अलीगढ़
मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक प्रफेसर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में घिर गए
हैं। उनके ऊपर मदरसों को 'अधर्म और समलैंगिकता के अड्डे'
कहने
का आरोप लगा है। स्टूडेंट्स में उनके खिलाफ भारी नाराजगी देखी जा रही है।
यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रफेसर वसीम राजा पर आरोप लगा है कि उन्होंने वॉट्सऐप पर एक टीवी चैनल को मेसेज भेजा था। इस मेसेज में लिखा था कि मौलाना इस तरह की गतिविधियों में लगे हुए हैं और मुस्लिम युवाओं का भविष्य तभी बदलेगा, जब देश के सभी मदरसे बैन कर दिए जाएं। चैट के स्क्रीन ग्रैब्स में राजा यह कहते दिखते हैं, 'हम मदरसों को हटाना चाहते हैं, जहां समलैंगिकता को बोलबाला है और मौलाना इसमें शामिल हैं।'
प्रफेसर पिछले 3 दशकों से यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस तरह के मेसेज भेजने से इनकार किया है। उन्होंने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा, 'मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। मैं कई सार्क कॉन्फ्रेंसेस में हिस्सा ले चुका हूं और हमेशा कम्यूनिटी के पुनर्गठन की बात की है। क्या मदरसे हमारी कम्यूनिटी में नहीं आते? इसका मतलब यह नहीं है मैंने ऐसा कुछ कहा है। मेरा फोन हैक कर लिया गया था। अब मैंने ग्रुप को बैन कर दिया है।'
स्टूडेंट्स ने राजा की टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है। रिसर्च स्कॉलर शाह आलम तुर्क ने कहा, 'मैं ग्रुप में चैट कर रहा था, तभी राजा ने ऐसी बातें कहीं। मैंने उन्हें कहा कि अपने विचार रखना आपका संवैधानिक अधिकार है, मगर आप तथ्यों के बिना इस तरह से अपमान नहीं कर सकते। यह पूर्वग्रह है और इससे हमारी कम्यूनिटी कमजोर होगी, मजबूत नहीं।'
अन्य स्टूडेंट्स ने भी इसी तरह के विरोध किया है। एक ने कहा, 'आप जैसे लोग यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम कर रहे हैं। आपक इस जगह पहुंचे हैं, तो बोलने से पहले सोचिए।' AMUTA सचिव मुस्तफा जैदी ने कहा कि प्रफेसर को बोलने से पहले कुछ सोचना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'इस तरह के बयान नाराजगी पैदा कर सकते हैं। उन्हें ऐसा कहना ही नहीं चाहिए था।'
एएमयू पीआरओ राहत अबरा ने कहा कि वीसी अभी बाहर हैं और उनके लौटने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाए।
यूनिवर्सिटी के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रफेसर वसीम राजा पर आरोप लगा है कि उन्होंने वॉट्सऐप पर एक टीवी चैनल को मेसेज भेजा था। इस मेसेज में लिखा था कि मौलाना इस तरह की गतिविधियों में लगे हुए हैं और मुस्लिम युवाओं का भविष्य तभी बदलेगा, जब देश के सभी मदरसे बैन कर दिए जाएं। चैट के स्क्रीन ग्रैब्स में राजा यह कहते दिखते हैं, 'हम मदरसों को हटाना चाहते हैं, जहां समलैंगिकता को बोलबाला है और मौलाना इसमें शामिल हैं।'
प्रफेसर पिछले 3 दशकों से यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस तरह के मेसेज भेजने से इनकार किया है। उन्होंने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' से कहा, 'मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है। मैं कई सार्क कॉन्फ्रेंसेस में हिस्सा ले चुका हूं और हमेशा कम्यूनिटी के पुनर्गठन की बात की है। क्या मदरसे हमारी कम्यूनिटी में नहीं आते? इसका मतलब यह नहीं है मैंने ऐसा कुछ कहा है। मेरा फोन हैक कर लिया गया था। अब मैंने ग्रुप को बैन कर दिया है।'
स्टूडेंट्स ने राजा की टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है। रिसर्च स्कॉलर शाह आलम तुर्क ने कहा, 'मैं ग्रुप में चैट कर रहा था, तभी राजा ने ऐसी बातें कहीं। मैंने उन्हें कहा कि अपने विचार रखना आपका संवैधानिक अधिकार है, मगर आप तथ्यों के बिना इस तरह से अपमान नहीं कर सकते। यह पूर्वग्रह है और इससे हमारी कम्यूनिटी कमजोर होगी, मजबूत नहीं।'
अन्य स्टूडेंट्स ने भी इसी तरह के विरोध किया है। एक ने कहा, 'आप जैसे लोग यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम कर रहे हैं। आपक इस जगह पहुंचे हैं, तो बोलने से पहले सोचिए।' AMUTA सचिव मुस्तफा जैदी ने कहा कि प्रफेसर को बोलने से पहले कुछ सोचना चाहिए था। उन्होंने कहा, 'इस तरह के बयान नाराजगी पैदा कर सकते हैं। उन्हें ऐसा कहना ही नहीं चाहिए था।'
एएमयू पीआरओ राहत अबरा ने कहा कि वीसी अभी बाहर हैं और उनके लौटने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाए।
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