Friday, March 6, 2009
महात्मा गांधी की धरोहरों को प्रसिद्ध बिजनसमन विजय माल्या द्वारा खरीद लेने को बापू के प्रपौत्र तुषार गांधी ने चमत्कार करार दिया।
अमेरिका में हुई नीलामी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की धरोहरों को प्रसिद्ध बिजनसमन विजय माल्या द्वारा खरीद लेने को बापू के प्रपौत्र तुषार गांधी ने चमत्कार करार दिया। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि ये स्मृति चिहन अब भारत आ सकेंगे। उन्होंने कहा- मैं काफी खुश हूं कि विजय माल्या ने ये वस्तुएं खरीदीं और अब वह भारत आ सकेंगी। तुषार ने कहा कि वह इस बात को लेकर काफी आशंकित थे कि नीलामी में कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अपने मित्र और पूर्व क्रिकेटर दिलीप दोषी की मदद से इन धरोहरों को हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने एनडीटीवी से कहा- हमने कुछ सुरक्षा उपाय कर रखे थे और दोषी भी इन वस्तुओं के लिए बोली लगा रहे थे। लेकिन हमने महसूस किया कि ऐसा हो सकता है कि कोई भारतीय उनके खिलाफ बोली लगा रहा हो तो उन्होंने 17 लाख डॉलर पर बोली लगानी बंद कर दी। यह पूछे जाने पर कि क्या बिजनसमन माल्या के बोली लगाने से वह आश्चर्यचकित थे तो तुषार ने कहा- यह नहीं कह सकता कि मैं आश्चर्यचकित था। मैं उम्मीद कर रहा था कि इस तरह का कुछ होगा क्योंकि मुझे हमेशा विश्वास रहा कि चमत्कार होते हैं और जो हुआ उसके बारे में मेरा मानना है कि यह चमत्कार है। तुषार ने कहा कि माल्या सबसे आगे बढ़कर बोली लगाने और बापू की धरोहरों को खरीदने में सक्षम थे। यह पूछे जाने पर कि क्या राष्ट्रपिता की विरासत खो गई हैं तो उन्होंने कहा कि बापू की विरासत को मुझे और लोगों से दूर होने की अनुमति दी गई।
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