राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक के. सी. सुदर्शन का मानना है कि भारत भले ही 1947 में आजाद हो गया हो मगर वह अब भी अंग्रेजियत का गुलाम है। हम अपनी भाषा तक को आत्मसात नहीं कर पाए है और अंग्रेजी हम पर हावी बनी हुई है। सुदर्शन ने अपनी यह राय शनिवार को संघ के मध्य क्षेत्र कार्यालय समिधा के नवनिर्मित भवन के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर जाहिर की। सुदर्शन ने कहा कि भाषा सिर्फ विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम नहीं है बल्कि इसके जरिए भावों को व्यक्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि अंगेजी सीखना बुरा नहीं है मगर उसके रंग में रंग जाना और हिन्दी व संस्कृत को त्यागना बुरा है, क्योंकि ऐसा होने पर अपनापन खो जाता है। वास्तव में भाषा प्रगति का माध्यम है। चीन और जापान इस बात के उदाहरण है कि उन्होंने अपनी भाषा से अपनापन पैदा किया और प्रगति के रास्ते पर चलते रहे। संघ प्रमुख ने भारत की शिक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, सरकारों से मदद लेकर समाज सेवा करने वालों और संविधान तक पर जमकर हमले बोले। उन्होंने एनसीईआरटी की सातवीं क्लास की इतिहास की पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि इसमें मुगलों के इतिहास को तो 80 पन्नों में बताया गया है मगर शिवाजी को चंद लाइनों में ही समेट दिया गया है। उन्होंने कहा कि भूतकाल का गौरव, वर्तमान की पीड़ा और भविष्य के सपने देश की धरोहर होते हैं मगर वर्तमान में बच्चों को मुगलों और अंग्रेजों का इतिहास पढ़ाया जा रहा है और यह सब हो रहा है केन्दीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह के नेतृत्व में। उन्होंने कहा कि अगर सरस्वती शिशु मंदिर भारतीय संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को पढ़ाते हैं तो उन पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लग जाता है। इस मौके पर समाजसेवियों का सम्मान भी किया गया। इस कार्यक्रम में संघ के सह सरकार्यवाहक सुरेश सोनी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित बड़ी तादाद में बीजेपी नेता व संघ कार्यकर्ता मौजूद थे।
Sunday, March 15, 2009
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