सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग की ताजा घटनाओं को देखते हुए अपने रुख को और सख्त कर दिया है। कोर्ट ने संबंधित शिक्षण संस्थानों और राज्य सरकारों के अधिकारियों को नोटिस भेजे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि वह रैगिंग की वजह से जान गंवाने वाले छात्र अमन काचरू के इलाज में बरती गई लापरवाही की जांच करे। अमन कांगड़ा के राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलिज का छात्र था। उसकी 8 मार्च को सीनियर स्टूडंट्स के हाथों हुई पिटाई में मौत हो गई थी। इसके बाद एक दूसरे मामले में आंध्र प्रदेश के एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग कॉलिज की एक छात्रा ने भी रैगिंग की वजह से जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। इन मामलों के मद्देनजर जस्टिस अरिजित पसायत और अशोक कुमार गांगुली की बेंच ने हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल से कहा है कि वे हलफनामा दाखिल करके बताएं कि रैगिंग के मामले में कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट इससे पहले आर. के. राघवन कमिटी की सिफारिशों के आधार पर रैंगिग रोकने के निर्देश जारी कर चुकी है। कोर्ट ने राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलिज के रजिस्ट्रार से पूछा है कि हलफनामा पेश कर बताएं कि रैगिंग का वाकया सामने आने के बाद उन्होंने क्या किया। बेंच ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से उन आरोपों की जांच करने के लिए कहा है जिनके मुताबिक, डॉक्टर ने अमन की चोटों की पूरी तरह मेडिकल जांच नहीं की, जिनके चलते उसकी 8 मार्च को मौत हो गई। कोर्ट ने कहा है कि अगर डॉक्टर दोषी है तो बताया जाए कि उसके खिलाफ किस तरह का एक्शन लिया जाएगा। यूजीसी बनाएगी कडे़ कानून : अमन काचरू की मौत के बाद यूजीसी ने भविष्य में ऐसे मामले रोकने के लिए कडे़ कानून बनाने का फैसला किया है। इन्हें अप्रैल के पहले सप्ताह तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके लिए यूजीसी ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से भी सलाह मशवरा करेगी। आरोपियों की कस्टडी बढ़ी : धर्मशाला की स्थानीय अदालत ने अमन काचरू की हत्या में आरोपी दो मेडिकल स्टूडंट्स अभिनव वर्मा और मुकुल शर्मा की पुलिस कस्टडी 19 मार्च तक के लिए बढ़ा दी है।
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