Saturday, December 20, 2008

लोकसभा चुनाव में वसुंधरा को सबक सिखा दूंगी।

राजस्थान को भी अपनी 'राबड़ी देवी' मिल गई हैं! शुक्रवार को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्
तार करते हुए इसमें 13 मंत्रियों को शामिल किया गया। इनमें 52 साल की गोलमा देवी भी थीं, जो बमुश्किल पढ़-लिख सकती हैं। गोलमा देवी बीजेपी से बगावत कर बाहर आए किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी हैं। परंपरागत ओढ़ना और घाघरा में सजकर आईं गोलमा पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के लिए जरूरी पंक्तियां भी नहीं पढ़ सकीं। निर्दलीय विधायक आर.के. सैनी ने आगे आकर गोलमा को शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने में मदद की। सैनी ने भी राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राजभवन में जैसे ही राज्यपाल एस. के. सिंह ने गोलमा को शपथ दिलानी शुरू की, अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई। राज्यपाल ने जैसे ही कहा, मैं...। गोलमा देवी ने कहा, 'मैं गोलमा देवी बोल रही हूं।' इस पर वहां हंसी के फव्वारे फूट पड़े। राज्यपाल ने फिर उन्हें शपथ दिलाने की कोशिश की, लेकिन गोलमा ने वही शब्द दोहरा दिए। इस पर शपथ को पढ़ा हुआ मान लिया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी अशिक्षित विधायक का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें भी योग्यता साबित करने का मौका मिलना चाहिए। गोलमा अपनी सामान्य बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करेंगी और राज्य की भलाई के लिए काम करेंगी। हमने मेसेज दिया है कि कम शिक्षित लोग भी विधायक बनकर जनता की भलाई के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने लगे हाथ गोलमा देवी की तुलना बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और रेल मंत्री लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी से कर दी। गहलोत ने कहा, 'बिहार की मुख्यमंत्री ऐसे ही लोगों को चुने जाने की मिसाल हैं। वह दो दफा मुख्यमंत्री बनीं। मैं गोलमा देवी को राजस्थान की राबड़ी देवी बनाऊंगा।' करीब 6 महीने पहले गोलमा देवी ने पति के संदेशवाहक का काम करते हुए किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे का पत्र तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सौंपा था। पूर्व मंत्री मीणा ने गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण देने के विरोध में इस्तीफा दिया था। प्रदेश के करौली जिले के तोड़ी-खोड़ा गांव में जन्मीं गोलमा देवी कभी स्कूल नहीं गईं। अपना निर्वाचन पत्र भरने के लिए उन्होंने अंगूठे के निशान का सहारा लिया। दौसा जिले की महुआ सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उन्होंने बीएसपी उम्मीदवार विजय शंकर बोहरा को 25 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। हालांकि पिछले कुछ दिन में गोलमा ने दस्तखत करना सीखा है। गोलमा ने शपथ लेने के बाद पत्रकारों से कहा कि मैं बिजली-पानी के मुद्दों पर ध्यान लगाऊंगी और लोकसभा चुनाव में वसुंधरा को सबक सिखा दूंगी।

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