अब पछताए क्या होत है जब चिडिया चुग गई खेत,
बीजेपी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से शनिवार को यूपीए पर चौतरफा हमला बोला। देश की सुरक्षा
और अर्थव्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान लगाने के लिए पार्टी ने कांग्रेस नीत यूपीए सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया है। बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए देश की जनता के समक्ष सुशासन, सुरक्षा और विकास के मुद्दों को रखने की कोशिश की। इसी क्रम में पार्टी नेताओं ने किसानों और आम आदमी के हितों में काम करने के वादे किए। एनडीए की ओर से पीएम कैंडिडेट लालकृष्ण आडवाणी पिछले दिनों विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों की राय जानने का प्रयास करते रहे हैं और इस दिशा में बीजेपी का कहना है कि आर्थिक हालात बिगड़े हैं, लेकिन इससे भी बुरे दिन आने वाले हैं। उनका मानना है कि तीन-चार महीनों में डेढ़ करोड़ नौकरियां जाएंगी। वह किसानों की आत्महत्याओं और बढ़ती बेरोजगारी के लिए यूपीए सरकार की नीतियों को दोषी ठहराते रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार की नदी जोड़ो परियोजना और हाइवे से गांवों को जोड़ने वाली संपर्क सड़क योजनाओं को यूपीए सरकार ने रोक दिया। सत्ता में आने पर एनडीए किसानों और आम आदमी के हितों का खास ध्यान रखेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाओं को प्रोत्साहन देगा, जिससे मंदी को दूर किया जा सकेगा। छोटे किसानों के लिए इनकम गारंटी स्कीम और वृद्ध किसानों के लिए पेंशन योजना शुरू की जाएगी। आंध्र प्रदेश में संकल्प रैली में आडवाणी ने कहा कि बीजेपी 'सुशासन, सुरक्षा और सभा क्षेत्रों में विकास' के मुद्दों पर चुनाव में उतरेगी। उन्होंने अमेरिका और इस्त्राइल की तरह आतंकवाद पर शून्य सहनशीलता पर चलने की सरकार से मांग की। उन्होंने कहा कि आम आदमी की सुरक्षा का मुद्दा महंगाई और बेरोजगारी से बड़ा विषय है। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी न दिए जाने का उल्लेख करते हुए आडवाणी ने आरोप लगाया कि यदि अफजल गुरु का नाम कुछ और होता तो फांसी की सजा पूरी कर दी जाती। पार्टी के महासचिव अरुण जेटली ने मुंबई में यूपीए सरकार पर पूरी तरह से विफलता का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस का यह गठबंधन नेतृत्व के अभाव में संकट में है। गांधी परिवार का नाम लिए बिना आडवाणी की नेतृत्व क्षमता से तुलना करते हुए जेटली ने कहा कि अच्छा नेतृत्व सर्वानुमति बनाने की कला है लेकिन यूपीए में असली और नकली नेता का भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री को जब कि कप्तान होना चाहिए लेकिन यूपीए में वह नाइटवॉच मैन की भूमिका निभा रहे हैं। अन्य दलों की ओर भी ध्यान आकर्षित करते हुए जेटली का कहना था कि कुछ अन्य दल भी कांग्रेस मॉडल पर चलने लगे हैं लेकिन इस तरह के बंधक नेतृत्व को क्षमतावान नेतृत्व से बदल डालना चाहिए।
No comments:
Post a Comment