Thursday, September 24, 2009

यह भी सोचना चाहिये कि हम भारत की संस्कृति को कहीं विनाश की ओर तो नहीं ले जा रहे है कयों यह तथ्य कि अखबार चाइनडेली में छपी एक खबर के मुताबिक

चीन के 30 फीसदी से ज्यादा शादीशुदा पुरुष नाम के लिए ही अपने बच्चों के पिता हैं। अखबार चाइन डेली में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि पेइचिंग के पटर्निटी टेस्टिंग सेंटरों की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में पिछले कुछ सालों में नाटकीय ढंग से पितृत्व परीक्षण की तादाद बढ़ी है और इससे पता चलता है कि करीब 30% पुरुष अपने बच्चों के असली पिता नहीं हैं। पेइचिंग के फॉरेन्सिक साइंस सेंटर जेनोमिक्स इंस्टिट्यूट के मुताबिक वर्ष 2002 के बाद से पैटरनिटी टेस्ट की तादाद में हर साल 20 फीसदी बढ़ोतरी हो रही है। सेंटर के एक कर्मचारी ने बताया कि टेस्ट के लिए यहां आने वाले कुछ जोड़े सामाजिक जीवन में पति-पत्नी नहीं होते। ऐसे ज्यादातर मामलों में जो पुरुष वैज्ञानिक तौर पर बच्चे का पिता निकलता है वह महिला का प्रेमी होता है। कर्मचारी ने बताया कि पिछले साल सेंटर में 3,000 से अधिक लोगों का पटर्निटी टेस्ट किया गया। यह आंकड़ा इससे पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा है। उनका कहना है कि ज्यादातर पति अपनी पत्नी के किसी दूसरे पुरुष से संबंधों का शक होने पर ही टेस्ट कराने पहुंचते हैं। अगर पति को पता चलता है कि वह अपने बच्चे का असली पिता नहीं है तो वह या तो तलाक ले लेता है या गर्भपात करवाता है। पेइचिंग के ही चैओयांग अस्पताल में मौजूद पटर्निटी सेंटर का अनुभव भी इस मामले में कुछ जुदा नहीं है। अस्पताल के सेंटर ने भी पैटरनिटी टेस्ट की तादाद में बढ़ोतरी की पुष्टि की है। सेंटर के प्रभारी ने बताया कि पिछले साल सेंटर ने 600 से ज्यादा पुरुषों का पितृत्व परीक्षण किया। उनके मुताबिक परीक्षण कराने में महिलाएं भी पुरुषों से पीछे नहीं हैं। इस परीक्षण को कराने वाली महिलाओं की संख्या में भी एक साथ तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। महिलाएं यह जानने के लिए उत्सुक रहती हैं कि आखिर जो बच्चा उनकी गोद में है उसका असली पिता कौन है। सामाजिक विशेषज्ञ वांग जिंग इसको सामाजिक और नैतिक पतन के तौर पर देखते हैं। जिंग का कहना है कि पैटरनिटी टेस्ट की बढ़ती हुई संख्या अपने जीवनसाथी के प्रति घटती हुई वफादारी का सूचक है। जिंग कहते हैं कि जैसे-जैसे समाज में खुलापन और विभिन्नता बढ़ी है लोगों की सामाजिक समझ और सेक्स के प्रति व्यवहार भी बदला है। अब लोग सेक्स और परिवार को अतिसहजता के साथ लेने लगे हैं। उन्हें अपने पति या पत्नी के अलावा किसी और से शारीरिक संबंध में न तो असहजता महसूस होती है और न ही झिझक। जिंग का मानना है कि आज के युवा वन-नाइट स्टैंड को ज्यादा बेहतर मानते हैं। उनका शादी और परिवार के प्रति भरोसा कम होता जा रहा है।

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