एनडीए सरकार के दौर में आपको वह घटना तो याद होगी तो जब तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीज को अमेरिकी एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के नाम पर कपड़े उतारने पड़े थे। लेकिन अब तो हमारे देश के सम्मानित नागरिकों की इज़्ज़त हमारी सरजमीं पर ही उतर रही है। ताजा मामला पूर्व राष्ट्रपति और ' जनता के प्रेज़िडंट ' माने जाने वाले डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ा हुआ है। भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले डॉ . कलाम के साथ दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बदसलूकी की गई। पिछले दिनों अमेरिका की एक एयरलाइन कंपनी के कर्मचारियों ने सुरक्षा जांच के नाम पर डॉ . कलाम की जेब में रखा पर्स , उनका मोबाइल ही नहीं बल्कि जूते तक उतरवा लिए। कलाम के साथ यह घटना उस समय हुई जब वह सरकारी यात्रा पर कॉन्टीनेंटल एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या सीओ -083 से न्यू यॉर्क जा रहे थे।
डॉ. कलाम की बेइज़्ज़ती का जवाब कैसे दिया जाना चाहिए
इस दौरान डॉ . कलाम के साथ भारत सरकार के एक प्रोटोकॉल अधिकारी कस्टम , सीआईएसएफ , इमीग्रेशन और डायल के अफसर एयरोब्रिज के नजदीक पहुंचे। वहां मौजूद कॉन्टीनेंटल एयरलाइंस के अफसरों ने डॉ . कलाम को सुरक्षा जांच के लिए लाइन में लगने को कहा। प्रोटोकॉल अफसरों ने जांच अधिकारियों को डॉ . कलाम के कद और पद के बारे में सूचित भी किया। बावजूद इसके अपने देश की सरजमीं पर ही उन्हें एयरलाइंस के जांच अधिकारियों ने सुरक्षा संबंधी जांच में छूट देने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने न केवल डॉ . कलाम का पर्स , मोबाइल स्कैन किया बल्कि उनके जूते तक उतरवा लिए। डॉ . कलाम ने अपनी सादगी का परिचय देते हुए अफसरों की मांग के मुताबिक न केवल जांच से सहयोग किया बल्कि बिना शिकायत विमान में सवार हो गए।
एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक , कॉन्टीनेंटल एयरलाइंस ने इंडियन एयरलाइंस की सब्सिडरी कंपनी एएसएल को सुरक्षा जांच की जिम्मेदारी सौंपी हुई है। कलाम की जांच करने वाली टीम के सदस्य का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति को देखने के बाद वह असमंजस में पड़ गए लेकिन मौके पर मौजूद एयरलाइंस के विदेशी अधिकारी ने नो वन इज एग्जेम्टेड ( किसी को छूट नहीं ) कहते हुए जांच के आदेश दिए। इसी एयरलाइंस से जुडे़ एक अन्य अधिकारी ने घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा , कई बार इसी कंपनी के कर्मचारी भारत में प्रशिक्षण के लिए आते हैं और कभी सुरक्षा जांच से नहीं गुजरते हैं , लेकिन यह एयरलाइंस अक्सर भारत के प्रतिष्ठित नागरिकों और राजनयिकों की सुरक्षा जांच के नाम पर बेइज्जत करती आई है। जबकि , कानून के मुताबिक राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से छूट मिलती है। लेकिन इस अमेरिकी एयरलाइन कंपनी ने नियमों की धज्जियां उड़ा दीं।
राज्य सभा में गूंजा मामला , सरकार ने दिए जांच के आदेश
इस मामले की गूंज संसद में भी मंगलवार को सुनाई दी। बीजेपी ने राज्यसभा में इस मामले को जोरदार तरीके से उठाते हुए अमेरिकी एयरलाइन की उड़ानों पर रोक लगाने की मांग कर दी। वहीं , समाजवादी पार्टी ( एसपी ) के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि यह मामला महज प्रक्रियागत या खानापूरी नहीं है। बल्कि इसके पीछे काले - गोरे , ऊंचे - नीचे इंसानों की सोच काम कर रही है। उन्होंने गांधी , मंडेला और राम मनोहर लोहिया जैसी हस्तियों का नाम इस सिलसिले में लेते हुए पूरे मामले को एक भारतीय का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर रंगभेद का मामला है। बीजेपी के राज्यसभा नेता अरुण जेटली ने भी कहा कि यह महज जांच का मुद्दा नहीं है बल्कि मामले की गंभीरता कहीं आगे तक है। सदन की भावनाओं को भांपते हुए सरकार की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्री ( सिविल एविएशन मिनिस्टर ) प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मैं सदन की भावनाओं का सम्मान करता हूं और इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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