Wednesday, March 25, 2009

शैक्षणिक व परीक्षा सुधारों पर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) चाहता है कि देश भर की यूनिवर्सिटीज़ में विदेशी कॉलिजों की तरह ग्रेडिंग और सेमेस्टर सिस्टम लागू हो। यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज़ के वाइस चांसलर को पत्र लिखकर इसे लागू करने को कहा है। यूनिवर्सिटीज को दोनों सिस्टम पूरी तरह से लागू करने के लिए दो साल तक का समय दिया गया है, क्योंकि इसके लिए पूरे सिलेबस को रिवाइज करना पड़ता है और उसी हिसाब से तैयारी करनी पड़ती है। यूजीसी चेअरमन प्रफेसर सुखदेव थोराट ने बताया कि शैक्षणिक व परीक्षा सुधारों पर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है और हायर एजुकेशन को ज्यादा असरदार बनाने के लिए इस तरह के सुधार जरूरी हैं। थोराट के मुताबिक मार्क्स और डिविजन से कहीं बेहतर है ग्रेडिंग सिस्टम। खास बात यह है कि जो यूनिवर्सिटीज यूजीसी के इन शैक्षणिक सुधारों को लागू नहीं करेंगी, उनको काफी घाटा उठाना पड़ सकता है। हालांकि प्रो. थोराट ने साफ तौर पर तो नहीं कहा, लेकिन यह संकेत जरूर दिए कि ऐसी यूनिवर्सिटीज को दिए जाने वाले ग्रांट में कमी का फैसला भी लिया जा सकता है। यूजीसी चेअरमन ने सभी यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर को लिखे पत्र में कहा है कि यूनिवर्सिटीज को यूनिफॉर्म ऐकडेमिक कैलिंडर का पालन करना चाहिए और ग्रेड पॉइंट स्कोर सिस्टम लागू करना मार्क्स और डिविजन देने से बेहतर है। लेकिन पत्र में एक और महत्वपूर्ण बात इंटरनल इवैल्युएशन को लेकर है। यूजीसी चाहती है कि इंटरनल इवैल्युएशन की वैल्यू 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 तक कर दिया जाए। यूजीसी के अनुसार क्लासरूम टीचिंग को अधिक महत्व मिलना चाहिए और इंटरनल असेसमंट को बढ़ावा इसी दिशा में उठाया गया कदम है। हालांकि डीयू में सेमेस्टर सिस्टम को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है लेकिन वाइस चांसलर इसे हर हाल में लागू करना चाहते हैं। यूजीसी और यूनिवर्सिटीज के अधिकारियों का मानना है कि सेमेस्टर से छात्रों पर परीक्षा का तनाव कम होगा, क्योंकि उन्हें एकसाथ पूरे कोर्स की तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही टीचर्स को भी सेमेस्टर के हिसाब से कोर्स पूरा करवाना होगा, क्लासेज पूरी व्यवस्था के अनुसार ही होंगी। पीजी लेवल पर तो इस सेशन में सेमेस्टर लागू हो जाएगा लेकिन अंडर ग्रैजुएशन लेवल पर इसे लागू करना डीयू के लिए बड़ी चुनौती है। डीयू के डीन ऑफ एग्जामिनेशन प्रफसर एम. एल. सिंघला ने बताया कि पीजी लेवल पर कोर्सेज को नया रूप दिया जा रहा है और इन कोर्सेज में सेमेस्टर और ग्रेडिंग पहले लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि डीयू ने पीजी लेवल पर इंटरनल असेसमंट के लिए दो पॉइंट तय कर दिए हैं। या तो फैकल्टी 70-30 का रेश्यो अपनाए या फिर 50-50 का यानी 70 की लिखित परीक्षा और 30 का इंटरनल असेसमंट।

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