Sunday, March 8, 2009
संजय दत्त के लखनऊ से चुनाव लडने पर मायावती कैंम्प में हडकंप
ऐक्टर संजय दत्त के लखनऊ से चुनाव लड़ने के बारे में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला 30 मार्च को सुना सकता है। इस आदेश से यूपी-बिहार के कई बाहुबली आस लगाए बैठे हैं। बीएसपी छोड़कर एसपी में आए मित्रसेन यादव और डी.पी. यादव जैसे बाहुबलियों को खुद चुनाव लड़ने या परिजनों को लड़वाने का मसला संजय दत्त की याचिका पर फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार के सूरजभान, पप्पू यादव, मोहम्मद शहाबुद्दीन और आनन्द मोहन सिंह जैसे लोग भी इस फैसले के इंतजार में हैं। इनमें से कुछ को एसपी और बीएसपी से टिकट मिलने का आश्वासन मिला है। मगर इन सबके सजायाफ्ता होने के कारण कानूनी अड़चनें आ रही है। जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, जिस व्यक्ति को 2 साल से अधिक सजा हुई हो, वह तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता, जब तक उस पर सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट रोक न लगा दे। गौरतलब है कि बॉलिवुड ऐक्टर संजय दत्त ने पिछले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी कि आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के सिलसिले में दोषी ठहराए जाने का मामला सस्पेंड किया जाए। हाल में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए संजय दत्त को लखनऊ संसदीय सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। उन्हें आर्म्स ऐक्ट के तहत दोषी करार देने के बाद 6 साल की कैद की सजा दी गई है। संजय दत्त को टाडा के तहत गंभीर अपराधों से बरी कर दिया गया था।
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