Saturday, May 30, 2015

राहत कार्यों की निगरानी में जुटे राज्य सरकार के अधिकारियों ने रोजाना हजारों रुपये का तर माल उड़ाया

जब 2013 में उत्तराखंड में आई विनाशकारी बाढ़ में फंसे लाखों लोगों को पीने का पानी तक मयस्सर नहीं था, वहीं बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी में जुटे राज्य सरकार के अधिकारियों ने रोजाना हजारों रुपये का तर माल उड़ाया। बाढ़-पीड़ित दाने-दाने को मोहताज थे और ये अफसर होटल में बैठकर मटन चाप, चिकन , दूध, पनीर और गुलाब जामुन खाते हुए राहत और बचाव कार्यों की निगरानी में व्यस्त थे। राज्य के सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने मामले में CBI जांच की सिफारिश की है।
उन्होंने इस मामले को राज्य के मुख्यमंत्री के सामने पेश करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। इस पत्र के साथ RTI से मिली 200 पन्नों की जानकारी और 12 पेज का अपना आदेश भी सूचना आयुक्त ने मुख्य सचिव को भेजा है।
RTI
आवेदन के जरिए हुए खुलासे के अनुसार अधिकारियों के होटल में ठहरने की अवधि 16 जून, 2013 को बाढ़ आने से पहले की दिखाई गई है। आधा लीटर दूध की कीमत 194 रुपये दिखाई गई है, जबकि बकरे का गोश्त, मुर्गी का मांस, अंडे, गुलाब जामुन जैसी चीजें भी बाजार दाम से बहुत ऊंची दरों पर खरीदी दिखाई गई।
भूपेंद्र कुमार ने एसआईसी में सुनवाई के दौरान RTI याचिकाओं पर जवाब में मिले 200 से अधिक पेज के रिकॉर्ड का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि रुद्रप्रयाग जिले में अधिकारियों ने नाश्ते के लिए 250 रुपये, लंच के लिए 300 रुपये और डिनर के लिए 350 रुपये के क्लेम पेश किए।

Thursday, May 28, 2015

बिग बी पर एक करोड़ रुपये का मुकदमा

सिलेब्रिटीज के लिए सोशल मीडिया पर ऐक्टिव होना फायदेमंद है, तो इसके साथ कई मुसीबतें भी हैं। अब अमिताभ बच्चन का ही मामला देखिए। फेसबुक और ट्विटर अपने फैन्स को अपनेपन का अहसास कराना उन्हें भारी पड़ गया है। ट्विटर पर फेसबुक पर एक पोस्ट रीशेयर करने के चक्कर में बिग बी पर एक करोड़ रुपये का मुकदमा ठोंक दिया गया है। 
हरियाणा के रोहतक महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) के यूथ वेलफेयर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जगबीर राठी ने एक्टर अमिताभ बच्चन को लीगल नोटिस भेजकर 15 दिन में जवाब और 1 करोड़ रुपये की मांग की है।
राठी के मुताबिक, उनकी कविता 'कोर्ट का कुत्ता' को बिग बी के ट्विटर पर किसी विकास दुबे ने पोस्ट किया। बाद में बिग बी ने उसे ट्विटर और एफबी पर दुबे के नाम से शेयर कर लिया। उन्होंने कहा कि ईमेल से उन्होंने बिग बी को जानकारी दी थी।
सूत्रों के मुताबिक, राठी ने 2006 में 'माटी का चूल्हा' किताब लिखी थी। इसमें 'कोर्ट में कुत्ता' नाम से एक कविता भी थी। इस कविता को विकास दुबे नाम के लड़के ने अमिताभ बच्चन को ट्वीट कर दिया। बिग बी ने भी दरियादिली दिखाते हुए फेसबुक और ट्वीट पर कविता शेयर कर दी। बिग बी ने यह भी लिख दिया, 'मेरे फेसबुक फॉलोअर विकास दुबे से एक और मार्मिक कथा।'
इस ट्वीट पर राठी की नजर पड़ी तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत ई-मेल, फेसबुक व ट्विटर पर इसकी जानकारी बिग बी और विकास को दी, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद, राठी ने कानूनी रास्ता अपनाया।

दिल्ली की एक पत्रकार का कई बार रेप करने का आरोप

मुंबई के कफ परेड पुलिस स्टेशन में बुधवार को एक नेवी ऑफिसर के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया गया है। नेवी ऑफिसर पर दिल्ली की एक पत्रकार का कई बार रेप करने का आरोप है। दर्ज FIR के अनुसार नेवी ऑफिसर लेफ्टिनेंट एमएस किरण ने कथित तौर पर महिला पत्रकार पर दो बार पर अबॉर्शन कराने के लिए दबाव डाला। किरण और महिला पत्रकार का संपर्क इंटरनेट पर बढ़ा था।
पीड़िता की शिकायत में कहा गया है कि पिछले साल अक्टूबर से लेकर इस साल मार्च तक नेवी ऑफिसर ने विशाखापत्तनम और मुंबई में शादी का झांसा देकर कथित तौर पर कई बार रेप किया। पीड़िता के अनुसार 27 मार्च को कफ परेड के सागरिका आर्मी हॉस्पिटल में नेवी ऑफिसर ने आखिरी बार उसका यौन शोषण किया। पुलिस ने किरण के खिलाफ IPC के सेक्शन 376 (रेप) और सेक्शन 312 (गर्भपात कराने) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने किरण से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया। पीड़िता के अनुसार किरण घरवालों की रजामंदी न होने का बहाना करके शादी की बात को लगातार टाल रहा था लेकिन शारीरिक संबंध भी बनाए रखे हुए था।

Wednesday, May 27, 2015

मदरसों में समलैंगिकता को बोलबाला और मौलाना इसमें शामिल

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक प्रफेसर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में घिर गए हैं। उनके ऊपर मदरसों को 'अधर्म और समलैंगिकता के अड्डे' कहने का आरोप लगा है। स्टूडेंट्स में उनके खिलाफ भारी नाराजगी देखी जा रही है।
यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रफेसर वसीम राजा पर आरोप लगा है कि उन्होंने वॉट्सऐप पर एक टीवी चैनल को मेसेज भेजा था। इस मेसेज में लिखा था कि मौलाना इस तरह की गतिविधियों में लगे हुए हैं और मुस्लिम युवाओं का भविष्य तभी बदलेगा, जब देश के सभी मदरसे बैन कर दिए जाएं। चैट के स्क्रीन ग्रैब्स में राजा यह कहते दिखते हैं, 'हम मदरसों को हटाना चाहते हैं, जहां समलैंगिकता को बोलबाला है और मौलाना इसमें शामिल हैं।'
प्रफेसर पिछले 3 दशकों से यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस तरह के मेसेज भेजने से इनकार किया है। उन्होंने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा, 'मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। मैं कई सार्क कॉन्फ्रेंसेस में हिस्सा ले चुका हूं और हमेशा कम्यूनिटी के पुनर्गठन की बात की है। क्या मदरसे हमारी कम्यूनिटी में नहीं आते? इसका मतलब यह नहीं है मैंने ऐसा कुछ कहा है। मेरा फोन हैक कर लिया गया था। अब मैंने ग्रुप को बैन कर दिया है।'
स्टूडेंट्स ने राजा की टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है। रिसर्च स्कॉलर शाह आलम तुर्क ने कहा, 'मैं ग्रुप में चैट कर रहा था, तभी राजा ने ऐसी बातें कहीं। मैंने उन्हें कहा कि अपने विचार रखना आपका संवैधानिक अधिकार है, मगर आप तथ्यों के बिना इस तरह से अपमान नहीं कर सकते। यह पूर्वग्रह है और इससे हमारी कम्यूनिटी कमजोर होगी, मजबूत नहीं।'
अन्य स्टूडेंट्स ने भी इसी तरह के विरोध किया है। एक ने कहा, 'आप जैसे लोग यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम कर रहे हैं। आपक इस जगह पहुंचे हैं, तो बोलने से पहले सोचिए।' AMUTA सचिव मुस्तफा जैदी ने कहा कि प्रफेसर को बोलने से पहले कुछ सोचना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'इस तरह के बयान नाराजगी पैदा कर सकते हैं। उन्हें ऐसा कहना ही नहीं चाहिए था।'
एएमयू पीआरओ राहत अबरा ने कहा कि वीसी अभी बाहर हैं और उनके लौटने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाए।

Monday, May 25, 2015

इमर्जेंसी सेशन पर सबकी निगाहें

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दो दिन के लिए बुलाए गए विधानसभा के इमर्जेंसी सेशन पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। मगर इससे यह आशंका भी पैदा हो रही है कि दिल्ली संवैधानिक संकट की ओर बढ़ रही है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार इमर्जेंसी सेशन में दो नए प्रस्ताव पास कर सकती है। पहला तो दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे पर होगा, जबकि दूसरा गृह मंत्रालय की तरफ से अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर पर जारी नोटिफिकेशन पर। इनमें से दूसरा प्रस्ताव ऐसा है, जिसका असर तुरंत देखने को मिलेगा।
अगर विधानसभा में यह तय किया जाता है कि गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन को नहीं मानना है, तो राष्ट्रपति दखल देते हुए सरकार को इसे मानने के लिए कह सकते हैं। अगर दिल्ली सरकार ने फिर भी इसे मानने से इनकार किया, तो संवैधानिक संकट पैदा हो जाएगा।
केंद्र सरकार के एक सूत्र ने बताया, 'मामला सीधे राष्ट्रपति के हाथ में आ जाएगा। वही तय करेंगे कि दिल्ली का शासन कैसे चलेगा।' केंद्र पहले से ही इंतजार कर रहा है कि मामला आखिरी फैसले के लिए राष्ट्रपति के पास पहुंचे। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अगर दूसरे प्रस्ताव को कोर्ट ले जाया जाता है, तो संविधान के प्रावधानों के तहत कोर्ट जो फैसला सुनाएगा, वही आखिरी होगा।
मंगलवार से शुरू होने जा रहे स्पेशल सेशन को लेकर रविवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक हुई। खबरों के मुताबिक पार्टी विधायक अल्का लांबा ने कहा, 'अगर असेंबली कोर्ट जाने का फैसला करती है, तो हम कोर्ट जाएंगे। आप एलजी की मदद से चोर दरवाजे से चुनी हुई सरकार को नहीं चला सकते।'
पूर्व सॉलसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने केजरीवाल सरकार और गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन पर कहा था कि शायद यह राष्ट्रपति की अप्रूवल के बिना ही जारी कर दी गई है। मगर राष्ट्रपति को मामले की पूरी जानकारी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'ऐसा हो ही नहीं सकता। सरकार बेवकूफ नहीं है कि प्रेजिडेंट की इजाजत के बिना ऐसी नोटिफिकेशन जारी कर दे।'
अधिकारी ने कहा, 'देखा जाए तो केजरीवाल को कोर्ट की शरण में जाना चाहिए। ऐसे तो आप तो हमेशा यह कहते रहेंगे कि नोटिफिकेशन पर राष्ट्रपति को गुमराह करके मंजूरी ली गई। आप असेंबली में यह नहीं कह सकते कि नोटिफिकेशन अवैध है और इसे नहीं माना जाएगा।'
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग वाला पहला प्रस्ताव भी इस दो दिन के सेशन में पास किया जाएगा। इससे लंबी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसमें संसद को पहले को संविधान संशोधन करना होगा।

25 मई, 2015 को मुंबई से जाने वाली 7 ट्रेनें रद

पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल के डुमरिया तथा फतेहसिंहपुरा स्टेशनों के बीच 21 मई, 2015 की शाम से चल रहे गुर्जर आंदोलन के कारण कई ट्रेनें रद की गई हैं, जबकि कुछ का रूट बदला गया है। 25 मई, 2015 को मुंबई से जाने वाली 7 ट्रेनें रद रहेंगी, जबकि मुंबई से निकलने वाली 2 ट्रेनों के रूट बदले गए हैं। परिवर्तित मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों में 12951 मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस और 12925 बांद्रा टर्मिनस-अमृतसर पश्चिम एक्सप्रेस शामिल हैं।

आज ये ट्रेनें रद रहेंगी-

-12953 अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस

-12903 गोल्डन टेम्पल एक्सप्रेस

-22209 मुंबई-दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस

-19023 मुंबई-फिरोजपुर जनता एक्सप्रेस

-19019 बांद्रा टर्मिनस-देहरादून एक्सप्रेस

-19037 बांद्रा टर्मिनस-गोरखपुर अवध एक्सप्रेस

-12471 बांद्रा टर्मिनस-जम्मूतवी स्वराज एक्सप्रेस

ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन (25 मई, 2015 को प्रस्थान करने वाली)-

-12951 मुंबई सेंट्रल-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस

(वाया नागदा-निशातपुरा-झांसी-बीना-मथुरा)

·-12925 बांद्रा टर्मिनस-अमृतसर पश्चिम एक्सप्रेस

(वाया नागदा-निशातपुरा-झांसी-बीना-मथुरा)

वेस्टर्न रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतु मुंबई सेंट्रल तथा बांद्रा टर्मिनस स्टेशनों पर विशेष रिफंड काउंटर, हेल्पलाइन तथा सहायता बूथ की व्यवस्था की गई है।

Friday, May 22, 2015

चेन्नै सुपर किंग्स के खिलाड़ी के कमरे में एक महिला

आईपीएल मैचों के दौरान रंगारंग पार्टियां और इवेंट कई बार प्रोटोकॉल के उल्लंघन का कारण बने हैं। अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले सीजन में एक शख्स के जहाज पर प्रीति जिंटा का किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाड़ियों को पार्टी देने का मामला आईसीसी के ऐंटी करप्शन स्कैनर पर है। इसके अलावा चेन्नै सुपर किंग्स के खिलाड़ी के कमरे में एक महिला का रात गुजारना और शाहरुख खान के दोस्त का बिना बीसीसीआई की इजाजत के केकेआर के खिलाड़ियों के लिए डिनर आयोजित करने का मामला भी जांच के घेरे में है।
आईपीएल फ्रेंचाइजी द्वारा प्रोटोकॉल के उल्लंघन के ये मामले ऐसे समय में सामने आए थे जब स्पॉट फिक्सिंग केस की जांच जारी थी। ये सभी मामले पिछले साल बीसीसीआई की ऐंटी करप्शन सिक्यॉरिटी यूनिट (एसीएसयू) की नजर में आए थे। पिछले सीजन में बीसीसीआई को भेजे एक ई-मेल में एसीएसयू चीफ रवि स्वानी ने ऐसे मामलों में लिस्ट भेजी थी जिनमें खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी मालिकों द्वारा खेल नियमों का उल्लंघन किया गया। इस ई-मेल में बताया गया था कि आईपीएल सीजन 7 में 16 अप्रैल से 1 जून के बीच कई बार खेल नियमों के खिलाफ जाकर काम किया गया। हैरानी की बात यह है कि यह सब तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट में स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई चल रही थी।

Thursday, May 21, 2015

कुंभकर्ण की नींद

दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग के बीच चल रही जंग के बीच आप नेता आशुतोष ने एक विवादित ट्वीट किया है। आशुतोष ने आईएएस असोसिएशन पर निशाना सादते हुए लिखा है कि जब केंद्र सरकार नौकरशाहों को हटा रही थी, तो वे कुंभकर्ण की नींद सो रहे थे।
आईएएस असोसिएशन ने बुधवार को दिल्ली सरकार में काम कर रहे नौकरशाहों से हो रहे बर्ताव पर आपत्ति जताई थी। इसके जवाब में आशुतोष ने ट्वीट कर कहा, 'जब होम सेक्रटरी और फॉरन सेक्रटरी के साथ बदसलूकी हो रही थी और वे हटाए जा रहे थे, तो आईएएस असोसिएशन कुंभकर्ण की नींद सो रही थी।' 

गौरतलब है कि बुधवार को आईएएस अफसरों की संस्था की मीटिंग में केजरीवाल और नजीब जंग के बीच चल रही नौकरशाहों की खींचतान पर बात हुई। इस मीटिंग में पिछले दिनों विवादों में रहीं दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन भी मौजूद थीं। बता दें कि गैमलिन की नियुक्ति को सीएम केजरीवाल ने गलत ठहरा दिया था और यह भी आरोप लगाया था कि गैमलिन रिलायंस को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही थीं।
आईएएस असोसिएशन की मीटिंग के बाद कहा गया, 'जिस तरह से दिल्ली में नौकरशाहों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है, उससे हम चिंतित हैं। इसकी हम निंदा करते हैं।'
इसके पहले, आप सरकार ने सीनियर आईएएस अफसर अनिंदो मजूमदार के दफ्तर के बाहर ताला लगवा दिया। इतना ही नहीं, उन्हें हटाकर उनकी जगह दो अफसरों को नियुक्त कर दिया गया। इसके बाद एलजी ने केजरीवाल सरकार के पिछले चार दिनों के सारे ट्रांसफर-पोस्टिंग के फैसलों को रद्द करके कहा कि आगे से ऐसी सारी फाइलें किसी मंत्री के पास नहीं, उनके पास पहुंचनी चाहिए।

Wednesday, May 20, 2015

टाइप-2 डायबीटीज की तीन दवाओं पर खतरे की घंटी

अगर आपको डायबीटीज है और आप डॉक्टर के पर्चे पर लिखी कोई भी दवा खरीद लेते हैं तो सावधान हो जाइए। हाल ही में भारत आईं कुछ दवाएं आपके लिए भारी मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। दरअसल, टाइप-2 डायबीटीज की तीन दवाओं पर अमेरिका ने खतरे की घंटी बजा दी है।  इनमें से दो दवाएं हाल ही में भारत में लॉन्च भी हुई हैं। यूएस फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने डॉक्टर और मरीजों को चेताया है कि वे टाइप-2 डायबीटीज के लिए कैनाग्लिफ्लोजिन, डैपाग्लिफ्लोजिन और एम्पाग्लिफ्लोजिन का इस्तेमाल न करें। दवाओं की गुणवत्ता पर निगरानी रखने वाली इस एजेंसी ने बताया है कि इन दवाओं से ब्लड एसिड्स में काफी बढ़ोतरी हो सकती है जिसके बुरे नतीजे हो सकते हैं। 
ये तीनों ही नई दवाएं शरीर में ब्लड शुगर कम करने के लिए किडनी को पेशाब के रास्ते शुगर को बाहर निकालने के लिए सक्रिय करती हैं। टाइप-2 डायबीटीज के लिए आने वाली बाकी दवाएं किडनी की जगह पैंक्रियस (पाचक-ग्रंथि) का इस्तेमाल करती हैं।
हालांकि, अभी अमेरिकी एजेंसी ने इन दवाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया है पर डॉक्टरों से यह जरूर कहा है कि ये दवाएं देते वक्त सावधानी बरतें। एजेंसी ने इन दवाओं का सेवन करने वाले लोगों से भी कहा है कि अगर दवा खाने के बाद सांस लेने, पेट में दर्द या उल्टी की तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Tuesday, May 19, 2015

ऑटो वालों ने की पिटाई

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सबसे पुख्ता वोट बैंक ऑटो ड्राइवर्स को जरा सी छूट क्या दी, उन्होंने राजधानी में गुंडई शुरू कर दी है। मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर शनिवार को करीब 15 ऑटो ड्राइवर्स ने एक युवक को बुरी तरह जख्मी कर दिया।  वजह थी मीटर से न चलने को लेकर युवक का विरोध।
गु़ड़गांव की एक मल्टीनैशनल कंपनी में काम करने वाले मयंक अग्रवाल ने बाताया ने जब उन्होंने एक ऑटो वाले से मीटर से चलने को कहा तो उसने साफ इनकार कर दिया। इस पर मयंक ने विरोध जताया और पुलिस को इसकी शिकायत करने की बात कही। मयंक का इतना कहना ही था कि वहां मौजूद करीब 15 ऑटोवालों ने उनकी पिटाई शुरू कर दी। 

मयंक ने बताया, 'रात करीब 9.30 बजे मैं मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचा। गेट नं. तीन से प्रेस इन्क्लेव रोड पर निकलकर मैंने ऑटोवालों से वहां से मुश्किल से दो किलोमीटर दूर तिकोना पार्क चलने के लिए पूछा। कुछ ने तो साफ मना कर दिया और कुछ ने दोगुना किराया मांगा। मैंने एक ऑटोवाले की बात का विरोध किया तो उसने कह दिया कि दूसरा कोई साधन देख लो।'
इसके बाद, मयंक ने वहीं पास में मौजूद एक ट्रैफिक कॉन्स्टेबल से मदद मांगी, लेकिन वह भी बेअसर रही। इसके बाद मयंक ने पुलिस को फोन लगाया ही था कि वहीं खड़ी एक महिला ने उन्हें तमाचा जड़ दिया। मयंक ने बताया, 'शायद वह महिला किसी ऑटोवाले की पत्नी थी। इसके बाद, वहां मौजूद सभी ऑटो ड्राइवर्स ने मुझे पीटना शुरू कर दिया। मुझे जमीन पर गिरा दिया गया और मेरे चेहरे पर घूंसे मारे गए, लेकिन कोई भी मदद को नहीं आया।'
मयंक ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि ऑटोवालों ने उन्हें धमकी भी दि कि अगर उन्होंने पुलिस से शिकायत की तो उनका बुरा हश्र होगा। इसी दौरान, वहां एक पीसीआर वैन आई जिससे मयंक को एम्स के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। इलाज के बाद मयंक ने रिपोर्ट दर्ज कराई। डीसीपी साउथ दिल्ली प्रेम नाथ ने बताया, 'मामले में धारा 323, 341, 506 और 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और ऑटो ड्राइवर्स को पहचानने की कवायद शुरू हो गई है। घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।'
बता दें कि सीएम केजरीवाल ने हाल ही में ऑटो वालों को कई रियायतें देने का ऐलान किया था। उन्होंने ऑटो वालों को रास्ता भी बताया था कि कैसे वे किसी को कहीं ले जाने से मना कर सकते हैं।

अरुणा शानबाग, एक ऐसी 'शख्सियत' जिसने जिंदा रहकर मौत को जिया

अरुणा शानबाग, एक ऐसी 'शख्सियत' जिसने जिंदा रहकर मौत को जिया है। 'शख्सियत' इसलिए, क्योंकि उनसे जुड़े रहे लोगों का उनके प्रति लगाव उनको एक शख्सियत होने का अहसास कराता रहा।
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नवंबर 1973 को अपने साथ हुए भयावह बलात्कार के बाद से असीम नींद (वेजिटेटिव स्टेट) में खोईं अरुणा आखिरकार 18 मई 2015 को सीधे महिलाओं के लिए इस बेहद असुरक्षित जगह को छोड़कर जहां से आई थीं वहीं लौट गईं।
पिछले कुछ दिनों से न्यूमोनिया और सांस की तकलीफ से जूझ रहीं अरुणा की सोमवार सुबह तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
42 साल पहले मुंबई के परेल स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) हॉस्पिटल की जूनियर नर्स रहीं अरुणा शानबाग के साथ वहीं के एक वॉर्ड बॉय ने 27 नवंबर 1973 में बलात्कार की कोशिश करने के बाद जान से मारने का प्रयास किया था।
सोहनलाल भरथा वाल्मीकि नामक इस वॉर्ड बॉय ने कुत्ते के गले में बांधने वाली चेन से अरुणा का गला घोंटने की कोशिश की थी, जिससे अरुणा के मस्तिष्क में ऑक्सिजन की आपूर्ति बाधित हो गई थी और वह निष्क्रिय अवस्था में चली गई थीं।
इस हादसे के बाद से अरुणा वेजिटेटिव स्टेट में ही रहीं। वेजिटेटिव स्टेट यानी अर्द्ध चेतन अवस्था। ऐसी अवस्था में इंसान चीजों को महसूस कर सकता है, यहां तक कि भावों से अपनी प्रतिक्रिया जाहिर भी कर सकता है, लेकिन आम इंसान की तरह हंस-बोल, चल-फिर नहीं सकता। अरुणा भी 42 सालों से कुछ ऐसी ही अवस्था में थीं।

उस समय अरुणा की शादी केईएम हॉस्पिटल के ही एक डॉक्टर से होने वाली थी। इस हादसे के बाद वहां के डॉक्टर्स ने उस वक्त के डीन डॉ. देशपांडे के नेतृत्व में अरुणा को बदनामी से बचाने के लिए वॉर्ड बॉय सोहनलाल के खिलाफ पुलिस के पास चोरी और हत्या के प्रयास की शिकायत दर्ज कराई, जिससे अरुणा की होने वाली शादी पर प्रभाव न पड़े।
सोहनलाल पकड़ा गया और उसे बाद में दोषी भी करार दे दिया गया। उसने छेड़खानी और चोरी के लिए संयुक्त रूप से 7 साल की दो सजाएं भुगतीं। उस पर बलात्कार, यौन शोषण या अप्राकृतिक यौन अपराध की धाराएं नहीं लगाई गई थीं (जिनसे उसे कम से कम 10 साल तक की सजा होती)।
बता दें कि सोहनलाल ने सजा पूरी करने के बाद अपना नाम बदल कर दिल्ली के एक हॉस्पिटल में काम करना शुरू कर दिया था। न ही केईएम हॉस्पिटल ने और न ही कोर्ट ने सोहनलाल की कोई फाइल फोटो अपने पास रखी थी। इस वजह से अरुणा की दोस्त पिंकी वीरानी (पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता) चाहकर भी सोहनलाल का पता न लगा पाईं।

Monday, May 18, 2015

आजाद हिंद फौज का खजाना लुटवाने वाले गद्दारों का चेहरा सामने नहीं लाएंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत किसी विमान हादसे में नहीं बल्कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने साजिश के तहत उन्हें घोर यातनाएं देकर मरवाया था।  यह आरोप किसी नेता का नहीं बल्कि नेताजी की प्रपौत्री राज्यश्री चौधरी का है।
बनारस में बीजेपी के पूर्व थिंक टैंक गोविंदाचार्य की अगुवाई में चल रहे राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने आईं राज्यश्री ने एनबीटी से खास बातचीत में यह बात कही। राज्यश्री ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर कुर्सी के लिए रूसी तानाशाह स्टालिन के जरिए अमानवीय यातनाएं देकर साइबेरिया में नेताजी को मरवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बात तथ्यों पर आधारित है। उनके मुताबिक संसद में मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट बिना संपादित किए रख दी जाए तो दूध का दूध,पानी का पानी सामने आ जाएगा।
यूएन से जुड़े एक एनजीओ को चलाने वाली राज्यश्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद नेताजी को वॉर क्रिमिनल घोषित कराने के बाद एक फर्जी सूचना फ्लैश कराई गई कि प्लेन क्रैश में नेताजी की मौत हो गई। हकीकत यह थी कि वह शरण लेने के लिए रूस पहुंचे तो स्टालिन ने उन्हें कैद करने के बाद नेहरू को इसकी जानकारी देते हुए पूछा कि नेताजी उसकी कैद में हैं क्या करें? अंग्रेजों के प्रति वफादारी दिखाने के लिए नेहरू ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री एटली को खत भेज कर यह जानकारी देने के साथ लिखा कि 'आपका युद्ध अपराधी (नेताजी) रूस में है।' इसके साथ ही नेहरू ने स्टालिन को नेता जी की हत्या करने का इशारा किया। स्टालिन ने नेताजी को साइबेरिया के 'गुलाग' में अमानवीय यातनाएं देकर मारने के लिए भेज दिया। नेता जी की मौत हो वहीं हुई। नेताजी के रहस्यमय ढंग से गायब होने के बाद देश में बने जस्टिस संतोष मुखर्जी की रिपोर्ट संसद में रख दी जाए तो यह सच सामने आ जाएगा।
नेताजी के रहस्यमय ढंग से गायब होने के मामले से पर्दा उठाने के लिए मोदी सरकार द्वारा एक साल के कार्यकाल में कुछ न किए जाने से मायूस राज्यश्री चौधरी ने कहा कि हम अभी नाउम्मीद नहीं है। मोदी सरकार के चार साल अभी बाकी है। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन नेताजी की गुमशुदगी पर बने मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट को संसद में बिना कांट-छांट के रखने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर आंदोलन की रणनीति बना रहा है। जंतर-मंतर पर होने वाले इस आंदोलन में नेताजी के ड्राइवर रहे आजमगढ़ के मूल निवासी निजामुद्दीन भी शिरकत करेंगे। नेताजी के फौज के एक मात्र जीवित साथी निजामुद्दीन से मिलने के लिए राज्यश्री रविवार को आजमगढ़ जाएंगी।
सन 1945 में नेताजी के हवाईदुघर्टना में मारे जाने की खबर उड़वाने के पीछे नेहरू की सोची-समझी साजिश के हिस्सा बताते हुए राज्यश्री ने कहा कि 1945 में ताइवान में कहीं भी कोई हवाई दुर्घटना न तो दर्ज है और न ही बोस का नाम मृतकों की सूची में शामिल है। जवाहरलाल नेहरू के तत्कालीन स्टेनोग्राफर मेरठ निवासी श्यामलाल जैन ने खोसला कमिशन के सामने अपने बयान में बताया था कि रूस के प्रधानमंत्री स्टालिन ने संदेश भेजा था कि 'सुभाष चंद्र बोस हमारे पास हैं, उनके साथ क्या करना है?' राज्यश्री ने दावा किया कि 26 अगस्त 1945 को आसिफ अली के घर बुलाकर नेहरू ने उनसे यह पत्र टाइप कराया था। श्याम लाल ने खोसला आयोग के सामने यह बात तो रखी पर उनके पास सुबूत नहीं थे। राज्यश्री चौधरी ने कहा कि देश के सामने जब तक नेताजी की हत्या करने के साथ आजाद हिंद फौज का खजाना लुटवाने वाले गद्दारों का चेहरा नहीं लाएंगे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।

Saturday, May 16, 2015

चैताली ने अपने ससुराल के घर के लिए एक टॉइलट की मांग की

जब अकोला की रहनेवाली चैताली की शादी यवतमाल जिले के देवेंद्र मकोदे से तय हुई तो होने वाली दुल्हन ने अपने घर वालों से एक अजीबोगरीब रिक्वेस्ट की। चैताली ने अपने ससुराल के घर के लिए एक टॉइलट की मांग की।
चैताली के होने वाले पति देवेंद्र पंचायत के लिए काम करते हैं और उनका फोटोग्राफी का एक छोटा से बिज़नस भी है। चैताली को जब पता चला कि ससुराल में टॉइलट नहीं है तो उन्होंने अपने घर वालों से कहा कि उन्हें बस यही तोहफा चाहिए।
चैताली ने बताया, 'जब शादी तय हुई तो मुझे इसके बारे में पता नहीं था लेकिन जैसे ही पता चला मैंने इसके बारे मम्मी-पाप से इसके बारे में बात की। मैंने उन्हें कहा कि मुझे शादी के तोहफे के तौर पर टीवी, फ्रिज या वॉशिंग मशीन नहीं चाहिए। मैं तो केवल एक रेडीमेड टॉइलट चाहती हूं जिसे मैं अपने नए घर ले जा सकूं।'
चैताली के मायके में शौचालय है इसलिए उनके पिता दिलिप गलाखे ने बेटी की बात मान ली। और शुक्रवार को हुई चैताली और देवेंद्र की शादी में उन्हें शौचालय का तोहफा दिया गया।

केंद्र ने अगर हजारों करोड़ रुपये दिए हैं तो वह किसको दे दिए

केंद्र और राज्य सरकार के बीच किसानों को राहत के मुद्दे पर जुबानी जंग और तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र ने अगर हजारों करोड़ रुपये दिए हैं तो वह किसको दे दिए? मैंने तो अपनी जेब में नहीं रखे ; अब तो मैंने सदरी भी उतार दी है और जेबें कम हो गई हैं।
सीएम अखिलेश ने कहा कि केंद्र ही बताए कि किसको, कब और कितने रुपये दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि हम पहले ही कहते थे कि यह चालू पार्टी है।
सीएम ने शुक्रवार को अपने आवास पर एक कार्यक्रम में प्राकृतिक आपदा से हुई किसानों की मौतों पर उनके परिवारीजनों को मुआवजे के तौर पर सात-सात लाख रुपये के चेक बांटे। कुल 51 किसानों के परिवारों को यह चेक बांटे गए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो किसानों के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं, कई पाबंदियां होते हुए भी हमने आगे बढ़कर किसानों की मदद की। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार तो बड़ी है, उसका खजाना भी बड़ा है और बहुमत भी काफी बड़ा मिला है, ऐसे में हमने सात लाख दिए तो केंद्र को 14 लाख या 20 लाख रुपये तो देने ही चाहिए।
वहीं दूसरी ओर हाथरस में रैली के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सीएम अखिलेश के आरोपों का जवाब दिया। शाह ने कहा कि आपदा के बाद भी सपा सरकार पीड़ित किसानों तक मुआवजा नहीं पहुंचा पा रही है।
सपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए शाह ने कहा कि मुलायम और अखिलेश किसानों के बीच नहीं पहुंचे। ऐसे में मुलायम 'धरती पुत्र' और अखिलेश 'धरती पौत्र' कैसे हो गए।
शाह ने कहा कि यूपी में बाप-बेटों का राज बहुत हो गया, आने वाले छह महीने में प्रदेश का पीड़ित किसान प्रदेश सरकार को हाथ में लाठी लेकर दौड़ाएगा।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पिछले हफ्ते लखनऊ दौरे पर आए थे तो उन्होंने कहा था कि पीड़ित किसानों के मामले में राज्य सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं।
केंद्र ने कर वसूली की एवज में राज्य को मिलने वाले हिस्से को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है। इसके तहत 6000 करोड़ रुपये प्रदेश को दिए जा चुके हैं।

Friday, May 15, 2015

सैनिकों के वेतन से कोई चंदा नहीं

सेना प्रमुख द्वारा पिछले दिनों प्रधानमंत्री राहत कोष में आर्मी की तरफ से दिए गए चंदे को लेकर अजीब हालात पैदा हो गए हैं। सेना का कहना है कि उसने सैनिकों के वेतन से कोई चंदा नहीं दिया। ऐसे में उस चेक पर सवाल उठ रहा है, जिस पर लिखा गया था कि रकम सेना के वेतन से ली गई है।
चार महीने पहले आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग ने प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए 100 करोड़ रुपये का चेक दिया था। यह चेक उन्होंने खुद पीएम नरेंद्र मोदी को दिया था। मगर अब सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सैनिकों की सैलरी से या अन्य तरीके से ऐसा कोई दान नहीं दिया गया है।

देहरादून के रहने वाले प्रभु डंडरियाल की तरफ से डाली गई आरटीआई के जवाब में आर्मी के सीपीआईओ लेफ्टिनेंट कर्नल राजीव गुलेरिया ने लिखा है, 'संबंधित एजेंसी ने सूचित किया है कि सेना के जवानों के वेतन से प्रधानमंत्री राहत कोष में कोई अनुदान नहीं दिया गया है। यह मामला अभी विचाराधीन है।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के ऑफिस की वेबसाइट पर डाले गए 67वें सेना दिवस समारोह की तस्वीरों में एक चेक दिख रहा था। जनरल सुहाग इस चेक को पीएम मोदी को सौंप रहे हैं। इस चेक में लिखा है, 'भारतीय सेना के सभी रैंक्स का एक दिन का वेतन।'
डंडरियाल ने अब प्रधानमंत्री कार्यालय से आरटीआई के जरिए इस चेक के बारे में जानकारी मांगी है। डंडरियाल ने कहा, 'जब 20 मार्च तक दान के लिए वेतन से कुछ नहीं लिया गया था, तो आर्मी चीफ ने 100 करोड़ रुपये का चेक कैसे दे दिया? इसीलिए मैंने आरटीआई के जरिए पीएमओ से जवाब मांगा है।'

Thursday, May 14, 2015

आम आदमी पार्टी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस सर्कुलर पर लोक लगा दी है, जिसमें सरकार पर अपमानजनक आरोप लगाने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गई थी।
जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा 6 मई को जारी किए गए सर्कुलर पर स्टे लगा दिया। इस सर्कुलर में कहा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री, मंत्रियों या अन्य कर्मचारियों के खिलाफ अपमानजनक बातें छापने पर सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी।

सूचना एवं प्रचार विभाग के निदेशालय की तरफ से जारी इस सर्कुलर में लिखा था, 'अगर दिल्ली सरकार से जुड़े किसी ऑफिसर को लगता है कि छपी या प्रसारित हुई खबर उसकी या सरकार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है, वह प्रिंसिपल सेक्रेटरी (होम) के पास इसकी शिकायत दे।'
कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल की ऐप्लिकेशन पर यह ऑर्डर पास किया। अमित ने केजरीवाल पर पहसे से ही मानहानि का केस किया हुआ है।
केजरीवाल सरकार के इस सर्कुलर को मीडिया पर अंकुश लगाने की कोशिश बताया जा रहा था। बीजेपी और कांग्रेस ने इस सर्कुलर के चलते केजरीवाल को 'पाखंडी' और 'लोकतंत्र विरोधी' करार दिया था।

हेरोइन के 95 कैप्सूल मिले, जिनकी बाजार में कीमत करीब तीन करोड़ रुपये

दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में सड़क पर बेहोश पड़े एक व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराया गया। लेकिन जब स्कैन कराया गया, तो पता चला कि उसके पेट में कैप्सूलों के पैकेट हैं। हैरत की बात यह है कि इन पैकेटों में हेरोइन के 95 कैप्सूल मिले, जिनकी खुले बाजार में कीमत करीब तीन करोड़ रुपये आंकी गई है।
दरअसल, लाजपतनगर में कस्तूरबा निकेतन के पास सड़क पर अफगानिस्तान का एक नागरिक नूर आमिर बेहोश मिला। लोगों की सूचना पर पुलिस उसे एम्स ले गई। वहां सीटी स्कैन में पता चला कि उसके पेट में पैकेट हैं। उसे एनीमा दिया गया। नूर के पेट में पड़े पैकेट फाड़कर अब तक 48 कैप्सूल बाहर निकाले जा चुके हैं। नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट को बुलाकर पुलिस ने उनकी चेकिंग कराई तो पता चला कि उनमें हेरोइन है। अफगान पर एनडीपीएस एक्ट का केस दर्ज कर लिया गया।

नूर आमिर के पेट में अभी 47 कैप्सूल और हैं। डॉक्टर सावधानी बरतते हुए उन्हें भी निकालने की कोशिश कर रहे हैं। नूर आमिर अफगानिस्तान के जलालाबाद का रहने वाला है। वह 8 मई को केएएम एयरवेज से दिल्ली एयरपोर्ट पर आया था। वह महिपालपुर के पास ठहरा था। 9 तारीख को वह हेरोइन के कस्टमर की तलाश में लाजपत नगर में रहने वाले अफगानों से मिलने यहां आया था।
पैकेट फटने के डर से उसने दिल्ली आने के बाद ना तो खाना खाया था और ना ही पानी पीया था। गर्मी में भूखा-प्यासा होने की वजह से वह बेहोश होकर गिर गया था। पुलिस को नूर आमिर का पासपोर्ट और वीजा अभी तक नहीं मिल पाया है।

Wednesday, May 13, 2015

बिना राजनीतिक मदद के खुद राम मंदिर बनाएंगे

हिंदू धार्मिक नेताओं ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आता है, तो वे बिना राजनीतिक मदद के खुद राम मंदिर बनाएंगे। यह बयान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की उस टिप्पणी को लेकर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यसभा में बहुमत न होने की वजह से सरकार राम मंदिर पर कानून नहीं ला सकती।

दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित हिंदू धर्म संसद को संबोधित करते हुए द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने बीजेपी नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि वे राम मंदिर बनाने की बातें करना बंद कर दें। शंकराचार्य ने कहा, 'हम आपसे हाथ जोड़कर कहते हैं कि राम जन्मभूमि के बारे में बात मत कीजि । हम खुद उस जगह पर राम मंदिर बनाएंगे।'
शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि एक तबके ने मुगल शासक बाबर का नाम राम मंदिर के मामले के साथ जबरन जोड़ा, ताकि राजनीतिक फायदा उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि बाबर इस जगह पर कभी नहीं आया था और अवशेष भी बताते हैं कि यह हिंदुओं का पूजा स्थल था।
स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, 'यह राम जन्मभूमि है और अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द आता है, तो हम संत बिना किसी राजनीतिक पार्टी की मदद से वहां मंदिर बनाएंगे। हमें उनका पैसा नहीं चाहिए, जनता खुद पैसे देगी। हमें माफ कीजिए, मंदिर हम बनाएंगे। आप इसकी चर्चा करना छोड़ दीजिए।'
संसद ने इस बारे में एक प्रस्ताव भी पारित किया। इसके अलावा गोवध पर बैन, शिक्षण संस्थानों में रामायण और महाभारत का ज्ञान देने और शराब पर पाबंदी जैसे प्रस्ताव भी पारित किए गए। इसके अलावा नेपाल में भूकंप से प्रभावित हुए मंदिरों के पुनर्निर्माण में भी मदद करने की बात कही गई।
हिंदू धर्म संसद में कई सारे हिंदू धार्मिक संगठन और संस्थाएं हिस्सा लेती हैं।