Wednesday, May 20, 2015

टाइप-2 डायबीटीज की तीन दवाओं पर खतरे की घंटी

अगर आपको डायबीटीज है और आप डॉक्टर के पर्चे पर लिखी कोई भी दवा खरीद लेते हैं तो सावधान हो जाइए। हाल ही में भारत आईं कुछ दवाएं आपके लिए भारी मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। दरअसल, टाइप-2 डायबीटीज की तीन दवाओं पर अमेरिका ने खतरे की घंटी बजा दी है।  इनमें से दो दवाएं हाल ही में भारत में लॉन्च भी हुई हैं। यूएस फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने डॉक्टर और मरीजों को चेताया है कि वे टाइप-2 डायबीटीज के लिए कैनाग्लिफ्लोजिन, डैपाग्लिफ्लोजिन और एम्पाग्लिफ्लोजिन का इस्तेमाल न करें। दवाओं की गुणवत्ता पर निगरानी रखने वाली इस एजेंसी ने बताया है कि इन दवाओं से ब्लड एसिड्स में काफी बढ़ोतरी हो सकती है जिसके बुरे नतीजे हो सकते हैं। 
ये तीनों ही नई दवाएं शरीर में ब्लड शुगर कम करने के लिए किडनी को पेशाब के रास्ते शुगर को बाहर निकालने के लिए सक्रिय करती हैं। टाइप-2 डायबीटीज के लिए आने वाली बाकी दवाएं किडनी की जगह पैंक्रियस (पाचक-ग्रंथि) का इस्तेमाल करती हैं।
हालांकि, अभी अमेरिकी एजेंसी ने इन दवाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया है पर डॉक्टरों से यह जरूर कहा है कि ये दवाएं देते वक्त सावधानी बरतें। एजेंसी ने इन दवाओं का सेवन करने वाले लोगों से भी कहा है कि अगर दवा खाने के बाद सांस लेने, पेट में दर्द या उल्टी की तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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