Sunday, September 13, 2009

इच्छुक कैदियों से पैसे लेकर करीब एक महीने तक फिल्म दिखाते रहे

तिहाड़ जेल में अभी तक चोरी-छिपे बीड़ी, अफीम और गांजा ही बिकते थे, लेकिन अब ब्लू फिल्म दिखाने का भी धंधा शुरू हो गया है। कुछ कैदियों ने यह कारनामा किया है। यह कैदी ब्लू फिल्म देखने के इच्छुक कैदियों से पैसे लेकर करीब एक महीने तक फिल्म दिखाते रहे, लेकिन जेल प्रशासन की नींद तब टूटी जब यह मामला काफी कैदियों के बीच चर्चा का विषय बन गया। आनन-फानन में तिहाड़ की सभी जेलों में छापे मारे गए। चार कैदियों से 10 पेन ड्राइव मिलीं, जिनमें ब्लू फिल्म लोड थीं। अब जेल प्रशासन इस मामले को दबाने में जुटा है। सूत्रों का कहना है कि ब्लू फिल्म दिखाने का यह धंधा तिहाड़ की जेल नंबर-2 और 3 में चल रहा था। यहां के चार कैदियों ने कहीं से 10 पेन ड्राइव का इंतजाम किया और इनमें ब्लू फिल्में लोड कर लीं। अभी यह साफ नहीं है कि ब्लू फिल्में कहां से आईं, लेकिन आशंका है कि ये फिल्में जेल सुपरिंटेंडेंट के कंप्यूटरों से ही लोड की गईं, क्योंकि जेल में सिर्फ जेल सुपरिंटेंडेंट के कंप्यूटरों में ही इंटरनेट कनेक्शन है। सूत्रों के मुताबिक, पेन ड्राइव में ब्लू फिल्में लोड करने के बाद इन चारों कैदियों ने दोनों जेलों की लाइब्रेरी में रखे कंप्यूटरों पर इन्हें दूसरे कैदियों को दिखाना शुरू कर दिया। जेलों की लाइब्रेरी में कंप्यूटर कैदियों को सिखाने के लिए हैं। कंप्यूटरों की मदद से गरीब कैदियों के लिए कोर्ट कार्यवाही के लिए डॉक्युमेंट भी तैयार किए जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि पहले तो ब्लू फिल्में कैदियों को फ्री में दिखाई गईं लेकिन बाद में दो मिनट की मूवी दिखाने के लिए 100 रुपये और 5 मिनट की मूवी दिखाने के लिए यह कैदी इच्छुक कैदी से 150 रुपये ले रहे थे। दोनों जेलों में ब्लू फिल्म देखने वाले कैदियों की संख्या में इजाफा होता गया। करीब एक महीने तक ऐसा चलता रहा। सूचना मिलने पर जेल प्रशासन ने सभी जेलों में रात में छापे मारे। छापे के दौरान सभी जेलों की लाइब्रेरी में लगे कंप्यूटरों की जांच की गई। इस दौरान जेल नंबर-2 में तीन कैदियों के पास 6 और जेल नंबर-3 में एक कैदी के पास 4 पेन ड्राइव मिलीं। इन पेन ड्राइव की जांच की गई तो उनमें सिर्फ ब्लू फिल्में थीं। इस मामले में तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील कुमार ने कहा कि जेल में ब्लू फिल्म दिखाने वाला कोई मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेल प्रशासन इस बात को दबा रहा है। चारों कैदियों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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