Monday, March 2, 2009

चुनावी जंग का ऐलान, उम्मीदवारी तय करेंगी आलाकमान,

चुनावी जंग का ऐलान, उम्मीदवारी तय करेंगी आलाकमान, इसलिए यह कहना गलत है कि चुनाव में ठीक आदमी चुनकर आएंगे ।

चुनावों की घोषणा होते ही राजधानी में चुनावी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। कांग्रेस चुनाव समिति के अधिकतर सदस्यों ने दिल्ली की सात सीटों पर उम्मीदवारों के चयन का अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ने का सुझाव दिया है। उधर, बीजेपी में भी उम्मीदवारों के नामों पर गंभीर चिंतन शुरू हो गया है। कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सत्यव्रत चतुर्वेदी और डॉ. कुरियन भी मौजूद थे। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, उनके मंत्री डॉ. अशोक वालिया, अरविंदर लवली, हारून यूसुफ, किरण वालिया, दिल्ली के सांसद सज्जन कुमार, अजय माकन, कपिल सिब्बल, जगदीश टाइटलर, कृष्णा तीरथ, संदीप दीक्षित और सचिव व विधायक जयकिशन ने भी शिरकत की। बैठक में किसी उम्मीदवार के नाम पर तो चर्चा नहीं की गई, लेकिन यह साफ तौर पर कहा गया कि जो भी उम्मीदवार बनाया जाए, उसकी जीत का आधार अवश्य ही देखा जाना चाहिए। वह वर्करों में लोकप्रिय हो और उसकी छवि साफ होनी चाहिए। यह भी माना गया कि परिसीमन के बाद दिल्ली की सातों सीटों का स्वरूप बदल गया है, इसलिए अब किसी भी नाम पर फैसला करने से पहले यह अवश्य देखा जाना चाहिए कि वह जीत सकता है या नहीं। पार्टी के नेताओं ने वर्करों को यह संदेश देने पर भी जोर दिया कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेसी नेता हवा में न रहें और यह न समझें कि लोकसभा चुनाव आसानी से जीता जा सकता है, इसके लिए विरोधियों को कमजोर समझना भारी भूल होगी। विशेषकर उत्तर-पश्चिम दिल्ली की सुरक्षित सीट पर किसी बाहरी उम्मीदवार को लाने का विरोध किया गया। दूसरी तरफ बीजेपी ने दिल्ली स्तर पर उम्मीदवारों के नामों पर विचार तेज कर दिया है। हालांकि प्रदेश स्तर से 26 जनवरी को ही उम्मीदवारों के नामों के पैनल भेजे जा चुके हैं लेकिन उसके बाद से स्थितियां काफी बदल गई हैं। विजय गोयल अब चांदनी चौक की बजाय नई दिल्ली से लड़ना चाहते हैं। सुषमा स्वराज का नाम पश्चिमी दिल्ली से सामने आया है। चांदनी चौक से विजेंद्र गुप्ता और दक्षिण दिल्ली से प्रवेश वर्मा या रमेश बिधूड़ी के नामों पर चर्चा चल रही है। अभी पार्टी को हाईकमान के इशारे का इंतजार है और माना जा रहा है कि इसी सप्ताह कोई ठोस फैसला हो सकता है।

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