देखकर संशय दूर कर सकते हैं। ऐसे मामले जिनमें, सुनवाई के दौरान जब कोई गवाह पलट जाता है या फिर बचाव और सरकारी पक्ष के वकीलों बयानों की समीक्षा की जरूरत होती है, यह सिस्टम बहुत काम का हो सकता है। धन और श्रम की बचत: चूंकि कोर्ट रूम को सेंट्रल जेल, पुलिस कमिश्नर ऑफिस और फॉरेन्सिक साइंस लैब से भी जोड़ा जाएगा। इससे सुनवाई के दौरान अभियुक्त को जेल से कोर्ट लाने तक की जहमत नहीं उठानी होगी। आंकड़े बताते हैं कि 2004 से अब तक 23000 कैदियों को कोर्ट में पेश किया गया है, जिसमें 89 लाख का खर्च आया। उन्हें लाने में मैनपावर जो लगा, सो अलग। इससे न्याय जल्द पाने में भी आसानी होगी। इस पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा और इससे निकली सिफारिशों को बाद में राज्य के अन्य कोर्टों में भी लागू किया जाएगा।

दुनिया की कोई ताकत युवा मन की उड़ान को नहीं रोक पाई।

नव वर्ष सभ्यता पर विशेष
पब कल्चर का मुद्दा आजकल खूब गरमाया हुआ है। कुछ लोगों को लगता है कि पब कल्चर युवाओं को बर्बाद कर रहा है , लेकिन एक बड़ा तबका इसके उलट सोचता है। केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने तो युवाओं को 'पब भरो' आंदोलन चलाने का संदेश भी दे दिया है। मतलब यह कि वे घर से ज्यादा से ज्यादा संख्या में निकलें और पब में चले जाएं। वहां उन्हें क्या करना है, यह तो उन्हें मालूम है ही। युवा वर्ग की भावनाओं के सम्मान की ऐसी मिसाल शायद ही कोई और हो। वैसे वैलंटाइंस डे भी नजदीक आ पहुंचा है। रेणुका जी इस मौके पर युवाओं के लिए बहुत कुछ कर सकती हैं। यदि उस दिन पब में कुछ छूट दिला दी जाए, तो निश्चित रूप से वहां भीड़ उमड़ेगी -अपने वैलंटाइन को पा लेने वालों की भी और टूटे दिल वालों की भी। लेकिन तब भी कुछ नौजवान यह शिकायत कर सकते हैं कि पब में वे जाएं तो किसके साथ? उनका या उनकी कोई मित्र नहीं। रेणुका जी सरकार की ओर से इस पावन अवसर पर मित्रता के बंधन में बंधने वालों के लिए प्रोत्साहन पैकिज की घोषणा करवा सकती हैं। लेकिन रेणुका चौधरी से भी आगे निकलने को बेताब हैं श्रीराम सेना के सुप्रीमो प्रमोद मुतालिक। युवाओं के लिए उनके दिल में भी अपार प्यार उमड़ रहा है, पर अपनी बात को वह जरा उलटे ढंग से कहते हैं। वैसे भी प्यार में बात को घुमा फिराकर कहने का चलन है। उसमें 'हां' के लिए कई बार 'ना' का इस्तेमाल होता है। इसलिए मुतालिक फरमाते हैं कि वह वैलंटाइंस डे के खिलाफ तो हैं, लेकिन उनके विरोध का तरीका थोड़ा अलग है। उस दिन श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं को जहां कोई जोड़ा दिखेगा, वे झट उसकी शादी करवा देंगे। अब युवाओं के हित में इससे ज्यादा कोई और क्या कर सकता है। ऐसे समय में जब प्रेमियों की शादी में दस तरह के झमेले आ रहे हों, श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं की योजना बेहद महत्वपूर्ण है। बिना किसी खर्च, तामझाम और चख-चख के जोड़े विवाह बंधन में बंध जाएंगे। न मां-बाप को मनाने की कवायद, न कोर्ट-कचहरी का चक्कर, न बैंक्विट हॉल के लिए मारामारी। श्रीराम सेना वाले तो दोनों हाथों से पुण्य बटोरने की तैयारी कर रहे हैं। अब रेणुका चौधरी या मुतालिक भले ही एक-दूसरे के विरोध में खड़े होकर यह कदम उठा रहे हों, पर नौजवानों के तो दोनों हाथों में लड्डू हैं। वैसे भी मानव सभ्यता का अब तक इतिहास बताता है कि दुनिया की कोई ताकत युवा मन की उड़ान को नहीं रोक पाई।

Thursday, February 5, 2009

खाने केलिए वनस्पति घी के बजाय रिफाइंड वेजिटेल ऑयल सेहत केलिए ठीक

खाने केलिए वनस्पति घी के बजाय रिफाइंड वेजिटेल ऑयल सेहत केलिए ठीक
वनस्पति घी पर मचे कोहराम के बीच अच्छी ख़बर यह है कि ज़्यादातर घरों में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल सेहत के लिए बिल्कुल दुरुस्त है। दिल्ली के सेंटर फॉर साइंस ऐंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के मुताबिक ज़्यादातर रिफाइंड तेलों में फैटी एसिड्स की मात्रा बेहद कम पाई गई है। सीएसई ने करीब 21 अलग-अलग ब्रैंड के सोयाबीन , सनफ्लावर , मूंगफली , सरसों , नारियल , ऑलिव , तिल और पाम के रिफाइंड तेलों का टेस्ट किया। टेस्ट के नतीजे बताते हैं कि इन सभी में ट्रान्स फैट की मात्रा इंटरनैशनल मानकों के मुताबिक ही है। देश के मशहूर ब्रैंडों के रिफाइंड तेलों की जांच में सिर्फ दो ऐसे ब्रैंड पाए गए जिसमें ट्रान्स फैट की मात्रा इंटरनैशनल लेवल पर तय मानकों के मुताबिक नहीं पाया गया। शालीमार क्लासिक बासमती राइस ब्रैन तेल में ट्रान्स फैट का लेवल 3.3 % पाया गया जबकि सफोला गोल्ड ऑयल में यह 2.4 % रहा । बाकी के मशहूर रिफाइंड ऑयल जैसे सनड्रॉप सनफ्लावर ऑयल में ( 0.3 %), धर्मा रिफाइंड मस्टर्ड ऑयल (0.6 % ) , पैराशूट कोकोनट ऑयल ( 0.3 %), फिगारो ऑलिव ऑयल (0.9 % ) , रुचि गोल्ड पाम ऑयल (1 % ) और फॉर्च्यून सोया ऑयल (1.5 % ) में ट्रान्स फैट का लेवल मानकों के मुताबिक पाया गया । एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट ऐंड रिसर्च सेंटर डॉ. अशोक सेठ ने कहा कि सभी तरह के तेल सेहत के लिए खराब नहीं होते। उन्होंने कहा कि खाने को पचाने में ऑयल की जरूरत होती है। सेठ ने यह भी कहा कि वनस्पति घी सेहत के लिए सही नहीं है , लेकिन रिफाइंड ऑयल में पका खाना स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर हैं। ट्रान्स फैट प्रेजर्व्ड फूड जैसे केक वगैरह में खूब पाया जाता है , ऐसे में यह हमारे लिए नुकसानदेह होता है। फोर्टिस अस्पताल के डॉ.अनूप मिश्रा ने बताया कि भारत में बेचे जा रहे कुकिंग ऑयल में रिफाइंड ऑयल , ऑलिव ऑयल , राइस ब्रैन , सोया और कनोला ऑयल सेहत के लिहाज से सही हैं। मिश्रा के मुताबिक एक व्यक्ति को एक दिन में 3-4 चम्मच से ज़्यादा तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे पहले सीएसई द्वारा वनस्पति घी पर की गई स्टडी के नतीजे चौंकाने वाले थे। इनके मुताबिक ज़्यादातर वनस्पति घी के ब्रैंड में ट्रान्स फैट का लेवल इंटरनैशनल मानकों से 5-12 गुना ज़्यादा पाया गया। सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज़ कंट्रोल के डॉक्टर पी. प्रभाकरन के मुताबिक ट्रान्स फैट के ख़तरे वास्तविक हैं। प्रभाकरन के मुताबिक भारत में प्रचलित ज़्यादातर रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए ठीक हैं। लेकिन उन्होंने कुकिंग ऑयल को दोबारा गर्म कर इस्तेमाल करने को बेहद खतरनाक बताया।
रिफाइंड ऑयल ब्रैंड ट्रान्स फैट का लेवल सेहत के लिए
सनड्रॉप सनफ्लावर ऑयल 0।3 % सही
धर्मा रिफाइंड मस्टर्ड ऑयल 0।6 % सही
पैराशूट कोकोनट ऑयल 0।3 % सही
फिगारो ऑलिव ऑयल 0।9 % सही
रुचि गोल्ड पाम ऑयल 1 % सही
फॉर्च्यून सोया ऑयल 1।5 % सही
शालीमार क्लासिक बासमती राइस ब्रैन ऑयल 3।3 % सही नहीं
सफोला गोल्ड ऑयल 2।4 % सही नहीं

Wednesday, February 4, 2009

सावधान, जीन्स पहनने पर पति पिटाई भी कर सकते है ।

सावधान, जीन्स पहनने पर पति पिटाई भी कर सकते है ।
हरियाणा के सिरसा में एक पति ने अपनी पत्नी की सिर्फ इसलिए पिटाई की, क्योंकि उसने जींस पहन रखी थी। इस हादसे को पुलिस महज घरेलू मामला करार दे रही है और इसी वजह से उन्होंने कोई केस भी दर्ज नहीं किया। यह घटना सोमवार को सिरसा के डबवाली बाज़ार में घटी, जब 23 वर्षीय यह महिला अपने माता-पिता के शॉपिंग के लिए गई हुई थी। उसके पति ने उसे जब जींस में देखा तो अपने गुस्से पर कंट्रोल नहीं रख सका और उसे वहीं पीटने लगा। घटनास्थल पर मौजूद एक दुकानदार इस घटना का गवाह था और उसी ने उस महिला को बचाया भी। उन्होंने बताया कि वह अपनी पत्नी पर आग बबूला हो रहा था और कहा, 'क्या एक अच्छी फैमिली की औरतों के ऐसे कपड़े होते हैं?'
उन्होंने आगे बताया कि फौरन मौके पर एक पीसीआर वैन आई और उन दोनों को पुलिस स्टेशन ले गई। डबवाली स्थित सिटी पुलिस स्टेशन में मौजूद एसएचओ ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'हमने लड़के के पिता और रिश्तेदारों को पास के बदिंग खेड़ा गांव से बुलावाया और वे लोग उन दोनों को इस शर्त पर घर ले गए कि अब उनके साथ कोई मारपीट नहीं की जाएगी। इसके अलावा देखा जाए तो यह परिवार का आपसी मामला है और पति-पत्नी के आपसी सहयोग से सुलझाया जा सकता है और देखा जाए तो दोनों ग्रैजुअट और समझदार हैं।' हालांकि, इस घटना ने बहस को फिर से हवा दे दी है। मैनिजमंट एंड पब्लिक रिलेशन डिपार्टमंट ऑफ गुरू जम्बेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी, हिसार में एडवर्टाइज़िंग की स्टूडंट श्रेया कहती हैं, 'ड्रेस का परिवार के प्रतिष्ठा या अपमान से कोई लेना-देना नहीं है। अब तो लड़के भी इयररिंग्स पहनते हैं और लड़कियों की तरह बाल रखते हैं।' इसके अलावा स्टेट प्रेज़िडंट ऑफ ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमन्स असोसिएशन की जगमाती संगवान ने कहा, 'पुलिस को हज़्बन्ड के खिलाफ घरेलू अत्याचार और हिंसा के मामला के तहत शिकायत दर्ज करनी चाहिए।'

Tuesday, February 3, 2009

बडी खराब चीज है प्यार, जरा इससे सबक लें ,

बडी खराब चीज है प्यार, जरा इससे सबक लें ,
अपने प्यार की खातिर इस्लाम कबूलने वाले चंद्रमोहन उर्फ चांद मोहम्मद और अनुराधा बाली उर्फ फिजा के प्यार का रंग अब फीका पड़ता नजर आ रहा है। हाल ही में फिजा से दूरी बनाने वाले चांद शनिवार को गुड़गांव पहुंचे। उन्होंने साफ कहा कि फिजा मेरे दिल में रहती है , पर मैं अपनी पहली पत्नी सीमा बिश्नोई और बेटे सिद्धार्थ को भी बेहद प्यार करता हूं। चंद्रमोहन के इस बयान के दो घंटे बाद ही चंडीगढ़ में फिजा ने मीडिया से मुखातिब हो कहा कि जब तक चांद मेरे सामने नहीं आ जाते , तब तक मैं कुछ नहीं कहूंगी। उन्होंने नशे में यह बात कही है। हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन उर्फ चांद शनिवार दोपहर करीब 12 बजकर 45 मिनट पर गुड़गांव के सेक्टर- 14 की कोठी नंबर 215 में अपने एक पारिवारिक मित्र के यहां मिलने आए थे। रवाना होने से पहले उन्होंने मीडिया के सवालों पर कहा कि मुझ पर किसी तरह का कोई प्रेशर नहीं है और न ही मेरे व फिजा के बीच कोई गलतफहमी है। पर मेरे लिए अपनी पहली पत्नी को छोड़ना कतई मुमकिन नहीं है। दो दिन से फिजा से दूरी के सवाल पर चांद ने फिल्मी अंदाज में कहा , वो जानते हैं , हम कहां हैं और हम जानते हैं कि वे कहां हैं , दैट्स ऑल। उनके स्टाइल से साफ था कि वे शराब पिए हुए हैं। जाते वक्त सफेद रंग की मारुति जेन कार नंबर एचआर 36 ए 0020 की अगली सीट पर सफेद रंग की टीशर्ट में चांद बैठे थे , जब कि कार कोई अन्य युवक चला रहा था। फिजा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बड़ी ही गंभीरता से कहा , मैं फिजा का आदर करता हूं। फिजा के बीमार होने की बात पर पहले तो वे मुस्कुराए , पर बाद में कहा कि मैं उसे बहुत प्यार करता हूं और उसे कभी नहीं छोड़ सकता। वहीं , जब फिजा से चांद के इस बदले रुख की बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर चांद पहली पत्नी के पास लौटते हैं तो मैं उनके साथ नहीं रहूंगी। यह बात मैं पहले ही कह चुकी हूं। कानूनी कार्रवाई के सवाल पर फिजा ने कहा कि वे इस बारे में राय जरूर लेंगी , पर फिलहाल वक्त का इंतजार कर रही हैं।

अब ताऊ भी चेट करेंगे, बीएसएनएल के किया दावा

अब ताऊ भी चेट करेंगे, बीएसएनएल के किया दावा
जिला गुड़गांव के गांवों में भी अब लोग न सिर्फ नेट पर चैट करेंगे, बल्कि इंटरनेट के जरिए सूचनाओं के आदान प्रदान समेत अपने महत्वपूर्ण कार्य कंप्यूटर्स पर कर सकेंगे। गांवों की चौपालों पर बैठकर हुक्का गुड़गुड़ाने वाले ताऊ को अब पढे़ लिखे युवक इंटरनेट प्रोग्रैम के जरिए दुनिया में घटित होने वाली जानकारियों से रूबरू कराएंगे। मालूम हो कि जिला गुड़गांव में लगभग 600 गांव हैं, जिनमें लाखों की आबादी रहती है। इंटरनेट युग में जिला गुड़गांव -मेवात के गांव भी अब हाइटेक बनने जा रहे हैं। बीएसएनएल जिला गुड़गांव -मेवात के सैकड़ों गांवों में ब्रॉडबैंड नेट सर्विस का कनेक्शन देने जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार रूरल एरिया में नेट सर्विस देने के लिए अभी तक कोई प्राइवट कंपनी नहीं पहुंच पाई है। बीएसएनएल की जिला गुड़गांव -मेवात के गांवों में नेट सर्विस देने की नई शुरुआत है। गौरतलब है कि नववर्ष की पूर्वसंध्या पर बीएसएनएल गुड़गांव ने बेसिक फोन पर ही हजारों ब्रॉडबैंड यूजर्स को इंटरनेट प्रोटोकॉल टीवी सर्विस को लॉन्च कर दिया है, जिसका कनेक्शन जल्दी ही कंस्यूमर्स को विभाग देने जा रहा है। ओल्ड सिटी से हूडा सेक्टर्स, पॉश एरिया डीएलएफ सिटी, हेरिटेज सिटी, सुशांत लोक, एआरडी सिटी, सनसिटी, निर्वाण सिटी, साउथ सिटी, पालम विहार आदि में विभाग के हजारों ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं। डब्ल्यूएलएल पर डाटा कार्ड के जरिए विभाग ने पहले फास्ट नेट सविर्स की शुरुआत कर रखी है।

अन्यथा हमारी विरासत और संस्कृति नष्ट हो जाएगी

भारतीय और विदेशी में अंतर करना सीखें, अन्यथा हमारी विरासत और संस्कृति नष्ट हो जाएगी
ब्रिटेन में एक टीचर ने सोशल नेटवर्किंग साइट बेबो के जरिए अपने दो छात्राओं के साथ कुछ इसतरह संबंधों को परवान चढ़ाया के वे दोनों उसके साथ हमबिस्तर होने के लिए तैयार हो गईं। टीचर ने एक नहीं , दो नहीं बल्कि कई-कई बार अपनी छात्राओं के साथ सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाए। अदालत ने ऐसे कलयुगी टीचर को 7 साल की जेल की सज़ा सुनाई है। 27 साल के रॉबर्ट हिले ईस्टबोर्न बिशप सेकंडरी स्कूल में टीचर थे। उन्होंने अपनी ही स्कूल की 2 छात्राओं के साथ सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाया। सबसे पहले हिले नेटवर्किंग साइट के जरिए 15 साल की एक छात्रा से संबंधों को काफी ऊंचाई पर ले गया। फिर दोनों प्राइवट जगह पर मिलने लगे। इस दौरान टीचर ने एक पखवाड़े के भीतर
छात्रा से 4-5 बार सेक्सुअल संबंध बनाए। जैसे ही उस छात्रा के घरवालों को इस संबंध के बारे में पता लगा , हिले ने दूसरी छात्रा को फांस लिया। इस बार भी शिकार बनीं ईस्टबोर्न बिशप सेकंडरी स्कूल की ही 16 साल की छात्रा। उसके साथ भी हिले ने कई बार सेक्स किया। हिले ने माना है कि उसने दोनों छात्राओं के साथ सेक्स संबंध बनाए। उसने कहा कि पहली छात्रा के साथ उसने 7 बार और दूसरी के साथ 3 बार सेक्सुअल रिलेशन बनाए।

Sunday, February 1, 2009

इस तरह के बेइमानों को जनता को सबक सिखाना चाहिये

अगर भारतीय बेइमानों को स्विस बैंक में जमा खातों की रकम देश के विकास पर लगे तो आम भारतीय की गरीबी तुरंत दूर हो जाएगी । इस तरह के बेइमानों को जनता को सबक सिखाना चाहिये
भारत में स्विस बैंक के खातों की चर्चा होते ही करप्शन और साजिश की बू आने लगती है। पिछले दो साल से स्विस बैंक असोसिएशन का एक डेटा चर्चा में है। इसके मुताबिक, स्विट्जरलैंड में स्थित बैंकों में भारतीयों का लगभग 14.56 खरब डॉलर जमा है। इसके मुकाबले रूसियों का 4.70 खरब डॉलर पैसा स्विस बैंक में जमा है। बाकी देश रईसी की इस होड़ में काफी पीछे हैं। यह डेटा एक ईमेल के रूप में भारत के तमाम आला अर्थशास्त्रियों के पास पहुंच रहा है और कई कॉलम राइटर इसका उदाहरण भी दे रहे हैं। लेकिन जब दिल्ली स्थित एक अर्थशास्त्री ने इस डेटा की असलियत जानने के लिए पड़ताल की, तो इसके सोर्स का पता ही नहीं चल पाया। उन्होंने स्विस एंबेसी से इस बारे में जानना चाहा, तो उन्हें बैंक की असोसिएशन की वेबसाइट का अड्रेस देकर उस पर चेक करने को कहा गया। आंकड़े जिस साल (2006) के हवाले से बताए जा रहे हैं, उस दौरान जारी बैंक की रिपोर्ट में इनका कहीं जिक्र नहीं है। ब्लैक इकॉनमी के भारी-भरकम तंत्र को समझाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे इन आंकड़ों के सोर्स का कोई अता-पता नहीं है। ब्लैक इकॉनमी के एक्सपर्ट माने जानेवाले जेएनयू के प्रफेसर अरुण कुमार के मुताबिक 14.56 खरब डॉलर की रकम वास्तविक हो सकती है, लेकिन बाकी देशों की जमा रकम के आंकड़े कतई वास्तविक नहीं लगते। विकसित देशों द्वारा 2001 में कराई गई एक स्टडी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत दुनिया के टॉप 20 देशों में भी नहीं आता। इसलिए आंकड़ों के बारे में सवाल उठना लाजमी है। आईआईएमसी में असोसिएट प्रफेसर और आर्थिक मामलों के जानकार आनंद प्रधान ने कहा : मैंने भी इस मेल के सोर्स को पता करने की कोशिश की, लेकिन किसी भी आधिकारिक डॉक्युमेंट में यह नजर नहीं आया। इसके बावजूद लोग इसे सही मान रहे हैं क्योंकि सरकारी सिस्टम और करप्शन के बारे में आम धारणा यही है। साढे़ चार लाख करोड़ का सालाना डिवेलपमेंट बजट है। पीएम कहते रहे हैं कि रुपये में 15 पैसे ही सही जगह पहुंचते हैं। जाहिर-सी बात है कि 85 फीसदी पैसा करप्शन के हवाले हो जाता है, जिससे सीधे-सीधे ब्लैक मनी ही जेनरेट होती है।