Saturday, May 16, 2015

केंद्र ने अगर हजारों करोड़ रुपये दिए हैं तो वह किसको दे दिए

केंद्र और राज्य सरकार के बीच किसानों को राहत के मुद्दे पर जुबानी जंग और तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र ने अगर हजारों करोड़ रुपये दिए हैं तो वह किसको दे दिए? मैंने तो अपनी जेब में नहीं रखे ; अब तो मैंने सदरी भी उतार दी है और जेबें कम हो गई हैं।
सीएम अखिलेश ने कहा कि केंद्र ही बताए कि किसको, कब और कितने रुपये दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि हम पहले ही कहते थे कि यह चालू पार्टी है।
सीएम ने शुक्रवार को अपने आवास पर एक कार्यक्रम में प्राकृतिक आपदा से हुई किसानों की मौतों पर उनके परिवारीजनों को मुआवजे के तौर पर सात-सात लाख रुपये के चेक बांटे। कुल 51 किसानों के परिवारों को यह चेक बांटे गए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो किसानों के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं, कई पाबंदियां होते हुए भी हमने आगे बढ़कर किसानों की मदद की। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार तो बड़ी है, उसका खजाना भी बड़ा है और बहुमत भी काफी बड़ा मिला है, ऐसे में हमने सात लाख दिए तो केंद्र को 14 लाख या 20 लाख रुपये तो देने ही चाहिए।
वहीं दूसरी ओर हाथरस में रैली के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सीएम अखिलेश के आरोपों का जवाब दिया। शाह ने कहा कि आपदा के बाद भी सपा सरकार पीड़ित किसानों तक मुआवजा नहीं पहुंचा पा रही है।
सपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए शाह ने कहा कि मुलायम और अखिलेश किसानों के बीच नहीं पहुंचे। ऐसे में मुलायम 'धरती पुत्र' और अखिलेश 'धरती पौत्र' कैसे हो गए।
शाह ने कहा कि यूपी में बाप-बेटों का राज बहुत हो गया, आने वाले छह महीने में प्रदेश का पीड़ित किसान प्रदेश सरकार को हाथ में लाठी लेकर दौड़ाएगा।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह पिछले हफ्ते लखनऊ दौरे पर आए थे तो उन्होंने कहा था कि पीड़ित किसानों के मामले में राज्य सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं।
केंद्र ने कर वसूली की एवज में राज्य को मिलने वाले हिस्से को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है। इसके तहत 6000 करोड़ रुपये प्रदेश को दिए जा चुके हैं।

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