पार्टी से निकाले जाने के बाद जसवंत सिंह नए-नए बयानों से बीजेपी के गड़े मुर्दे उखाड़ने में लग गए हैं। कंधार विमान अपहरण मुद्दे पर लालकृष्ण आडवाणी पर झूठ बोलने का आरोप लगाने के बाद जसवंत सिंह ने कहा है कि 2002 के दंगे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे लेकिन आडवाणी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। बकौल जसवंत, आडवाणी ने वाजपेयी से कहा था कि इस कदम से पार्टी में बवाल मच जाएगा। जसवंत सिंह ने एक टीवी प्रग्राम में कहा कि दंगे के बाद वाजपेयी काफी व्यथित थे और उन्होंने अपना इस्तीफा तक लिखा लिया था। उस दौरान संसद का सेशन चल रहा था। जसवंत ने कहा, ' वाजपेयी ने एक पेपर निकाला और अपना इस्तीफा लिखने लगे। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया, तो वह मेरी ओर देखने लगे और बोले मेरा हाथ छोड़ दो।मैं उन्हें किसी तरह समझा-बुझाकर उनके घर ले गया।
उन्होंने बताया कि जब वह, वाजपेयी, आडवाणी और अरुण शौरी के साथ विमान से बीजेपी की मीटिंग में भाग लेने जा रहे थे उस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के भविष्य को लेकर बात हुई थी। जसवंत ने कहा कि वाजपेयी ने पूछा, गुजरात का क्या करना है? इसके बाद वहां चुप्पी छा गई। वाजपेयी ने इसके बाद कहा कि हमें गुजरात के बारे में सोचना चाहिए। जसवंत ने कहा कि इस सवाल के बाद आडवाणी उठकर बाथरूम की ओर जाने लगे, तो वाजपेयी ने कहा कि पूछिए क्या करना है। बकौल जसवंत, जब उन्होंने आडवाणी के पास पहुंचकर इस मसले पर पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी में बवाल खड़ा हो जाएगा। वाजपेयी द्वारा इस्तीफा दिए जाने का मन बनाने की घटना को याद करते हुए जसवंत ने बताया कि उस दिन प्रमोद महाजन ने सदन से उन्हें फोन करके संसद के पीएमओ में तुरंत आने को कहा था। उनके अनुसार महाजन ने उन्हें कहा, संभालिए इस्तीफा दे रहे हैं। घटना का ब्योरा देते हुए जसवंत ने बताया कि वाजपेयी ने अपने सचिव को बुलाया। मैंने उनके सचिव से वापस जाने और अभी नहीं आने को कहा। इस पर वाजपेयी मुझसे सख्ती से बोले- क्या कर रहे हो। यह पूछे जाने पर कि क्या वाजपेयी मोदी को बर्खास्त करना चाहते थे, सिंह ने कहा कि वह बर्खास्त शब्द का प्रयोग तो नहीं करेंगे, लेकिन निश्चित तौर पर वह पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया करने और कुछ सुधारात्मक कदम उठाने की इच्छा रखते थे।
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