Monday, May 11, 2015

जयललिता और उनके तीन सहयोगी बरी

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जे. जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ी राहत  मिली है। हाई कोर्ट ने जयललिता और उनके तीन सहयोगियों को बरी कर दिया है। इससे पहले निचले कोर्ट ने चारों को दोषी पाते हुए 4 साल की सजा सुनाई थी।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता और उनके तीन सहयोगियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलट दिया। इस याचिका में आय से अधिक संपत्ति के मामले में चारों को दोषी साबित कर जेल की सजा सुनाए जाने का विरोध किया गया था। अवकाशकालीन सिंगल बेंच के जज जस्टिस सी.आर. कुमारस्वामी ने सुबह 11 बजे फैसला सुनाया।
इससे पहले निचली अदालत ने जयललिता, उनकी करीबी शशिकला, दो अन्य रिश्तेदारों- इलावरासी और सुधाकरण को पिछले साल 27 सितंबर को 4 साल जेल की सजा सुनाई थी। जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया था, जबकि अन्य पर 10-10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा था।
हाई कोर्ट के इस फैसले के साथ ही जयललिता के सार्वजनिक जीवन का रास्ता भी खुल गया है। वह संवैधानिक पद पर बैठ सकती हैं और मुख्यमंत्री भी बन सकती हैं। अगर निचले कोर्ट का फैसला बरकरार रहता या कम सजा होती, तब भी जयललिता के पॉलिटिकल करियर का अंत लगभग तय था। एआईएडीएमके का भविष्य भी अधर में होता। सजा होने पर जयललिता और उनके सहयोगियों को सरेंडर करना पड़ता। मगर इस फैसले को जयललिला के साथ-साथ एआईएडीएमके के लिए भी संजीवनी के तौर पर देखा जा रहा है।
इस बीच जयललिता के समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। जगह-जगह पटाखे फोड़े जा रहे हैं और नारेबाजी की जा रही है। एआईएडीएमके के कार्यालयों में भी उत्सव जैसा माहौल देखने को मिल रहा है।

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