Monday, August 31, 2009
दो बार घुसपैठ की गई।
Saturday, August 29, 2009
बीजेपी में भी बदलाव के फॉर्म्युले को लेकर माथापच्ची शुरू
आडवाणी आज भागवत से मिलने वाले हैं और पूरी संभावना है कि इस बैठक में वह उनके सामने कोई फॉर्म्युला पेश करेंगे। अगर, संघ प्रमुख इस पर मुहर लगा देते हैं, तो इसे दिसंबर में अध्यक्ष बदलने के समय अमल में लाया जाएगा। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह पहले ही संघ प्रमुख से मिलकर अपनी सफाई दे चुके हैं। शुक्रावर को संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने बीजेपी में बदलाव के लिए सार्वजनिक रूप से तीन संदेश दिए थे। पहला, लालकृष्ण आडवाणी को विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देना होगा। दूसरा, पार्टी अध्यक्ष पद से दिसंबर में राजनाथ सिंह की विदाई हो जाएगी। तीसरा, पार्टी के सभी फैसलों में आडवाणी और राजनाथ सिंह की संयुक्त भूमिका रहेगी। संघ ने बीजेपी में बदलाव के लिए इस बार दबाव बढ़ाकर इन दोनों नेताओं के सामने कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। साथ ही यह संकेत भी दे दिया है कि बीजेपी पर संघ की पकड़ ढीली नहीं हुई है।
भारत के पहले मून मिशन पर संकट के बादल मंडराने लगे
ेडियो संपर्क टूट गया। इसरो के वैज्ञानिक संपर्क को फिर से बहाल करने में जुटे हुए हैं। अगर यह नहीं हो पाता है तो दो साल का यह मिशन 10 महीने में ही खत्म हो जाएगा। चंद्रयान-1 को पिछले साल 22 अक्टूबर को छोड़ा गया था। इसरो ने बयान में कहा है कि बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर ब्यालालू में डीप स्पेस नेटवर्क ने पिछले ऑर्बिट से 12.25 मिनट को चंद्रयान से अंतिम डेटा मिला है। अब इसरो के वैज्ञानिक डेटा के विश्लेषण से चंद्रयान की स्थिति के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसरो के बयान में कहा गया है कि चंद्रयान ने ऑर्बिट में 312 दिन पूरे करने के साथ ही चंद्रमा की कक्षा में 3400 चक्कर पूरे कर लिए हैं। चंद्रयान ने इस दौरान कई अहम डेटा भी भेजे हैं। इससे पहले 16 मई को चंद्रयान-1 का एक अहम उपकरण स्टार सेंसर ओवर हीटिंग की वजह से काम करने में नाकाम हो गया था। लेकिन चंद्रयान में लगे जाइरोस्कोप को ऐक्टिवेट करके और उसका तालमेल बाकी के इलेक्ट्रो मेकेनिकल डिवाइस के साथ बैठाकर इस समस्या से निपट लिया गया था।
'सूर्य नमस्कार' एवं 'प्राणायाम' को अनिवार्य न बनाए।
'सूर्य नमस्कार' एवं 'प्राणायाम' को अनिवार्य न बनाए। चीफ जस्टिस ए. के. पटनायक और जस्टिस अजित सिंह की डिविजन बेंच ने यह आदेश सुनाते हुए राज्य के मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और अन्य को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब तलब किया है। कोर्ट ने यह आदेश मध्य प्रदेश कैथलिक चर्च द्वारा दायर याचिका पर सुनाया है। चर्च ने याचिका में कहा कि हाई कोर्ट के पहले के आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने हाल में सूर्य नमस्कार और प्राणायाम को अल्पसंख्यक संस्थाओं में प्रत्येक हफ्ते करना अनिवार्य बना दिया, जो संविधान की धाराओं का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता आनंद मुत्तूंगल ने राज्य के शिक्षा विभाग के खिलाफ यह कहते हुए कार्रवाई करने की मांग की है कि सूर्य नमस्कार और प्राणायाम को अनिवार्य करने पर पाबंदी लगाए जाने के 24 जनवरी, 2007 के हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद विभाग ने अपने स्कूलों को इसे जुलाई, 2009 से अनिवार्य बनाने को कहा। 2007 में हाई कोर्ट ने जमीयत-ए-उलेमा हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इन दोनों पद्धतियों को अनिवार्य न बनाने का निर्देश दिया था। कैथलिक चर्च के प्रवक्ता फादर मुत्तूंगल ने दिसंबर, 2006 में कहा था कि इन दोनों अभ्यासों को स्कूलों में साल में एक बार अनिवार्य बना दिया गया। लेकिन अब राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग के जरिये 29 जुलाई, 2009 को सर्कुलर जारी कर स्कूलों से इसे प्रत्येक हफ्ते अनिवार्य रूप से आयोजित करवाने को कहा है।
Thursday, August 27, 2009
मिस्यार शादी के बाहर सेक्स संबंधों को जायज ठहरा रहा है।
सऊदी अरब जैसे देश में मिस्यार के तेजी से प्रचलित होने की एक खास वजह यह भी है कि इससे शादी में होने वाले भारी-भरकम खर्चों जैसे- दहेज, पार्टी, डिनर, घर की साज सजावट, हनीमून का खर्चा भी बच जाता है। गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है- मिस्यार उन लोगों को काफी रास आ रहा है जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है। रिपोर्ट में सऊदी अरब के एक व्यक्ति ने कहा है- अपनी पहली शादी के टूट जाने के बाद उसने कई मिस्यार शादियां कीं और किसी भी शादी में वह छह महीने से ज्यादा नहीं रहा। उसने कहा- इन शादियों से उसके खर्च में उतनी कमी नहीं आई जितनी उसने उम्मीद की थी। सच तो यह है कि अब वह एक ऐसे पार्टनर की तलाश कर रहा है, जिसके साथ वह हमेशा रह सके। उन्होंने यह भी कहा कि मिस्यार पत्नियां लालची किस्म की थीं जिनका मकसद गिफ्ट और पैसा लेना ही था। गार्जियन के अनुसार, अब ऐसी महिलाओं की कमी नहीं है जो मिस्यार कॉन्ट्रैक्ट करने को तरजीह दे रही हैं। महिलाओं का कहना है मिस्यार पति कभी अपनी वास्तविक पत्नी को अपने दूसरे संबंधों के बारे में नहीं बताते, तो मिस्यार पत्नियां ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं? गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है- मिस्यार पॉप्युलर हो रहा है क्योंकि जिस समाज में विवाहेतर संबंध और शादी से पहले सेक्स संबंधों को अपराध माना जाता है, वहां मिस्यार शादी के बाहर सेक्स संबंधों को जायज ठहरा रहा है।
मिश्र ने कहा, 'फैसला कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने किया था।
उन्होंने सीएनएन-आईबीएन चैनल पर पत्रकार करण थापर से कहा कि जब मांगें तीन आतंकवादियों को छोड़ने तक ही आ गईं तो सुरक्षा समिति ने विमान के 160 से ज्यादा बंधक यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान बचाने के लिए सर्वसम्मति से फैसला किया था। उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों ने माना था कि बंधकों को छुड़ाने के लिए उन तीन आतंकवादियों को मुक्त करना ठीक है। उनसे साफ-साफ पूछा गया कि क्या उस फैसले से सभी सहमत थे, तो मिश्र ने कहा, 'बिल्कुल, वह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था।'
उनके पास करीब 23 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति
राजस्थान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वीएचपी के एक बड़े नेता दामोदर मोदी से 10 करोड़ रुपये नकद और कम से कम 57 लाख रुपये की जूलरी जब्त की है। वीएचपी के जयपुर प्रांत के 'संरक्षक' मोदी स्टॉक ब्रोकर का भी काम करते हैं। इनकम टैक्स के अडिशनल डायरेक्टर प्रसन्नजीत सिंह ने कहा कि मोदी के आठ बैंक लॉकर हैं और उनकी प्रॉपर्टी कम से कम 22 करोड़ रुपये की है। मोदी ने माना है कि उनके पास करीब 23 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति है और उन्होंने इस पर टैक्स देना स्वीकार किया है।
Tuesday, August 25, 2009
'विभाजन का दोषी कौन'।
Sunday, August 23, 2009
गड़े मुर्दे उखाड़ने में लग गए जसवंत सिंह
पार्टी से निकाले जाने के बाद जसवंत सिंह नए-नए बयानों से बीजेपी के गड़े मुर्दे उखाड़ने में लग गए हैं। कंधार विमान अपहरण मुद्दे पर लालकृष्ण आडवाणी पर झूठ बोलने का आरोप लगाने के बाद जसवंत सिंह ने कहा है कि 2002 के दंगे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे लेकिन आडवाणी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था। बकौल जसवंत, आडवाणी ने वाजपेयी से कहा था कि इस कदम से पार्टी में बवाल मच जाएगा। जसवंत सिंह ने एक टीवी प्रग्राम में कहा कि दंगे के बाद वाजपेयी काफी व्यथित थे और उन्होंने अपना इस्तीफा तक लिखा लिया था। उस दौरान संसद का सेशन चल रहा था। जसवंत ने कहा, ' वाजपेयी ने एक पेपर निकाला और अपना इस्तीफा लिखने लगे। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया, तो वह मेरी ओर देखने लगे और बोले मेरा हाथ छोड़ दो।मैं उन्हें किसी तरह समझा-बुझाकर उनके घर ले गया।
उन्होंने बताया कि जब वह, वाजपेयी, आडवाणी और अरुण शौरी के साथ विमान से बीजेपी की मीटिंग में भाग लेने जा रहे थे उस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के भविष्य को लेकर बात हुई थी। जसवंत ने कहा कि वाजपेयी ने पूछा, गुजरात का क्या करना है? इसके बाद वहां चुप्पी छा गई। वाजपेयी ने इसके बाद कहा कि हमें गुजरात के बारे में सोचना चाहिए। जसवंत ने कहा कि इस सवाल के बाद आडवाणी उठकर बाथरूम की ओर जाने लगे, तो वाजपेयी ने कहा कि पूछिए क्या करना है। बकौल जसवंत, जब उन्होंने आडवाणी के पास पहुंचकर इस मसले पर पूछा तो उन्होंने कहा कि पार्टी में बवाल खड़ा हो जाएगा। वाजपेयी द्वारा इस्तीफा दिए जाने का मन बनाने की घटना को याद करते हुए जसवंत ने बताया कि उस दिन प्रमोद महाजन ने सदन से उन्हें फोन करके संसद के पीएमओ में तुरंत आने को कहा था। उनके अनुसार महाजन ने उन्हें कहा, संभालिए इस्तीफा दे रहे हैं। घटना का ब्योरा देते हुए जसवंत ने बताया कि वाजपेयी ने अपने सचिव को बुलाया। मैंने उनके सचिव से वापस जाने और अभी नहीं आने को कहा। इस पर वाजपेयी मुझसे सख्ती से बोले- क्या कर रहे हो। यह पूछे जाने पर कि क्या वाजपेयी मोदी को बर्खास्त करना चाहते थे, सिंह ने कहा कि वह बर्खास्त शब्द का प्रयोग तो नहीं करेंगे, लेकिन निश्चित तौर पर वह पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया करने और कुछ सुधारात्मक कदम उठाने की इच्छा रखते थे।
Thursday, August 20, 2009
राष्ट्र ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को आज उनके 65वें जन्मदिन पर याद किया।
इमरान खान और पाकिस्तान की दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बीच 'बेहद अंतरंग संबंधों' का दावा किया
Wednesday, August 19, 2009
और जसवंत आउट
और जसवंत आउट
बीजेपी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अपनी किताब में जिन्ना को सेक्युलर बताना जसवंत सिंह को काफी महंगा पड़ा है। जसवंत सिंह पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और दार्जिलिंग से सांसद भी हैं। सूत्रों के मुताबिक, संघ परिवार और पार्टी के कई हलकों ने जसवंत सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दबाव बनाया था। इसी का नतीजा है कि जसवंत सिंह को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने जसवंत से बैठक में न आने के लिए कहा था। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि जसवंत सिंह की प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी गई है। अब जसवंत सिंह पार्टी के किसी भी पद पर नहीं हैं। राजनाथ ने बताया कि यह फैसला पार्टी के संसदीय बोर्ड ने मिलकर लिया। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की जवाबदेही तय करने की मांग करनेवाले नेताओं अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा को भी इस चिंतन बैठक से दूर रखा गया है। गौरतलब है कि बीजेपी के सीनियर लीडर लाल कृष्ण आडवाणी जब पाकिस्तान में जिन्ना की मजार पर गए, तब उन्होंने जिन्ना की काफी तारीफ की थी। इसके बाद भी पार्टी में खूब बवाल मचा था और आडवाणी को पार्टी अध्यक्ष का पद गंवाना पड़ा था। अपडेट@ 11:30 AM अपनी किताब में मोहम्मद अली जिन्ना को सेक्युलर बताने के कारण विवाद में आए जसवंत सिंह इस चिंतन बैठक से दूरी बनाए हुए हैं। जसवंत ने अपने लिए शिमला में अलग होटल बुक कराया है और वह मंगलवार को आडवाणी द्वारा दिए गए रात्रिभोज में भी शामिल नहीं हुए। खबर है कि जसवंत सिंह अब तक अपने होटल से बाहर नहीं निकले हैं। गौरतलब है कि जसवंत ने अपनी किताब में देश के विभाजन के लिए जिन्ना को नहीं बल्कि नेहरू और कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार बताया है। बीजेपी के सीनियर नेता शिमला की वादियों में बुधवार से तीन दिन तक आत्मनिरीक्षण करेंगे। वे सोचेंगे कि अपने सहयोगी दलों के साथ पार्टी पिछले लोकसभा चुनावों में इतनी सीटें क्यों नहीं ला सकी कि लालकृष्ण आडवाणी देश के प्रधानमंत्री बन सके। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों के बागी तेवरों और बीजेपी के सीनियर नेता जसवंत सिंह की पुस्तक में मुहम्मद अली जिन्ना और सरदार वल्लभ भाई पटेल पर की गई टिप्पणियों से उठ रहे बवंडर के माहौल में यह बैठक होगी।
पार्टी आलाकमान ने वसुंधरा राजे से इस्तीफा मांगे जाने और जसवंत सिंह की जिन्ना और पटेल पर की गई टिप्पणियों से बन रहे माहौल को संभालने की पूरी कोशिश की है। वसुंधरा के मामले में आलाकमान ने कह दिया कि त्यागपत्र के मामले में कोई समयसीमा नहीं बांधी गई है और जसवंत सिंह की किताब में जिन्ना और पटेल की टिप्पणियों पर चिंतन बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी ने खुद को अलग कर लिया। हालांकि पार्टी की हार के बाद सवाल खड़े करने वाले सीनियर नेताओं में से यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी को चिंतन बैठक से दूर रखने में आलाकमान सफल रहे हैं लेकिन जसवंत सिंह उन 25 नेताओं में शामिल हैं जो इस बैठक में भाग ले रहे हैं। जसवंत सिंह ने पार्टी के मुख्य चुनाव प्रबंधक अरुण जेटली को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर अप्रसन्नता प्रकट करते हुए चुनावों में बीजेपी की हार के बाद प्रदर्शन और पुरस्कार में संबंध बैठाने का सवाल खड़ा किया था। हालांकि संकेत इस प्रकार के मिल रहे हैं कि पार्टी आलाकमान चिंतन बैठक के दौरान 'बीती ताहे बिसार के, आगे की सुध ले' की तर्ज पर आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की चुनावी रणनीति को चर्चा का केंद्र बनाने की कोशिश करे। लेकिन जसवंत सिंह के रुख से लगता है कि वह पार्टी नेताओं के लिए कुछ असहज सवाल फिर से खड़े करने की कोशिश करें। बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, संसद के दोनों सदनों के प्रतिपक्ष के नेता-सुषमा स्वराज और अरुण शौरी, चुनावों में खराब प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने की जिम्मेदारी वहन करने वाले बाल आप्टे आदि शामिल हैं। दिल्ली से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विजय गोयल को ही बैठक में शामिल किया गया है। चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने के लिए बाल आप्टे समिति का गठन किया गया था जिसने विभिन्न राज्यों की पार्टी की इकाइयों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। उस रिपोर्ट पर विचार किया जा सकता है। हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनावों को ध्यान में रख कर भी आगे की रणनीति तैयार की जा सकती है। नई दिल्ली में सत्ता में आने के लिए पार्टी की चिंता देश के दक्षिणी राज्यों में मतदाता का समर्थन प्राप्त करना है। आडवाणी भी दक्षिण भारत में अपना आधार मजबूत करने पर जोर दे चुके हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि देश के दक्षिणी हिस्सों की 145 लोकसभा सीटों पर प्रतिनिधित्व के मामले में बीजेपी फिलहाल शून्य है। वैसे पार्टी के नेता चिंतन बैठक के शुरू होने से पहले ही शंका प्रकट कर रहे हैं कि इस बैठक से कुछ खास हासिल होने वाला नहीं है। 2004 के चुनावों की हार के बाद भी पार्टी सबक नहीं सीख सकी तो तीन दिन की बैठक में क्या हो सकता है। आम चुनावों में अभी पांच साल का समय शेष है और विधानसभा चुनावों में हार जीत के कारण राज्यवार ही हो सकते हैं। इसलिए भिन्न राज्यों में एक रणनीति काम करने वाली नहीं है।
Tuesday, August 18, 2009
भारत में रह रहे मुसलमानों की आंखों में देखिए।
कवि की चुटकीः
देश विभाजन के लिए नेहरू जिम्मेदार भारतीय मुसलमानों का जिक्र करते हुए जसवंत ने कहा कि यहां के मुस्लिमों ने विभाजन की कीमत चुकाई है। उन्होंने बेबाकी से कहा , ' भारत मुसलमानों के साथ ' दूसरे ग्रह के प्राणी ' की तरह बर्ताव करता है।
भारत में रह रहे मुसलमानों की आंखों में देखिए।
आपको उनमें वतन की पहचान की अनिश्चितता का दर्द नजर आएगा। भारत में मुसलमान ज्यादा मजबूत हो सकते थे। मैं जो कुछ कह रहा हूं , वह बेशक पाकिस्तान और बांग्लादेश को अच्छा नहीं लगेगा। ' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जिन्ना को एक महान व्यक्ति मानते हैं तो जसवंत ने कहा , ' हां बिल्कुल मानता हूं क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं में से एक चीज बनाई थी और वह खुद को नापसंद करने वाली कांग्रेस पार्टी व अंग्रेजी शासन के खिलाफ अपने दम पर खड़े हुए। गांधी जी ने खुद भी जिन्ना को महान भारतीय कहा था , तो हम उन्हें यह दर्जा क्यों नहीं देते ? हम यह क्यों नहीं समझते कि महात्मा गांधी ने ऐसा क्यों कहा था। ' पूर्व विदेश मंत्री सिंह ने कहा , ' मैं जिन्ना की प्रचलित छवि को सही नहीं मानता। भारत ने जिन्ना को गलत समझा और उन्हें एक हिंदू विरोधी व्यक्ति माना। प्रचलित धारणा के उलट जसवंत का मानना है कि जिन्ना नहीं बल्कि नेहरू की केंद्रीयकृत राजनीति की वजह से ही देश का बंटवारा हुआ था। ' सिंह के मुताबिक , ' क्या होता अगर अलग होने के इस रास्ते और निरंतर विवाद के बजाय हमने 1947 के विभाजन के बाद मिलकर काम करने का रास्ता चुना होता। ' इंटरव्यू में जब जसवंत सिंह के किताब में छपे अंश का उदाहरण देते हुए पूछा गया कि क्या भारत को फिर विभाजन के दौर से गुजरना पड़ सकता है ? इस पर जसवंत ने कहा , ' रिजर्वेशन की समस्या 1906 में शुरू हुई थी। अब देखिए सच्चर कमिटी क्या कहती है ? मुसलमानों के लिए रिजर्वेशन की व्यवस्था करो। अब हम क्या कर रहे हैं ? फिर वही रिजर्वेशन। मेरा मानना है कि मुसलमानों के लिए रिजर्वेशन एक त्रासदी भरा कदम होगा। मुझे निजी तौर पर लगता है कि इससे हमें तीसरे विभाजन के दौर से गुजरना पड़ेगा। '
Monday, August 17, 2009
एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवासियों को एससी, एसटी का लाभ नहीं मिल सकता
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि एक राज्य से पलायन करके दूसरे राज्य में बसने वाले एससी, एसटी और ओबीसी के लोग आरक्षण का लाभ नहीं मांग सकते। जिस राज्य में वे बस गए हैं, वहां अगर उनकी जाति या जनजाति को आरक्षित समुदाय में नहीं रखा गया है तो उन्हें यह सुविधा नहीं मिल सकती है। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोग दूसरे राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत भी आरक्षण का लाभ देने का दावा नहीं कर सकते। कोर्ट के मुताबिक, जाति या कबीले से जुड़े लोग एक राज्य में हानि का सामना कर सकते हैं, लेकिन दूसरे राज्य में हो सकता है कि उसी हानि का सामना नहीं करना पड़े।
Sunday, August 16, 2009
गृह मंत्री श्री चिदम्बरम ने आम आदमी की तरह ही टिकट खरीदकर आतंकवाद से नहीं घबराने की नसीहत दी
यहां वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप देखने के लिए टिकिट खरीद रहे दर्शक अपनी लाइन में गृह मंत्री पी. चिदंबरम को खड़े देखकर चौंक गए। चिदंबरम ने अपने पैसों से काउंटर से टिकिट खरीदा और दर्शक गैलरी में बैठकर मैच का फाइनल देखा। इस तरह उन्होंने यह मेसिज देने की कोशिश की कि चैंपियनशिप को आतंकवादियों से कोई खतरा नहीं है। गौरतलब है कि इंग्लैंड की टीम यहां आतंकवादी खतरे की आशंका को वजह बताकर वापस लौट गई थी। चिदंबरम कमर्शल फ्लाइट से हैदराबाद पहुंचे और अपनी प्राइवट कार में बैठकर गोचिवाउली स्टेडियम आए। उन्होंने एक हजार रुपये का टिकिट खरीदा और आम दर्शकों के बीच बैठकर मैच का लुत्फ लेने लगे। इसी बीच आयोजकों की नजर उन पर पड़ी। आयोजकों ने उनसे आग्रह किया कि वह मैन्स चैंपियन चीन के लिन दैन को पुरस्कार दें। बाद में, उन्होंने वीआईपी गैलरी में बैठकर मिक्स्ड डबल्स और विमिंस डबल्स मैच देखे। चिदंबरम ने कहा कि मेरे द्वारा बयान जारी किए जाने के बावजूद इंग्लैंड की टीम द्वारा लश्कर के हमले का खतरा बताकर लौट जाने के बाद से ही मैं अंदर ही अंदर जल रहा था। इसीलिए मैं यहां आया।
Friday, August 14, 2009
इनकम टैक्स स्लैब में भारी बदलाव
इनकम टैक्स स्लैब में भारी बदलाव
फिलहाल 1.60 लाख से 3 लाख रुपये की इनकम पर 10 पर्सेंट , 3 से 5 लाख रुपये पर 20 पर्सेंट और 5 लाख से ज्यादा पर 30 पर्सेंट का इनकम टैक्स देना पड़ता है। नए कोड में 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 पर्सेंट , 10 लाख से 25 लाख रुपये पर 20 पर्सेंट और 25 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 पर्सेंट टैक्स लगाने का प्रस्ताव है।
3 लाख रुपये तक सेविंग छूट
आम आयकर दाता को फिलहाल 80 सी के तहत एक लाख रुपये तक की सेविंग या इन्वेस्टमेंट में टैक्स छूट हासिल है। नए कोड में इसे बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया है।
ब्याज पर टैक्स नहीं कटेगा
बैंक से मिलने वाले ब्याज या किसी स्कीम पर मिलने वाले बोनस और ब्याज पर कोई कटौती नहीं की जाएगी। पूरी राशि मिलेगी। टैक्स पेयर को उसे अपनी आय में जोड़कर दिखाना होगा।
लॉन्ग टर्म स्कीम को ईईटी के दायरे में
सभी लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम को ईईटी के दायरे में लाया जाएगा। यानी टैक्स कटौती सिर्फ विड्रॉअल के समय ही होगी। पीएफ और पेंशन फंड में छूट होगी , लेकिन 31 मार्च 2011 तक जमा राशि पर ही।
कॉरपोरेट को राहत
कॉरपोरेट टैक्स को 30 पर्सेंट से घटाकर 25 पर्सेंट करने का प्रस्ताव है। कंपनियां काफी लंबे समय से कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की मांग कर रही हैं।
50 करोड़ पर वेल्थ टैक्स
अगर कुल संपदा 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है , तो वेल्थ टैक्स देना होगा। इसकी दर 0.25 फीसदी होगी। घाटे की भरपाई का भरपूर समय अगर किसी कंपनी को एक साल घाटा हुआ और अगले साल फायदा , तो फायदे में से घाटे की भरपाई के बाद ही उसे इनकम टैक्स देना पड़ता है। यह छूट कंपनी को आठ साल तक के लिए मिली हुई है। इसमें अब समय सीमा खत्म की जा सकती है।
एसटीटी खत्म
शेयरों की खरीद - फरोख्त पर लगने वाले सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स ( एसटीटी ) को खत्म करने की सिफारिश नए कोड में की गई है। फिलहाल शेयरों की खरीद - फरोख्त करने कारोबारियों को हर सौदे पर 0.125 पर्सेंट का एसटीटी देना पड़ता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा
फिलहाल शेयरों को खरीदकर एक साल बाद बेचने पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। है। मगर सरकार की मंशा अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाने की है। शेयर खरीदने के बाद बेशक कोई उसे दो या पांच साल बाद बेचे , उसे कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ेगा। कैपिटल गेन आय का हिस्सा माना जाएगा। लॉन्ग और शॉर्ट टर्म गेन का फर्क खत्म होगा।
अपनी लाइफ के सच का सामना नहीं कर सका और सदमे में फांसी लगाकर जान दे दी।
Wednesday, August 12, 2009
जब मंत्री के दोनो पुत्र इससे संक्रमित है तो आम भारतीय आदमी की क्या दशा होगी यह भी सोचना होगा
दिल्ली सरकार के मंत्री हारून यूसुफ के दोनों बेटों को स्वाइन फ्लू हो गया है। टेस्ट में दोनों बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं। हारून के दोनों बेटे संस्कृति स्कूल में पढ़ते हैं। हारून यूसुफ दिल्ली सरकार में फूड ऐंड सप्लाई मिनिस्टर हैं। हालांकि संस्कृति स्कूल पहले ही एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है। हारून यूसूफ ने मीडिया से भी बात की और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी नहीं है कि लोग बेवजह परेशान हो जाएं लेकिन अपनीतरफ से सतर्कता बरतें और बच्चों की खास तौर पर देखभाल करें। इससे पहले स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप के चलते महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के सभी स्कूलों को अगले 20 अगस्त तक बंद करने का ऐलान किया है। सरकार ने शहर के सभी थिएटर, मल्टीप्लेक्सों और मॉल्स को अगले 3 दिन तक बंद रखने का फैसला भी किया है। महाराष्ट्र में बुधवार को स्वाइन फ्लू से एक महिला सहित 4 और लोगों की मौत हो जाने के साथ ही देश में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई। पुणे में अब तक 8 लोग इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं। महाराष्ट्र में अब तक स्वाइन फ्लू से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य स्वाइन फ्लू नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे के निकट पिंपरी के रहने वाले संजय मिस्त्री (35) को गत रविवार गंभीर हालत में पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। मिस्त्री के निधन के कुछ घंटे बाद ही इसी बीमारी से 29 वर्षीया श्रावणी देशपांडे की मौत हो गई। उन्हें 3 दिन पहले निमोनिया से पीड़ित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उनके भी स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने का पता चला। उसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। उधर, नासिक सिविल अस्पताल में स्वाइन फ्लू से राकेश गरगुंडे नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई। अस्पताल के सर्जन ए. डी. भाल सिंह ने बताया कि बुधवार तड़के तीन बजे के आसपास गरगुंडे की मौत हुई। उन्हें दो दिन पहले बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें भी जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। उनके स्वाइन फ्लू से पीडि़त होने की जानकारी अस्पताल को मंगलवार देर रात को मिली थी। स्वाइन फ्लू के दो और संदिग्ध रोगियों विनोद बोरकुल (21)और कुलकर्णी (26)को भी नासिक सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बोरकुल में तो स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन कुलकर्णी की रिपोर्ट का अभी इंतजार है। अब तक पुणे में 7, मुंबई में 2, गुजरात में 2 और तलिनाडु, केरल व नासिक में एक-एक व्यक्ति की मौत स्वाइन फ्लू से हो चुकी है। इसके साथ ही इस फ्लू का वायरस अब जम्मू-कश्मीर और मेघालय जैसे नए इलाकों तक जा पहुंचा है। उधर, वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप पर भी इसकी छाया दिखी। हैदराबाद में चल रही वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के दौरान मलयेशियाई कोच को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसमें रोग के लक्षण देखे गए हैं। पुणे में एमबीए की पढ़ाई कर रही एक लड़की जम्मू में टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई है। यूके से लौटा 17 साल का एक लड़का शिलॉन्ग में पॉजिटिव पाया गया है।
Saturday, August 8, 2009
फीस बढ़ोतरी पर सरकार ही कानून बना सकती है
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इन स्कूलों को इस मुद्दे पर भी फटकार लगाई है कि उन्होंने शिक्षा को मात्र व्यापार के नजरिए से देखा है और अभिभावकों से अनाप-शनाप मदों में बेतहाशा धनराशि वसूली है। अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल 2004 के अपने उस फैसले को बरकरार रखा है जिसमें फीस बढ़ोतरी के मामले में शिक्षा निदेशक को अपनी शक्तियों के इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी और उन्हें ही अंतिम माना गया था। इसके अलावा फीस ढांचे पर रोक लगाने के शिक्षा निदेशक के फैसले को भी उचित ठहराया गया है।