Tuesday, March 10, 2009

रैगिंग एक दुराचार है इसपर पूर्ण रोक होनी चाहिये

हिमाचल प्रदेश में मेडिकल कॉलिज में रैगिंग के दौरान मारे गए स्टूडंट के परिवार ने मेडिकल कॉलिज के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि छात्र को भारी हिंसा का शिकार होना पड़ा। अमन सत्य काचरू (19)कांगड़ा के डॉ. राजेन्द प्रसाद मेडिकल कॉलिज में फर्स्ट यिअर का स्टूडंट था। पिछले रविवार को एक हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गई। ऐसा आरोप है कि कॉलिज के 4 सीनियर स्टूडंट्स ने रैगिंग के नाम पर उसके साथ मारपीट की जिसके कारण उसकी मौत हुई।
अमन की आंटी इंदिरा का कहना है कि उसे कई तमाचे मारे गए। उसे गंजा कर दिया गया। उसे घूंसे और लातों से पीटा गया। उसके सिर और सीने पर मारा गया और रात भर प्रोजेक्ट के काम में लगाया गया। अमन के अंकल रोहित काचरू का कहना है कि अमन ने अपने माता पिता को इंस्टीट्यूट में होने वाली रैगिंग के बारे में बताया था। उन्होंने कहा- इस घटना के लिए हमें खुद को ही दोष देना चाहिए। उसने तो रैगिंग के बारे में अपने माता-पिता को बताया था। हमने ऐसा नहीं सोचा कि मामला हिंसक हो जाएगा। अमन के एक अन्य रिश्तेदार ने उसे अच्छा लड़का बताते हुए कहा कि वह किसी से नहीं करता था। यह उसके स्वभाव में ही नहीं था। उन्होंने मेडिकल कॉलिज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। 4 आरोपियों में से 2 अजय वर्मा और नवीन वर्मा को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि दो अन्य आरोपी मुकुल शर्मा और अभिनव वर्मा फरार हैं।

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