अब तो साफ हो गया है कि पाकिस्तान ही यह सब कर रहा है ।
पाकिस्तानी अखबार ' द डॉन ' में छपी खबर के मुताबिक मुंबई आतंकी हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसब के पिता ने उसे पहचान लिया है। उनका कहना है कि उनके ' दुश्मनों ' ने अजमल को परिवार से अलग कर दिया। फरीदकोट के ओकारा गांव में रहने वाले अधेड़ उम्र के आमिर कसब ने कहा, ' यह सच है, मैंने उसकी तस्वीर अखबार में देखी है। यह मेरा बेटा अजमल है। ' द डॉन की रिपोर्ट के मुताबित, यह बताते वक्त आमिर कसब रोने लगा। आमिर कसब ने कहा, ' शुरुआत में कुछ दिनों तक तो मैं इस बात को मानने से इनकार करता रहा कि मुंबई में पकड़ा गया शख्स मेरा बेटा है। लेकिन अब मैंने इस बात को स्वीकार कर लिया है। भाग्य ने मुझे और मेरे परिवार के साथ गंदा मजाक किया है। ' हालांकि आमिर कसब ने यह नहीं बताया कि वह किसे ' दुश्मन ' कह रहा है लेकिन जाहिर तौर पर उसका इशारा लश्कर-ए-तैयबा की ओर था जो इस इलाके से बड़ी संख्या में नए लड़कों की भर्ती करता है। सड़क पर पकौड़े बेचने वाले आमिर कसब के तीन बेटे और दो बेटियां हैं। आमिर ने बताया कि अजमल चार साल पहले घर से चला गया था। बकौल आमिर, ' उसने ईद पर नए कपड़ों की मांग की थी लेकिन मैं इसे पूरा नहीं कर पाया। वह नाराज होकर चला गया। ' जब आमिर कसब से पूछा गया कि कि उसने इतने दिनों तक अपने खोए हुए बेटे को खोजने की कोशिश क्यों नहीं की तो अपने ठेले की ओर इशारा करते हुए उसका जवाब था कि , ' इन साधनों में मुझसे जो हो सका, मैंने किया। मैं लाहौर में यही काम करता था और बाद में वापस गांव लौट आया।' आमिर कसब का सबसे बड़ा बेटा अफजल खेतों में मजदूरी करता है। जब आमिर से यह बताया गया कि अजमल को आतंक की दुनिया में ले जाने वालों ने कथित तौर पर उसके परिवार को डेढ़ लाख रुपये देने की बात कही है तो वह भड़क गया और बोला, 'मैं अपने बेटों का सौदा नहीं करता।'
Friday, December 12, 2008
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