Thursday, February 5, 2009

खाने केलिए वनस्पति घी के बजाय रिफाइंड वेजिटेल ऑयल सेहत केलिए ठीक

खाने केलिए वनस्पति घी के बजाय रिफाइंड वेजिटेल ऑयल सेहत केलिए ठीक
वनस्पति घी पर मचे कोहराम के बीच अच्छी ख़बर यह है कि ज़्यादातर घरों में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रिफाइंड वेजिटेबल ऑयल सेहत के लिए बिल्कुल दुरुस्त है। दिल्ली के सेंटर फॉर साइंस ऐंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के मुताबिक ज़्यादातर रिफाइंड तेलों में फैटी एसिड्स की मात्रा बेहद कम पाई गई है। सीएसई ने करीब 21 अलग-अलग ब्रैंड के सोयाबीन , सनफ्लावर , मूंगफली , सरसों , नारियल , ऑलिव , तिल और पाम के रिफाइंड तेलों का टेस्ट किया। टेस्ट के नतीजे बताते हैं कि इन सभी में ट्रान्स फैट की मात्रा इंटरनैशनल मानकों के मुताबिक ही है। देश के मशहूर ब्रैंडों के रिफाइंड तेलों की जांच में सिर्फ दो ऐसे ब्रैंड पाए गए जिसमें ट्रान्स फैट की मात्रा इंटरनैशनल लेवल पर तय मानकों के मुताबिक नहीं पाया गया। शालीमार क्लासिक बासमती राइस ब्रैन तेल में ट्रान्स फैट का लेवल 3.3 % पाया गया जबकि सफोला गोल्ड ऑयल में यह 2.4 % रहा । बाकी के मशहूर रिफाइंड ऑयल जैसे सनड्रॉप सनफ्लावर ऑयल में ( 0.3 %), धर्मा रिफाइंड मस्टर्ड ऑयल (0.6 % ) , पैराशूट कोकोनट ऑयल ( 0.3 %), फिगारो ऑलिव ऑयल (0.9 % ) , रुचि गोल्ड पाम ऑयल (1 % ) और फॉर्च्यून सोया ऑयल (1.5 % ) में ट्रान्स फैट का लेवल मानकों के मुताबिक पाया गया । एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट ऐंड रिसर्च सेंटर डॉ. अशोक सेठ ने कहा कि सभी तरह के तेल सेहत के लिए खराब नहीं होते। उन्होंने कहा कि खाने को पचाने में ऑयल की जरूरत होती है। सेठ ने यह भी कहा कि वनस्पति घी सेहत के लिए सही नहीं है , लेकिन रिफाइंड ऑयल में पका खाना स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर हैं। ट्रान्स फैट प्रेजर्व्ड फूड जैसे केक वगैरह में खूब पाया जाता है , ऐसे में यह हमारे लिए नुकसानदेह होता है। फोर्टिस अस्पताल के डॉ.अनूप मिश्रा ने बताया कि भारत में बेचे जा रहे कुकिंग ऑयल में रिफाइंड ऑयल , ऑलिव ऑयल , राइस ब्रैन , सोया और कनोला ऑयल सेहत के लिहाज से सही हैं। मिश्रा के मुताबिक एक व्यक्ति को एक दिन में 3-4 चम्मच से ज़्यादा तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे पहले सीएसई द्वारा वनस्पति घी पर की गई स्टडी के नतीजे चौंकाने वाले थे। इनके मुताबिक ज़्यादातर वनस्पति घी के ब्रैंड में ट्रान्स फैट का लेवल इंटरनैशनल मानकों से 5-12 गुना ज़्यादा पाया गया। सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज़ कंट्रोल के डॉक्टर पी. प्रभाकरन के मुताबिक ट्रान्स फैट के ख़तरे वास्तविक हैं। प्रभाकरन के मुताबिक भारत में प्रचलित ज़्यादातर रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए ठीक हैं। लेकिन उन्होंने कुकिंग ऑयल को दोबारा गर्म कर इस्तेमाल करने को बेहद खतरनाक बताया।
रिफाइंड ऑयल ब्रैंड ट्रान्स फैट का लेवल सेहत के लिए
सनड्रॉप सनफ्लावर ऑयल 0।3 % सही
धर्मा रिफाइंड मस्टर्ड ऑयल 0।6 % सही
पैराशूट कोकोनट ऑयल 0।3 % सही
फिगारो ऑलिव ऑयल 0।9 % सही
रुचि गोल्ड पाम ऑयल 1 % सही
फॉर्च्यून सोया ऑयल 1।5 % सही
शालीमार क्लासिक बासमती राइस ब्रैन ऑयल 3।3 % सही नहीं
सफोला गोल्ड ऑयल 2।4 % सही नहीं

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