Saturday, March 5, 2016

वकीलों से जुड़ी कुछ हालिया घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई



पटियाला हाउस कांड समेत वकीलों से जुड़ी कुछ हालिया घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। उसका मानना है कि इस तरह की घटनाओं से कानूनी पेशे की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है। शीर्ष न्यायालय ने इसके मद्देनजर वकीलों से आत्म निरीक्षण करने के लिए कहा है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "समय आ गया है जब हमें आत्म निरीक्षण करना चाहिए। इससे बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) को भी मदद मिलेगी। कुछ वकील विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ लड़ाई कर रहे हैं। कुछ पत्थरबाजी कर रहे हैं। जबकि केवल कुछ ही कानूनी बहस में हिस्सा ले रहे हैं।"
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआइबीई) की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उपरोक्त टिप्पणी की। वकालत का लाइसेंस जारी करने के लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया हर साल एआइबीई का आयोजन करती है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के हवाले कर दिया।

बाप-बेटी के रिश्‍ते को कलंकि‍त करने के साथ ही तालिबानी शासन की उदाहरण



महाराष्‍ट्र के सतारा में बाप-बेटी के रिश्‍ते को कलंकि‍त करने के साथ ही तालिबानी शासन की उदाहरण भी सामने आया है। जानकारी के अनुसार सतारा में एक पिता पिछले चार महीनों से अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्‍कर्म कर रहा था।
इस दौरान लड़की गर्भवति हो गई और यह बात गांव में फैल गई। इसके बाद गांव के लोगों ने पंचायत बुलाई। पंचायत ने मामले में बाप-बेटी को दोषी मानते हुए दस-दस कोड़े मारने की सजा सुनाई है।
पंचायत का कहना है कि दोषी बाप के साथ पीड़िता को भी इसलिए दस-दस कोड़े मारने की सजा सुनाई क्‍योंकि वह इतने दिनों तक सबकुछ चुपचाप सहती रही। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।