Monday, November 26, 2012

सरकार ने लापरवाही बरतने पर सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के खिलाफ सख्त ऐक्शन


 फेसबुक पर ठाकरे विरोधी कॉमेंट करने पर 2 लड़कियों को अरेस्ट करने के मामले में सरकार ने लापरवाही बरतने पर सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया है। सरकार ने ठाणे रूरल के एसपी रविन्द्र सेनगांवकर को सस्पेंड करने का फैसला लिया है। उधर बॉम्बे हाई कोर्ट ने इन दोनों लड़कियों को 15-15 हजार रुपये की जमानत पर रिहा करने वाले फर्स्ट क्लास जूडिशल मैजिस्ट्रेट रामचंद्र बागडे का ट्रांसफर कर दिया है।

21 साल की शाहीन डाढा ने 18 नवंबर को शिवसेना चीफ बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार वाले दिन फेसबुक पर एक स्टेटस अपडेट किया था। इस अपडेट को उनकी दोस्त रेणू ने लाइक करके शेयर किया था। हालांकि शाहीन ने अपनी पोस्ट में ठाकरे का जिक्र नहीं किया था, लेकिन स्थानीय शिवसेना चीफ ने उसके खिलाफ लोगों की भावनाएं भड़काने की शिकायत दर्ज करा दी। यही नहीं, शाहीन के चाचा के क्लिनिक में कुछ गुंडों ने तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने भी इस मामले में दोनों लड़कियों को अरेस्ट कर लिया था, जिसके बाद देश भर में 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' के मुद्दे पर नई बहस छिड़ गई थी।

चारों तरफ हो रहे विरोध के बाद महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चव्हान और गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने ऐक्शन लेने का वादा किया था। इसके लिए आईजी रैंक के एक ऑफिसर को मामले की जांच सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि सीनियर पुलिस ऑफिसर्स ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अगर उन्होंने वक्त पर सही फैसला लिया होता, तो हालात इतने खराब नहीं होते।

Tuesday, November 20, 2012

निर्दोष लोगों और शदीह ऑफिसर्स के लिए श्रद्धांजलि


 मुंबई अटैक के गुनहगार पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी दे दी गई है। कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में शिफ्ट कर बुधवार सुबह 7.30 बजे फांसी पर लटकाया गया। फांसी के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कसाब को फांसी दिए जाने की पुष्टि की है।

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को ही राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया जाए। इसके बाद 5 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया। शिंदे ने बताया कि 8 नवंबर को ही यह तय हो गया था कि कसाब को 12 तारीख को फांसी दे दी जाए। इस बारे में महाराष्ट्र सरकार को उसी दिन जानकारी दे दी गई थी।

मंगलवार को कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में गुपचुप तरीके से शिफ्ट कर दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि यरवदा जेल में फांसी देने का इंतजाम है। उसकी फांसी बुधवार सुबह साढ़े सात बजे तय की गई थी, जिसे तय समय पर अंजाम दे दिया गया। 25 वर्षीय कसाब को जनवरी 2008 से ऑर्थर रोड जेल में था।

इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने भी कसाब को फांसी दिए जाने की पुष्टि की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया के बाद आज सुबह 7.30 मिनट पर यरवदा जेल में कसाब को फांसी दे दी गई। उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया के सामने कसाब का अपराध साबित हुआ और आखिरकार उसे फांसी दे दी गई। यह 26/11 के हमले में मारे गए निर्दोष लोगों और शदीह ऑफिसर्स के लिए श्रद्धांजलि है।'

अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कसाब की डेड बॉडी का क्या किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक इस बारे में पहले ही पाकिस्तान को लेटर भेजा गया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। कसाब को फांसी देने के बाद पाकिस्तान को दोबारा एक फैक्स भेजकर कसाब को फांसी दिए जाने की जानकारी दी गई है। शिंदे के मुताबिक अगर पाकिस्तान सरकार की तरफ से कसाब का शरीर लिए जाने का अनुरोध आता है, तब इस पर विचार किया जाएगा।

कसाब उन 10 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था, जिन्होंने समंदर के रास्ते मुंबई में दाखिल होकर 26/11 हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। हमला करने से पहले इन आतंकियों ने गुजरात कोस्ट से एक भारतीय बोट को हाइजैक करके उसके कैप्टन को भी मार दिया था।

कसाब ने सितंबर में राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। इससे पहले 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को बेहद 'रेयर' बताकर कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। जस्टिस आफताब आलम और सी. के. प्रसाद ने मुंबई हमले में पकड़े गए एक मात्र जिंदा आतंकी कसाब के बारे में कहा था कि जेल में उसने पश्चाताप या सुधार के कोई संकेत नहीं दिखाए। वह खुद को हीरो और देशभक्त पाकिस्तानी बताता था। ऐसे में कोर्ट ने माना था कि कसाब के लिए फांसी ही एकमात्र सजा है।

अजमल आमिर कसाब के शव को यरवदा जेल में दफना दिया गया


 आतंकी अजमल आमिर कसाब के शव को यरवदा जेल में दफना दिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि कसाब के शव को पाकिस्तान को न सौंपकर जेल के अंदर ही दफन कर दिया गया। इससे पहले कयास लग रहे थे कि कसाब के शरीर को या तो पाकिस्तान के हवाले किया जाएगा, या ओसामा-बिन-लादेन की ही तरह पर समंदर में दफन किया जाएगा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने जानकारी दी कि कसाब को यरवदा जेल के अंदर ही दफनाया गया है। इस बात के लिए खास इंतजाम किए गए हैं कि कसाब की कब्र की कोई पहचान न हो। मुंबई हमले के दौरान मार गिराए गए कसाब के साथियों के शवों को भी गुमनाम जगह पर दफन किया गया था। उस वक्त समस्या यह थी कि पाकिस्तान ने शव लिए नहीं और भारत में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने अपील की थी आतंकियों को यहां न दफनाया जाए। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सुबह बताया था कि पाकिस्तान को इस बारे में एक लेटर भी भेजा गया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया।

कुछ लोग मांग कर रहे थे कि कसाब के शरीर को भारत में दफनाने के बजाए समंदर में दफन कर दिया जाए। आशंका थी कि अगर कसाब को भारत में दफन किया जाता है, तो कट्टरपंथी और राष्ट्र विरोधी लोग उसे हीरो बना सकते हैं। इसी तरह की आशंका के डर से अमेरिका ने 9/11 के गुनहगार ओसामा बिना लादेन को मार गिराने के बाद उसकी डेड बॉडी को समंदर में दफन कर दिया था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कसाब के शरीर को जेल में दफनाने का फैसला किया, ताकि वहां कोई पहुंच न सके।

Sunday, November 18, 2012

बेशकीमती उपहार।


देवी पद्मावती को रविवार को उनके जन्मदिन पर मिला एक बेशकीमती उपहार। तिरुपति के पास तिरुचूर के रहने वाले देवी के एक भक्त ने उन्हें उनके जन्मदिन पर एक खास भेंट पेश की। उन्होंने देवी पर करीब 5 करोड़ रुपयों की हीरों से जड़ी साड़ी चढ़ाई, जो कि सदियों पुराने इस मंदिर को मिला इतिहास का सबसे महंगा तोहफा है। यह तोहफा मंदिर में कार्तिक ब्रह्मोत्सव के मौके पर प्रसिद्ध इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ट्रांसस्ट्रॉय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पेश किया गया, जिसका प्रचार गंतूर से कांग्रेस के एमपी रायापति संबाशिव राव ने किया।

कंपनी की ओर से कंपनी के चेयरमैन और एमडी चेरुकुरी सुधाकर ने शनिवार शाम यह उपहार मंदिर के अधिकारियों को सौंपा। यह कार्य रायापति और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) के अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया।

देवी को यह साड़ी, हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक पंचमी के दिन उनके जन्मदिन पर चढ़ाई गई। इससे पहले इस गोल्डन साड़ी को चढ़ाने के लिए पसुपुमंदापम से तिरुचूर मंदिर तक भव्य समारोह किया गया। देवी पद्मावती की तिरुमला के भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी के रूप में पूजा की जाती है।

Thursday, November 15, 2012

नौकर 3 करोड़ की जूलरी पर हाथ साफ कर गया, लेकिन किसी को पता ही नहीं चला।


 सोचिए उस शख्स के पास कितनी दौलत होगी, कि 3 करोड़ रुपये पर कोई हाथ साफ कर ले और उसे पता भी न चले। शराब कारोबारी और कर्नाटक से पूर्व एमपी डी. के अदिकेश्वल्लू नायड के घर में काम करने वाला नौकर 3 करोड़ की जूलरी पर हाथ साफ कर गया, लेकिन किसी को पता ही नहीं चला। मामले का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने गहने बेचते हुए अरेस्ट किया। 

नामी बिजनसमैन और पूर्व सांसद नायडू की बालाजी में गहरी आस्था है। इस बात का फायदा उठाकर साल 2009 में अजय नाम का एक शख्स उनसे मिला। उसने बताया कि वह भी बालाजी का भक्त और उसे काम चाहिए। नायडू ने उसे अपने ऑफिस में असिस्टेंट के तौर पर काम दे दिया। अजय के काम से नायडू इतने प्रभावित हुए कि उसे घर में काम करने के लिए बुला लिया।
नायडू परिवार ने उसे घर के सदस्य की तरह समझा और इस दौरान वह करीब 40 बार परिवार के साथ ही तिरुपति गया। परिवार के भरोसे का नाजायज फायदा उठाते हुए अजय ने जूलरी चुराना शुरू कर दिया। वह इतना शातिर था कि इस बात का पूरा ख्याल रखता था कि परिवार की महिलाएं किस गहने को लंबे वक्त से नहीं पहन रही हैं। ऐसे में मौका पाकर वह उस जेवर को उठाता और तिरुपति जाने के बहाने कोलार जाकर बेच आता।

जिस सुनार के पास वह जेवर बेचा करता था, उसे शक हुआ। सुनार की शिकायत मिलते ही पुलिस ने अजय को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ के दौरान अजय ने बताया कि उसका असली नाम अकरम उर्फ कुट्टी है और वह आंध्र प्रदेश के मनापल्ली का रहने वाला है। उसने बताया कि पिछले 3 साल में वह पूर्व सांसद के घर से करीब 3 करोड़ रुपये के जेवर चुराकर बेच चुका है।

Sunday, November 11, 2012

गुजरात के पुलिस थानों में पोस्टेड पुलिसकर्मियों में 10.6% मुसलमान हैं।


 देश के किस राज्य में थानों में सबसे ज्यादा मुस्लिम पुलिसवाले हैं? इस सवाल का जवाब सुनकर आप चौंक सकते हैं। 10 साल पहले हुए दंगों की वजह से गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार की मुस्लिम विरोधी छवि जगजाहिर है, लेकिन इस मामले में उसका रिकॉर्ड सबसे शानदार है। एक आरटीआई से पता चला है कि वहां के थानों में किसी भी राज्य के मुकाबले ज्यादा मुस्लिम पुलिसवाले हैं।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से दाखिल आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने जो जानकारियां दी हैं, उसके मुताबिक गुजरात के पुलिस थानों में पोस्टेड पुलिसकर्मियों में 10.6% मुसलमान हैं। यह अनुपात राज्य में मुस्लिमों की जनसंख्या के मुकाबले ज्यादा है। 2001 की जनगणना के मुताबिक सूबे में मुस्लिम आबादी 9.1% है। गुजरात के 501 पुलिस थानों में पोस्टेड 47,424 पुलिसकर्मियों में से 5021 मुस्लिम समुदाय से हैं। इस लिहाज से देखें तो गुजरात के हर थाने में औसतन 10 मुस्लिम पुलिसकर्मी हैं।

गुजरात से अधिक मुस्लिम आबादी अनुपात वाले सूबों में से केरल के 451 थानों में 2210 पुलिसकर्मी मुस्लिम हैं, जबकि लगातार तीन दशक से भी ज्यादा समय तक लेफ्ट पार्टियों द्वारा शासित पश्चिम बंगाल के 525 थानों में केवल 2048 पुलिसवाले ही मुस्लिम हैं। सबसे खराब रिकॉर्ड राजस्थान का है, जहां के 773 थानों में केवल 930 पुलिसकर्मी ही मुस्लिम हैं। झारखंड में भी आंकड़ा कोई खास अच्छा नहीं है। यहां 417 पुलिस थानों में 616 पुलिसकर्मी मुस्लिम समुदाय से हैं।

Tuesday, November 6, 2012

अखरोट के दाम क्यों चढ़ रहे हैं?


पिछले 6-7 महीनों में अखरोट की कीमत आसमान पर पहुंच गई है। जब दिवाली से पहले सभी ड्राई फ्रूट्स की कीमतें सुस्त पड़ी हुई हैं, अखरोट के दाम क्यों चढ़ रहे हैं? ट्रेडर्स की मानें तो इसके पीछे योग गुरु स्वामी रामदेव का हाथ है।

दरअसल, लोगों ने रामदेव की इस बात को गांठ बांध लिया है कि अखरोट घुटनों में दर्द से मुक्ति का रामबाण इलाज है। रामदेव की वजह से पहले भी लौकी और करेला की मांग बढ़ चुकी है। जम्मू-कश्मीर अखरोट एक्सपोर्टर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट विजय जैन ने बताया कि पिछले 6 महीने से अखरोट की मांग में तेजी है।

अखरोट की ट्रेडिंग करने वाली कंपनी अमन इंटरनैशनल की दीप्ति अरोड़ा ने बताया, 'अखरोट की कीमत में तेजी का क्रेडिट रामदेव को जाता है।' जम्मू के नरवाल मंडी में छिलके वाले अखरोट की होलसेल कीमत 17-20% बढ़कर 200-300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। बिना छिलके वाला अखरोट 50 फीसदी तेजी के साथ 1,100 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। औसतन पूरे राज्य से 10 किलो के 5,000-7,500 अखरोट के बैग जम्मू मंडी में पहुंच रहे हैं।

Thursday, November 1, 2012

अरविंद केजरीवाल को सत्ता का लालच


 भ्रष्टाचार विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को लगता है कि उनके पुराने साथी अरविंद केजरीवाल को सत्ता का लालच हो सकता है। अन्ना ने कहा कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविंद केजरीवाल को पैसे का लालच नहीं है लेकिन उन्हें सत्ता का लालच हो सकता है।

अन्ना ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अरविंद के बारे में कहा 'उनके अंदर बलिदान की भावना तो है। वह अपने परिवार के बारे में भी इतना नहीं सोचते जितना देश और समाज के बारे में सोचते हैं। उन्हें पैसे का लालच नहीं है। लेकिन अब जबकि वह राजनीति में आ गए हैं तो एक अलग तरह का लालच... मेरा मतलब वह खुद मंत्री नहीं बनेंगे...।'

जब अन्ना से सीधे-सीधे पूछा गया कि क्या अरविंद भी आखिरकार सत्ता के लालच में फंस सकते हैं? तो उन्होंने कहा, 'हां ऐसा संभव है लेकिन उन्हें कोई और लालच नहीं है।'