Thursday, August 27, 2009

मिस्यार शादी के बाहर सेक्स संबंधों को जायज ठहरा रहा है।

रूढ़िवादी सऊदी अरब में पुरुष और महिलाएं मिस्यार निकाह के जरिए सेक्स संबंध बनाने को तरजीह दे रहे हैं। मिस्यार निकाह को आप एक तरह की कॉन्ट्रैक्ट मैरिज कह सकते हैं जिसके जरिए स्त्री-पुरुष पारंपरिक शादी के बंधन में बंधे बिना सेक्स रिलेशन कायम कर सकते हैं। सऊदी अरब जैसे रूढ़िवादी देश में यह प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। मिस्यार में कपल एक दूसरे से अलग रह सकते हैं, लेकिन फिर भी सेक्स संबंध कायम कर सकते हैं। अगर किसी कारणवश पति-पत्नी साथ नहीं रहते या उनका रिश्ता टूट जाता है तो वह अलग रह सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद वह सेक्स संबंध बना सकते हैं। इसमें महिलाएं और पुरुष अपनी मर्जी से अपनी शादीशुदा जिंदगी के अधिकार छोड़ देते हैं। मसलन महिलाओं को मिलने वाले शादी के बाद के सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं, वहीं पुरुष पूरी आजादी का आनंद लेते हैं।
सऊदी अरब जैसे देश में मिस्यार के तेजी से प्रचलित होने की एक खास वजह यह भी है कि इससे शादी में होने वाले भारी-भरकम खर्चों जैसे- दहेज, पार्टी, डिनर, घर की साज सजावट, हनीमून का खर्चा भी बच जाता है। गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है- मिस्यार उन लोगों को काफी रास आ रहा है जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है। रिपोर्ट में सऊदी अरब के एक व्यक्ति ने कहा है- अपनी पहली शादी के टूट जाने के बाद उसने कई मिस्यार शादियां कीं और किसी भी शादी में वह छह महीने से ज्यादा नहीं रहा। उसने कहा- इन शादियों से उसके खर्च में उतनी कमी नहीं आई जितनी उसने उम्मीद की थी। सच तो यह है कि अब वह एक ऐसे पार्टनर की तलाश कर रहा है, जिसके साथ वह हमेशा रह सके। उन्होंने यह भी कहा कि मिस्यार पत्नियां लालची किस्म की थीं जिनका मकसद गिफ्ट और पैसा लेना ही था। गार्जियन के अनुसार, अब ऐसी महिलाओं की कमी नहीं है जो मिस्यार कॉन्ट्रैक्ट करने को तरजीह दे रही हैं। महिलाओं का कहना है मिस्यार पति कभी अपनी वास्तविक पत्नी को अपने दूसरे संबंधों के बारे में नहीं बताते, तो मिस्यार पत्नियां ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं? गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है- मिस्यार पॉप्युलर हो रहा है क्योंकि जिस समाज में विवाहेतर संबंध और शादी से पहले सेक्स संबंधों को अपराध माना जाता है, वहां मिस्यार शादी के बाहर सेक्स संबंधों को जायज ठहरा रहा है।

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