Tuesday, July 21, 2009
बच्चों को क, ख ग, घ वगैरह को पुराने ढर्रे से हटा कर फिल्मी सितारों के नाम के साथ संबोधित करके समझाने की कोशिश
'ए' से आमिर खान, 'बी' से बच्चन, 'सी' से चमेली वगैरह संबोधन से अगर बच्चों को पढ़ाया जाए तो यह किसी फनी मूवी से कम नहीं होगा। कॉमेडी फिल्म बनाने वाले तो इस तरह के मसाले की खोज में रहते ही हैं। दर्शकों को कुछ समय के लिए सिनेमा हॉल में हंसाने के लिए इस तरह का फिल्मी मसाला काफी होता है। लेकिन यहां हम जो बताने जा रहे हैं वह किसी फिल्म की कहानी नहीं है। न ही इस विषय पर कोई फिल्म बनने वाली है। असल में फनी कही जाने वाली यह असलियत उत्तर प्रदेश के कई स्कूलों में अमली जामा पहने है। उत्तर प्रदेश में भी कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली से सटे नोएडा के एक नामी स्कूल की दो टीचरों ने हिंदी की वर्णमाला का ज्ञान कराने वाली बच्चों की एक पुस्तक तैयार की है। एक नामी इंग्लिश मीडियम स्कूल में इस पुस्तक से बच्चों को क, ख ग, घ वगैरह को पुराने ढर्रे से हटा कर फिल्मी सितारों के नाम के साथ संबोधित करके समझाने की कोशिश की गई है। मसलन 'ऋ' से हम बचपन से ही तपस्या करने वाले महानुभाव ऋषि का संबोधन करते आ रहे है। लेकिन इस पुस्तक में 'ऋ' से ऋतिक रोशन बताया गया है। इसी तरह 'ऐ' से बच्चे ऐश्वर्य राय सीख रहे हैं। इन सभी बातों को यूपी के राज्य मंत्री कलराज मिश्र ने कल उठाया। उनका कहना है कि इस तरह से ये कुछ स्कूल बच्चों को सही ज्ञान देने की बजाए फिल्मों की तरफ धकेल रहे हैं। श्री मिश्र के अनुसार हिंदी की वर्णमाला में ही खामियां नहीं हैं। यूपी के कई नामी अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली साइंस और अन्य विषय की पुस्तकों में भी कई खामियां हैं। मसलन एक पुस्तक के 2004-05 के एडिशन में जगदीश चंद बोस का जन्म 30 नवंबर 1858 छपा था। लेकिन इसी पब्लिकेशन्स की 2008-09 के एडिशन में श्री बोस का जन्म 13 नवंबर 1858 छपा है। यह पुस्तक यूपी के कई नामी अंग्रेजी स्कूलों में लगी हुई है।
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