Monday, March 23, 2009

यह तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं है कि किसे चुनाव लड़ना चाहिए

शुरुआती ऊहापोह के बाद अब बीजेपी ने खम ठोककर वरुण गांधी के साथ खड़ा होने का फैसला कर लिया है। बीजेपी ने चुनाव आयोग की सलाह को दरकिनार करते हुए पीलीभीत से वरुण गांधी को ही अपना उम्मीदवार बनाए रखने का फैसला किया है। बीजेपी के प्रवक्ता ने बलबीर पुंज ने वरुण गांधी को अब भी पार्टी का उम्मीदवार बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग का फैसला पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा,' अन्य पार्टियों के कई उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। समाजवादी पार्टी के संजय दत्त को टाडा अदालत ने दोषी ठहराया है, कांग्रेस के जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार सिख विरोधी दंगों के संबंध में आरोपों का सामना कर रहे हैं, शिबू सोरेन हत्या के आरोपी हैं, फिर सिर्फ वरुण गांधी के खिलाफ ही ऐसा क्यों ?'
इसके साथ ही पार्टी ने आशंका जाहिर की कि सोनिया गांधी और मेनका गांधी के तनावपूर्ण संबंध भी चुनाव आयोग के फैसले की वजह हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम अगले मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच की निकटता के बारे में भी जानते हैं। मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। इससे पहले बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं है कि किसे चुनाव लड़ना चाहिए और किसी की उम्मीदवारी के बारे में किसी कार्रवाई का निर्णय सिर्फ अदालतें ले सकती हैं।

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