Saturday, July 18, 2009

टीचरों को भी ऊंची सैलरी दी जानी चाहिए

बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के समर्थकों को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के रूप में बड़ा तरफदार मिल गया है। बकौल हिलेरी, अमेरिका में भी इस मुद्दे पर बहस जारी है। हिलेरी जेवियर कॉलिज के स्टूडेंट्स के साथ खास इंटरएक्टिव सेशन में हिस्सा ले रही थीं। उनके साथ टीच इंडिया कैंपेन के ब्रैंड ऐंबैसडर आमिर खान और सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के अरनब गोस्वामी भी थे। इस मौके पर हिलेरी आमिर की तारीफ करने से भी नहीं चूकीं। उन्होंने कहा, आमिर खान यहां हमारे साथ हैं, यह मेरे लिए खुशी की बात है। वह न केवल बॉलिवुड के आइकन हैं बल्कि शिक्षा के जबर्दस्त समर्थक भी हैं। हिलेरी ने कहा, मैं यहां यह देखने आई हूं कि अमेरिका और भारत किस तरह शिक्षा के साझा मुद्दे पर काम कर सकते हैं। शिक्षा सभी अंतरों को पाटकर नए अवसर मुहैया कराती है। शिक्षा हमेशा से मेरे दिल के बहुत नजदीक रही है। शिक्षा के माध्यम पर हिलेरी का कहना था, न्यू यॉर्क सिटी में प्रमुख स्कूल स्पैनिश, चाइनीज, रशियन भाषा के हैं। समाज का बड़ा हिस्सा कहता है कि बच्चों को उन्हीं की भाषा में पढ़ाया जाए। लेकिन दिक्कत यह है कि न्यू यॉर्क सिटी के स्कूलों में एक से अधिक भाषा जानने वाले टीचर ज्यादा नहीं हैं। आमिर का मानना था कि किसी भी बच्चे को उसी भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए जिसमें वह और उसका परिवार सुकून महसूस कर सके। इससे वह अपनी संस्कृति से जुड़ा रहेगा। अमेरिका में शिक्षा की चुनौतियों पर हिलेरी की कहना था, अमेरिका में शिक्षा पर काफी पैसा खर्च होता है लेकिन हम उन बच्चों के लिए कुछ नहीं करते जो पीछे रह जाते हैं। वहां बहुत ज्यादा असमानता है। भारत में तकनीकी शिक्षा दुनिया में सबसे बेहतरीन है। शिक्षा में अवसर के मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा। तारे जमीन पर में शिक्षा के व्यापक स्वरूप पर जोर देने वाले आमिर का कहना था, शिक्षा को सबसे ज्यादा अहमियत दी जानी चाहिए। टीचरों को भी ऊंची सैलरी दी जानी चाहिए ताकि इस क्षेत्र में प्रतिभावान लोगों को खींचा जा सके। हिलेरी ने टीच इंडिया और टीच फॉर इंडिया अभियान की तारीफ करते हुए कहा, इससे ऐसा आंदोलन शुरू होगा जो भारत में शिक्षा क्षेत्र में मौजूद गैरबराबरी को खत्म करने के लिए एक पुल का काम करेगा।

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