विख्यात योगाचार्य स्वामी रामदेव ने कहा है कि वंदेमातरम् किसी प्रकार की पूजा पाठ की प्रक्र
िया नहीं, मातृभूमि एवं जन्मभूमि के प्रति एक देशभक्त नागरिक का अपने वतन को सलाम है। वंदेमातरम् का शाब्दिक अर्थ है मां को सलाम। स्वामी रामदेव ने राष्ट्रीय गीत पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया '' वंदेमातरम् गाकर एक नागरिक अपने वतन को अपना सर्वस्व मानकर उस पर अपनी कुर्बानी या शहादत देने का संकल्प लेता है। इससे अपने राष्ट्रप्रेम का इजहार कर गर्व0 की अनुभूति करता है। '' उन्होंने कहा '' आजादी के संघर्ष में चाहे हिंदू हो या मुसलमान सब ने समान रूप से स्वाधीनता के नारे के रूप में वंदेमातरम् का उद्घोष किया और शहीदों के सपनों को पूरा कर मां भारती को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त किया। इसमें कहीं भी मूर्ति पूजा जैसा कर्मकांड नहीं है।
Friday, November 6, 2009
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