Sunday, August 2, 2009

फिर भी टीचर्स टोकती रहती हैं।

स्कूलों में बच्चे कितनी लो वेस्ट स्कर्ट या पैंट पहन सकते हैं? इस बारे में टीचर्स और बच्चों का नजरिए एकदम अलग है। जहां टीचर्स का कहना है कि लो वेस्ट स्कर्ट, पैंट अश्लील हो या न हो, अनटाइडी लगती हैं जबकि बच्चों का कहना है कि स्कर्ट को हम ऊपर बांध कर नहीं रख सकते। ऐसा असहज भी है और बहुत बोरिंग लुक भी देता है। फैशन डिजाइनर्स का मानना है कि बैली बटन से डेढ़ से दो इंच नीचे स्कर्ट या पैंट नॉर्मल मानी जाती है अगर इससे नीचे हो तो इसे वाकई लो वेस्ट कह सकते हैं। माउंट कार्मल स्कूल में एक छात्र को लो वेस्ट पैंट पहनने की वजह से एक महीने के लिए सस्पेंड करने के बाद यह चर्चा गरम है कि क्या लो वेस्ट को अश्लील माना जाए? असहज है ऊपर स्कर्ट बांधना 11 वीं की स्टूडेंट आकृति कहती हैं हम नर्सो की तरह स्कर्ट नहीं पहन सकते। हमारी स्कर्ट इतनी नीचे भी नहीं होती है कि वह अश्लील लगे। फिर भी टीचर्स टोकती रहती हैं। मुझे इस वजह से स्कूल ही चेंज करना पड़ा क्योंकि टीचर को लगता था कि मेरी स्कर्ट लो वेस्ट है और मुझे लगता था कि वह सही है। शर्ट, स्कर्ट के भीतर टक की होती है और थोड़ी स्ट्रैच करते हैं। इसमें गलत क्या है? इसी तरह मुक्ति कहती हैं कि जब हमारी स्कर्ट से बॉडी नहीं दिखाई देती तो किस बात की आपत्ति। बहुत ऊपर स्कर्ट बांधना वैसे भी बहुत अनकम्फर्टेबल लगता है। लेकिन प्रज्ञा की इस बारे में अलग राय है। वह कहती हैं कि मुझे नीचे खिसकी हुई स्कर्ट अच्छी नहीं लगती है। पीयूष का कहना है कि ज्यादा नीचे पैंट तो हम वैसे भी नहीं पहन सकते। जितना कम्फर्टेबल होगा उतनी ही पहनते हैं। रितु कहती हैं कि ऊपर स्कर्ट बांध कर हम बेवकूफ नहीं दिखना चाहते। हम ऐसे स्कर्ट पहनते हैं कि वह अश्लील ना लगे साथ ही अच्छा लुक भी आए। इसमें बुराई ही क्या है। अश्लील हो न हो अनटाइडी है हालांकि कई टीचर्स सस्पेंशन जैसे कदम का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन इतना जरूर मानते है कि बच्चों को स्कूल में लो वेस्ट स्कर्ट, पैंट पहनने से रोका जाना चाहिए। लक्ष्मण पब्लिक स्कूल की प्रिसिंपल उषा राम कहती हैं कि बच्चों को स्कूल में इस तरह की छूट नहीं दी जा सकती। अगर वह अश्लील नहीं लगता तो हम ऐसे ही नहीं टोकते। जब कुछ दिखता है तभी हम कहते हैं। कुछ बॉयज पैंट को इतना नीचे पहनते हैं कि वह लटकी हुई सी लगने लगती है। वैसे सस्पेंड कर देने से दिक्कत दूर नहीं होगी। हम अपने स्कूल में अगर लड़कियों की स्कर्ट छोटी होती है तो उसे नीचे से खोल कर लंबी कर देते हैं। या पैंट सही नहीं होती तो कहते हैं कि आप खेलने नहीं जाएंगे पूरा वक्त लाइब्रेरी में रहेंगे या ऐसा ही कुछ और। इससे बच्चे खुद ही संभल जाते हैं। स्प्रिंगडेल स्कूल की अमिता वट्टल कहती हैं कि मैं इसे अलग नजरिए से देखती हूं। हम भी अपने जमाने में ऐसा कुछ किया करते थे जिसे फैशन माना जाता था। पहले तो बच्चा स्कूल में कायदे से आता है लेकिन 14 से 16 साल तक की उम्र ऐसी होती है जब वह अपनी पहचान बनाना चाहता है। फैशन के जरिए वह अपना अस्तित्व ढूंढते हैं। जैसे बाल कुछ अजीब से कर लेते हैं या कान में कुछ पहन लेते हैं। हमें उनके नजरिए को बदलने की जरूरत है ना कि सस्पेंड करने की। स्कूल में अक्सर मैं ऐसे बच्चों से कहती हूं ऐसे आप कितने अजीब लग रहे हैं। हमने मेडिकल रूम में कुछ यूनिफॉर्म्स रखी हैं। जब कोई इस तरह की हरकत करता है तो हम उसे मेडिकल रूम से दूसरी ड्रेस पहनने को कहते है। जो बच्चों को अच्छा नहीं लगता और फिर वह यह गलती नहीं दोहराते। हम अपने टेलर से यूनिफॉर्म बनवाते हैं और उसे डिजाइन की सख्त हिदायत दिए रहते हैं। लो वेस्ट स्कर्ट, पैंट का कट ही अलग होता है। जरूरी नहीं कि लो बेस्ट ड्रेस पहनकर बॉडी दिखे पर वह अनटाइडी जरूर लगती है। स्कूल में ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए। 2 इंच नीचे इज ओके फैशन डिजाइनर विजय अरोड़ा कहते हैं कि देखकर पता चल जाता है कि कौन सी ड्रेस लो वेस्ट है। इसका कोई तय फॉर्म्युला नहीं है। लेकिन फिर भी बैली बटन से 2 इंच नीचे नॉर्मल माना जाता है। यह हाइट पर भी निर्भर करता है। अगर हाइट ज्यादा है तो 2 इंच और कम है तो एक इंच से नीचे लो वेस्ट मान सकते हैं। फैशन डिजाइनर राहुल जैन कहते हैं कि कमर की हड्डी से नीचे खिसकती ड्रेस को अश्लील माना जा सकता है। लेकिन नेवल से डेढ़- दो इंच नीचे स्कर्ट या पैंट बांधना नॉर्मल है।

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