मुंबई में पिछले महीने मचे आतंकी तांडव में घायल लोगों के बारे में जहां आए दिन खबरें मिल रही हैं
कि अब वह नहीं रहे, वहीं अलवर के एक पुजारी परिवार को उन्हीं घायलों की तस्वीर देखकर यह पता लगा कि पांच साल पहले घर से गायब हुआ उनका बेटा आज भी जिंदा है और मुंबई में है। अलवर के एक मंदिर में पुजारी भुवनेश्वर शर्मा के मुताबिक उनकी छठी औलाद तरुण पढ़ने में काफी कमजोर था। एसएससी की परीक्षा में फेल भी हो गया था। वह उनका पुश्तैनी पेशा भी नहीं अपनाना चाहता था। वह तो रुपहले पर्दे पर छा जाने के सपने देखता था। संभवत: इन्हीं सपनों को पूरा करने के लिए वह 2003 घर से यकायक गायब हो गया। उसे खोजने के सभी प्रयास किए गए, पर उसका कहीं कोई अता-पता नहीं लगा। उसने भी कभी अपनी कोई खैर-खबर नहीं दी। इधर हाल में मुंबई कांड में घायल लोगों की कुछ तस्वीरें एक स्थानीय अखबार में छपीं। इसमें एक युवक घायलों की मदद करते हुए नजर आ रहा था। उन तस्वीरों को देखने के दौरान भुवनेश्वर को ऐसा लगा जैसे सीएसटी के पास घायल की मदद कर रहे जिस युवक की तस्वीर छपी है वह उनका अपना बेटा तरुण ही है। परिवार के अन्य लोगों को भी यही लगा। उम्मीद की डोर से बंधे पिता मुंबई पहुंचे। फोटोग्राफर की मदद से सीएसटी, फोर्ट और चर्चगेट इलाकों की खाक छानी। हाथ में अखबार की प्रति लिए हर किसी को वह तस्वीर दिखाकर यह पूछते रहे कि उन्होंने इस लड़के को कहीं देखा है? बेटे के बिछोह और उसके लिए फिक्रमंद पिता की उम्मीदें अब इकलौती उस सूचना पर टिकी हैं जो उन्हें जेजे अस्पताल पहुंचने पर किसी ने दी थी। किसी ने बताया कि तस्वीर में जो एक और घायल दिखाई दे रहा है वह भायंदर का संजय यादव है जो सीएसटी में हुई फायरिंग में घायल हुआ था। हो सकता है तरुण उसी के साथ रहता हो और संजय यादव उसके बारे में कुछ बता सके।
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