Tuesday, September 15, 2009

कॉमनवेल्थ गेम्स : परियोजनाएं या तो लेट हैं या फिर शुरू ही नहीं हो पाई हैं।

कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों को लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष माइकल फेनेल की चिंता पूरी तरह से जायज नजर आ रही है। गेम्स के लिए चल रहीं कुल 35 परियोजनाओं में से आधा दर्जन को छोड़ बाकी परियोजनाएं या तो लेट हैं या फिर शुरू ही नहीं हो पाई हैं। अक्षरधाम के निकट बन रहा गेम्स विलेज भी समय पर तैयार हो पाएगा कहना मुश्किल है। बिजली - पानी के पूरे इंतजाम नहीं हैं। अब तक बसों का ही अता - पता नहीं है तो ट्रांसपोर्ट सिस्टम कैसे दुरुस्त होगा ? एयरपोर्ट के लिए तैयार किया जा रहा वॉटर प्लांट मंदी की मार झेल रहा है। सड़कें बदहाल हैं , कई रेलवे ओवर ब्रिज लटके पड़े हैं। ऐसे में फेनेल का प्रधानमंत्री डॉ । मनमोहन सिंह का हस्तक्षेप चाहना भी ठीक लगता है। कवि की चुटकी :

खतरे की घंटी पर संतुष्ट हमारी शीला अंटी

स्टेडियम टारगेट से पीछे अगले महीने अक्टूबर में कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन की टीम तैयारियों का जायजा लेने दिल्ली आ रही है। इस टीम में कॉमनवेल्थ गेम्स के सभी 70 देशों के सदस्य आ रहे हैं। सभी तैयारियां लेट चल रही हैं। गेम्स विलेज में सिर्फ ढांचा खड़ा किया गया है। बाकी कामबाकी है। त्यागराज स्टेडियम को छोड़ कर छत्रसाल स्टेडियम , नेहरू स्टेडियम , यमुना स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स , डॉ . करणी सिंह शूटिंग रेंज , साकेत स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स सहित सभ टारगेट से पीछे चल रहे हैं। राजधानी में कई सरकारी एजेंसियां होने के कारण 16 रेलवे ओवर ब्रिज किसी न किसी विवाद में फंसे हैं। एजेंसियों की आपसी खींचतान के कारण इन्हें पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। न ब्यूटीफिकेशन , न बिजली गेम्स के लिए तैयार हो रहे स्थलों के आसपास 12 सड़कों का सौंदर्यीकरण किया जाना है , ये काम भी आपसी खींचतान में फंसा हुआ है। गेम्स के दौरान बिजली कहां से आएगी , इस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। पूरी तरह गेम्स के लिए तैयार किया जा रहे 1500 मेगावॉट क्षमता के बवाना पावर प्लांट में अभी 30 फीसदी तक ही काम हुआ है। प्लांट में कंट्रोल पैनल तक नहीं बना है। दादरी पावर प्लांट गैस के लिए जूझ रहा है। दामोदर वैली कॉरपोरेशन से भी बिजली की आस नजर नहीं आ रही है। जहां तक पानी का सवाल है तो इंटरनैशनल एयरपोर्ट के लिए तैयार किए जा रहे 50 एमजीडी के द्वारका वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी बादल मंडरा रहे हैं। प्लांट को तत्काल 300 करोड़ रुपये चाहिए , लेकिन जल बोर्ड के पास पैसा नहीं है। ऐसे में प्लांट का काम धीमा चल रहा है। 29 होटलों का काम शुरू नहीं मंदी के कारण होटलों की 29 साइटों में से काफी सारी साइटों पर काम ही शुरू नहीं हो पाया है। लो फ्लोर बसों का अभी तक कोई अता - पता नहीं है , ऐसे में ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। ये सारी चिंताएं गेम्स की तैयारियों पर ग्रहण लगा रही हैं।

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