इसे ईश्वरीय चमत्कार कहें या डॉक्टरों की लापरवाही कि जिस नवजात शिशु को मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल ने मंगलवार को यहां दो बार डेड घोषित कर दिया, वह दफनाए जाने से पहले जीवित निकला। हालांकि प्राइवेट अस्पतालों के खर्चीले इलाज के कारण उसके पैरंट्स को लौटकर उसी सरकारी अस्पताल की शरण लेनी पड़ी। नवजात के पिता मनोज शर्मा ने कहा कि यह कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि डॉक्टरों लापरवाही है। उन्होंने एक नहीं, दो बार मेरे बेटे को मृत घोषित कर सर्टिफिकेट जारी कर दिया। वहीं, सरकारी हमीदिया अस्पताल के शिशु शल्यक्रिया विभाग के सर्जन डॉ. राजन ने बस इतना बताया कि शिशु कमजोर और औसत से कम वजन का था। उसका फूड पाइप ब्लॉक था।
Thursday, July 30, 2009
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