Friday, December 5, 2014

रामविलास पासवान ने भी इसे दलित मुद्दे से जोड़ दिया।

केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दोनों सदनों में बयान देने के बावजूद मामला शांत न होता देख सरकार ने अब दलित कार्ड खेल दिया है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और रामविलास पासवान ने आरोप लगाया है कि विपक्ष इस मुद्दे को जबरन इसलिए उछाल रहा है क्योंकि साध्वी दलित हैं। इस बीच लोकसभा में पीएम के बयान के बाद विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के चलते स्थगित कर दी गई। ऊपरी सदस्य नहीं चलने देने के विरोध में बीजेपी के सदस्य संसद भवन में गांधी की मूर्ति के पास धरने पर बैठ गए।
शुक्रवार सुबह कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़के और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी पार्टी सांसद मुंह पर काली पट्टी लगाए संसद भवन परिसर में नजर आए। इसके बाद जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तब भी राहुल मुंह पर काली पट्टी लगाए सदन में बैठे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्री ने अपने शब्दों पर माफी मांग ली है, इसलिए अब इस बात को यहीं छोड़ देना चाहिए। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में ज्योति निरंजन मामले पर संबोधित करते हुए यही अपील की थी।
लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा, 'इस बयान के विषय में मुझे जानकारी मिली, उसी दिन सुबह मेरी पार्टी की बैठक थी। उसमें मैंने बहुत कठोरता से इस प्रकार की भाषा को नामंजूर किया। और मैंने यह भी कहा कि हम सबको इन चीजों से बचना चाहिए।' उन्होंन कहा, 'यह प्रकरण हम सबके लिए सीख भी है कि कोई मर्यादा न तोड़े। मैं सदन से आग्रह करूंगा देशहित में काम को आगे बढ़ाया जाए।' प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस मंत्री ने यह बयान दिया है, वह पहली बार सांसद चुनी गई हैं और गांव से आती हैं।
मोदी ने राज्यसभा में पिछले चार दिनों से कार्यवाही न चलने का जिक्र करते हुए कहा कि वह लोकसभा के सदस्यों के आभारी हैं कि उन्होंने सदन को चलने दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सब इतने वरिष्ठ हैं और जब मंत्री ने माफी मांग ली है, तो देशहित में काम को आगे बढ़ाना चाहिए।
इसके बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे उठे और कहा, 'कौन किस बैकग्राउंड से है, यह मुद्दा नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बात यह है कि वह मंत्री हैं और बावजूद इसके ऐसा गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया।' स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद जब इस मुद्दे पर बयान दे चुके हैं तो अब इस पर और बात करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही आगे बढ़ानी चाहिए लेकिन कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी के सभी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया।
इस बीच साध्वी निरंजन ज्योति की विवादास्पद टिप्पणियों के लिए उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित हो गई। सदन न चलने देने के विरोध में बीजेपी के राज्यसभा के सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
इस मुद्दे को अलग रंग देते हुए अल्पसंख्यक राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और रामविलास पासवान ने आरोप लगाया कि दलित होने की वजह से साध्वी पर निशाना साधा जा रहा है। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब एक दलित महिला आपके सामने खेद प्रकट कर जाती है, तब भी आप लगातार उन्हें निशाना बना रहे हैं। रामविलास पासवान ने भी इसे दलित मुद्दे से जोड़ दिया।

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