Thursday, December 31, 2015

कैमरे प्रतिबंधित - मगर जांच के बेहतर इंतजाम नहीं

सुरक्षा जांच के लिए मेटल डिटेक्टर लगे जरूर हैं, मगर किसी काम के नहीं। क्योंकि ये महीनों से बंद हैं। परिसर में सामान बिना जांच के ही ले जाया जा रहा है, क्योंकि बैग स्कैनर ठीक नहीं करा पा रहे। प्रतिबंध की धज्जियां उड़ाता कोई भी शख्स आपको यहां आसानी से नजर आ जाएगा। यह नजारा सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील ज्यिोतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर का है।
मंदिर को लेकर देश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियां कई बार हाई अलर्ट जारी कर चुकी हैं, मगर यहां इंतजाम कभी-भी वैसे नजर नहीं आते। आए दिन सुरक्षा में चूक की घटनाएं सामने आती हैं। हर बार अफसरों का एक ही जवाब होता है- जल्द ही सबकुछ ठीक कर दिया जाएगा। मामला हर बार कर्मचारियों को नोटिस या चेतावनी तक ही सीमित रह जाता है। मंगलवार को ही एक किसान परिसर में एक ऐसे द्वार से बाइक समेत प्रवेश कर गया, जहां से आम दर्शनार्थी किसी भी स्थिति में अंदर नहीं जा सकते। ऐसे में नईदुनिया ने मंदिर परिसर में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया। 
मंदिर में सुरक्षा के लिए तीन एजेंसियां तैनात हैं। एसएएफ, स्थानीय पुलिस सहित निजी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी व्यवस्था संभालते हैं। हालांकि प्रतिबंधित द्वारों से प्रवेश की घटनाएं लगातार सामने आती हैं।
मंदिर परिसर में मोबाइल और कैमरे प्रतिबंधित हैं। मगर जांच के बेहतर इंतजाम नहीं। कई श्रद्धालु परिसर में मोबाइल और कैमरे का उपयोग करते आसानी से नजर आ जाते हैं। 
मंदिर में शहनाई गेट के पास वर्षों पहले बैग स्कैनर लगाया गया था ताकि यहां पूजन सामग्री सहित अन्य सामान की जांच की जा सके। स्कैनर महीनों से बंद पड़ा है। इस पर धूल जमी पड़ी है और अफसरों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। कई बार स्कैनर बंद पड़े होने की बात उठ चुकी है, मगर इसे ठीक नहीं कराया गया। अलबत्ता मंदिर में नारियल, बैग ले जाने पर प्रतिबंध्ा जरूर लगाया गया। हालांकि अन्य सामान बिना जांच के ही परिसर में जा रहा है। 
मंदिर में तीन डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (पुलिस चौकी, विश्रामधाम व शहनाई गेट) लगे हैं। इनमें से विश्रामधाम का डिटेक्टर बंद है। चौकी पर डिटेक्टर का अधिक महत्व नहीं, क्योंकि यहां से सिर्फ विशिष्टजन ही प्रवेश करते हैं। 

मंदिर की व्यवस्थाओं की कमान जब से नए अधिकारियों के हाथ में आई है। पहले की बजाय व्यवस्थाओं में थोड़ा सुधार हुआ है। यह व्यवस्था और भी बेहतर हो सकती है लेकिन अधिकारियों में मैदानी काम के अनुभव की कमी इसमें रोड़ा बन रही है। अधिकारी कर्मचारियों से काम नहीं ले पा रहे हैं, जहां व्यवस्था बिगड़ती दिखती है, अधिकारी कर्मचारियों से काम नहीं ले पाते। पिछले एक सप्ताह में कई बार प्रशासक आरपी तिवारी व सहायक प्रशासक प्रीति चौहान नंदी हॉल में लाइन चलाते नजर आए। सिंहस्थ में अभी करीब साढ़े तीन माह का समय शेष है। अधिकारियों को कार्यशैली दुरुस्त करना चाहिए, अन्यता महाकुंभ के समय हालात बिगड़ सकते हैं।

Wednesday, December 30, 2015

प्रदेश कांग्रेस ने विधायक अमित जोगी को नोटिस जारी किया

सितंबर 2014 में छत्तीसगढ़ के अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव क्या भाजपा और कांग्रेस में फिक्स था? क्या भाजपा के लिए आदिवासियों का समर्थन हासिल करना चुनौती बन गया था? क्योंकि इस उपचुनाव में जिस तरह से कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने नामांकन के एक दिन पहले अचानक अपना नाम वापस लेकर भाजपा को वॉकओवर दे दिया था उससे यही प्रतीत हुआ था।
कांग्रेस ने उस समय तुरंत यह आरोप भी लगाया था कि भाजपा ने उनके उम्मीदवार को खरीद लिया है और इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से चुनाव को रद्द करने की भी मांग की थी। एक साल बाद अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया है कि उसे इस बातचीत का टेप मिला है जिसमें उस समय के कुछ मुख्य पात्रों की आवाजें हैं। जिनमें चुनाव को मैनेज करने की बातें की जा रही हैं और इस दौरान कुछ वित्तीय लेन देन भी हुआ।
अधिकांश बातचीत अगस्त 2014 के अंतिम सप्ताह में मतदान के दिन के हुई हैं। बातचीत में इस बात पर जोर दिया जा रहा है 13, सितबंर 2014 को होनो वाले अंतागढ़ सीट से वो अपना नाम वापस ले। यह उपचुनाव विक्रम उसेंडी (भाजपा) के लोकसभा सांसद बनने के बाद हुई खाली सीट पर हुआ था।
इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने विधायक अमित जोगी को नोटिस जारी किया है। उधर पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कहा कि यह पूरा मामला झूठा है और वे संबंधित लोगों पर मुकदमा दर्ज करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष भूपेश बघेल के अनुसार विधायक अमित को नोटिस देने के साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति सदस्‍य अजीत जोगी से भी पूछा गया है कि इस मामले में उनका क्‍या पक्ष है।
मंतूराम पवार ने नईदुनिया के कांकेर संवाददाता से कहा कि 'मेरे बढ़ते हुए जनाधार के चलते यह कांग्रेस के लोगों की साजिश है। कांग्रेस की अंर्तकलह की वजह से मैं तीन बार चुनाव हारा हूं। अब तो कांग्रेस में अंर्तकलह पूरे छत्‍तीसगढ़ में फैल गई है। पवार ने कहा- मैंने पहले ही उपचुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद भी मुझे टिकट दिया गया। लेकिन मैंने इसका सम्‍मान किया और इसके बाद छत्‍तीसगढ़ पीसीसी प्रमुख से मेरा नाम हटाकार दूसरे को टिकट देने की बात कही। क्‍योंकि कांग्रेस की कुछ लोग ही मुझे हरवाना चाहते थे। जब वे नहीं माने तो मुझे ही पीछे हटना पड़ा था।
अंतागढ़ टेप मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह गंभीर बात है। टेप के सत्यता की जांच होनी चाहिए एवं पार्टी को संबंधितों से पूछना चाहिए। यह प्रजातंत्र के मूल के नष्ट होने का मामला है। इससे लोगों में प्रजातांत्रिक व्यवस्था को लेकर नकारात्मक असर होगा। यदि चुनाव ऐसे जीते जाते हैं तो विकास, सुरक्षा व अन्य मुद्दे दरकिनार हो जाएंगे। पूरे मसले के सत्यता की तत्काल जांच हो।
इंडियन एक्‍सप्रेस के मुताबिक अमित जोगी और रमन सिंह के दामाद के बीच बातचीत पवार के नाम वापस लेने से पहले अगस्त माह की है। टेप में पहले अजित जोगी के बेटे अमित जोगी और रमन सिंह के बीच बातचीत हो रही है जिसमें पहले दोनों एक दूसरे का हाल-चाल पूछ रहे हैं और फिर कुछ डील को फाइनल करने बात हो रही है एवं उसके बात अमित जोगी पुनीत गुप्ता से अपने पिता अजीत जोगी की बातचीत करवा रहें हैं।
पुनीत गुप्ता के साथ बातचीत में अजीत कह रहें कि -'कोई बातचीत हुई ना, उसे फाइनल करो जल्दी।' इसके बात अमित जोगी पुनीत गुप्ता को किसी चीज को बढ़ाने की बात कह रहें हैं, जिसमें पुनीत भी हामी भर रहे हैं। और अमित कह रहे हैं कि 'वह 10 की उम्मीद कर रहा है लेकिन कम से कम 7 तो होनी ही चाहिए, इतना कम मत करो कि वो भाग ही जाए' और दोनों अगले दिन मिलने की बात कर रहे हैं।
अमित जोगी और फिरोज जोगी जो अजित जोगी के खासमखास है, के बीच भी बातचीत होती है जिसमें फिरोज अमित से कहते हैं कि 'सीएम हाउस से फोन आ गया है और उसे बता दिया गया है कि वह राजेश मनोत (रमन सिंह के नजदीकी मंत्री) के बंगले के पास रहे और अमित कहते हैं- 'वो राजेश मनोत के बंगले के अंदर चले जाए।'
उसके ठीक बात अमित जोगी यह कहते हैं कि वो 'कलक्ट्रेट में पहुंच गया है तो माल देना पडेगा।' और फिरोज यह कहते हैं कि 'मेरी बात हो गयी है और बिग बॉस से बात भी करा दी है। औऱ पेंमेंट मगा दिया है तो अमित जोगी कहते हैं कि कुछ देना चालू करो।' फिरोज किसी शराब ठेकेदार से पेंमेंट पहुंचाने की बात कर रहे हैं।
वहीं बातचीत के दौरान फिरोज और अमीन मेमन में लेन देन की बात हो रही है और अमीन मेमन फिरोज से कहते हैं कि वह अब 5-10 भी देता है तो कोई नहीं,… अब हम चुनाव लडगें...मंटू अब चुनाव लडेगा।
मंतूराम पवार औऱ जोगी के खासमखास फिरोज में बातचीत होती है जिसमें फिरोज मंतू से कहतें हैं कि आपको भूपेश (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) को निपटाना था लेकिन उसको निपटाने के लिए आपको मोहरा बना दिया, उनकी इस बात में मंतूराम भी हामी भर रहे हैं
जिसमें मंतूराम कह रहे हैं कि 'वो नाम वापस नहीं लेते यदि यह इसे पहले पता होता औऱ मैं चुनाव जीत के दिखाता, मैंने तो जोगी परिवार की इज्जत बचाने के लिए यह किया।'
मंतूराम कह रहे हैं कि 'वो सबसे से बात कर चुके हैं यहा तक कि सीएम साहब से भी दो बार इस मसले पर बात कर चुके हैं जबकि इससे पहले कभी इस मामले पर सीएम से बात नहीं हुयी औऱ सारे मसले पर हमेशा तीसरे पक्ष के माध्यम से ही बात हुई है।'
फिरोज कह रहें हैं - 'हां जोगी के माध्यम से ही बातचीत हुई ।लेकिन आपको मिला क्या नाम वापस लेने पर... पूरा पैसा नहीं मिला ना आपको।' जिसके जवाब में मंतूराम कहते हैं कि नहीं मिला। फिरोज सिद्दकी मंतूराम से कहते हैं कि 'मैं उनको बता दिया हूं कि ज्यादा देर की तो मंतूराम सारी चीजों को एक्सपोज कर देगा, मंतूराम कभी भी बिफर सकता है' जिसके जवाब में मंतूराम भी कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता है मैं आदिवासी हूं मुझे बलि का बकरा बनाया गया है, मेरी राजनितिक कैरियर समाप्त हो गया है।'
2013 के विधानसभा चुनावों में बस्तर इलाके की 12 में कांग्रेस ने 8 सीटें जीतें थी। यह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का पहला चुनाव था और ऐसे में जोगी कैम्प बघेल को नीचा दिखाने के लिए यह कोशिश कर रहा था कि वह सीट हार जाए। और पवार के नाम वापस लेने पर जोगी ने प्रदेश कांग्रेस लीडरशीप पर पर निशाना साधा था।

जीती थी लेकिन 2003 में यह घटकर 4 हो गयी जिससे जनता में यह संदेश जा रहा था कि आदिवासियों का भाजपा में विश्वास घट रहा है। उपचुनाव में पार्टी में चाहती थी बिना स्टार उम्मीदवार के भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीत जाये और अगर भाजपा चुनाव हार जायेगी तो रमन सिंह की प्रतिष्ठा बुरी तरह प्रभावित होगी।

Wednesday, December 23, 2015

मेवात में पढ़ी-लिखी बहू लाने के चलन में तेजी

हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों अनपढ़ों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का कानून बनाया है। इसके बाद से ही मेवात में पढ़ी-लिखी बहू लाने के चलन में तेजी आई है। ऐसे में कई लोग चुनावी टिकट पाने की लालसा में पढ़ी-लिखी लड़की से दूसरी शादी करने को भी तैयार हैं।
मजेदार बात यह है कि इस काम में पहली पत्नी ही पति का सहयोग कर रही है। गुड़गांव लोकसभा सीट के तहत आने वाले मेवात में कई परिवार भावी दुल्हन को चुनावी टिकट देने का वादा कर रहे हैं।
दरअसल, ये ऐसे परिवार हैं, जिनके पास पीढ़ियों से गांवों की प्रधानी थी या वे जिला पंचायत पर काबिज थे। मगर, हाल ही में बने कानून के बाद प्रधानी जाती दिख रही है।
परिवार के सदस्‍य इतनी जल्‍दी शिक्षित नहीं हो सकते। लिहाजा रसूखदार लोगों ने शिक्षित बहू लाकर सीट बचाने रास्ता चुना है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जुलाई के बाद से इस साल करीब 50 शादियां ऐसी हुई हैं, जिनमें कई पीढ़ियों से राजनीतिक वर्चस्व जमाए बैठे परिवारों ने भावी दुल्‍हन को टिकट देने का वादा कर शादी की है। 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक मेवात में महिलाओं की साक्षरता दर महज 30% है।

Monday, December 21, 2015

भ्रष्टाचार की लड़ाई अब कोर्ट में

डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार की लड़ाई अब कोर्ट में लड़ी जाएगी। अरविंद केजरीवाल द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने से नाराज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के अन्य नेताओं को कोर्ट में घसीटने का फैसला किया है। जेटली ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अौर पांच अन्‍य के खिलाफ मानहानि का मामला दिल्‍ली हाई कोर्ट में दर्ज करवा दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी भी आज जेटली के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने जा रही है।
सरकार में शामिल मंत्रियों और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप अक्सर लगते रहे हैं। लेकिन यह एक अनूठी घटना है, जब केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद मानहानि का मामला दर्ज कराया है।

सूत्रों के मुताबिक, जेटली सोमवार को केजरीवाल, कुमार विश्वास, आशुतोष, राघव चड्ढा, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया है।इन सभी ने सार्वजनिक तौर पर वित्त मंत्री और उनके परिवार के खिलाफ डीडीसीबी में को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। जेटली ने यह मामला व्यक्तिगत तौर पर दायर किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय में दीवानी मानहानि का मामला दायर किया गया है जबकि पटियाला हाउस में आपराधिक मामले दर्ज किये जाएंगे।

Friday, December 18, 2015

हमले जारी

डीडीसीए मामले में वित्‍त मंत्री पर भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त होने के आरोप लगा रही आम आदमी पार्टी पर भाजपा के हमले जारी हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर सूर्य की तरफ देखकर थूकोगे तो खुद के मुंह पर ही आएगा।
नायडू, वित्‍त मंत्री पर लगाए गए आप के आरोपों का जवाब देते हुए बोले कि अरुण जेटली इमानदार नेता हैं उन पर आरोप लगाना वैसा ही है जैसे सूर्य की तरफ देखकर थूकना। अगर सूर्य की तरफ थूकने की कोशिश करोगे तो आपके मुंह पर ही आएगा।

मालूम हो कि आप ने गुरुवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करते हुए अरुण जेटली पर डीडीसीए में भ्रष्‍टाचार करने का अरोप लगाया था।

राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार के आवास और दफ्तर पर छापे मारे जाने को लेकर उठा राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीबीआई के गलत इस्तेमाल को लेकर अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर अब तक सबसे बड़ा हमला बोला है।
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा है कि केंद्र सरकार ने सीबीआई को विपक्षी पार्टियों को खत्म करने के लिए कहा है। केजरीवाल के मुताबिक, उन्हें यह जान जानकारी सीबीआई के एक अधिकारी ने दी है।

केजरीवाल के मुताबिक, उन्हें विपक्षी पार्टियों पर निशाना बनाने की जानकारी खुद सीबीआई अधिकारी ने की है। केजरीवाल के मुताबिक, सीबीआई के अधिकारी ने उन्हें बताया है कि जो केंद्र सरकार की बात नहीं माने उसे सीबीआई के जरिये खत्म कर दिया जाए।

Tuesday, December 15, 2015

प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर छापा मारा गया

मंगलवार सुबह होते ही दिल्‍ली के राजनीतिक गलियारों में तब कोहराम मच गया जब सीबीआई ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री के सचिवालय पर छापामार कार्रवाई कर दी। खबरों के अनुसार सीबीआई ने केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर छापा मारकर उसे सील कर दिया और कह महत्‍वपूर्ण कागजात जब्‍त किए।
छापा पड़ने के ठीक बाद मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए राजनीति शुरू कर दी और इसके लिए पीएम मोदी को जिम्‍मेदार ठहराते हुए कायर करार दे दिया। छापे के बाद आम आदमी पार्टी के अलावा अन्‍य दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्त की है।
छापा पड़ने के ठीक बाद मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की और इसके लिए सीधे पीएम को जिम्‍मेदार ठहरा दिया। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मेरे ऑफिस पर सीबीआई छापा, जब मोदी मुझे राजनीतिक रूप से संभाल नहीं पाए तो ये हठकंडे अपना रहे हैं।'
केजरीवाल के ट्वीट के ठीक बाद ही सीबीआई डायरेक्‍टर अनिल सिन्‍हा ने यह साफ कर दिया कि यह छापा अरविंद केजरीवाल नहीं बल्कि उनके प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर छापा मारा गया है।
केजरीवाल सीबीआई प्रमुख के बयान के बाद एक और ट्वीट करते हुए लिखा है कि राजेंद्र कुमार के बहाने मेरे दफ्तर की फाइलें खंगाली जा रही हैं। सीबीआई झूठ बोल रही है। मोदी बताएं उन्‍हें कौन सी फाइल चाहिए?
उन्‍होंने अगले ट्वीट में लिखा है, मैं अकेला सीएम हूं जिसने अपने मंत्रियों और वरिष्‍ठ अधिकारियों को भ्रष्‍टाचार के चलते बर्खास्‍त किया और सीबीआई को केस सौंपा। अगर सीबीआई के पास राजेंद्र कुमार के खिलाफ कोई भी सबूत था तो मुझे क्‍यों नहीं बताया गया।
वहीं उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर लिखा है, 'सीबीआई छापे से डराकर ईमानदार राजनीति को रोकने की कोशिश कर रहे हैं मोदी।जनता सच के साथ है, सफल नही हो सकेंगे।'
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि सीएम के ऑफिस की फाइलें देखी जा रही हैं, वो बताएं उन्‍हें क्‍या चाहिए।
आप नेता आशुतोष ने कहा कि उन्‍हें अगर कोई फाइल देखनी थी तो उन्‍होंने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री से बात क्‍यों नहीं की। बिना सूचना के सीमए के ऑफिस पर छापा मारना कायरता है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि केजरीवाल के लिए हर बात में पीएम का नाम लेना और उन पर आरोप लगाना फैशन बन गया है। सीबीआई केंद्र के अंडर काम नहीं करती। वो दिन गए जब कांग्रेस सीबीआई का दुरुपयोग करती थी।
आप नेता दीपक वाजपेयी ने कहा कि यह एक स्‍पष्‍ट धमकी है। यह अघोषित मार्शल लॉ जैसी स्थिति है। हमसे राजनीतिक रूप से सामना नहीं कर पाए तो पीएम ने अब आपातकाल घोषित कर दिया है।
भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीबीआई किसी ठोस सबूत के आधार पर ही कार्रवाई करती है। केजरीवाल की छापे को लेकर प्रतिक्रिया अजीब है। आप भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ने की बात करके सत्‍ता में आई लेकिन अब भ्रष्‍टाचार का समर्थन करती दिख रही है।

भाजपा नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि कुछ लोगों को मोदी फोबिया हो गया है। पेट में भी दर्द होता है तो कहते हैं पीएमओ से कोई बीमारी आ गई है उसी से हो रहा है।

Friday, December 11, 2015

समग्र वार्ता की नई शुरुआत

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पाकिस्तान दौरे के बाद दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता की नई शुरुआत जहां एक ओर अच्छी खबर लेकर आई, वहीं पाक पीएम नवाज शरीफ से उनकी मुलाकात विवादों में घिर गई है। विवाद इस कारण हुआ कि सुषमा व नवाज की मुलाकात के दौरान पीछे पाक का झंडा तो लगा था लेकिन भारतीय तिरंगा गायब था। इस तस्वीर के सामने आते ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और एक नई बहस व विवाद का जन्म हो गया।
दोनों नेताओं की बैठक जिस कमरे में हुई, वहं दीवार पर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी थी। नवाज शरीफ के पीछे हरे रंग का झंडा लगा था और सुषमा स्वराज के पीछे पाकिस्तान का झंडा। इस तस्वीर को वायरल करते हुए सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल किया है कि जब दोनों देशों के नेता की भेंट होती है तो दोनों देशों के झंडे लगे होते हैं, फिर तिरंगा गायब क्यों था?

गौरतलब है कि बीते दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मलेशिया दौरे पर गए थे, तब आसियान सम्मेलन में पीएम मोदी व जापान के पीएम शिंजो आबे की मुलाकात के दौरान उल्टे तिरंगे की तस्वीर पर खूब बवाल मचा था। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा मचाया था और सरकार पर भी सवाल उठाए थे।

Wednesday, December 9, 2015

मान्यता यूजीसी या एआईसीटीई में से कौन देगा

देश के टेक्नीकल और प्रोफेशनल कॉलेजों का अगला शिक्षण सत्र 2016-17 लेट होना तय है। दरअसल 8835 कॉलेजों की मान्यता का मामला एक बार फिर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के बीच उलझ गया है। इस तरह की स्थिति वर्ष 2014-15 के सत्र में भी बनी थी।
तब सुप्रीम कोर्ट ने एआईसीटीई को अगले साल और मान्यता की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। यह समय समाप्त होते ही अब एआईसीटीई मान्यता की प्रक्रिया पर अगला आदेश प्राप्त करने के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तय करेगा कि कॉलेजों को मान्यता यूजीसी या एआईसीटीई में से कौन देगा। नियमानुसार अगले सत्र के लिए प्रक्रिया सितंबर माह से शुरू हो जाती है, जो कि पहले से ही तीन माह लेट हो चुकी है।
मामला टेक्नीकल और प्रोफेशनल कॉलेजों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अधीन किए जाने का है। यूजीसी इन कॉलेजों को अपने अधीन लेने के लिए वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट गई थी। जिस पर कोर्ट ने एआईसीटीई सभी कॉलेज यूजीसी को सौंपने का निर्देश दिया था।
इस निर्देश के तहत वर्ष 2014 में यूजीसी ने सभी कॉलेजों को अपने अधीन लिए जाने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन तैयारियां पूरी नहीं होने से सुप्रीम कोर्ट ने 2014-15 की मान्यता वृद्घि का अधिकार एआईसीटीई को दे दिया था। यह अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने एक शिक्षण सत्र के दिए थे, लेकिन दो शिक्षण सत्र बीत जाने के बाद भी यूजीसी ने एआईसीटीई के कॉलेजों को अपने अधीन लेने की तैयारी पूरी नहीं की है। इसको देखते हुए अगले शिक्षण सत्र से पहले एआईसीटीई अब सुप्रीम कोर्ट चली गई।

दिसंबर के अंत तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होना है। सुनवाई होने के बाद यह स्थिति तय होगी कि अगले शिक्षण सत्र की मान्यता वृद्घि यूजीसी देगा या एआईसीटीई जारी करेगा। ऐसे में काउंसलिंग प्रक्रिया लेट हो सकती है। इससे एडमिशन में देरी होगी और अगला शिक्षण सत्र भी पिछड़ सकता है।

Tuesday, December 8, 2015

व्हाट्सऐप पर प्रेमी से बात- प्रेमी को मौत

एक पिता को अपनी बेटी का दिनभर व्हाट्सऐप पर प्रेमी से बात करता इतना नागवार गुजरा कि उसने उसे और उसके प्रेमी को मौत के घाट उतर दिया।
बताया जा रहा है कि दोनों की शादी कराने का वादा करके लड़की का पिता बहाने से उन्‍हें राजस्‍थान के धौलपुर ले गया था।
इस मामले में पुलिस ने लड़की के आरोपी पिता गिरिराज को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने बताया कि लड़की भारती कुशवाहा (21) और लड़का नरेश कुमार सिंह (24) शनिवार को नगला लालजीत इलाके के अपने घरों से लापता थे। उनके शव धौलपुर में मनिया पुलिस स्टेशन के पास रविवार को झाड़ियों से मिले।
पुलिस के अनुसार, दोनों की हत्‍या के पहले उन्‍हें बुरी तरह से पीटा गया था। दोनों के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। बताया जा रहा है कि भारती और नरेश की हत्‍या दुपट्टे से गला घोंटकर की गई है। मृतकों की शिनाख्‍त के लिए धौलपुर पुलिस ने दोनों की तस्वीर कई थानों में भेजी थी।
उधर, आगरा के सदर थाने ने भी लापता भारती की तस्वीर कई जगहों पर लगवाई थी। मामले की जांच के सिलसिले में नागला लालजीत पहुंची धौलपुल पुलिस की टीम को वहां स्थानीय लोगों ने बताया कि भारती और नरेश के बीच प्रेम संबंध थे। जबकि भारती के पिता को इस रिश्‍ते से आपत्‍ित थी।

इस बीच पुलिस को आगरा-ग्वालियर के एक टोल प्लाजा की सीसीटीवी फुटेज भी मिल गई है। शनिवार की रात के वीडियो फुटेज में आरोपी गिरिराज दिखाई पड़ रहा है। जबकि पुलिस से पूछताछ के दौरान उसने दावा किया था कि वह कभी धौलपुर नहीं गया।

Thursday, December 3, 2015

एयर फोर्स का दल पीड़‍तों की मदद में लगा

बारिश से बेहाल चेन्‍नई में एयर फोर्स का दल पीड़‍तों की मदद में लगा है। गुरुवार को एक हे‍लीकॉप्‍टर के माध्‍यम से पीड़‍ितों के लिए फूड पैकेट गिराए जा रहे थे। घरों में पानी भरने के बाद अपने घरों की छतों पर रहने के मजबूर लोग हाथ हिलाकर मदद और फूड पैकेट मांग रहे थे। इस दौरान एक ऐसी महिला भी सामने आई जिसने जरूरत के हिसाब से ही फूड पैके‍ट लिया।

खबरों के अनुसार जब वायुसेना का हेलीकॉप्‍टर फूड पैकेट गिरा रहा था तब वो एक घर के उपर पहुंचा जहां एक दंपति मौजूद था। जैसे ही सैनिक ने एक फूड पैकेट गिराया, वो दंपति की छत पर जाकर गिरा। इसके बाद वहां मौजूद महिला ने सैनिकों को हाथ हिला कर दूसरा पैकेट गिराने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इतना उनके लिए काफी है। अपदा की स्थिति में महिला का यह कदम सराहा जा रहा है।

एक करोड़ 80 लाख के रुपए के सालाना पैकेज

पटना के छात्र आशुतोष अग्रवाल को गूगल की ओर से एक करोड़ 80 लाख के रुपए के सालाना पैकेज का ऑफर दिया गया है। मजेदार बात यह है कि आशुतोष कंप्यूटर साइंस के फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं और अभी उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हुई है।

लखनऊ के रहने वाले आशुतोष इससे पहले गूगल से इंटर्नशिप कर चुके हैं। उनका कहना है कि सेलेक्शन के लिए कई टेलीफोन राउंड से गुजरना पड़ा। गूगल में इंटर्नशिप की वजह से जॉब मिलने में आसानी हुई। आशुतोष का कहना है कि इसके लिए दो टेलीफोनिक राउंड हुए। उसके बाद कई स्तरों पर टेस्ट लिया गया।

Tuesday, December 1, 2015

पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार बीएसएफ का हैड कॉन्स्टेबल अब्दुल राशिद पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे कर रहा है। राशिद ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि वो अपनी बुआ के बेटे कैफेतुल्ला के जरिए आईएसआई के संपर्क में आया। आईएसआई ने उसे भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी देने के एवज में मोटी रकम देने का वादा किया।
जांच एजेंसियों को ये भी पता चला है कि कैफेतुल्ला और राशिद कोडवर्ड के जरिये खुफिया जानकारियां एक दूसरे से साझा करते थे। जांच एजेंसियों ने फोन रिकार्डिंग के जरिए इस बात का खुलासा किया है कि दोनों फोन पर बातचीत के दौरान कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे।
सुरक्षा एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर का रहने वाला कैफेतुल्ला 2013 में अपने रिश्तेदार से मिलने पाकिस्तान गया था जहां उसकी मुलाकात आईएसआई एजेंट से हुई और उसी के जरिए वो आईएसआई में शामिल हो गया। कैफेतुल्ला को भारतीय सेना की खूफिया जानकारी देने के बदले बहुत सारे पैसे देने की पेशकश की गई।
धीरे धीरे कैफेतुल्ला आईएसआई का स्थाई सदस्य बन गया और उसे हर महीने 20 हजार रुपये तनख्वाह के रूप में दी जाने लगी साथ ही आईएसआई ने समय समय पर उसकी तनख्वाह बढ़ाने का भी वादा किया। कैफेतुल्ला को भारत में आईएसआई के और एजेंट बनाने के लिए भी कहा गया। आईएसआई हर महीने यूएई के बैंक के और सऊदी अरब के जरिए 20 हजार रुपये प्रति महीना तनख्वाह के रूप में कैफेतुल्ला को भेजती थी।
इसके बदले आईएसआई हर महीने कैफेतुल्ला को भारतीय सेना की गतिविधियों और भारतीय वायूसेना से जुड़ी जानकारियां देने का काम सौंपती थी। जांच एजेंसियों को ये भी पता चला है कि कैफेतुल्ला ने भारतीय सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी पाकिस्तान पहुंचाने के लिए मजबूत नेटवर्क भी तैयार कर लिया था।

आपको ये भी बता दें कि साल 2014 में कैफेतुल्ला को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूंछ में भारत विरोधी प्रदर्शन करने के दौरान दो बार गिरफ्तार भी किया था।